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कांग्रेस नेता आनंद शर्मा का राज्यसभा में बतौर सांसद आज (7 फरवरी) आखिरी वक्तव्य था. इस मौके पर राष्ट्रपति के अभिभाषण पर आनंद शर्मा ने अपने विचार रखे. उन्होंने कहा कि जिस किसी ने भी राष्ट्रपति का अभिभाषण लिखा है उसे जिम्मेदार बनाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि जिसने भी यह भाषण लिखा है उसने राष्ट्रपति के साथ नाइंसाफी की है. आनंद शर्मा ने कहा कि राज्य सभा में शायद यह मेरा अंतिम वक्तव्य है, हाथ जोड़कर कहता हूं मुझे बोलने दीजिए. अब मैं आपसे सवाल नहीं पूछा करूंगा. इस पर रामदास अठावले ने कहा कि आप हमारी तरफ आ जाइए उधर कुछ नही मिलने वाला है. बता दें कि इस सत्र के साथ आनंद शर्मा का राज्यसभा में कार्यकाल भी समाप्त होने वाला है. किसने लिखा था राष्ट्रपति का अभिभाषण? आनंद शर्मा ने मैं राष्ट्रपति का अभिभाषण सुनते हुए ये सोच रहा था कि इसे किसने लिखा है, कौन महानुभाव थे? राष्ट्रपति तो लिखते नहीं. उन्होंने कहा कि यह कटाक्ष नहीं है लेकिन जिसने भी इसे (राष्ट्रपति का अभिभाषण) लिखा है, उसने राष्ट्रपति के साथ अन्याय किया है. यह लोगों के निर्णय लेने की क्षमता को चुनौती देता है और देश के सामने मौजूद कठिन परिस्थिति को नकारता है. आनंद शर्मा ने कहा कि हालात को देखते हुए ये चिंतन का समय है, और अगर पश्चाताप करने की नौबत आती है तो करना भी चाहिए. संसद के बजट सत्र का आज छठा दिन, जानें हर अपडेट Live हकीम की खुराक और सच्चाई बहुत कड़वी होती है आनंद शर्मा ने कहा कि हम भी चाहते हैं कि हिन्दुस्तान आगे बढ़े इसलिए कृपा करके लकीरें न खींचे. लेकिन एक सुनहरी तस्वीर दिखाई गई है और हकीकत को भूला दिया गया है. उन्होंने कहा कि देश निर्माण में प्रथम प्रधानमंत्री से लेकर वर्तमान पीएम का योगदान रहा है, नेहरू जी 14 साल तक जेल में रहे, उनके साथ आपके वैचारिक मतभेद हो सकते हैं लेकिन उनके योगदान को नकारा नहीं जा सकता है. उन्होंने कहा कि अपने से पहले के लोगों को अपमानित करना सही नहीं है. भारत का उदय 2014 में नहीं हुआ है और जहां हम पहुंचे हैं ये 8 साल का नहीं बल्कि 14 साल का सफर है. सत्ता पक्ष के सांसदों के हंगामे का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि हकीम की खुराक और सच्चाई बहुत कड़वी होती है मगर बीमारी को दूर करती है. घर के बाहर संविधान मेरा धर्मग्रंथ है, लेकिन घर में पूजा पाठ करता हूं इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति को राष्ट्रीय समर स्मारक में विलय करने पर आपत्ति जताते हुए उन्होंने कहा कि ऐसा कभी नहीं किया जाता है, मैं भी हिन्दू मान्यताओं को मानने वाला व्यक्ति होती है. घर के बाहर संविधान मेरा धर्मग्रंथ है लेकिन घर में मैं पूजा पाठ करता हूं. ज्योति एक बार जलाई जाती तो वो वहीं रहती है. उसे कहीं और नहीं ले जाया जाता है. आनंद शर्मा ने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में राष्ट्रीय सुरक्षा का जिक्र नहीं है, ये बेहद चिंता की बात है. क्या संसद को इसकी जानकारी नहीं दी जानी चाहिए. कांग्रेस के असंतुष्टों की सूची जी-23 में शामिल आनंद शर्मा ने कहा कि देश में मुस्लिमों पर हमले से भारत की छवि दुनिया में खराब हो रही है. ये भी पढ़ें
PREVIOUSNEXT संसद के लिए राष्ट्रपति का अभिभाषण कौन तैयार करता है- A.) स्वयं राष्ट्रपति View Answer
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PREVIOUSNEXT बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तरी (MCQ) विभिन्न परीक्षाओं जैसे की एस. एस. सी. (SSC CGL), State PSC राज्य लोक सेवा , UPSC IAS/PCS (सिविल सेवा परीक्षा) के लिए बहुत उपयोगी है | राष्ट्रपति के अभिभाषण को कौन तैयार करता है?संसद के किसी एक सदन या एक साथ दोनों सदनों के सामने राष्ट्रपति के अभिभाषण का प्रावधान संविधान में किया गया है। इसका प्रावधान भारत सरकार अधिनियम, 1919 में किया गया था और 1921 से यह चला आ रहा है। राष्ट्रपति जो अभिभाषण देते हैं, वह सरकार ही तैयार करती है।
राष्ट्रपति को कौन बनाता है?भारत के राष्ट्रपति का चुनाव अनुच्छेद 55 के अनुसार आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के एकल संक्रमणीय मत पद्धति के द्वारा होता है। राष्ट्रपति को भारत के संसद के दोनो सदनों (लोक सभा और राज्य सभा) तथा साथ ही राज्य विधायिकाओं (विधान सभाओं) के निर्वाचित सदस्यों द्वारा पाँच वर्ष की अवधि के लिए चुना जाता है।
राष्ट्रपति किसकी सलाह पर लोकसभा को भंग कर सकता है?राष्ट्रपति ने केंद्रीय मंत्रिमंडल की सिफारिश पर लोकसभा को भंग कर दिया। राष्ट्रपति लोकसभा को भंग कर सकते हैं (अनुच्छेद 85 (2))। प्रधानमंत्री मंत्रिपरिषद का प्रमुख होता है (अनुच्छेद 74 (1))।
कौन तैयार करता है?प्रत्येक वर्ष के पहले सत्र की शुरुआत में भी राष्ट्रपति द्वारा दोनों सदनों को संबोधित किया जाएगा। राष्ट्रपति के अभिभाषण में सरकार की नीतिगत प्राथमिकताओं और आने वाले वर्ष की योजनाओं का अनिवार्य रूप से उल्लेख होता है। अभिभाषण सरकार के एजेंडा और दिशा का व्यापक फ्रेमवर्क प्रदान करता है।
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