सार्वजनिक ऋण का वर्गीकरण कीजिए सार्वजनिक ऋण के शोधन की विधियाँ कौन कौन सी है विस्तार में समझाइये? - saarvajanik rn ka vargeekaran keejie saarvajanik rn ke shodhan kee vidhiyaan kaun kaun see hai vistaar mein samajhaiye?

विषयसूची

  • 1 सार्वजनिक ऋण भुगतान करने की विधियां क्या है?
  • 2 परिशोधन कोष क्या है?
  • 3 सार्वजनिक ऋण का वर्गीकरण कीजिए सार्वजनिक ऋण के शोधन की विधियाँ कौन कौन सी है विस्तार में समझाइये?
  • 4 अंतरराष्ट्रीय ऋण से आप क्या समझते हैं?
  • 5 ऋण कितने होते है?

सार्वजनिक ऋण भुगतान करने की विधियां क्या है?

इसे सुनेंरोकेंइस प्रकार का ऋण प्राय: सरकार नहरें, सड़कें, रेल तथा अन्य उत्पादक एवं स्थायी निर्माण कार्यों के लिए लेती हैं। इसके विपरीत अल्पकालीन ऋणों के लिए सरकार किसी प्रकार के कोष का निर्माण नहीं करती और इन ऋणों का भुगतान अपनी चालू आय में से नए लिए गए ऋणों से करती हैं।

इसे सुनेंरोकेंभुगतान के आधार पर के. मेहता के अनुसार, ”प्रतिदेय ऋण वे ऋण हैं, जिसको सरकार द्वारा एक भावी तिथि पर भुगतान करने का वचन दिया जाता है।” अप्रतिदेय अथवा अशोध्य ऋण – अप्रतिदेय ऋण वे ऋण होते हैं जिनके मूलधन के भुगतान की कोई तिथि नहीं होती किन्तु ब्याज के भुगतान की गारण्टी सरकार द्वारा दी जाती है।

परिशोधन कोष क्या है?

इसे सुनेंरोकेंऋणों की अदायगी ऋण परिशोधन कोष की स्थापना द्वारा की जा सकती है। जब सरकार को किसी भारी ऋण की अदायगी करनी होती है, तो प्रायः वह ऐसे कोष की स्थापना करती है, इसमें धन आने के दो तरीके हैंः- इस पद्धति के अनुसार एक कोष में सरकारी आय का एक निश्चित भाग प्रतिवर्ष डाला जाता है तथा इस राशि को किसी स्थान पर लगा दिया जाता है।

सार्वजनिक ऋण क्या है सार्वजनिक उधार के विभिन्न स्रोत क्या है?

इसे सुनेंरोकेंसार्वजनिक ऋण, राज्य द्वारा आय प्राप्त करने का एक साधन है। लोक अथवा सार्वजनिक ऋण उस ऋण को कहते हैं जिसे कि राज्य (state) अपनी प्रजा से अथवा अन्य देशों के नागरिकों से लेता है। सरकार जब उधार लेती है तो उससे लोक ऋण का जन्म होता है। सरकार बैंकों, व्यावसायिक संगठनों, व्यवसाय गृहों तथा व्यक्तियों से उधार ले सकती है।

सार्वजनिक ऋण का वर्गीकरण कीजिए सार्वजनिक ऋण के शोधन की विधियाँ कौन कौन सी है विस्तार में समझाइये?

इसे सुनेंरोकें1. आन्तरिक ऋणः आन्तरिक ऋण वे ऋण हैं जो किसी देश के अन्दर उस देश की जनता अथवा बैंक आदि वित्तीय संस्थाओं से प्राप्त किये जा सकते है। 2. विदेशी ऋणः विदेशी तथा अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं से जो ऋण प्राप्त किये जाते है उन्हें विदेशी ऋण कहते है।

अंतरराष्ट्रीय ऋण से आप क्या समझते हैं?

इसे सुनेंरोकेंयह अपने सदस्य देशों को आर्थिक एवं तकनीकी सहायता प्रदान करने के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय विनिमय दरों को स्थिर रखने तथा आर्थिक विकास को सुगम बनाने में भी सहायता प्रदान करती है। IMF वर्ष 1945 में अस्तित्व में आया।

सार्वजनिक ऋण के द्वितीयक भार से क्या तात्पर्य है?

इसे सुनेंरोकेंजब सरकार आम जनता से ऋण लेती है तो ऐसे में लोगों के पास उपलब्ध सीमित उत्पादक पूंजी सार्वजनिक ऋण में तब्दील होकर कई बार अनुत्पादक हो जाती है जो दीर्घकाल में विकास को हतोत्साहित कर सकती है। सार्वजनिक क्षेत्र की उधारी से आम लोगों के पैसे की कमी हो जाती है। इसके कारण बाज़ार में ब्याज दर में वृद्धि होने की आशंका हो जाती है।

ऋण कितने होते है?

इसे सुनेंरोकेंआचार्य पुरुषोतम जी महाराज ने कहा कि मानव जन्म से पाच प्रकार का ऋणी होता है। देव ऋण, पितृ ऋण, गुरु ऋण, लोक ऋण और भूत ऋण।

सार्वजनिक ऋण का वर्गीकरण कीजिये सार्वजानिक ऋण के शोधन की विधियाँ कौन कौन सी है विस्तार में समझाइये?

अप्रतिदेय अथवा अशोध्य ऋण - अप्रतिदेय ऋण वे ऋण होते हैं जिनके मूलधन के भुगतान की कोई तिथि नहीं होती किन्तु ब्याज के भुगतान की गारण्टी सरकार द्वारा दी जाती है। इस ऋण को सार्वकालिक ऋण अथवा बेमियादी ऋण भी कहते हैं। दूसरे शब्दों में, शोध्य ऋण वे होते हैं, जिनका भुगतान सरकार को ब्याज सहित एक निश्चित अवधि तक कर देना पड़ता है।

सार्वजनिक ऋण क्या हैं सार्वजनिक ऋण के उद्देश्य एवं प्रकार बताइये?

सार्वजनिक ऋण, राज्य द्वारा आय प्राप्त करने का एक साधन है। लोक अथवा सार्वजनिक ऋण उस ऋण को कहते हैं जिसे कि राज्य (state) अपनी प्रजा से अथवा अन्य देशों के नागरिकों से लेता है। सरकार जब उधार लेती है तो उससे लोक ऋण का जन्म होता है। सरकार बैंकों, व्यावसायिक संगठनों, व्यवसाय गृहों तथा व्यक्तियों से उधार ले सकती है।

सार्वजनिक ऋण प्रबंधन क्या है?

लोक ऋण प्रबंधन, लोक ऋण का प्रबंधन करने हेतु एक पद्धति को स्थापित तथा कार्यान्वित करने की प्रक्रिया है ताकि वांछित जोखिम एवं लागत स्तर पर निधिकरण की अपेक्षित राशि की व्यवस्था की जा सके । भारत अन्य विकासशील देशों की तरह, अपनी अर्थव्यवस्था को विकसित करने के साथ अपने नागरिकों के लिए सामाजिक सेवाओं का विस्तार भी चाहता है।

सार्वजनिक उधारी के विभिन्न स्रोत क्या हैं?

1. आन्तरिक ऋणः आन्तरिक ऋण वे ऋण हैं जो किसी देश के अन्दर उस देश की जनता अथवा बैंक आदि वित्तीय संस्थाओं से प्राप्त किये जा सकते है। 2. विदेशी ऋणः विदेशी तथा अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं से जो ऋण प्राप्त किये जाते है उन्हें विदेशी ऋण कहते है