रूढ़ियाँ जब बंधन बन बोझ बनने लगें तब क्या करना चाहिए? - roodhiyaan jab bandhan ban bojh banane lagen tab kya karana chaahie?

Solution : रूढ़ियाँ और बंधन समाज को अनुशासित करने के लिए बनते हैं, परन्तु जब इन्हीं के द्वारा मनुष्य की भावना आहत होने लगे, बंधन बनने लगे और बोझ लगने लगे तो उसका टूट जाना ही अच्छा होता है। इस कहानी के सन्दर्भ में देखा जाए तो तताँरा-वामीरो का विवाह एक रूढ़ि के कारण नहीं हो सकता था जिसके कारण उन्हें जान देनी पड़ती है। इस तरह की रूढ़ियाँ किसी भला करने की जगह नुकसान करती हैं। समयानुसार समाज में परिवर्तन आते रहते हैं और रूढ़ियाँ आडम्बर प्रतीत होती हैं, इसलिए इनका टूट जाना बेहतर होता है।

रूढ़ियां जब बंधन लगने लगे तो उनका टूट जाना ही बेहतर है क्यों?

प्रश्न 12-14: रूढ़ियाँ जब बंधन बन बोझ बनने लगें तब उनका टूट जाना ही अच्छा है। क्यों? स्पष्ट कीजिए। उत्तर 12-14: रूढ़ियां और बंधन समाज को अनुशासित करने के लिए बनते हैं परन्तु जब इन्हीं के द्वारा मनुष्य की भावना आहत होने लगे, बंधन बनने लगे और बोझ लगने लगे तो उसका टूट जाना ही अच्छा होता है।

क रूढ़ियां जब बंधन लगने लगे तो उनका टूट जाना ही बेहतर है क्यों लगभग 80 से 100 शब्दों में स्पष्ट कीजिए?

रूढ़ियाँ जब बंधन बन बोझ बनने लगें, तब वास्तव में उनका टूट जाना ही उचित है तथा इनमें परिवर्तन करना श्रेयस्कर होता है, क्योंकि रूढ़ियाँ व्यक्ति को बंधनों में जकड़ लेती हैं, जिससे व्यक्ति का विकास होना बंद हो जाता है। इनके टूट जाने से व्यक्ति के दिलो-दिमाग पर छाया बोझ हट जाता है।