ऋ देवनागरी वर्णमाला का सातवाँ स्वर है। भाषाविज्ञान की दृष्टि से यह मूर्धन्य, ह्रस्व, अग्र, अवृत्तमुखी, स्वर है तथा घोष ध्वनि है। विशेष-
ऋ अक्षर वाले शब्द
ऋ की मात्रा ृ का प्रयोग
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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ऋ स्वर क्या है?ऋ देवनागरी वर्णमाला का सातवाँ स्वर है। भाषाविज्ञान की दृष्टि से यह मूर्धन्य, ह्रस्व, अग्र, अवृत्तमुखी, स्वर है तथा घोष ध्वनि है। 'ऋ' का अनुनासिक रूप नहीं होता। 'ऋ' का दीर्घ रूप 'ऋ' है जो हिंदी के शब्दों में नहीं, संस्कृत के कुछ शब्दों में ही प्रयुक्त होता है।
ऋ के बाद कौन सा स्वर आता है?ग्यारह स्वर के वर्ण : अ,आ,इ,ई,उ,ऊ,ऋ,ए,ऐ,ओ,औ आदि।
ऋ कैसे बनता है?“ऋ” एक स्वर है और “री" व्यंजन है जो ,र+ ई मात्रा मिलाकर पूरा होता है ।
र तथा ऋ का उच्चारण स्थान क्या है?"री" में र ई ऐसे दो वर्ण मूर्धा और तालु स्थान के हैं। "ऋ" यह केवल मूर्धा स्थान का शुद्ध स्वर है।
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