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हेक्सचर ओहलिन प्रमेय के अनुसार दो देशों के बीच अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का क्या आधार है?इसे सुनेंरोकेंसिद्धान्त का वक्तव्य (STATEMENT OF THE THEORY) कुछ देशों में पूंजी अधिक होती है, दूसरों में श्रम अधिक होता है। अब यह सिद्धांत कहता है कि जिन देशों में पूंजी अधिक होगी, वे पूंजी -गहन वस्तुओं को निर्यात करेंगे और जिन देशों में श्रम अधिक होगा वे श्रम-गहन वस्तुओं को निर्यात करेंगे। भारत का अधिकांश विदेशी व्यापार कहाँ होता है?इसे सुनेंरोकेंभारत के विश्व के भौगोलिक प्रदेशों और बड़े व्यापारिक समूहों के साथ व्यापारिक संबंध हैं जिसमें पश्चिमी यूरोप, पूर्वी यूरोप, पूर्ववर्ती सोवियत संघ (रूस) और बाल्टिक राज्य, एशिया, ओसीनिया, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका और लैटिन अमेरिका आते हैं। स्थानीय एवं अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में क्या अंतर है? इसे सुनेंरोकेंराज्य और देशों के बीच वस्तुओं का आदान-प्रदान व्यापार कहलाता है। जबकि दो देशों के बीच वस्तुओं का आदान-प्रदान अंतर्राष्ट्रीय व्यापार कहलाता है अर्थात् देश की सीमा में रहकर देश से बाहर किया गया व्यापार अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के अंतर्गत आता है। दो राज्यों के मध्य होने वाले व्यापार को क्या कहते हैं?इसे सुनेंरोकेंआयात व्यापार जब एक देश दूसरे देश से आवश्यकता (UPBoardSolutions.com) की वस्तुएँ क्रय करता है, तो उनके मध्य किए जाने वाले व्यापार को आयात व्यापार कहते हैं। निर्यात व्यापार जब एक देश दूसरे देश को आवश्यकता की वस्तुएँ विक्रय करता है, तो उनके मध्य किए जाने वाले व्यापार को निर्यात व्यापार कहते हैं। विदेशी व्यापार का अर्थ क्या है?इसे सुनेंरोकेंविदेशी व्यापार का अर्थ उस व्यापार से है जिसके अंतर्गत दो या दो से अधिक देशों के बीच वस्तुओं आरै सेवाओं का विनिमय किया जाता है। दूसरे देशों से वस्तुएँ खरीदना आयात कहलाता है और बेचना निर्यात कहलाता है। किसी भी देश के विदेशी व्यापार में उसके आयात और निर्यात दोनों शामिल किया जाता है। अंत क्षेत्रीय व्यापार क्या होता है? इसे सुनेंरोकेंदो राष्ट्रों के मध्य होने वाले व्यापार को अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार तथा एक राष्ट्र की सिमाओं के भीतर होने वाले व्यापार को अंतरक्षेत्रीय या आंतरिक व्यापार कहते हैं. अंतरक्षेत्रीय या आंतरिक व्यापार को ओहलिन अंतर स्थानीय व्यापार कहते हैं. व्यापार से आप क्या समझते हैं उत्तर?इसे सुनेंरोकेंव्यापार (Trade) का अर्थ है क्रय और विक्रय। दूसरे शब्दों में, एक व्यक्ति (या संस्था) से दूसरे व्यक्ति (या संस्था) को सामानों का स्वामित्व अन्तरण ही व्यापार कहलाता है। स्वामित्व का अन्तरण सामान, सेवा या मुद्रा के बदले किया जाता है। जिस नेटवर्क (संरचना) में व्यापार किया जाता है उसे ‘बाजार’ कहते हैं। देसी और विदेशी व्यापार में क्या अंतर है?इसे सुनेंरोकेंविदेशी व्यापार दो अलग-अलग देशों के मध्य किया जाने वाला व्यापार विदेशी व्यापार कहलाता है जैसे-भारत तथा अमेरिका के मध्य होने वाला व्यापार। निर्यात व्यापार जब एक देश दूसरे देश को आवश्यकता की वस्तुएँ विक्रय करता है, तो उनके मध्य किए जाने वाले व्यापार को निर्यात व्यापार कहते हैं। https://www.youtube.com/watch?v=gdTezGnF92c&pp=ugMICgJoaRABGAE%3D इसे सुनेंरोकें” ओलिन की दृष्टि में, अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार का तुरन्त कारण सदा यह रहता है कि कुछ वस्तुएं अन्य प्रदेशों से अधिक सस्ती खरीदी जा सकती हैं जबकि उसी प्रदेश में उन वस्तुओं का उत्पादन ऊंची कीमतों पर ही सम्भव होता है। इस प्रकार, प्रदेशों के बीच व्यापार का प्रमुख कारण वस्तुओं की कीमतों का अन्तर रहता है। प्राचीन समय में उद्योग एवं व्यापार पर कौन कौन से कर लगते थे? इसे सुनेंरोकेंप्राचीन और मध्ययुगीन विशेषताएँ आबादी का मुख्य व्यवसाय कृषि था और कपड़ा, खाद्य प्रसंस्करण तथा शिल्प जैसे हाथ आधारित उद्योगों के लिए कच्चा माल उपलब्ध कराने के अलावा खाद्य आवश्यकताएँ भी कृषि से पूर्ण होती थी। विदेशी व्यापार का आर्थिक विकास में क्या योगदान है?इसे सुनेंरोकेंविदेशी व्यापार किसी देश के उत्पादन के लिए बाजार का विस्तार करता है। निर्यात से राष्ट्रीय उत्पादन में वृद्धि हो सकती है और यह विकास का इंजन बन सकता है। किसी देश के विदेशी व्यापार का विस्तार एक अन्यथा स्थिर अर्थव्यवस्था को सक्रिय कर सकता है और इसे आर्थिक विकास और समृद्धि के मार्ग पर ले जा सकता है। अंतरराष्ट्रीय व्यापार के आधुनिक सिद्धांत क्या है?इसे सुनेंरोकेंजिन देशों में पूंजी अधिक होगी, वे पूंजी -गहन वस्तुओं को निर्यात करेंगे और जिन देशों में श्रम अधिक होगा वे श्रम-गहन वस्तुओं को निर्यात करेंगे। इसी को अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार का आधुनिक सिद्धांत अथवा हैक्शर-ओलिन प्रमेय भी कहते हैं। अंतरराष्ट्रीय व्यापार से आप क्या समझते हैं अंतरराष्ट्रीय व्यापार के महत्व की विवेचना कीजिए? इसे सुनेंरोकेंअंतर्राष्ट्रीय व्यापार मे एक देश मे सिर्फ उन्ही उद्योग-धंधो की स्थापना की जाती है, जिनके लिए जरूरी साधन देश मे उपलब्ध होते है। इससे देश मे उपलब्ध साधनों का पूर्ण उपयोग होने लगता है एवं राष्ट्रीय आय मे वृद्धि होती है। अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मे प्रतिस्पर्धा का क्षेत्र स्पष्ट से बढ़कर संपूर्ण विश्व हो जाता है। विश्व का सबसे प्राचीन व्यवसाय कौन सा है?इसे सुनेंरोकेंमानव सभ्यता का सबसे पुराना व्यापार है धौंस! बलशाली मानवों ने अपने बल एवं धौंस (Browbeating ) के आधार पर अपनी सत्ता एवं सुख सुविधा जुटाया होगा। तथा कर (Tax) का रास्ता तैयार किया होगा। अंतरराष्ट्रीय व्यापार के दो घटक कौन से हैं?इसे सुनेंरोकेंइनमें से पर्यटन निम्नलिखित हैं एवं परिवहन व्यावसायिक सेवाओं के विश्व (क) वस्तुओं का आयात एवं निर्यात— व्यापार व्यापार के प्रमुख अंग हैं। सबसे पुराना अंतरराष्ट्रीय व्यापार सिद्धांत कौन सा है?इस सिद्धांत को हेक्शेर-ओलिन सिद्धांत भी कहा जाता है। हेक्शेर-ओलिन सिद्धांत को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मूल्य के सामान्य संतुलन सिद्धांत के रूप में माना जाता है। मूल्य के सिद्धांत के अनुसार, संतुलन स्तर पर मांग आपूर्ति के बराबर होती है और वस्तु की कीमत उत्पादन की औसत लागत के बराबर होती है।
अंतरराष्ट्रीय व्यापार के कितने प्रकार हैं?चार प्रकार के अंतरराष्ट्रीय व्यवसाय शुरू हो सकते हैं: 1. निर्यात 2. लाइसेंसिंग 3. फ़्रैंचाइजिंग 4.
अंतरराष्ट्रीय व्यापार के आधुनिक सिद्धांत का दूसरा नाम क्या है?जिन देशों में पूंजी अधिक होगी, वे पूंजी -गहन वस्तुओं को निर्यात करेंगे और जिन देशों में श्रम अधिक होगा वे श्रम-गहन वस्तुओं को निर्यात करेंगे। इसी को अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार का आधुनिक सिद्धांत अथवा हैक्शर-ओलिन प्रमेय भी कहते हैं।
अंतरराष्ट्रीय व्यापार की सही परिभाषा क्या है?antarrashtriya vyapar arth mahatva labha haniya;एक ही देश के विभिन्न क्षेत्रों, स्थानों या प्रदेशों के बीच होने वाला व्यापार "घरेलू" "आंतरिक व्यापार" कहलाता भै। इसके विपरीत, दो या अधिक देशो के बीच होने वाला व्यापार "अंतर्राष्ट्रीय व्यापार" या विदेशी व्यापार कहलाता है।
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