साम्यवाद के जनक कौन थे समाजवाद और साम्यवाद में अंतर स्पष्ट करें? - saamyavaad ke janak kaun the samaajavaad aur saamyavaad mein antar spasht karen?

मुख्यपृष्ठPoliticsसमाजवाद और साम्यवाद में क्या अंतर है

समाजवाद और साम्यवाद में क्या अंतर है



समाजवाद और साम्यवाद दोनों का उद्द्येश्य व्यक्ति की समानता होता है। औद्योगिक क्रांति के फलस्वरूप संसार में उद्योग धंधों का जाल बिछ गया। जहाँ इन उद्योगों से विकास ने रफ़्तार पकड़ी वहीँ इसने समाज में दो वर्ग पैदा कर दिया। पूंजीपति वर्ग और मजदुर वर्ग। समाज की इस द्विवर्गीय व्यवस्था ने समाज में असमानता को बढ़ावा दिया और दोनों वर्गों में गहरी खाई बनती गयी। इस व्यवस्था के फलस्वरूप होने वाले शोषण ने दुनिया को नए सिरे से सोचने पर मजबूर कर दिया और इसी से दो सिद्धांत या दो विचारों का जन्म हुआ समाजवाद और साम्यवाद। इन दोनों विचारों ने समाज में एक नयी उम्मीद की किरण जगा दी और दुनिया में आने वाले दशकों में काफी प्रभाव पड़ा।


साम्यवाद के जनक कौन थे समाजवाद और साम्यवाद में अंतर स्पष्ट करें? - saamyavaad ke janak kaun the samaajavaad aur saamyavaad mein antar spasht karen?


समाजवाद क्या है



समाजवाद जिसे अंग्रेजी और फ़्रांसिसी भाषा में सोसोलिज्म कहा जाता है समतामूलक समाज की अवधारणा पर आधारित है। इसे व्यक्तिवाद और पूंजीवाद का घोर विरोधी सिद्धांत माना जाता है। एक समाजवादी व्यवस्था में वर्गविभेद की कोई जगह नहीं होती और पूंजी और उत्पादन के साधनों पर समाज के रूप में राज्य का नियंत्रण होता है। साथ ही इनके वितरण का अधिकार भी राज्य का ही होता है। समाजवाद का मुख्य उद्द्येश्य समाज में आर्थिक समानता लाना होता है। समाजवाद राज्य के सहयोग से समाज में समानता लाने के सिद्धांत पर कार्य करता है।



औद्योगिक क्रांति के फलस्वरूप समाज में दो वर्गों का जन्म हुआ एक कारखानों के मालिकों का जो पूंजीपति कहलाते थे और दूसरा मजदूरों का। समाज की इस व्यवस्था में पूंजीपतियों द्वारा मजदूरों का खूब शोषण होता था। इसी के परिणामस्वरूप समाजवादी और साम्यवादी विचारधाराओं का जन्म हुआ। उन्नीसवीं शताब्दी के पूर्वार्ध में इस शब्द का प्रयोग व्यक्तिवाद के विरोध में और सामाजिक नियंत्रण के सिद्धांतों के समर्थन में किया जाता था।




साम्यवाद किसे कहते हैं



साम्यवाद एक वर्गविहीन समाज की परिकल्पना है जिसमे समाज का हर व्यकित हर तरह से सामान होता है। साम्यवाद कार्ल मार्क्स और फ्रेडरिक एंगल्स द्वारा प्रतिपादित और साम्यवादी घोषणा पत्र में वर्णित समाजवाद का अंतिम लक्ष्य है। यह एक सामाजिक और राजनितिक व्यवस्था है जिसके अंतर्गत एक ऐसे समतामूलक समाज की स्थापना की कल्पना की जाती है जिसमे ऐतिहासिक और आर्थिक प्रतिमानों को नष्ट कर उत्पादन के सभी साधनों पर पुरे समाज के स्वामित्व की अवधारणा होगी। समाज में कोई वर्ग नहीं होगा और मानवता ही एकमात्र जाति होगी। कोई भी न्याय से वंचित नहीं होगा।

साम्यवाद के जनक कौन थे समाजवाद और साम्यवाद में अंतर स्पष्ट करें? - saamyavaad ke janak kaun the samaajavaad aur saamyavaad mein antar spasht karen?

साम्यवाद में राज्य की कोई आवश्यकता नहीं होती है। इसमें हरेक से क्षमतानुसार, हरेक को आवश्यकतानुसार के सिद्धांत को लागू किया जाता है। साम्यवाद में निजी सम्पति का कोई स्थान नहीं होता।




समाजवाद और साम्यवाद में क्या अंतर है

  • समाजवाद और साम्यवाद दोनों ही समाज में समानता के सिद्धांत पर आधारित हैं। दोनों ही एक ऐसे समाज की परिकल्पना करते हैं जहाँ व्यक्ति व्यक्ति में कोई भेद न हो। दोनों ही वाद का उद्द्येश्य हालाँकि समाज में समानता लाना है तो भी दोनों में कई अंतर है




  • समाजवाद वर्गहीन समाज की कल्पना करता है जिसमे पूंजी और उत्पादन के साधनों पर समाज यानि राज्य का स्वामित्व होता है साथ ही वितरण भी समाज के नेतृत्व में रहता है वहीँ साम्यवादी व्यवस्था में पूंजी और उत्पादन के साधनों पर जनता का नियंत्रण होता है।

  • समाजवादी व्यवस्था में पारिश्रमिक योग्यता और काम के आधार पर दिया जाता है वहीँ साम्यवादी व्यवस्था में पारिश्रमिक व्यक्ति की आवश्यकतानुसार दिया जाता है।

साम्यवाद के जनक कौन थे समाजवाद और साम्यवाद में अंतर स्पष्ट करें? - saamyavaad ke janak kaun the samaajavaad aur saamyavaad mein antar spasht karen?

  • समाजवाद में राज्य को महत्वपूर्ण और आवश्यक माना जाता है वहीँ साम्यवाद में राज्य की कोई परिकल्पना नहीं होती है।

  • समाजवाद में राज्य के सहयोग से समानता लाने की परिकल्पना की गयी है जबकि साम्यवाद का लक्ष्य ही राज्य को ख़त्म करना होता है। इनका मानना है कि राज्य शोषकों की शोषण में मदद पंहुचाता है।
  • समाजवाद शांतिपूर्वक समानता के लक्ष्य को प्राप्त करना चाहते हैं वहीँ साम्यवाद में संघर्ष और क्रांति को समानता लाने का माध्यम माना जाता है।

  • समाजवाद आर्थिक प्रणाली है जबकि साम्यवाद आर्थिक और राजनितिक प्रणाली है।

  • समाजवाद में व्यक्तिगत सम्पति की अवधारणा स्वीकार्य है किन्तु साम्यवाद में व्यक्तिगत पूंजी अस्वीकार्य होती है।

  • समाजवाद के साथ साथ पूंजीवाद का अस्तित्व हो सकता है किन्तु साम्यवाद में पूंजीवाद एकदम असंभव है।

  • समाजवाद व्यक्तिगत समानता की ओर पहला कदम माना जा सकता है जबकि साम्यवाद व्यक्तिगत समानता की परिणीति है।



समाजवाद और साम्यवाद दोनों विचारों का संसार में काफी प्रभाव पड़ा और कई देशों ने इन मॉडलों को अपनाया। समाजवाद में राज्य की अवधारणा की वजह से यह काफी लोकप्रिय हुआ वहीँ साम्यवाद अपनी कट्टरता की वजह से धीरे धीरे सिमटता जा रहा है।

समाजवाद का जनक कौन था समाजवाद और साम्यवाद में अंतर स्पष्ट करें?

साम्यवाद, कार्ल मार्क्स और फ्रेडरिक एंगेल्स द्वारा प्रतिपादित तथा साम्यवादी घोषणापत्र में वर्णित समाजवाद की चरम परिणति है। साम्यवाद, सामाजिक-राजनीतिक दर्शन के अंतर्गत एक ऐसी विचारधारा के रूप में वर्णित है, जिसमें संरचनात्मक स्तर पर एक समतामूलक वर्गविहीन समाज की स्थापना की जाएगी।

समाजवाद का जनक कौन है?

लोहिया

समाजवाद और साम्यवाद के बीच अंतर क्या है?

समाजवाद वर्गहीन समाज की कल्पना करता है जिसमे पूंजी और उत्पादन के साधनों पर समाज यानि राज्य का स्वामित्व होता है साथ ही वितरण भी समाज के नेतृत्व में रहता है वहीँ साम्यवादी व्यवस्था में पूंजी और उत्पादन के साधनों पर जनता का नियंत्रण होता है।

भारत में साम्यवाद के प्रणेता कौन थे?

भारतवर्ष में मार्क्सवाद के प्रमुख प्रचारक मानवेंद्रनाथ राय थे। बोल्शेविक क्रांति के बाद तुरंत ही आप साम्यवादी अंतरराष्ट्रीय के संपर्क में आए और उसकी ओर से विदेश से ही भारत में साम्यवादी आंदोलन का निर्देशन करने लगे।