रक्त के जमने का कारण क्या है? - rakt ke jamane ka kaaran kya hai?

हमारे पास है कि रक्त के जमने या थक्का जो हम कह सकते हैं रक्त का थक्का जमने का क्या कारण है यह क्वेश्चन पर पूछा था ना देखिए अगर हम व्यक्ति की बात करें तो रख हमारे शरीर के लिए सबसे महत्वपूर्ण एक कोशिका होती है जो ऑक्सीजन के साथ-साथ अन्य महत्वपूर्ण प्रोटीन से होते हैं वह शरीर के पूरे भाग ऊपर संस्कृत करती है या सर्कुलेट करती है बाद हमारी शर्मा लीजिए दुर्घटना बस्ती से ऐसे स्थान पर या किसी अंग पर चोट लग जाती है तो वह वह वह हिस्सा कट जाता है और उससे से रक्त निकलने लगता है ठीक है तेरा शरीर के किसी कटेया गांव वाले भाग में रुधिर या रक्त के प्रवाह को रोकने के लिए रुधिर का थक्का जमना या रक्त का जमुना यह प्रक्रिया होती है जो शरीर के लिए शरीर के अंदर से रुधिर के अतिरिक्त प्रभाव को रोकने के तरीके रुधिर का थक्का रक्त का थक्का जमता है 1 प्रकार से होता है तो पहला हमारे पास पुस्तक होगा उसमें होगा रूम बुक प्लस सिंह का निर्माण से पहले क्या होता है चोट लगने या कटने पर रुधिर की जो प्लेटलेट्स है तो अगर हमें रखती की बात करी है तो रक्त में जो प्लेटलेट

वायु के संपर्क में ठीक है जब भी है वायु के संपर्क में आते हैं तो यह करेंगे अभिक्रिया और अभिक्रिया करने के बाद यह बनाते हैं थ्रांबोप्लास्टिन गया इसके बाद बात होता है फ्रॉम इनका निर्माण प्रवीण बनता कैसे लिखे प्रमुख लास्ट सीन जो वायु से रक्त के जो प्लेटलेट्स है उन्होंने अभी क्रिया करी हो तो मकबरे का निर्माण करा ठीक है तो पोस्टिंग जो होते हैं वह कैल्शियम की आई नो के साथ मिलकर केबिन में बदल देते हैं अब ठीक साहब कंडीशन कैसे बनता है लिखिए फ्रॉम यहां पर हो चुके हैं तो है जो रक्त के प्रोटीन होते हैं फाइब्रिनोजेन उसके साथ मिलकर के फायरिंग में उसे बदल देते हैं और फायरिंग जो होता है वह रुधिर कणिकाओं से मिलकर के रुधिर का थक्का बनाता है इसे हम कहते हैं फाइबरीन के तंतु का निर्माण की 5 रन की जो तंतु होते हैं वह की तरह होते हैं और उनका जो निर्माण होगा और यीशु की तरफ से रुधिर कणिकाओं को बांटने का काम करेगा और यही होता है फाइबर इन ठीक है और यह 5 रन ही रक्त का थक्का कहलाता है शैंकी कैसे

सबसे पहले जो था मैं यहां पर बने थे ठीक है फॉर्म इन जो है वह रुधिर के प्रोटीन किस के साथ मिलकर के फाइब्रिनोजेन फाइब्रिनोजेन जब प्रोटीन होता है ठीक है रुधिर का प्रोटीन होता है उसके साथ मिलकर के वो किसका निर्माण करें उन्होंने निर्माण किया है फायरिंग का और फायरिंग किस तरह से एक ही कोशिका नहीं बनती है उनके तंत्र बनती हैं ठीक है फिर से तंत्रों का समूह जो बना है ठीक है जो प्रोटीन है प्रैक्टिकल प्रोटीन है जिसे हम कहते हैं वह फॉर्म के साथ मिलकर के सिंह का निर्माण कर रखा है जो तभी तो तुम तो होते हैं वह रुधिर कणिकाओं को एक साथ शहर का रखते हैं और एक साथ जमा करके एक स्थान पर रखना उसे उगाया जाता है रक्त का थक्का जमना रक्त का थक्का किस तरह से रक्त के थक्के जा थक्का जमने का लास्ट में क्या कारण हुआ सबसे पहले हम इस छोटे से स्टेट में बताएं कि हमारे पास से रक्त में प्लेटलेट्स होते हैं जो वायु के संपर्क में आकर अगर की कोई हिस्सा कट जाता है तो वायु के संपर्क में

यह तो प्लास्टिक का निर्माण करेंगे और यह जो हुआ है वह रक्त में उपस्थित प्रोटीन जैसे हम फाइब्रिनोजेन कहते हैं उसके साथ मिलकर के फाइबर इन तत्वों का निर्माण करेगा जो रक्त की कणिकाओं के साथ मिल कर के उसे बांधे रखता है और तक का थक्का बनाता है ठीक है थक्का जमने का कारण क्या हुआ झूठा में निर्माण हुआ है और फाइब्रिनोजेन का जो अभिक्रिया है उसके बाद आईडी नामक तंतु का निर्माण यह होता है रक्त का थक्का जमने का कारण

ब्लड क्लॉट, खून का एक थक्का होता है जिसमें खून अपने तरल रूप की जगह जेल की तरह या अर्धठोस स्थिति में बदल जाता है। वैसे तो खून का थक्का जमना एक आवश्यक प्रक्रिया है जो आपको चोट लगने, कटने या घायल होने पर बहुत अधिक खून बहने से रोक सकती है। ब्लड क्लॉटिंग या खून का थक्का जमने से संबंधित विकार एक ऐसी परिस्थिति है जिसमें शरीर के अंदर मौजूद नसों या रक्त वाहिकाओं के अंदर ही खून का थक्का जमने लगता है। इस तरह का खून का थक्का हमेशा ही अपने आप या प्राकृतिक रूप से घुलकर वापस खून में परिवर्तित नहीं होता। इस तरह की स्थिति बेहद खतरनाक और कई बार जानलेवा भी साबित हो सकती है। 

आमतौर पर एक ऐसा रक्त का थक्का जो गतिहीन नहीं है उससे आपके शरीर को कोई नुकसान नहीं होता, लेकिन इस बात की आशंका भी बनी रहती है कि यह थक्का गतिशील होकर खतरनाक बन जाए। यदि इस तरह का कोई खून का थक्का टूटकर नसों के माध्यम से हृदय, फेफड़े या ब्रेन तक पहुंच जाए तो यह इन अंगों में जाकर अटक सकता है और रक्त के प्रवाह को रोक सकता है। ऐसा होने पर आपातकालीन चिकित्सीय मदद की स्थिति बन जाती है।

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खून का थक्का जमने से संबंधित बीमारी एक और तरह की हो सकती है जिसमें चोट लगने या त्वचा या मांसपेशियों के कटने पर खून का थक्का नहीं जमता और लंबे समय तक लगातार खून बहना जारी रहता है। अगर अंदरूनी अंगों के अंदर बहुत देर तक ब्लीडिंग जारी रहे तो इस कारण भी मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति बन सकती है।

आपने बहुत से लोगों को कहते हुए सुना होगा कि उनके शरीर के किसी भी अंग में सुन्नपन आ जाता है। ऐसा खून के थक्के होने के कारण होता है। खून के थक्के आमतौर पर पैरों की नसों में पाए जाते हैं। हालांकि यह एक बहुत ही आम बीमारी है, लेकिन अनदेखी करने पर जानलेवा भी हो सकती है। जब कोई नस काम करना बंद कर देती है, तो हमारे शरीर में एक चेन रिएक्शंस होता है, जिसके अंत में खून के थक्के जमने लगते हैं। जिससे इनसान का खून बहना बंद हो जाता है और शरीर में खून को जमाने वाले फर्मेन्टर की मात्रा बहुत अधिक हो जाती है।

खून में थक्के क्या हैं- हालांकि खून का थक्का यानी ब्लड क्लॉट अपने आप बनता है और यह सामान्य प्रक्रिया में क्षतिग्रस्त नलिकाओं की मरम्मत करने का भी काम करता है। ऐसा न हो तो चोट लगने पर शरीर में खून का बहाव रोकना बहुत ही मुश्किल हो जाएगा। हमारे प्लाज्मा में मौजूद प्लेटलेट्स और प्रोटीन, चोट की जगह पर रक्त के थक्के का निर्माण करके रक्त के बहाव को रोकते हैं। आमतौर पर चोट के ठीक होने पर खून का थक्का अपने आप घुल जाता है, लेकिन खून के थक्के  न घुलने और लंबे समय तक बने रहने पर सेहत के लिए खतरनाक होता है, जिसके लिए सही जांच एवं उपचार की जरूरत होती है। बिना उपचार लंबे समय तक रहने पर रक्त के थक्के धमनियों या नसों में चले जाते हैं और शरीर के किसी भी हिस्से जैसे आंख, हृदय, मस्तिष्क, फेफड़े और गुर्दे आदि में पहुंचकर उन अंगों के काम को बाधित कर देते हैं।

खून में थक्के के कारण- सारा दिन किसी एक स्थान या दफ्तर में लगातार बैठकर काम करने वालों को खून में थक्के की समस्या होती है। इसके अलावा इसके स्वभाविक कारणों में बुढ़ापा, मोटापा, धूम्रपान की लत, सूजे हुए नस, कोई आपरेशन होने के कारण तथा हार्मोंन असंतुलन के कारण हैं। कुछ मामलों में भी खून में थक्के की समस्या हो सकती है।  शुरुआत में तो इसके लक्षण पता भी नहीं चलते। पैरों में हल्का दर्द और प्रभावित हिस्से का लाल पड़ना, ऐसी कई निशानियां हैं, जिन्हें लोग आम समझकर अनदेखा कर देते हैं।

खून के थक्के की रोकथाम के उपाय- काली चाय यानी ब्लैक टी सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि  काली चाय खून को गाढ़ा बनने से रोकती है, जिस वजह से धमनियों में खून का थक्का जमने से रुकता है। यह नसों में खून के प्रभाव को सरल बनाती है जिस वजह से ब्लड प्रेशर भी नियंत्रित रहता है। अगर आप रोजाना एक सेब या संतरा खाते हैं तो भी आपको खून के थक्के जमने की समस्या से छुटकारा मिल सकता है।  नियमित रूप से व्यायाम करें।  वजन को नियंत्रित करें। फल, सब्जियों और अनाज का सेवन अधिक और नमक और फैट का सेवन कम करें। धूम्रपान छोडं़े और कम मात्रा में शराब का सेवन करें। ब्लड प्रेशर की नियमित जांच करवाएं।

खून जमा होने पर क्या करना चाहिए?

इसके इलाज में खून को पतला करने वाली दवाई एंटीकोग्युलेन्ट (anticoagulants) और दबाव वाले स्टॉकिंग या फुट पम्प जो आपके खून के प्रवाह और किसी भी खून के थक्के को बनने से रोक सकते है, ये सभी विकल्प शामिल होंगे।

शरीर में खून जमने का क्या कारण है?

वसायुक्त अपशिष्ट के वजह से दिमाग की नसों में ब्लड का थक्का बनने लगता है। यह सिर पर चोट लगने या शारीरिक चोट के कारण भी हो सकते हैं जिससे दिमाग पर गहरा असर होता है। चूंकि रक्त के थक्के ऑक्सीजन युक्त रक्त को मस्तिष्क के कुछ हिस्सों तक पहुंचने से रोकते हैं, जिसके वजह से आपको चक्कर आ सकते हैं, भ्रमित हो सकते हैं।

शरीर में खून का थक्का जमने के क्या लक्षण होते हैं?

ब्लड क्लॉटिंग के लक्षण (Blood Clot Symptoms).
स्किन का कलर बदलना - अगर कोई थक्का आपके हाथ या पैर की नसों को बंद कर देता है, तो वह नीले या लाल रंग के दिख सकते हैं. ... .
सूजन- जब कभी भी खून का थक्का आपके शरीर में ब्लड के फ्लो को रोकता या कम करता है तो यह कोशिकाओं में जमने लगता है जिससे इनमें सूजन आने लगती है..

रक्त का थक्का बनने से कौन रोकता है?

विटामिन K की कमी से "रक्त का थक्का नहीं जमता हैं"। विटामिन के वसा में विलेय विटामिन हैं। शरीर में यह विटामिन कुछ प्रकार के प्रोटीनों के पूर्ण संश्लेषण में सहायक होता है जो रक्त को थक्का बनाने में सहायक होते हैं।