सहस्र दृग सुमन से क्या तात्पर्य है पर्वत प्रदेश में पावस कविता में कवि ने इसका प्रयोग किसके लिए किया होगा? - sahasr drg suman se kya taatpary hai parvat pradesh mein paavas kavita mein kavi ne isaka prayog kisake lie kiya hoga?


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सहस्र दृग सुमन से क्या तात्पर्य है पर्वत प्रदेश में पावस कविता में कवि ने इसका प्रयोग किसके लिए किया होगा? - sahasr drg suman se kya taatpary hai parvat pradesh mein paavas kavita mein kavi ne isaka prayog kisake lie kiya hoga?

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सहस्र दृग-सुमन से क्या तात्पर्...

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Solution : सहस्र दृग-सुमन कवि का तात्पर्य पहाड़ों पर खिले हजारों फूलों से है। कवि को फूल पहाड़ों की आँखों के समान लग रहे हैं इसीलिए कवि ने इस पद का प्रयोग किया है। मानवीकरण अलंकार का प्रयोग करते हुए कवि कह रहा है कि झील रूपी दर्पण में पर्वत अपने हजार नेत्रों से अपनी सुन्दरता निहार रहा है।

सहस्र दृग सुमन से क्या तात्पर्य है पर्वत प्रदेश में पावस कविता में कवि ने इसका प्रयोग किसके लिए किया होगा? - sahasr drg suman se kya taatpary hai parvat pradesh mein paavas kavita mein kavi ne isaka prayog kisake lie kiya hoga?

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सहस्र दृग सुमन से क्या तात्पर्य है पर्वत प्रदेश में पावस कविता में कवि ने इसका प्रयोग किसके लिए किया होगा? - sahasr drg suman se kya taatpary hai parvat pradesh mein paavas kavita mein kavi ne isaka prayog kisake lie kiya hoga?

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सहस्त्र दृग सुमन का तात्पर्य क्या है कवि ने इस पद का प्रयोग किसके लिए किया है?

Solution : सहस्र दृग-सुमन कवि का तात्पर्य पहाड़ों पर खिले हजारों फूलों से है। कवि को फूल पहाड़ों की आँखों के समान लग रहे हैं इसीलिए कवि ने इस पद का प्रयोग किया है। मानवीकरण अलंकार का प्रयोग करते हुए कवि कह रहा है कि झील रूपी दर्पण में पर्वत अपने हजार नेत्रों से अपनी सुन्दरता निहार रहा है।

सहस्र दृग सुमन से क्या तात्पर्य है पर्वत प्रदेश में पावस कविता के आधार पर स्पष्ट कीजिए?

'सहस्र दृग-सुमन' का अर्थ है – हजारों पुष्प रूपी आँखें। कवि ने इसका प्रयोग पर्वत पर खिले फूलों के लिए किया है। वर्षाकाल में पर्वतीय भाग में हजारों की संख्या में पुष्प खिले रहते हैं। कवि ने इन पुष्पों में पर्वत की आँखों की कल्पना की है।

सहस्त्र दृग सुमन से क्या तात्पर्य है 1 Point A हजारों पुष्प B हजारों पुष्प रूपी आँखे C हजारों आँखे D आँखों के लिए?

'सहस्र दृग-सुमन' से तात्पर्य हजारों पुष्प रुखी आंखों से है। कवि ने इस पद का प्रयोग पर्वत के लिए किया है। कभी कहता है की पर्वत पर फूल खिले हुए थे और पर्वत के नीचे विशाल तालाब था। उन्हें देखकर ऐसा लगता है मानो पर्वत 'सहस्र पुष्प रूपी नेत्रों से अपने शोभा को तलाब रुपी दर्पण में निहार रहा हो।