मुख्यपृष्ठPoliticsसमाजवाद और साम्यवाद में क्या अंतर है समाजवाद और साम्यवाद में क्या अंतर है समाजवाद क्या है समाजवाद जिसे अंग्रेजी और फ़्रांसिसी भाषा में सोसोलिज्म कहा जाता है समतामूलक समाज की अवधारणा पर आधारित है। इसे व्यक्तिवाद और पूंजीवाद का घोर विरोधी सिद्धांत माना जाता है। एक समाजवादी व्यवस्था में वर्गविभेद की कोई जगह नहीं होती और पूंजी और उत्पादन के साधनों पर समाज के रूप में राज्य का नियंत्रण होता है। साथ ही इनके वितरण का अधिकार भी राज्य का ही होता है। समाजवाद का मुख्य उद्द्येश्य समाज में आर्थिक समानता लाना होता है। समाजवाद राज्य के सहयोग से समाज में समानता लाने के सिद्धांत पर कार्य करता है। Show साम्यवाद में राज्य की कोई आवश्यकता नहीं होती है। इसमें हरेक से क्षमतानुसार, हरेक को आवश्यकतानुसार के सिद्धांत को लागू किया जाता है। साम्यवाद में निजी सम्पति का कोई स्थान नहीं होता। समाजवाद और साम्यवाद में क्या अंतर है
समाजवाद और साम्यवाद दोनों विचारों का संसार में काफी प्रभाव पड़ा और कई देशों ने इन मॉडलों को अपनाया। समाजवाद में राज्य की अवधारणा की वजह से यह काफी लोकप्रिय हुआ वहीँ साम्यवाद अपनी कट्टरता की वजह से धीरे धीरे सिमटता जा रहा है। समाजवाद का जनक कौन था समाजवाद और साम्यवाद में अंतर स्पष्ट करें?साम्यवाद, कार्ल मार्क्स और फ्रेडरिक एंगेल्स द्वारा प्रतिपादित तथा साम्यवादी घोषणापत्र में वर्णित समाजवाद की चरम परिणति है। साम्यवाद, सामाजिक-राजनीतिक दर्शन के अंतर्गत एक ऐसी विचारधारा के रूप में वर्णित है, जिसमें संरचनात्मक स्तर पर एक समतामूलक वर्गविहीन समाज की स्थापना की जाएगी।
समाजवाद का जनक कौन है?लोहिया
समाजवाद और साम्यवाद के बीच अंतर क्या है?समाजवाद वर्गहीन समाज की कल्पना करता है जिसमे पूंजी और उत्पादन के साधनों पर समाज यानि राज्य का स्वामित्व होता है साथ ही वितरण भी समाज के नेतृत्व में रहता है वहीँ साम्यवादी व्यवस्था में पूंजी और उत्पादन के साधनों पर जनता का नियंत्रण होता है।
भारत में साम्यवाद के प्रणेता कौन थे?भारतवर्ष में मार्क्सवाद के प्रमुख प्रचारक मानवेंद्रनाथ राय थे। बोल्शेविक क्रांति के बाद तुरंत ही आप साम्यवादी अंतरराष्ट्रीय के संपर्क में आए और उसकी ओर से विदेश से ही भारत में साम्यवादी आंदोलन का निर्देशन करने लगे।
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