स्फटिक की माला पहनने के नियम - sphatik kee maala pahanane ke niyam

स्फटिक की माला पहनने के नियम - sphatik kee maala pahanane ke niyam

हिंदू धर्मे में पूजा-पाठ करने के साथ कई मालाएं धारण करने का भी विशेष महत्व है। मान्यता है कि इन्हें धारण करने से शुभता व सौंदर्य बढ़ने में मदद मिलती है। मगर इन्हें धारण करने से पहले कुछ खास नियमों का पालन करने की जरूरत होती है। नहीं तो सकारात्मक की जगह पर नकारात्मक प्रभाव झेलना पड़ सकता है। चलिए आज हम आपको माला धारण करने के नियम व अलग-अलग माला के फायदे बताते हैं...

- तुलसी की माला

तुलसी की माला भगवान विष्णु को अतिप्रिय है। मान्यता है कि तुलसी के बिना श्रीहरि की पूजा अधूरी मानी जाती है। साथ ही घर में तुलसी का पौधा लगाने से देवी-देवताओं का वास माना जाता है। इसके साथ तुलसी के बीजों से तैयार माला धारण व इससे जप करने से मानसिक शांति मिलती है। 

स्फटिक की माला पहनने के नियम - sphatik kee maala pahanane ke niyam

ऐसे करें माला धारण 

इसके लिए कच्चे दूध व गंगाजल को मिलाकर तुलसी माला धोकर भगवान श्रीहरि को चढ़ाएं। फिर विधि-विधान से पूजा करके प्रसाद स्वरूप समझकर माला को गले में धारण करें। इसे पहनकर शौच जाने से बचें। साथ ही इस मनुष्य को मांस-मदिरा से परहेज रखना चाहिए। 

- रुद्राक्ष की माला

रुद्राक्ष भगवान शिव जी का अतिप्रिय व बेहद पवित्र होता है। इसके धारण करने व पूजा स्थल में रखने के सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इसके साथ ही इस पवित्र के आसपास ऊर्जा का एक सुरक्षा कवच बन जाता है। ऐसे में जीवन से जुड़ी सारी परेशानियों व मुश्किलों से छुटकारा मिलता है। साथ ही शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। तनाव दूर होकर घर में सुख-समृद्धि व खुशहाली का वास होता है। 

स्फटिक की माला पहनने के नियम - sphatik kee maala pahanane ke niyam

ऐसे करें धारण

सबसे पहले एकमुखी रुद्राक्ष को पीतल के बर्तन में रखें। अब 108 बिल्वपत्र पर चंदन से 'ॐ नम: शिवाय मंत्र' लिखकर रुद्राक्ष पर रखकर रातभर रहने दें। अगली सुबह नहाकर व साफ कपड़े पहनें। शिवलिंग व शिव जी की मूर्ति से स्पर्श करके इसे धारण करें। इसके लाल, पीले धागे में पुरोकर ही धारण करें। काले धागे में इसे धारण करने की गलती ना करें। इसे पहने के बाद सुबह-शाम शिव जी का पूजा करें और 'ॐ नम: शिवाय मंत्र' का जाप करें। इस पवित्र रुद्राक्ष को धारण करने वाले व्यक्ति को अंडा, लहसुन, प्याज, मदिरा आदि का सेवन करने से परहेज रखना चाहिए। इसके साथ ही ऐसे व्यक्ति को झूठ बोलने, वाद-विवाद करने से बचना चाहिए। 

- स्फटिक की माला

स्फटिक की माला देवी लक्ष्मी को अतिप्रिय है। मान्यता है कि इसे धारण करने से देवी लक्ष्मी की कृपा होने से हर सुख-सुविधाओं का लाभ मिलता है। कुंडली में शुक्र ग्रह मजबूत होता है। घर, कारोबार व वैवाहिक जीवन से जुड़ी समस्याओं से छुटकारा मिलता है। कारोबार व नौकरी से जुड़ी समस्याएं दूर होकर तरक्की के रास्ते खुलते हैं। इसे धारण करने वाले को मांस-मदिरा, प्याज, लहसुन खाने से बचना चाहिए। 

स्फटिक की माला पहनने के नियम - sphatik kee maala pahanane ke niyam

ऐसे करें धारण 

इसे धारण करने के लिए शुक्रवार का दिन शुभ माना जाता है। इसके लिए सबसे पहले स्फटिक रत्न को गंगा जल से शुद्ध करके देवी लक्ष्मी के आगे रखें। देवी मां की पूजा करने के साथ रत्न को धूप व दीपक दिखाएं। फिर 'ॐ श्री लक्ष्मये नमः' मंत्र का जप करके इसे गले में धारण कर लें। रोजाना नियमित रूप से एक माला इस मंत्र का जाप करें। 

Home » jyotish gyan » Sphatik mala – स्फटिक माला की पहचान के तरीके और माला धारण करने के चमत्कारिक लाभ

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स्फटिक की माला पहनने के नियम - sphatik kee maala pahanane ke niyam

स्फटिक की माला ( Sphatik Mala )

व्यक्ति के जीवन में सुख को जो ग्रह प्रभावित करता है वह शुक्र है। शुक्र ग्रह की दशा सही बनाये रखने के लिए और अपने जीवन में सुख को आकर्षित करने के लिए स्फटिक की माला ( Sphatik Mala ) बहुत उपयोगी मानी जाती है। इसे धारण करने मात्र से व्यक्ति को सुख-शांति की अनुभूति होने लगती है। आज हम जानेंगे स्फटिक की माला से जुड़ी अहम जानकरियों के बारे में :

स्फटिक की पहचान कैसे की जाती है? ( How to Identify Original Sphatik Mala? )

कई बार बाजारों में स्फटिक के नाम पर कांच या प्लास्टिक की माला पकड़ा दी जाती है इसलिए स्फटिक की माला की पहचान करने के लिए इसे हाथ में लें। हाथ में यह माला लेने पर थोड़ी सी भारी और ठंडी महसूस होगी। यदि Original Sphatik Mala है तो वह कभी अपनी चमक नहीं छोड़ेगी। 

स्फटिक माला ओरिजिनल को रगड़ने पर चिंगारी सी निकलने लगती है। अँधेरे में इसपर रोशनी मारने पर यह चमकने लगती है। साथ ही ध्यान देने वाली बात यह है कि इस माला के मोती पारदर्शी नहीं होते हैं और कभी मटमैले भी नहीं होते हैं।  

स्फटिक माला कौन पहने? ( Who Can Wear Sphatik Mala? )

कुंडली में यदि शुक्र गृह अशुभ प्रभाव दे रहा हो या शुक्र गृह अस्त होता दिखाई दे रहा हो तो स्फटिक की माला धारण करने की सलाह दी जाती है। स्फटिक की माला धारण करने से व्यक्ति की कुंडली में शुक्र के दुष्प्रभाव समाप्त हो जाते हैं या निचले स्तर पर आ जाते हैं। इस तरह शुक्र के दोषों का निवारण करने के लिए स्फटिक की माला पहनी जाती है।

स्फटिक की माला कैसे धारण करें? ( How to wear Sphatik Mala? )

1. स्फटिक की माला को धारण करने का सबसे शुभ दिन शुक्रवार है।  
2. शुक्रवार के दिन प्रातःकाल स्नान कर माता लक्ष्मी की पूजा करें।   
3. महा लक्ष्मी मंत्र ‘ ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नम: ‘ का जाप 108 बार करें।  
4.माता लक्ष्मी का ध्यान करने के बाद स्फटिक माला मंत्र का जप करते हुए माला धारण करें।  
स्फटिक माला मंत्र ( Sphatik Mala Mantra )
‘पंचवक्त्र: स्वयं रुद्र: कालाग्निर्नाम नामत:।। ‘

स्फटिक पहनने से क्या लाभ होता है? ( What are the Benefits of Sphatik Mala? )

1. स्फटिक की माला व्यक्ति को बुरी नजर, भूत-प्रेत के भय से छुटकारा मिलता है।  
2. स्फटिक की माला पहनने से घर में सुख-समृद्धि आती है और दरिद्रता वहां कभी वास नहीं करती है।   
3. यह मन को शांति और स्थिरता प्रदान करता है।  
4. व्यक्ति को सभी प्रकार की बाधाओं से मुक्ति मिलती है।  
5. आक्समिक मृत्यु से मुक्ति मिलने के साथ दीर्घायु प्राप्त होती है।  

स्फटिक किसका उपरत्न है? ( Sphatik kiska upratna hai? )

स्फटिक हीरे का उपरत्न होता है जिसे शुक्र के लिए धारण करने की सलाह दी जाती है।

स्फटिक की माला कितने की है? ( What is the Price of Sphatik Mala )

बाजारों में इसकी गुणवत्ता के आधार पर इसकी अलग-अलग कीमत तय की गई हैं।  हमारे पास Original Sphatik Mala उचित मूल्य पर उपलब्ध है। आप prabhubhakti.in पर जाकर इसे Online Buy कर सकते हैं।

स्फटिक की माला कब पहनना चाहिए?

स्फटिक की माला को धारण करने का सबसे शुभ दिन शुक्रवार है। 2. शुक्रवार के दिन प्रातःकाल स्नान कर माता लक्ष्मी की पूजा करें।

स्फटिक माला कौन पहन सकता है?

जैसे की वृषभ राशि और तुला राशि वाले लोगो के लिए स्फटिक की माला पहनना शुभ माना जाता हैं. इसके अलावा जिन राशि वाले लोगो में चंद्रमा तथा बुध ग्रह प्रधान होते है. उन्हें स्फटिक की माला पहनने की सलाह दी जाती हैं. जैसे की मिथुन राशि, कर्क राशि और कन्या राशि वाले लोगो के लिए स्फटिक की माला पहनना शुभ माना जाता हैं.

स्फटिक माला कैसे पहने?

स्फटिक रत्न धारण करने से पहले इसे गंगा जल से शुद्ध कर लें। इसके बाद इसे मां लक्ष्मी के सामने रख दें। रत्न को धूपबत्ती एवं दीपक दिखाएं। अब " ॐ श्री लक्ष्मये नमः " मंत्र का जाप करें।

स्फटिक क्यों पहना जाता है?

शक्ति की साधना के लिए स्फटिक की माला का विशेष रूप से प्रयोग किया जाता है. स्फटिक की माला से मां दुर्गा, मां लक्ष्मी, मां सरस्वती के मंत्रों का जप किया जाता है. शुक्रवार के दिन स्फटिक की माला से मां लक्ष्मी के मंत्र का जप करने पर शीघ्र ही उनकी कृपा प्राप्त होती है और आर्थिक स्थिति में चमत्कारिक रूप से सुधार होता है.