आपकी दृष्टि में वेश-भूषा के प्रति लोगों की सोच में आज क्या परिवर्तन आया है? Show आज के समय में लोगों का दृष्टिकोण बहुत बदल गया है। आज की दुनिया दिखावे के प्रति जयादा जागरूक है। यहाँ तक की व्यक्ति का मान-सम्मान और चरित्र भी वेश-भूषा पर अवलम्बित हो गया हैं। आज सादा जीवन जीने वालों को पिछड़ा समझा जाने लगा है। अगर समाज में अपनी शान बनाए रखनी है तो महँगे से महँगे कपड़े पहनना आवश्यक हो गया है और समय के साथ कोई खुद को न बदले तो उसकी समाज में प्रतिष्ठा नही बनती। 688 Views नीचे दी गई पंक्तियों में निहित व्यंग्य को स्पष्ट कीजिए - व्यंग्य-यहाँ पर जूते का आशय समृद्धि से है तथा टोपी मान, मर्यादा तथा इज्जत का प्रतीक है। वैसे तो इज्जत का महत्त्व सम्पत्ति से अधिक हैं। परन्तु आज समाज के समृद्ध एवं प्रतिष्ठित लोग अपने सामर्थ्य के बल अनेक टोपियाँ (सम्मानित एवं गुणी व्यक्तियों) को अपने जूते पर झुकने को विवश कर देते हैं। 467 Views नीचे दी गई पंक्तियों में निहित व्यंग्य को स्पष्ट कीजिए- प्रेमचंद ने सामाजिक बुराइयों को अपनाना तो दूर उनकी तरफ देखा भी नहीं। प्रेमचंद गलत वस्तु या व्यक्ति को हाथ से नहीं पैर से ही सम्बोधित करना उचित समझते है। अर्थात लेखक गलत वस्तु या व्यक्ति को इस लायक नहीं समझते थे कि उनके लिए अपने हाथ का प्रयोग करके हाथ के महत्व को कम करें। 366 Views हरिशंकर परसाई ने प्रेमचंद का जो शब्दचित्र हमारे सामने प्रस्तुत किया है उससे प्रेमचंद के व्यक्तित्व की कौन-कौन सी विशेषताएँ उभरकर आती हैं? प्रेमचंद के व्यक्तित्व की निम्नलिखित विशेषताएँ - 619 Views सही कथन के सामने (✓) का निशान लगाइए अथवा सही उत्तर लिखिए: लोग तो इत्र चुपड़कर फोटो खिंचाते हैं जिससे फोटो में खुशबू आ जाए। (✓) 302 Views नीचे दी गई पंक्तियों में निहित व्यंग्य को स्पष्ट कीजिए - यहाँ परदे का सम्बन्ध इज़्जत से है। जहाँ कुछ लोग इज़्ज़त को अपना सर्वस्व मानते हैं तथा उस पर अपना सब कुछ न्योछावर करने को तैयार रहते हैं, वहीं दूसरी ओर समाज में कुछ ऐसे लोग भी हैं जिनके लिए इज़्ज़त महत्वहीन है। 732 Views दृष्टि में वेशभूषा के प्रति लोगों की सोच में आज क्या परिवर्तन आया है?यहाँ तक की व्यक्ति का मान-सम्मान और चरित्र भी वेश-भूषा पर अवलम्बित हो गया हैं। आज सादा जीवन जीने वालों को पिछड़ा समझा जाने लगा है। अगर समाज में अपनी शान बनाए रखनी है तो महँगे से महँगे कपड़े पहनना आवश्यक हो गया है और समय के साथ कोई खुद को न बदले तो उसकी समाज में प्रतिष्ठा नही बनती।
आपकी दृष्टि में वेशभूषा के प्रति लोगों की सोच में आज क्या परिवर्तन आया है प्रेमचंद के फटे जूते के आधार पर लिखिए?इसमें लेखक ने प्रेमचंद के फटे हुए जूते एवं उनके साधारण कपड़े जिसमें वे फोटो खिंचवाने भी चले जाते हैं, का वर्णन किया है। लेखक ने प्रेमचंद की सादगी का वर्णन करते हुए समाज में फैली दिखावे की परंपरा पर व्यंग किया है। आजकल लोग अपनी वेशभूषा के प्रति बहुत जागरूक हो गए हैं। वे मौके के अनुसार वेशभूषा का चयन करते हैं।
प्रेमचंद के फटे जूते पाठ के आधार पर बताइए कि प्रेमचंद साधारण वेशभूषा में फोटो खिचाने को क्यों तैयार हो गए होंगे?प्रेमचंद मोटे कपड़े का कुरता-धोती और टोपी पहने फ़ोटो खिंचाने को इसलिए तैयार हो गए होंगे, शायद उनकी पत्नी ने आग्रह किया होगा जिसे वे टाल न पाए होंगे और 'अच्छा, चल भई' कहकर पत्नी के साथ फोटो खिंचाने बैठ गए होंगे।
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