अपने ग्रन्थ ‘पोलिटिक्स’ (Politics) में अरस्तू ने राज्य की उत्पत्ति, स्वरूप तथा लक्ष्य के सम्बन्ध में विस्तृत चर्चा करते हुए कहा है कि मनुष्य एक सामाजिक तथा राजनीतिक प्राणी है’ (Man is a Social and Political Animal) | अरस्तु के अनुसार मनुष्य का अस्तित्व और विकास राज्य में ही सम्भव है। तत्कालीन यूनान के सोफिस्टों का मानना था कि राज्य मनुष्य निर्मित कृत्रिम संस्था है, परन्तु अस्तू सोफिस्टों के इस विचार का खण्डन करते हुए राज्य को एक ऐसी स्वाभाविक संस्था मानता है जो एक ऐतिहासिक विकास का परिणाम है। अरस्तू राज्य को एक सावयिक संगठन मानता है और व्यक्ति को उसकी एक इकाई मानता है जिसको राज्य से अलग नहीं किया जा सकता। संक्षेप यह कहा जा सकता है कि अरस्तू ने व्यक्ति को राज्य में मिला दिया है। Show राज्य की उत्पत्ति |