रूस यूक्रेन युद्ध का क्या परिणाम हुआ? - roos yookren yuddh ka kya parinaam hua?

रूस यूक्रेन युद्ध का क्या परिणाम हुआ? - roos yookren yuddh ka kya parinaam hua?
Russia Ukraine War News

Highlights

  • रूसी हमलों के आगे दम तोड़ रहे यूक्रेन के हथियार
  • पश्चिमी देशों से भारी हथियार मांग रहा यूक्रेन

Russia Ukraine War News : पश्चिमी देशों की खुफिया एजेंसियों और सैन्य अधिकारियों का मानना है कि रूस और यूक्रेन युद्ध एक निर्णायक मोड़ की ओर बढ़ रहा है। इस युद्ध में अब यूक्रेन के हथियार रूसी हमलों के आगे दम तोड़ते नजर आ रहे हैं। यूक्रेन लगातार अपने पश्चिमी मददगार देशों से भारी हथियारों की मांग कर रहा है। रूस की सेना ने पूर्वी यूरोप के रणनीतिक रूप से दो अहम शहरों के आसपास अपने आर्टिलरी को स्थापित कर लिया है। माना जा रहा है कि यह युद्ध अब एक ऐसे मोड़ पर आ पहुंचा है कि इसके दूरगामी परिणाम हो सकते हैं।  

सिवेरोदोनेत्स्क के करीब 80 फीसदी हिस्से पर रूस का कब्जा

उधर, रूसी सैनिकों ने पूर्वी यूक्रेन में भीषण लड़ाई के गवाह सिवेरोदोनेत्स्क के करीब 80 फीसदी हिस्से पर कब्जा कर लिया है और शहर से बाहर जाने वाले सभी तीन पुलों को नष्ट कर दिया है। वहीं यूक्रेने के अधिकारी अभी भी घायलों को निकालने की कोशिशों में जुटे हैं। पूर्वी लुहांस्क क्षेत्र के गवर्नर सरहेई हैदई ने कहा कि सिवेरोदोनेत्स्क से अब बड़ी संख्या में लोगों की एक साथ निकासी संभव नहीं है, क्योंकि शहर में लगातार गोलाबारी और लड़ाई जारी है। उन्होंने बताया कि रूस द्वारा भारी गोलाबारी और ‘स्कॉर्च्ड अर्थ मेथड’ (दुश्मन के लिए फायदेमंद हर चीज को नष्ट करने की सैन्य रणनीति) के इस्तेमाल ने यूक्रेनी सैनिकों को शहर के बाहरी औद्योगिक क्षेत्र में धकेल दिया है। 

सिवेरोदोनेत्स्क में करीब 12 हजार लोग फंसे

हैदई ने समाचार एजेंसी एपी को बताया कि रूसी सैनिकों ने फिलहाल रणनीतिक लिहाज से अहम इस शहर को ब्लॉक नहीं किया है। उन्होंने कहा, 'अभी भी घायलों को निकालने और यूक्रेनी सेना व स्थानीय निवासियों के बीच संचार का अवसर मौजूद है।' हैदई के मुताबिक, युद्ध से पहले सिवेरोदोनेत्स्क की आबादी एक लाख के करीब थी, लेकिन अब वहां लगभग 12,000 लोगों के होने का अनुमान है। उन्होंने बताया कि 500 से ज्यादा नागरिकों ने अजोत केमिकल प्लांट में शरण ले रखी है, जहां पर रूसी सैनिकों द्वारा भीषण गोलाबारी की जा रही है। 

अजोत केमिकल प्लांट में फंसे लोगों के लिए ह्यूमैन कॉरिडोर

हैदई के मुताबिक, सोमवार को लुहांस्क क्षेत्र से कुल 70 नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकाला गया था। इस बीच, एक रूसी सैन्य अधिकारी ने कहा कि सिवेरोदोनेत्स्क के अजोत केमिकल प्लांट से नागरिकों की निकासी के लिए बुधवार को एक मानवीय गलियारा खोला जाएगा। कर्नल जनरल मिखाइल मिजिन्त्सेव ने बताया कि अजोत केमिकल प्लांट से निकाले गए नागरिकों को 60 किलोमीटर दूर उत्तर में स्थित स्वेतोवो शहर ले जाया जाएगा, जो रूसी बलों और अलगाववादियों के नियंत्रण में है। 

इनपुट-भाषा

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रूस-यूक्रेन युद्ध: अब आगे क्या कुछ हो सकता है, पांच संभावनाएं

  • जेम्स लैंडेल
  • बीबीसी कूटनीतिक संवाददाता

4 जून 2022

अपडेटेड 5 जून 2022

रूस यूक्रेन युद्ध का क्या परिणाम हुआ? - roos yookren yuddh ka kya parinaam hua?

इमेज स्रोत, Getty Images

युद्ध का छिड़ना... किसी की हार, किसी की जीत. राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का यूक्रेन पर हमला... यह हमला भी कोई अपवाद नहीं है.

रूस का यूक्रेन की ओर तेज़ी से बढ़ना, मिसाइलों से गोले-बारूद से शहर के शहर का उजाड़ हो जाना, यूक्रेन के आम नागरिकों का 'सैनिक' बनकर डट जाना और युद्ध का अब भी जारी रहना.

यूक्रेन पर रूस के हमले को सौ दिन पूरे होने वाले हैं, लेकिन इस युद्ध में अब आगे क्या हो सकता है?

हालांकि यह युद्ध है, जहां कुछ भी किसी एक पल में तय नहीं हो सकता लेकिन अगर अभी तक के घटनाक्रम पर ग़ौर करें और संभावित नतीजों को समझने की कोशिश करें तो हो सकता है कि इन पांच नतीजों में से कोई एक नतीजा सामने आए.

'यही नतीजा होगा', यह पुख़्ता तौर पर नहीं कहा जा सकता है लेकिन संभावना है कि सौ दिन से जारी इस युद्ध का परिणाम कुछ यूं हो.

1. लंबे समय तक संघर्ष

हो सकता है कि यूक्रेन-रूस के बीच छिड़ी ये लड़ाई लंबे समय तक जारी रहे. अगर सालों तक नहीं तो कम से कम कुछ महीनों तक इसके जारी रहने की पूरी आशंका है ही. रूस और यूक्रेन की सेनाएं हर रोज़ एक-दूसरे को टक्कर दे रही हैं, हर रोज़ एक-दूसरे पर हमला कर रही हैं, ऐसे में इस युद्ध के लंबे समय तक जारी रहने की पूरी आशंका है.

कभी एक पक्ष थोड़ा मज़बूत बनकर उभरता है तो कभी दूसरा पक्ष. लेकिन दोनों में से कोई भी पक्ष ना तो झुकने को तैयार है और ना ही पीछे हटने को. राष्ट्रपति पुतिन ने यह तय कर लिया है कि 'रणनीतिक धीरज' का प्रदर्शन करके वह जीत हासिल कर सकते हैं. उनके लिए भी यह एक जुए की ही तरह है कि यूक्रेन पर हमले से पश्चिमी देशों पर दबाव बढ़ेगा और वे अपने आर्थिक संकट और चीन से ख़तरे पर अधिक ध्यान देंगे.

हालांकि, यूरोपीय देशों ने अभी तक जिस तरह से यूक्रेन की मदद की है उससे लगता है कि वे यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और आगे भी जारी रखेंगे. ऐसे में यह युद्ध एक 'हमेशा चलते रहने वाले युद्ध' में तब्दील होता जा रहा है.

मिक रयान एक रिटायर्ड ऑस्ट्रेलियाई जनरल हैं और सैन्य मामलों के विद्वान भी. वह कहते हैं, "आने वाले दिनों में या हालिया दिनों में किसी पक्ष की रणनीतिक जीत की संभावना बहुत कम दिखती है."

2. पुतिन की युद्धविराम की घोषणा की

क्या ऐसा हो सकता है कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन एकतरफ़ा युद्धविराम की घोषणा करके पूरी दुनिया को चौंका दें?

वह यह दावा भी कर सकते हैं कि रूस का सैन्य-अभियान अब पूरा हो गया है. डोनबास में रूस समर्थिक अलगाववादियों को सुरक्षित किया गया, क्राइमिया के लिए एक कॉरिडोर स्थापित किया गया. ऐसे में वह नैतिकता के आधार पर यूक्रेन को लड़ाई रोकने के लिए दबाव बना सकते हैं.

कैथम हाउस थिंक टैंक के विशेषज्ञ कीर गाइल्स कहते हैं, "रूस इस चाल का इस्तेमाल कभी भी कर सकता है, जिसमें अगर वो यूक्रेन पर यूरोप के दबाव का फ़ायदा उठाना चाहे तो वो समर्पण कर सकता है और दिखावे की शांति के बदले में कुछ क्षेत्रों पर अपना अधिकार छोड़ सकता है.."

इस तरह के तर्क अब पेरिस, बर्लिन और रोम में सुनाई भी देने लगे हैं, जहां ऐसा कहा जाने लगा है कि युद्ध को बहुत अधिक खींचने से कोई फ़ायदा नहीं है. साथ ही यह समय है कि वैश्विक आर्थिक तक़लीफ़ को ख़त्म कर दिया जाए.

हालांकि, अमेरिका, ब्रिटेन और पूर्वी यूरोप के अधिकांश क्षेत्र इसका विरोध करेंगे.

हालांकि अगर रूस एकतरफ़ा युद्धविराम की घोषणा करता है तो यह युद्ध के परिपेक्ष्य में एक बड़ा बदलाव साबित हो सकता है लेकिन यह भी है कि इससे युद्ध समाप्त नहीं होगा.

3. युद्धक्षेत्र में गतिरोध

कैसा होगा अगर यूक्रेन और रूस दोनों इस बात को स्वीकार कर लें कि अब इस युद्ध से कुछ भी हासिल नहीं होने वाला है और इस गतिरोध के अंत के लिए वे राजनीतिक समाधान की ओर बढ़ें?

दोनों ही ओर की सेनाएं थक चुकी हैं, लोगों के साथ-साथ युद्ध के लिए आवश्यक रसद और चीज़ों की कमी चल रही है. ऐसे में लड़ाई जारी रखते हुए खून बहाने और पैसा बर्बाद करने को सही नहीं ठहराया जा सकता है. रूस का सैन्य और आर्थिक नुकसान स्थायी नहीं है. यूक्रेन के लोग युद्ध से थक चुके हैं. वे अब एक ऐसी जीत के लिए जान का जोख़िम डालने को तैयार नहीं हैं जिसे लेकर सौ फ़ीसद कोई दावा नहीं किया जा सकता है.

क्या होगा अगर कीएव का नेतृत्व, पश्चिमी देशों के समर्थन बनाए रखने के वादे पर पर भरोसा छोड़ दे और यह तय कर ले कि अब वो समय आ चुका है, जब उसे बातचीत से यह मसला सुलझा लेना चाहिए? वैसे भी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन कई बार अपना यह बयान दोहरा चुके हैं कि उनका मक़सद रूस पर हमला नहीं बल्कि यूक्रेन को ऐसी स्थिति में लाना है जहां बातचीत की टेबल पर वह मज़बूत स्थिति में रहे.

लेकिन महीनों से जारी इस युद्ध के संदर्भ में कोई भी राजनीतिक समझौता हो पाना बेहद कठिन है. इसकी एक बड़ी वजह यह है कि यूक्रेन, रूस पर बिल्कुल भरोसा नहीं करता है कि वो अपने वादे पर कायम रहेगा. यूक्रेन मानता है कि अगर कोई शांति समझौता होता भी है तो यह बहुत मुश्किल है कि रूस उस पर टिकेगा और ऐसे में युद्ध की आशंका हमेशा बनी रहेगी.

4. यूक्रेन की संभावित जीत

तमाम चुनौतियों के बावजूद, क्या यूक्रेन जीत या जीत के क़रीब पहुंच सकता है? क्या यूक्रेन की सेना रूस को वहां खदेड़ने में कामयाब हो सकती है जहां वे फ़रवरी में हमले से पहले थे?

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलेदिमीर ज़ेलेंस्की ऐसा दावा तो ज़रूर करते हैं.

एक टीवी इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि यूक्रेन निश्चित तौर पर इस युद्ध को जीतेगा.

क्या होगा अगर रूस डोनबास पर क़ब्ज़ा करने में विफल रहता है तो और नुकसान उठाता है तो?

इस बात में कोई संदेह नहीं है कि यूरोपीय-अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण रूस को नुकसान उठाना पड़ा है और इससे युद्ध के स्तर पर भी असर पड़ा है. यूक्रेन को यूरोपीय देशों और अमेरिका से लगातार सैन्य सहायता मिल रही है. अब यूक्रेन ने अपनी रक्षात्मक नीति को आक्रमण की नीति में बदल दिया है.

लेकिन अगर ऐसा होता है तो..?

नीति निर्माताओं ने इसके परिणामों को लेकर पहले ही चिंता ज़ाहिर कर दी है. हो सकता है कि पुतिन हार को देखते हुए केमिकल या न्यूक्लियर अटैक के बारे में सोच सकते हैं.

5. रूस की संभावित जीत

पश्चिम के अधिकारियों का ज़ोर देकर कहना है कि, शुरुआती असफलताओं के बावजूद, रूस अब भी राजधानी कीएव पर क़ब्ज़ा करने और यूक्रेन के अधिकांश हिस्से को अपनी अधीन करने की योजना बना रहा है.

एक अधिकारी ने कहा, "उनका अधिकतम पर क़ब़्जा करने का उद्देश्य" अब भी जीवंत है.

रूस डोनबास में अपनी बढ़त को भुना सकता है, सैनिकों को अन्य जगहों पर उपयोग में लाने के लिए वहां से मुक़्त किया जा रहा है, शायद वो एक बार फिर कीएव को भी निशाना बना सकते हैं. यूक्रेन की सेना लगातार नुकसान झेल रही है.

राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की पहले ही स्वीकार कर चुके हैं कि हर दिन 100 के क़रीब यूक्रेनी सैनिकों की मौत हो रही है और लगभग 500 घायल भी हो रहे हैं.

यूक्रेन के लोगों के मत अलग अलग हो सकते हैं, कुछ संघर्ष जारी रखना चाहते हैं, तो अन्य शांति का रास्ता अख़्तियार करने की वक़ालत करते हैं. कुछ पश्चिमी देश यूक्रेन का समर्थन करते करते थक भी सकते हैं. लेकिन अन्य देशों को अगर उन्हें ये लगा कि रूस जीत रहा है तो वो युद्ध और तेज़ करना भी चाहेंगे.

एक पश्चिमी राजनयिक ने मुझे निजी तौर पर बताया कि रूस को चेतावनी देने के लिहाज से पश्चिम को प्रशांत क्षेत्र में एक परमाणु हथियार का टेस्ट करना चाहिए.

ज़ाहिर है इस युद्ध का भविष्य अभी तय नहीं है.

वीडियो कैप्शन,

राजधानी कीएव से रूसी सैनिकों को लौटे हफ़्ते हो गए हैं पर अब भी वहां रूसी सैनिकों के शव हैं

रूस और यूक्रेन के युद्ध का परिणाम क्या होगा?

सिवेरोदोनेत्स्क के करीब 80 फीसदी हिस्से पर रूस का कब्जा उधर, रूसी सैनिकों ने पूर्वी यूक्रेन में भीषण लड़ाई के गवाह सिवेरोदोनेत्स्क के करीब 80 फीसदी हिस्से पर कब्जा कर लिया है और शहर से बाहर जाने वाले सभी तीन पुलों को नष्ट कर दिया है।

रूस यूक्रेन युद्ध में किसकी जीत हुई?

हार और जीत उत्तर में जवाबी हमले के जरिए यूक्रेन रूस को खारकीएव से दूर रखने में सफल हुआ लेकिन दक्षिण में रूस का पलड़ा भारी था. अब रूस ने मारियुपोल पर फतह हासिल कर बढ़त बना ली है. खारकीएव और मारियुपोल दोनों जगह की लड़ाइयों में बड़ी तादाद में सैनिक और नागरिक मारे गए.

युद्ध का परिणाम क्या निकला?

एक अक्षौहिणी में २१, ८७० रथ, २१, ८७० हाथी, ६५, ६१० सवार और १,०९,३५० पैदल सैनिक होते हैं।

रूस यूक्रेन युद्ध की क्या वजह है?

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इसे "आतंकी घटना" क़रार देते हुए यूक्रेन पर पुल को निशाना बनाने का आरोप लगाया है. सोशल मीडिया पर सिक्योरिटी कैमरों में रिकॉर्ड हुआ एक वीडियो जारी किया गया है जिसमें एक ट्रक पुल से होकर गुज़रता दिख रहा है.