R45 होम्योपैथिक दवा का उपयोग करता है - r45 homyopaithik dava ka upayog karata hai

Dr. Reckeweg R45 के लाभ - Dr. Reckeweg R45 Benefits in Hindi

Dr. Reckeweg R45 इन बिमारियों के इलाज में काम आती है -

मुख्य लाभ

  • गला बैठना (और पढ़ें - गला बैठ जाने का उपाय और घरेलू नुस्खा)
  • लेरिन्जाइटिस (और पढ़ें - लेरिन्जाइटिस के घरेलू उपाय)

R45 होम्योपैथिक दवा का उपयोग करता है - r45 homyopaithik dava ka upayog karata hai

Dr. Reckeweg R45 की खुराक और इस्तेमाल करने का तरीका - Dr. Reckeweg R45 Dosage & How to Take in Hindi

यह अधिकतर मामलों में दी जाने वाली Dr. Reckeweg R45 की खुराक है। कृपया याद रखें कि हर रोगी और उनका मामला अलग हो सकता है। इसलिए रोग, दवाई देने के तरीके, रोगी की आयु, रोगी का चिकित्सा इतिहास और अन्य कारकों के आधार पर Dr. Reckeweg R45 की खुराक अलग हो सकती है।

दवाई की खुराक बीमारी और उम्र के हिसाब से जानें

आयु वर्ग खुराक
व्यस्क
  • बीमारी: लेरिन्जाइटिस
  • खाने के बाद या पहले: खाने से पहले
  • अधिकतम मात्रा: 15 drop
  • दवा लेने का माध्यम: मुँह
  • आवृत्ति (दवा कितनी बार लेनी है): 3 बार
  • दवा लेने की अवधि: डॉक्टर की सलाह अनुसार
  • अन्य निर्देश: डॉक्टर के निर्देशानुसार
बुजुर्ग
  • बीमारी: लेरिन्जाइटिस
  • खाने के बाद या पहले: खाने से पहले
  • अधिकतम मात्रा: 15 drop
  • दवा लेने का माध्यम: मुँह
  • आवृत्ति (दवा कितनी बार लेनी है): 3 बार
  • दवा लेने की अवधि: डॉक्टर की सलाह अनुसार
  • अन्य निर्देश: डॉक्टर के निर्देशानुसार



Dr. Reckeweg R45 के नुकसान, दुष्प्रभाव और साइड इफेक्ट्स - Dr. Reckeweg R45 Side Effects in Hindi

रिसर्च के आधार पे Dr. Reckeweg R45 के निम्न साइड इफेक्ट्स देखे गए हैं -

हल्का

  • मतली या उलटी
  • दस्त
  • पेट दर्द (और पढ़ें - Homeopathic medicine, treatment and remedies for Stomach Pain)

अज्ञात

  • None

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  • क्या Dr. Reckeweg R45 का उपयोग गर्भवती महिला के लिए ठीक है?


    Dr. Reckeweg R45 के सुरक्षा व हानि करने वाले प्रभावों के विषय में किसी तरह की कोई रिसर्च नहीं हुई है। इसलिए इसे बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता है, आप इस दवा के सेवन से पूर्व अपने डॉक्टर से सलाह लें।

  • क्या Dr. Reckeweg R45 का उपयोग स्तनपान करने वाली महिलाओं के लिए ठीक है?


    जो स्त्रियां स्तनपान कराती हैं उनके ऊपर Dr. Reckeweg R45 का क्या असर होगा इस विषय पर कोई शोध नहीं की गई है, इसके चलते पूर्ण जानकारी मौजूद नहीं है। दवा को लेते समय डॉक्टर की राय लेना जरूरी।

  • Dr. Reckeweg R45 का प्रभाव गुर्दे पर क्या होता है?


    Dr. Reckeweg R45 का किडनी पर कोई दुष्प्रभाव नहीं होता।

  • Dr. Reckeweg R45 का जिगर (लिवर) पर क्या असर होता है?


    लीवर के लिए Dr. Reckeweg R45 हानिकारक नहीं होती, आप इसे बिना डॉक्टर कि सलाह के ले सकते हैं।

  • क्या ह्रदय पर Dr. Reckeweg R45 का प्रभाव पड़ता है?


    हृदय पर Dr. Reckeweg R45 का कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है।



इन बिमारियों से ग्रस्त हों तो Dr. Reckeweg R45 न लें या सावधानी बरतें - Dr. Reckeweg R45 Contraindications in Hindi

अगर आपको इनमें से कोई भी रोग है तो, Dr. Reckeweg R45 को न लें क्योंकि इससे आपकी स्थिति और बिगड़ सकती है। अगर आपके डॉक्टर उचित समझें तो आप इन रोग से ग्रसित होने के बावजूद Dr. Reckeweg R45 ले सकते हैं -

  • हाइपरकलेमिया
  • गुर्दे की बीमारी
  • हृदय रोग
  • कैल्शियम की कमी


Dr. Reckeweg R45 का उपयोग कैसे करें?



Dr. Reckeweg R45 से जुड़े सुझाव।



Dr. Reckeweg R45 के सारे विकल्प देखें - Substitutes for Dr. Reckeweg R45 in Hindi

  • Dr. Reckeweg R45 Illnesses Of The Larynx Drop - ₹242

इस जानकारी के लेखक है -

R45 होम्योपैथिक दवा का उपयोग करता है - r45 homyopaithik dava ka upayog karata hai

R45 होम्योपैथिक दवा का उपयोग करता है - r45 homyopaithik dava ka upayog karata hai

मूल-तत्व: अर्जेण्टम नाइट्रिकम D12, आर्निका D30, ऑरम मैकूलेटम D12, कैल्शियम कार्ब हैनम D30, फॉस्फोरस D30.
लक्षण: गले की खराश अथवा बैठा हुआ गला – जैसा अक्सर गायकों, अभिनेताओं, शिक्षकों तथा वक्ताओं को प्रभावित करता है। कंठनली का नज़ला, साथ में घाव की अनुभूति।
कंठनली के तपेदिक तथा तंत्रिका संबंधी विकारों, जैसे गले के अन्दर हवा का गोला उठने (Hysterical ball) जैसी अवस्था में इसको अतिरिक्त दवा के रूप में प्रयोग किया जा सकता है तथा इन्फ्लुएंजा में पूरक दवा के रूप में।

क्रिया विधि: अर्जेण्टम नाइट्रिकम: कंठनली के नजले तथा स्वर-रज्जुओं की खारिश को कम करता है, जो स्वर पर अनावश्यक रूप से अधिक दबाव देने के कारण होता है। कण्ठनली में श्लेष्मा पर विशिष्ट क्रिया, कण्ठनली की पीड़ा और स्वरभंगता को कम करती है (गायकों, शिक्षकों, अभिनेताओं व वक्ताओं आदि के लिए)।
आर्निका: स्वर-रज्जुओं (Vocal Chords) पर पड़ने वाले अनावश्यक दबाव तथा क्षतिग्रस्त प्रभाव को नष्ट करती है, और शोथ को नियंत्रित करती है।
ऑरम मैकूलेटम: घाव की संवेदना को कम करती है, कण्ठनली की कठोरता तथा मुख के आसपास सर्दी की स्थितियों को कम करती है। कैल्शियम कार्ब हैनम: गले की खराश (पीड़ारहित) के लिये विशिष्ट रूप से वर्णित, साथ ही नाड़ियो के पक्षाघात में भी प्रयोग होता है।
इस दवा का त्वरित और स्थायी प्रभाव होता है और उपरलिखित पेशे के लोगों में इसे सर्वाधिक उपयोगी औषधियों में से एक औषधि माना जाता है। लम्बे समय तक इसका प्रयोग करने से स्वरयंत्र की रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ती है।

खुराक की मात्रा: लंबे उपचार के लिये प्रतिदिन तीन बार भोजन के पूर्व थोड़े पानी में १०-१५ बूँदें। गले की खराश तथा आवाज पर अनावश्यक जोर पड़ने पर बार-बार इसकी खुराक लेनी चाहिये : प्रत्येक ५-१०-१५ मिनट पर १०-१५ बूँदें।

टिप्पणी: अनुमोदित, पूरक उत्पाद :
R 43 : दमें की स्थिति में।
R 48, तपेदिक और कण्ठनली या फेफड़े के दूसरी श्रेणी के (secondary) तपेदिक में।
R51, नेत्रोत्सेधी गलगण्ड रोग (Basedow’s disease) में।
R 47, वायुगोला होने पर (Hysterical ball) (कण्ठनली की सर्दी की अत्यधिक जटिलता की स्थिति) में।

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होम्योपैथिक दवाई कितने दिन में असर करती हैं?

#7) होम्योपैथिक दवा कितनी देर में असर करती हैं ? यह निर्भर करता है कि मरीज का रोग एक्यूट है या क्रॉनिक। एक्यूट रोगों में यह 5 से 30 मिनट और क्रॉनिक बीमारियों में यह 5 से 7 दिन में असर दिखाना शुरू करती है।

होम्योपैथिक दवा ज्यादा खाने से क्या होता है?

3 . होम्योपैथ का साइड इफेक्ट ये भी है कि डॉक्टर की दी गई दवाओं का सेवन अगर निश्चित समय से ज्यादा सीमा तक किया जाए तो इसका ओवरडोज भी आपको नुकसान पहुंचा सकता है। इस वजह से आपके पेट में इंफेक्शन व अन्य परेशानियां भी हो सकती हैं।

क्या होम्योपैथिक दवाओं के कोई साइड इफेक्ट होते हैं?

इस विधा में अंग्रेजी दवाओं की तुलना में कुछ समय तो लगता है लेकिन रोग का समूल नाश हो जाता है। साथ ही किसी तरह का साइड इफेक्ट भी नहीं होता। यह बात होम्योपैथिक चिकित्सक डा. प्रदीप त्रिवेदी ने जागरण प्रश्न पहर में पाठकों के सवालों का जवाब देते हुए बताई।

होम्योपैथिक दवा कैसे खाएं?

होमियोपैथी की दवाओं को हाथ से नहीं छुना चाहिए क्योंकि इससे इसका असर कम हो जाता है। इसका सेवन करने का सबसे अच्छा तरीका है की इसे सीधे शीशी से ही खाया जाय या ढ़क्कन में निकाल कर सीधे मुंह में डाल लें। वैसे तो कोई भी दवा खाने के बाद खाने के बाद या पहले खाने की सलाह दी जाती है।