खराब ब्लड सर्कुलेशन कैसे ठीक करें? - kharaab blad sarkuleshan kaise theek karen?

ब्लड सर्कुलेशन अगर शरीर में गड़बड़ है तो इससे शरीर में क्या लक्षण उभरते हैं और इसके पीछे क्या कारण हैं, चलिए जानें।

शरीर में ब्लड सर्कुलेशन खराब होने के संकेत-symptoms of poor blood circulation in body

1. हाथ-पैरों का अचानक सुन्न पड़ जाना

2. हाथों और पैरों में झुनझुनी और सुई सी चुभन का होना

3. हाथ और पैर में सूजन का आ जाना

4. मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, अकड़न, चटक या ऐंठन महसूस होना

5. शरीर की नसें त्वचा के ऊपर से नीली या उभरी हुई दिखाई देना

6. हर समय थकान महसूस होना

7. किसी काम में एकाग्र न हो पाना

8. त्वचा के रंग में बदलाव आना

9. कब्ज-गैस और एसिडिटी की शिकायत रहना

10. वैरिकोज वेन्स का होना यानि बड़ी, क्षतिग्रस्त और सूजी हुई नसें पैरों में नजर आती हैं। कई बार इससे पैरों में बेतहाशा दर्द भी होता है। ये वेन्स अक्सर पैरों और पैरों के पंजे पर दिखाई देती हैं।

ब्लड सर्कुलेशन खराब होने की वजह- Cause of Poor Blood Circulation
ब्लड सर्कुलेशन खराब होने की बड़ी वजह कोलेस्ट्रॉल का हाई होना है। जब धमनियों में मोम जैसा लिसलिसा पर्दाथ जमा हो जाता है तो रक्त का संचार प्रभावित होने लगता है। इसक अलवा ब्लड प्रेशर का हाई या लो होना या हीमोग्लोबिन और आयरन की कमी से भी ऐसा होता है। इन बीमारियों के अलावा कई अन्य कारण भी खराब ब्लड सर्कुलेशन का कारण हैं।

⦁ कम पानी पीने की आदत भी ब्लड सर्कुलेशन को प्रभावित करती है।

⦁ लगातार बैठे रहने या एक ही पोजिशन में घंटों काम करना।

⦁ धूम्रपान की आदत भी सर्कुलेशन को गड़बड़ करती है।

⦁ बहुत अधिक स्ट्रेस लेना या फिजिकल एक्टिविटी न करना।

इन बातों का भी रखें खास ख्याल
ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाए रखने के लिए कार्डियो एक्सरसाइज के साथ ब्रीदिंग एक्सरसाज जरूर करें। जितना हो सके खुले वातावरण में रहने की आदत डालें। फेफड़ों को जितनी अच्छी तरह ऑक्सीजन का डोज मिलेगा, सर्कुलेशन उतना बेहतर होगा। भोजन से नानवेज की मात्रा घटाकर अधिक से अधिक फल-सब्जियां शामिल करें। बहुत ज्यादा नमक और तेल-मसालों से भी दूरी बना लें।

डिस्क्लेमर- आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए दिए गए हैं और इसे आजमाने से पहले किसी पेशेवर चिकित्सक सलाह जरूर लें। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने, एक्सरसाइज करने या डाइट में बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।

खराब ब्लड सर्कुलेशन कैसे ठीक करें? - kharaab blad sarkuleshan kaise theek karen?

खराब ब्लड सर्कुलेशन कैसे ठीक करें? - kharaab blad sarkuleshan kaise theek karen?

पैरों के जर‍िए पूरे शरीर को संतुलि‍त रखने में मदद म‍िलती है इसल‍िए पैरों का रक्‍त संचार यानी ब्‍लड सर्कुलेशन (blood circulation) सही होना जरूरी है। पैर में रक्‍त संचार कम होने के कारण पैरों में झुनझुनी, पैरों में सुन्नपन, चुभन जैसा दर्द, पैर की नसों में दर्द और मसल्‍स क्रैम्‍प्‍स आद‍ि लक्षण नजर आ सकते हैं। इन लक्षणों से बचने के ल‍िए आपको पैरों का रक्‍त संचार बढ़ाना होगा। पैरों के रक्‍त संचार में सुधार करने के ल‍िए आप कुछ आसान उपायों को अपना सकते हैं ज‍िनके बारे में हम आगे बात करेंगे। इस व‍िषय पर बेहतर जानकारी के ल‍िए हमने लखनऊ के केयर इंस्‍टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फ‍िजिश‍ियन डॉ सीमा यादव से बात की।   

खराब ब्लड सर्कुलेशन कैसे ठीक करें? - kharaab blad sarkuleshan kaise theek karen?
 

1. नमक की मात्रा कम करें- Reduce Salt Intake 

पैरों में रक्‍त संचार बढ़ाने के ल‍िए नमक की मात्रा कम कर दें। शरीर में सोड‍ियम की मात्रा बढ़ने के कारण धमन‍ियों पर दबाव पड़ता है और ब्‍लड सर्कुलेशन ब‍िगड़ता है। आपको स्‍ट्रीट फूड, पैक्‍ड फूड का सेवन नहीं करना चाह‍िए। इनमें सोड‍ियम की मात्रा ज्‍यादा होती है। शरीर से नमक को बाहर न‍िकालने के ल‍िए आप पर्याप्‍त मात्रा में पानी का सेवन करें। 

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2. रोजाना पैदल चलें- Walk Daily 

शरीर और पैरों में रक्‍त संचार बढ़ाने के ल‍िए आप रोजाना पैदल चलें। आपको 5 से 6 हजार कदम यानी 2 से 3 क‍िलोमीटर चलने से शुरुआत करनी चाह‍िए। धीरे-धीरे आप कदम बढ़ा सकते हैं। वॉक करने से ठीक पहले और बाद में कुछ भी खाने से बचें। शरीर के ल‍िए सुबह टहलना ज्‍यादा फायदेमंद माना जाता है।  

3. पोजीशन बदलते रहें- Change your Position 

पैरों में रक्‍त संचार बढ़ाने के ल‍िए एक ही पोजीशन में ज्‍यादा देर रहने की गलती न करें। ज्‍यादा देर बैठने या खड़े रहने के कारण रक्‍त एक जगह इकट्ठा हो जाता है। घंटे भर से ज्‍यादा एक ही मुद्रा में हैं, तो कुछ म‍िनट चलें। ऑफ‍िस में काम करते समय भी आपको एक ही पोजीशन में बैठे रहने से बचना चाह‍िए। अगर ट्रैवल कर रहे हैं, तो पैरों को सर्कुलर मोशन में घुमाएं। इससे पैरों का रक्‍त संचार बेहतर रहेगा।       

4. वजन कम करने के उपाय- Weight Loss Methods  

पैर में ब्‍लड सर्कुलेशन को बेहतर करने के ल‍िए आपको वजन कम करना चाह‍िए। ज्‍यादा वजन के कारण भी पैर में रक्‍त संचार ब‍िगड़ सकता है। ज्‍यादा वजन के कारण पैर की नसों पर दबाव पड़ता है और दर्द महसूस होता है। वजन कम करने के उपाय की बात करें, तो अपनी डाइट में फाइबर र‍िच फूड्स को शाम‍िल करें। रोजाना वॉक, ब्र‍िस्‍क वॉक, कॉर्ड‍ियो कसरत और जॉग‍िंंग आद‍ि को अपने रूटीन में शाम‍िल करें।

5. सब्‍ज‍ियों का सेवन करें- Eat Vegetables 

शरीर और पैरों में रक्‍त संचार बेहतर करने के ल‍िए आप ताजी सब्‍ज‍ियों का सेवन करें। हरी पत्तेदार सब्जियां खाना ब्‍लड सर्कुलेशन बढ़ाने में मदद करता है पर मॉनसून के दौरान पत्तेदार सब्जियों का सेवन करने से बचें। इस मौसम में हम अन्‍य मौसमी सब्‍ज‍ियां और फलों का सेवन कर सकते हैं। सब्‍ज‍ियों में आयरन की मात्रा अच्‍छी होती है। शरीर में आयरन बढ़ने से रेड ब्‍लड सेल्‍स बढ़ते हैं ज‍िससे रक्‍त संचार में सुधार हो सकता है। 

इन आसान ट‍िप्‍स को अपनाकर आप पैरों का रक्‍त संचार बढ़ा सकते हैं। खराब रक्‍त संचार के लक्षण नजर आने पर डॉक्‍टर से सलाह भी लेनी चाह‍िए। 

ब्लड सरकुलेशन को कैसे ठीक किया जा सकता है?

ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाए टमाटर टमाटर के सेवन से एंजियोटेंसिन कन्वर्टिंग एंजाइम की एक्टिविटी को कम करने में मदद कर सकता है, जो ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने के लिए रक्त वाहिकाओं को संकुचित कर देता है. टमाटर का जूस पीने से ब्लड वेसल्स खुलता है और रक्त का संचार सही तरीके से होता है.

सिर में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाने के लिए क्या करें?

शीर्षासन योग का अभ्यास मस्तिष्क में रक्त के संचार को बढ़ावा देने के साथ तनाव दूर करने और फोकस बढ़ाने में इस योग को काफी फायदेमंद माना जाता है। इस योग के अभ्यास से खोपड़ी में रक्त प्रवाह बढ़ता है जिससे आंखों और बालों को स्वस्थ रखने में विशेष मदद मिल सकती है।

पैरों में खराब ब्लड सर्कुलेशन के लक्षण क्या हैं?

पैरों का सुन्न पड़ना, झुनझुनी, ठंडक या पैरों की त्वचा का पीला पड़ना खराब ब्लड सर्कुलेशन के संकेत हैं.

ब्लड सर्कुलेशन खराब होने के क्या कारण होते हैं?

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक कुछ कारणों के चलते हमारे शरीर में सामान्य ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित हो सकता है। धूम्रपान, उच्च रक्तचाप, मधुमेह और हाई कोलेस्ट्रॉल जैसी समस्याओं को इसका प्रमुख जोखिम कारक माना जाता है। इसके साथ ही लोगों में बढ़ती सेंडेंटरी लाइफस्टाइल के कारण भी ब्लड सर्कुलेशन की समस्या देखी जा रही है।