राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल के अध्यक्ष कौन है? - raajasthaan stet opan skool ke adhyaksh kaun hai?

औपचारिक शिक्षा से वंचित बालक-बालिकाएं, युवक-युवतियां तथा किसी भी आयु वर्ग के व्यक्तियों को उच्च माध्यमिक स्तर की शिक्षा उपलब्ध कराने हेतु एक अनूठे प्रयास के रूप में राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल, जयपुर की स्थापना राजस्थान सरकार द्वारा सत्र 2004-05 में की गई है। यह संस्था एक पंजीकृत संस्था है। जिसके संचालन हेतु नीतिगत निर्णय लेने के लिए गठित शासी परिषद के अध्यक्ष, माननीय शिक्षा मंत्री, राजस्थान सरकार तथा नीतिगत निर्णयों की क्रियान्विति के लिए गठित निष्पादक-मण्डल के अध्यक्ष, माननीय प्रमुख शासन सचिव, स्कूल एवं संस्कृत शिक्षा, राजस्थान हैं। राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल सोसायटी का राजस्थान संस्था रजिस्टीकरण 1958 राजस्थान अधिनियम संख्या 28,1958 द्वारा पंजीकरण क्रमान्क 741 जयपुर 2004-05 दिनांक 21.3.05 को किया जा चुका है। पढ़ने के इच्छुक और बेहतर भविष्य बनाने वालों के लिए राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल पढ़ाई का अवसर प्रदान करता है। राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल का लक्ष्य सबके लिए शिक्षा तथा बालिकाओं और महिलाओं, ग्रामीण युवाओं, काम करने वाले पुरूषों एवं महिलाओं, अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति, विकलांगों और अन्य सुविधा वंचित लोगों को शिक्षित करना इसकी विशेष प्राथमिकता है।

राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल
सर्व सुलभ सहज षिक्षा

जीवन एक पाठशाला है और अनुभव उसका शिक्षक है। शिक्षा एक चेतनाभूत नियंत्रित गत्यात्मक सतत प्रक्रिया है। मनुष्य जन्म से लेकर मृत्यु तक कुछ न कुछ सीखता है। सकारात्मक बातों को सीखना शिक्षा है। शिक्षा जीवन व्यवहार सिखाती है तथा जीवन संघर्ष के लिए तैयार करती है। वस्तुतः शिक्षा वह है जो हमें आँख (अन्तर्दृष्टि) व पाँख (क्षमता) दे जो जीवन व जीविका के काम आएं। यहाँ यह भी उल्लेखनीय है कि सिर्फ साक्षरता शिक्षा नहीं है और सूचना ज्ञान नहीं है तथा स्कूल से वंचित रहना शिक्षा से वंचित होना नहीं है। शिक्षा प्राप्ति का एक मात्र साधन स्कूल ही नहीं हैं। महान् शिक्षाविद् इवान इलीच ने तो यहाँ तक कहा है कि मेरी माँ मुझे शिक्षित करना चाहती थी इसलिए उसने मुझे स्कूल नहीं भेजा। इसका तात्पर्य यह नहीं है कि स्कूल संगठन बेमायने हैं बल्कि यह है कि स्कूल के अलावा अनौपचारिक रूप से भी सीखा जा रहा है। सिर्फ स्कूली साक्षरता एक कौशल बनकर रह जाती है जबकि सामाजिक साक्षरता शिक्षा बन जाती है। औपचारिक एवं अनौपचारिक शिक्षा परस्पर संपूर्क है। समाज में मिलने वाली अनौपचारिक शिक्षा व्यक्ति में अपना ज्ञान स्वयं सृजित करने की स्वाभाविक क्षमता को विकसित करती है। सीखना आनन्ददायी एवं सहज बन जाता है।

औपचारिक शिक्षा में जहाँ गुरु के माध्यम से सीखा जाता है वहाँ अनौपचारिक शिक्षा में एकलव्य की तरह अपने प्रयत्न से सीखा जाता है। महात्मा बुद्ध ने कहा है ‘‘अप्प दीपो भव ’’ अर्थात् अपने प्रकाश स्वयं बनो। स्वामी विवेकानन्द ने कहा है कि बालकों को सिखाने और पौधों को उगाने की बात एक ही है। पौधा प्रकृति से विकसित होता है। हम केवल उसके विकसित होने में सहायता कर सकते हैं। हम बालकों को सिखाते हैं यह बात ही सारी गड़बड़ पैदा कर देती है। हमें बालकों के लिए केवल वे संसाधन जुटा देने चाहिए कि वे अपने हाथ, पैर और कान आदि का अपनी बुद्धि से भली प्रकार उपयोग करके स्वयं को सिखा सकें।’

हमारे देश के पूर्व प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू ने 10 नवम्बर, 1963 ई. को शिक्षा मंत्रियों के सम्मेलन में कहा था ‘‘ मैं पूरी तरह इस बात का कायल हूँ कि सर्वसुलभ शिक्षा हमारी प्रथम प्राथमिकता होनी चाहिए बाकी सब चाहे वह उद्योग हो चाहे कृषि या कुछ और जो भी हमारे लिए महत्त्वपूर्ण है, उसका सही ढंग से विकास तभी होगा जब पृष्ठभूमि में व्यापक स्तर पर शिक्षा होगी। ’’ सिर्फ शिक्षा के लिए वातावरण बनाने की आवष्यकता है बाकी बातों के लिए शिक्षा अपने आप वातावरण बना लेगी।

राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल।
अनुभव शिक्षा के खिलते फूल।।

शिक्षा की सर्वसुलभता एवं सहजता के लिए राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल की स्थापना 21 मार्च,  सन् 2005 ई. में की गई। राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल,  स्कूल से बाहर के सीखने के संसाधनों को औपचारिक मान्यता देने की युक्ति है। 10वीं व 12वीं की परीक्षा हेतु न्यूनतम क्रमश : 14 व 15 वर्ष का कोई भी व्यक्ति पंजीयन करवा सकता है। आयु की अधिकतम कोई सीमा नहीं है। पंजीयन राज्य भर के 441 सन्दर्भ केन्द्रों पर करवाया जा सकता है।

विषयों का चयन

कक्षा 10वीं में 15 व 12वीं में 20 विषयों में से किन्ही पाँच विषयों को चयन करने की छूट होती है। आर.एस.ओ.एस. के द्वारा परीक्षा में बैठने के लिए गणित एवं अंग्रेजी विषय की अनिवार्यता नहीं है।

टी.ओ.सी.

अन्य मान्यता प्राप्त बोर्डों से अनुत्तीर्ण होने पर अधिकतम उत्तीर्ण दो विषयों एवं राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल के अभ्यर्थियों के चार विषयों में क्रेडिटों का स्थानान्तरण (टी.ओ.सी.) का लाभ दिये जाने का प्रावधान भी है।

व्यक्तिगत सम्पर्क कार्यक्रम

अध्ययन में आने वाली समस्याओं के निराकरण हेतु विषय विशेषज्ञ के मार्गदर्शन में वर्ष में एक बार 15 दिवसीय (25 दिसम्बर से 8 जनवरी तक) व्यक्तिगत सम्पर्क कार्यक्रमों का आयोजन सभी सन्दर्भ केन्द्रों पर किया जाता है।

सार्वजनिक परीक्षाएँ

एक वर्ष में दो बार परीक्षाएँ अक्टूबर-नवम्बर व मार्च-अप्रेल में होती हैं। एक बार पंजीयन करवाने के पश्‍चात् उत्तीर्ण होने के लिए अभ्यर्थी को 5 वर्ष में 9 अवसर मिलते हैं।

मान्यता

राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल द्वारा जारी 10वीं व 12वीं के प्रमाण-पत्रों को केन्द्र व राज्य सरकार के द्वारा सी.बी.एस.सी., माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान या अन्य बोर्डों के समकक्ष मान्यता प्राप्त है। रेलवे बोर्ड व सेना में भी मान्यता प्राप्त है।

विशेषताएँ

पाठ्यक्रम की सरलता व शिक्षा की सहजता के साथ-साथ परीक्षा का लचीलापन स्टेट ओपन स्कूल की विशेषता है। तनावमुक्त होकर अभ्यर्थी अपनी सुविधा अनुसार परीक्षा उत्तीर्ण कर सकता है। ओपन स्कूल से जुड़कर अभ्यर्थी अपने ज्ञान व अनुभव का सुदृढ़ीकरण व संवर्धन करता है। उसके ज्ञान का प्रमाणीकरण होने पर जहाँ आत्म सन्तोष मिलता है वहीं आत्मविष्वास में भी वृद्धि होती है।

उपलब्धियाँ

राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल में प्रारम्भ से अब तक 3,34,724 अभ्यर्थी इस योजना से जुड़ चुके हैं। गत सत्र 2012-13 में माध्यमिक 54,943 एवं उच्च माध्यमिक 23,391 इस प्रकार कुल 78,334 अभ्यर्थी पंजीकृत हुए।

मेरा भारत जागे
जहाँ मस्तिष्क निर्भीक हो
और मस्तक ऊँचा रहे।
जहाँ ज्ञान स्वतन्त्र हो,
जहाँ अपने घरेलू स्वार्थों की दीवारों से
विश्‍व टुकड़ों में न बँट जाए।
जहाँ शब्द सत्य की गहराई से उभरे,
जहाँ अनवरत परिश्रम से हमारे हाथ
सिद्धि की ओर बढ़ते रहें।
जहाँ बुरे संस्कारों के रेगिस्तान में,
हमारे विवेक का झरना सूख न जाए,
जहाँ मन, वचन, कर्म की उदारता से
हमारा मस्तिष्क सदा अग्रसर रहे।
हे प्रभु, इस स्वतन्त्रता के स्वर्ग में,
मेरा देश जाग्रत हो सके।

- गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर (गीतांजलि के पद का भावानुवाद)

राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल का अध्यक्ष कौन है?

राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल में अब दसवीं और बारहवीं में ब्लॉक स्तर पर टॉपर्स को मीरा व एकलव्य पुरस्कार मिलेगा। इसके अलावा पुरस्कारों की संख्या भी अब दुगुनी कर दी गई है। यह निर्णय शिक्षामंत्री गोविंद सिंह डोटासरा की अध्यक्षता में हुई शाषी परिषद की बैठक में लिया गया।

राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल की क्या मान्यता है?

राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल द्वारा जारी 10वीं व 12वीं के प्रमाण-पत्रों को केन्द्र व राज्य सरकार के द्वारा सी. बी.एस.सी., माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान या अन्य बोर्डों के समकक्ष मान्यता प्राप्त है। रेलवे बोर्ड व सेना में भी मान्यता प्राप्त है।

राजस्थान स्टेट ओपन की परीक्षा 2022 में कब होगी?

राजस्थान ओपन बोर्ड परीक्षा 25 मई 2022 से 26 जून 2022 के बीच होंगी. राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल के सचिव ने 10वीं और 12वीं की ओपन बोर्ड परीक्षा का शेड्यूल पहले ही जारी कर दिया था.

राजस्थान स्टेट ओपन फॉर्म कब भरे जायेंगे 2022

राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल ऑनलाइन RSOS प्रवेश आवेदन पत्र भरने की अंतिम तिथि 27 जून से 16 अगस्त 2022 तक है । जिन छात्रों ने आवेदन शुल्क प्रक्रिया को सफलतापूर्वक भरा है, उनके लिए राजस्थान राज्य ओपन बोर्ड परीक्षा फॉर्म 2022-23 दिखाई देगा । RSOS जयपुर 10वीं और 12वीं परीक्षा फॉर्म 2022 के बारे में अन्य विवरण नीचे दें रखा है ।