रावण का असली पिता कौन था? - raavan ka asalee pita kaun tha?

हैलो दोस्तों आपका इस लेख रावण का असली नाम क्या था (What was real name of ravan ).में बहुत-बहुत स्वागत है।

दोस्तों आप सभी रावण के बारे में जानते हैं, कि रावण लंका का एक ऐसा आतताई राक्षस था जिसने अपने अत्याचारों दुष्कृत्यों के कारण कई ऋषि-मुनियों तथा निरअपराध लोगों को बहुत दुख और कष्ट पहुंचाया थाजिसका अंत भगवान श्रीराम के द्वारा किया गया। दोस्तों आज हम उसी रावण के बारे में जानेंगे कि रावण का असली नाम क्या था? रावण था कौन:-

रावण का असली नाम क्या था what is real name of Ravan 

रावण का असली नाम क्या था what is real name of Ravan- दोस्तों वैसे तो रावण के कई अनेक नाम हैं जिनमें लंकेश लंकापति दशानन रावण आदि प्रमुख हैं किंतु क्या आप जानते हैं

कि रावण का असली नाम क्या है तो दोस्तों आपको बता देते हैं, कि त्रिलोक विजेता राक्षसराज महाराज रावण का असली नाम दशग्रीव (Dashgreev) था

कुम्भकरण कितने फुट का था
रावण कितने फुट का था

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अर्थात दस सिरों को धारण करने वाला जिसे बाद में दशानन के नाम से भी जाना गया। दोस्तों रावण कोई और नहीं बल्कि भगवान विष्णु का द्वारपाल था

जिसे श्राप के कारण तीन बार राक्षस योनि में जन्म लेना पड़ा इस प्रकार रावण के नाम भी भिन्न-भिन्न हो गए जब रावण द्वारपाल था उस समय उसका नाम जय था

रावण का असली पिता कौन था? - raavan ka asalee pita kaun tha?
Ravan image source https://www.abplive.com

रावण के बारे में रोचक बातें interesting things about Ravan 

दोस्तों रावण के बारे में ऐसी बहुत ही रोचक जानकारियाँ हैं जो आप नहीं जानते। तो आइए जानते हैं कुछ ऐसी रोचक जानकारियों के बारे में जिससे जानकर आप आश्चर्यचकित हो जाएंगे।

1. दोस्तों क्या आप जानते हैं कि रावण का सरनेम क्या था दोस्तों हम आपको बता दें कि रावण का सरनेम मंडावी था।

2. दोस्तों क्या आपको पता है कि रावण का जन्म कहाँ हुआ था? रावण का जन्म आज के उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा से 10 किलोमीटर दूर बिसरख नामक गाँव में हुआ था।

सबसे रोचक बात यह है कि यहाँ पर आज भी रामलीला का आयोजन नहीं किया जाता।

3. दोस्तों क्या आप जानते हैं कि रावण के कितने पुत्र और नाती थे? दोस्तों हम आपको बता देते हैं कि रावण के 100000 पुत्र और 125000 नाती थे। तो आप अंदाजा लगा सकते हैं कि रावण की आयु कितनी होगी? 

3. रावण की तीन पत्नियाँ थी आप सभी मंदोदरी के बारे में जानते हैं, लेकिन दूसरी पत्नी का नाम दम्यमालिनी था किंतु तीसरी पत्नी के नाम का उल्लेख कहीं पर भी किसी भी पुराण धर्म ग्रंथों में नहीं है।

4. दोस्तों क्या आप जानते हैं, कि शिव तांडव की रचना किसने की दोस्तों रावण ही वह शख्स था जिसने शिव तांडव की रचना की थी।

यह बात उस समय की है जब रावण कैलाश पर्वत उठाकर लंका ले जा रहा था। तब भगवान शंकर ने अपने अंगूठे से कैलाश पर्वत को दबा दिया

और रावण कैलाश पर्वत से दबते दबते बचा और भगवान शंकर से माफी मांगी उसके बाद ही उसने शिव तांडव की रचना की।

5. रावण भी मर्यादा की सीमा को जानता था। उसने यह सिद्ध कर दिखाया जब उसने माता सीता को अपने महल में ना रखकर अशोक वाटिका में रखा था।

क्योंकि वह जानता था कि माता सीता अभी वनवास पर हैं, और अगर उन्हें राज महल में रखा जाता है तो उनके व्रत का खंडन हो जाएगा

तथा रावण ने माता सीता की अनुमति के बिना उनके शरीर को स्पर्श भी नहीं किया यह उसकी मर्यादा की सबसे बड़ी बात है।

6. रावण महापंडित और महा विधाता था चारों वेदों का ज्ञाता रसायन शास्त्र तथा ज्योतिष का महारथी था। उसके जैसा ज्योतिषाचार्य तथा पंडित इस दुनिया में अभी तक पैदा नहीं हुआ।

6. रावण एक महा ज्ञानी था उसने मरते समय लक्ष्मण को तीन शिक्षाएं दी थी जिसमें पहली थी कि शत्रु और रोग कैसे भी क्यों ना हो चाहे छोटे से छोटे या कमजोर क्यों ना हो लेकिन यह भी मौत का कारण बन सकते हैं।

रावण ने दूसरी बात बताई थी कि अपनी गुप्त बात किसी को भी नहीं बताना चाहिए चाहे आप उस पर कितना ही विश्वास क्यों ना रखते हो।

रावण के द्वारा तीसरी बात बताई गई थी कि शुभ कार्य जितनी जल्दी हो सके उसे कर लेना चाहिए और अशुभ कार्य जितना हो उसे डालना ही चाहिए।

दोस्तों, रामायण महाकाव्य हम सभी के जीवन को एक नई दिशा देने का काम करता है, और इस महाकाव्य के सभी पात्रों से हम अपने जीवन में कुछ ना कुछ सीख सकते हैं. रामायण के सबसे ताकतवर तथा खूंखार राक्षस का नाम रावण था, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इतने खूंखार राक्षस को पैदा किसने किया था?

यदि आप नहीं जानते तो कोई बात नहीं क्योंकि आज के लेख में हम आपको बताएंगे कि रावण के पिताजी का नाम क्या था, तथा रावण के संबंध में हम आपको और भी कई ऐसी रोचक जानकारियां देंगे, जिनके बारे में शायद ही आपको पता होगा.

तो चलिए शुरू करते हैं-

रावण कौन था?

दोस्तों रावण, रामायण की महाकथा का एक पात्र है. रामायण में इसका योगदान एक राक्षस के तौर पर रहा है. प्राचीन काल में रावन लंका राज्य, जिसे आज श्रीलंका देश भी कहा जाता है, का राजा था. रावण को दशानन के नाम से भी जाना जाता था, दशानन का मतलब 10 मुख वाला होता है. ऐसा कहा जाता है कि रावण ने त्रिदेवों में से एक महान ब्रह्मा जी के लिए की गई तपस्या की सार्थकता हेतु यज्ञ किया था, जिसमें उन्होंने अपने सर को अपने ही खड़क से 10 बार काट कर के चढ़ाया था.

रावण शब्द का मतलब आदिवासी सभ्यता के अनुसार राजा होता है. रामायण महाकाव्य के दुर्दंत राक्षस के तौर पर और खलनायक के तौर पर रामायण में रावण का जिक्र आता है. रामायण के अनुसार कैकसी पुत्र दशानन रावन एक शिव भक्त, राजनीतिज्ञ, महा प्रतापी, महा पराक्रमी योद्धा, अत्यंत बलशाली, शास्त्रों और शस्त्रों का प्रखर ज्ञाता, प्रकांड विद्वान पंडित, महाज्ञानी और राक्षस था. उसका औरा उस समय अपने चरम पर था जब उसके पास में सोने की लंका थी जो उसे भगवान शिव से दक्षिणा के तौर पर मिली थी.

रावण के पिताजी का नाम क्या था?

दोस्तों, रावण के पिता का नाम “विश्रवा” था. सात अमर ऋषियों में से एक महान पुलस्त्य ऋषि के पुत्र का नाम विश्रवा था, तथा विश्रवा की दो पत्नियां की जिनका नाम वरवर्णिनी  उर्फ़ इलाविदा तथा कैकसी था. वरवर्णिनी  ने कुबेर को जन्म दिया था तथा कैकसी ने रावण को पैदा किया था. रावण के माता-पिता का नाम कैकसी तथा विश्रवा था.

रावण के परिवार में कौन कौन थे?

दोस्तों, रावण का परिवार अपने आप में काफी बड़ा था. हम सबसे पहले रामायण के सबसे बड़े खलनायक रावण के माता पिता के नाम से शुरु करते हैं.

महान ऋषि पुलस्त्य ऋषि की संतान विश्रवा थे तथा विश्रवा का पुत्र रावण था. अमर पुलस्त्य ऋषि रावन के दादाजी थे. विश्रवा की दो पत्नियां थी, जिसमें से एक ऋषि भारद्वाज की पुत्री थी जिसका नाम इलाविदा यानी कि वरवर्णिनी था, तथा वरवर्णिनी से उन्हें कुबेर पुत्र प्राप्त हुआ. लेकिन अपनी दूसरी पत्नी कैकसी से विश्रवा को रावण की प्राप्ति हुई थी. कुबेर और रावण आपस में भाई थे, लेकिन सगे भाई नहीं थे.

अब रावन ले भाई बहनों के बारे में जानते है. रावण के कुल मिलाकर के 6 भाई थे, जिसमें कुबेर, विभीषण, कुंभकरण, अहिरावण, खर, और दूषण, थे रावण के 2 बहने भी थी पहली का नाम कुम्भिनी और दूसरे का नाम शूर्पनखा था. कुम्भिनी मथुरा के राजा मधु राक्षस की पत्नी थी, और लवणासुर राक्षस की मां थी. इसके अलावा शूर्पनखा का विवाह है कालका के पुत्र विदयुविह्वा से कर दिया गया था.

अब हम रावण की पत्नियों के बारे में आपको बताते हैं. रावण की मूल रूप से दो पत्नियां थी, लेकिन कई बार रावण की तीन पत्नियां होने का जिक्र भी आता है. रावण की पहली पत्नी का नाम मंदोदरी था, जोकि मायासुर की पुत्री थी, दूसरी का नाम धन्यमालिनी था और तीसरी का नाम अभी उपलब्ध नहीं है.

अब हम आपको रावण के संतानों के बारे में बताते हैं. रावण और मंदोदरी से अक्षय कुमार, मेघनाथ, महोदर, प्रहस्त, विरुपाक्ष, भीकम वीर पैदा हुए थे. इसके अलावा धन्यमालिनी से उन्हें अधिक अतिक्या और त्रिशिरीर नामक के दो पुत्र हुए थे.

उनकी तीसरी पत्नी से उन्हें प्रहस्था, नरान्तका और देवताका नामक पुत्र प्राप्त हुए थे, रावण के दादा दादी का नाम पुलस्त्य ऋषि और हविर्भुवा था. इसके अलावा रावण के नाना नानी का नाम सुमाली और केतुमति था.

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रावण कैसा था?

रावण का असली पिता कौन था? - raavan ka asalee pita kaun tha?

दोस्तों, आपने बहुत बार सुना होगा कि रावण एक महाज्ञानी, पंडित, खतरनाक और समझदार व्यक्ति था. इसके अलावा भगवान शिव का भक्त भी था, तथा उसने मां सीता का अपहरण करने के बाद भी उनके साथ में कोई बुरा काम नहीं किया, और इसलिए कई लोग यह मानते हैं कि रावण एक बहुत ही अच्छा व्यक्ति था और दिल का साफ व्यक्ति था.

लेकिन सत्य इसके बिलकुल उलट है क्योंकि ऐसा बिल्कुल भी नहीं था. रावण का जिक्र केवल रामायण में ही नहीं है, बल्कि और भी अन्य शास्त्रों में उपनिषदों जैसे पद्म पुराण, कूर्म पुराण, श्रीमद भागवतम में और अन्य कथाओं में भी उसका वर्णन आता है जिसमें बताया जाता है कि रावण कितना दुष्ट था.

बलात्कार करना, चोरी करना, डकैती करना, स्त्रियों को मारना, बच्चों को मारना, ब्राह्मणों को मार करके उनका खून पीना, भूख लगने पर अपने सामने आने वाली किसी भी इंसान या जानवर को खाजाना, देवताओं को अपना गुलाम बना कर रखना यह सब रावण की दिनचर्या में स्शामिल था.

वह राक्षस जो रावण को छोड़कर किसी अन्य दैत्य या देवता की पूजा करता था रावण उसे भी मौत के घाट उतार देता था, इसलिए यह कहना कि रावण अच्छा था या दिल का साफ था, सत्य से परे है. रावण एक अत्यंत भयानक, दुर्जन और खतरनाक राक्षस था, जो ब्राह्मण के घर में पैदा हुआ था.

उसने अपनी तपस्या से तथा अपने बाहुबल से विश्व की सभी शक्तियों को झुका दिया था, और अपने शरीर में अमृत का कलश धारण करके वह लगभग अमर बन चुका था. आज के समय राक्षसराज रावण को भारत में बहुत से स्थानों पर पूजा जाता है, लेकिन रावण बिल्कुल भी पूजनीय नहीं है.

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रावण के हथियार का नाम क्या है?

दोस्तों, आप ने रावण के चंद्रहास खड़क के बारे में सुना होगा जो उसे भगवान शिव से वरदान के तौर पर मिला था. लेकिन रावण के पास में केवल यह एक ही अस्त्र नहीं था. रावण के पास में दिव्यास्त्रों का पूरा जखीरा था. रावण के पास में इतने अस्त्र-शस्त्र थे जिसकी वजह से उसे हराना किसी भी हाल में असंभव था.

रावण के पास में अपनी ज्ञान, बुद्धि तथा बाहुबल के अलावा चंद्रहास खड़क, रूद्रकीर्तिमुख खड़क, सूर्य हास खड़क, मकरमुख, अशिविश्मुख, वाराह विमुख तथा ऐसे ही हजारों विध्वंसकारी अस्त्र और शस्त्र थे.

निष्कर्ष

आज के लेख में हमने जाना कि रावण के पिताजी का नाम क्या था. इसके अलावा हमने रावण के बारे में आपको और भी कई हैरतअंगेज जानकारियां  दी. हम आशा करते हैं कि आज का लेख आपके लिए काफी ज्ञानवर्धक रहा होगा. यदि आप कोई सवाल पूछना चाहते है तो आप हमें कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं.

FAQ

रावण की मां कौन सी जाति की थी?

रावण की माता राक्षसी थी जबकि पिता ब्राह्मण जाति के थे। यह विवाह इसलिए हुआ ताकि ब्राह्मण और दानव के मिलन से एक ऐसा शक्तिशाली योद्धा पैदा हो जो देवताओं को हरा सके और राक्षस की कीर्ति को आगे बढ़ा सके।

रावण की लंबाई कितनी थी?

इस प्रकार रावण रावण लगभग 15-17 फीट लंबा होना चाहिए, ऐसा अनुसंधान केंद्र द्वारा अनुमान लगाया गया है। लेकिन रागला घना है और जंगल क्रूर जानवरों से भरा है, इसलिए शोध कार्य ठीक से नहीं हो पा रहा है।

मृत्यु के समय रावण की उम्र कितनी थी?

श्रीराम के हाथों अंत होने तक रावण की आयु लगभग 39000 वर्ष 16 माह और 9 दिन थी।

रावण कौन से युग में पैदा हुआ था?

कहा जाता है कि त्रेता युग में इसी गांव में ऋषि विश्वास का जन्म हुआ था। इसी गांव में उन्होंने शिवलिंग की स्थापना की थी। उनके घर रावण का जन्म हुआ था।

रावण का असली नाम क्या है?

पद्मपुराण तथा श्रीमद्भागवत पुराण के अनुसार हिरण्याक्ष एवं हिरण्यकशिपु, दूसरे जन्म में रावण और कुम्भकर्ण के रूप में पैदा हुए। वाल्मीकि रामायण के अनुसार रावण पुलस्त्य मुनि का पौत्र था अर्थात् उनके पुत्र विश्रवा का पुत्र था।

लंकापति रावण के पिता का नाम क्या था?

कौन थे रावण के पिता रावण के पिता जाने-माने ऋषि थे. उनका नाम विश्रवा था. उनकी दो पत्नियां थीं. पहली पत्नी इलबिड़ा के गर्भ से कुबेर पैदा हुए जबकि दूसरी पत्नी कैकसी से रावण, कुंभकर्ण, विभीषण और शूर्पणखा का जन्म हुआ.

रावण की जाति कौन सी है?

रावण महर्षि विश्वा तथा कैकसी का पुत्र था। महर्षि विश्वा महर्षि पुलत्स्य के पुत्र थे, इसलिए रावण ब्राह्मण जाति का था, किंतु वह अपनी माता की तरफ से राक्षस जाति का भी था।

रावण की बेटी का नाम क्या है?

कहते हैं कि रावण की एक बेटी भी था जिसका नाम सुवर्णमछा या सुवर्णमत्स्य था जो देखने में बहुत ही सुंदर थी। उसे सोने की जलपरी कहा गया है।