प्याज और लहसुन का रस पीने से क्या होता है?

आयुर्वेद में प्याज और लहसुन को क्यों कहा गया है तामसिक और राजसिक, पढ़ें

Sakshi Pandya | नवभारत टाइम्स | Updated: Jun 23, 2020, 12:57 PM

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आयुर्वेद: क्या आपके मन में भी यह सवाल आया है कि प्याज और लहसुन को तामस और राजस गुण में क्यों रखा गया है? इस पोस्ट में जानें कि स्वस्थ जीवन के लिए इन दोनों से दूर रहने को क्यों कहा जाता है?

प्याज और लहसुन का रस पीने से क्या होता है?

हम अक्सर अपने खाने को मीठा, तीखा, चटपटा यानी कि स्वाद के आधार पर पसंद करते हैं।आयुर्वेद में भी खाने को इसी आधार पर मतलब 6 अलग स्वाद के आधार पर बांटा गया है। इसे मीठा, खट्टा, नमकीन, तीखा, कड़वा और कसैला स्वाद के आधार पर बांटा जाता है। हालांकि, अगर प्राचीन चिकित्सीय थ्योरी पर ध्यान दिया जाए तो प्याज और लहसुन को तामसिक और राजसिक प्रवृति का माना गया है। इन दोनों ही तरह के खाने से दूर रहने की सलाह दी जाती है। जबकि प्याज और लहसुन दोनों का ही इस्तेमाल सिर्फ भारतीय खाने में ही नहीं, बल्कि अलग-अलग देशों के कई तरह के खानों में इनका इस्तेमाल होता है।
क्या आपके मन में भी यह सवाल आया है कि इन दोनों को तामस और राजस गुण में क्यों रखा गया है? इस पोस्ट में जानें कि स्वस्थ जीवन के लिए इन दोनों से दूर रहने को क्यों कहा जाता है?क्या आपके मन में भी यह सवाल आया है कि इन दोनों को तामस और राजस गुण में क्यों रखा गया है? इस पोस्ट में जानें कि स्वस्थ जीवन के लिए इन दोनों से दूर रहने को क्यों कहा जाता है?

आयुर्वेद में कितने प्रकार का होता है खाना?
आयुर्वेद के अनुसार, खाने के स्वाद और क्वालिटी के आधार पर इन्हें सात्विक, राजसिक और तामसिक प्रवृति के आधार पर बांटा जाता है। यूं तो आयुर्वेद के अनुसार, प्याज और लहसुन एक ही फैमिली से हैं, लेकिन इनके गुण में अंतर है। प्याज को तामसिक और लहसुन को राजसिक में उनके स्ट्रांग फ्लेवर और स्वाद के आधार पर बांटा गया है। इससे शरीर में ताप बढ़ता है। यह भी माना जाता है कि ये खाद्य पदार्थ शरीर में शामक प्रभाव को उत्तेजित कर सकते हैं।


तामसिक और राजसिक खाना क्या होता है?

प्याज और लहसुन का रस पीने से क्या होता है?


प्याज और लहसुन दोनों ही जड़ों से संबंधित सब्जियां हैं। इनमे मौजूद तत्व भी लगभग एक समान हैं। । इन दोनों में ही एलियम नाम का तत्व मौजूद होता है। इन दोनों में ही चिकित्सीय तत्व भी मौजूद हैं। लेकिन फिर भी इन्हें डार्क फूड यानी कि तामसिक खाने की श्रेणी में रखा जाता है। तामसिक खाना शरीर में यौन उत्तेजना को बढ़ाता है। इसके अलावा, कुछ आयुर्वेदिक विशेषज्ञों के अनुसार, प्याज को इसलिए नहीं खाना चाहिए क्योंकि इससे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। हालांकि, लहसुन के अर्क को कई दवाइयों में इस्तेमाल किया जाता है इसलिए इसके गुणों के आधार पर इसे राजसिक की श्रेणी में रखा गया है।

प्याज और लहसुन के फायदे

प्याज और लहसुन का रस पीने से क्या होता है?


प्याज और लहसुन के कई फायदे हैं। इन्हें रोजाना खाने से इम्युनिटी सिस्टम मजबूत होता है और यह आपको कई बीमारियों से बचाता है। आयुर्वेद के अनुसार, तामसिक और राजसिक की श्रेणी में आने के बावजूद इनके अर्क का इस्तेमाल कई दवाइयां बनाने के लिए किया जाता है। इनमें मौजूद चिकित्सीय गुणों जैसे एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल और एंटी-वायरल के चलते यह शरीर में ब्लड-शुगर स्तर को कंट्रोल करते हैं। यह दिल की सेहत का भी ख्याल रखते हैं। मौसम के साथ होने वाले वायरल या फ्लू से बचाने में भी यह बहुत काम आते हैं।

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सीमित मात्रा में खाएं प्याज और लहसुन, होंगे फायदे ही फायदे

टाइम्स न्यूज नेटवर्क | Updated: Aug 12, 2019, 12:00 PM

आयुर्वेद कहता है कि प्याज और लहसुन कभी भी अत्यधिक मात्रा में नहीं खाने चाहिए क्योंकि इनसे शरीर में अत्यधिक गर्मी पैदा होती है और स्वास्थ्य संबंधी कई परेशानियां घेर लेती हैं।

प्याज और लहसुन का रस पीने से क्या होता है?

प्याज और लहुसन सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं और यही वजह है कि इन्हें सुपरफूड्स माना जाता है। ये न सिर्फ खाने का जायका बढ़ाते हैं बल्कि सेहत का भी ख्याल रखते हैं। प्याज और लहसुन भोज्य पदार्थों को एक अभिन्न हिस्सा बन चुके हैं। सब्जी से लेकर कटलेट, पकोड़े या फिर सूप में प्याज और लहसुन का खूब इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आयुर्वेद इन दोनों ही चीजों के इस्तेमाल की कम से कम सलाह देता है।आयुर्वेद के अनुसार, प्याज और लहुसन को ब्लड प्यूरिफायर माना जाता है। और तो और लहसुन का प्रयोग कई आयुर्वेदिक औषधियों के निर्माण में भी किया जाता है। लेकिन आयुर्वेद इन दोनों की चीजों के अत्यधिक इस्तेमाल को सही नहीं मानता है। ऐसा इसलिए क्योंकि आयुर्वेद प्याज को तामसिक और लहुसन को राजसिक मानता है। तामसिक श्रेणी की खाद्य चीजों से लोगों को चिड़चिड़ाहट महसूस होती है, जबकि लहसुन की वजह से एनर्जी कम हो जाती है और ढंग से नींद भी नहीं आती।

आयुर्वेद में खाने-पीने की चीजों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है- सात्विक, तामसिक और राजसिक। आयुर्वेद के अनुसार, चूंकि प्याज और लहुसन तामसिक और राजसिक कैटिगरी में आते हैं, इसलिए ये शरीर में अत्यधिक गर्मी पैदा कर देते हैं।

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प्याज और लहसुन खाने के फायदे
माना कि हमारे शरीर को गर्मी यानी ताप की भी जरूरत होती है लेकिन अत्यधिक गर्मी की वजह से स्वास्थ्य संबंधी अन्य परेशानियां हो सकती हैं। हालांकि प्याज और लहसुन खाने के कुछ फायदे भी हैं, जो आयुर्वेद ने बताए हैं। ये फायदे हैं:

1- आयुर्वेद में प्याज और लहसुन को औषधि माना जाता है। लहसुन-प्याज में एलियम होता है जो फ्री रेडिकल्स का सामना करने का ताकतवर हथियार है।

2- केवल एजिंग का सामना करते हैं बल्कि शरीर के इम्यून सिस्टम की मजबूती भी बढ़ाते हैं।

3- प्याज और लहसुन में ऐंटी-फंगल, ऐंटी-बैक्टीरियल और ऐंटी-वायरल प्रॉपर्टीज होती हैं। इसके अलावा लहसुन हाई ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद करता है।

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4- लहुसन वजन कम करने में भी मदद करता है। जो लोग बढ़ते वजन से परेशान हैं उन्हें रोजाना लहसुन की एक कली रोजाना खाली पेट चबानी चाहिए।

5- वहीं प्याज शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालने में मदद करता है, पाचन क्रिया सही रखता है और सर्दी-जुकाम ठीक करने में मदद करता है।

ध्यान दें: पित्त दोष वाले लोगों को प्याज और लहसुन का सेवन नहीं करना चाहिए।

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लहसुन और प्याज का रस पीने से क्या होता है?

हर दिन सुबह से लहसुन की दो कलियां खाने से शरीर में एसिड नहीं बनता है, जिससे सिरदर्द और तनाव की परेशानी दूर रहती है. वहीं अगर आप सलाद में प्याज का सेवन कर करते हैं तो आपकी सेक्स ड्राइव बढ़ सकती है. एक रिसर्च के अनुसार प्याज का इस्तेमाल यौन क्षमता को बढ़ाने के लिए भी किया जाता है.

प्याज खाने से शुक्राणु बढ़ते हैं क्या?

प्याज में भारी मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट मौजूद होता है. एंटीऑक्‍सीडेंट नेचुरल तरीके से स्पर्म काउंट (sperm count) को बढ़ाने में मदद करता है. जिन पुरुषों को स्पर्म काउंट से संबंधित समस्या है, उन्हें प्याज के रस का सेवन करना चाहिए. डॉ.

प्याज और लहसुन क्यों नहीं खाना चाहिए?

वेद शास्त्रों के अनुसार,लहसुन और प्याज जैसी सब्जियां जुनून,उत्तेजना को बढ़ावा देती हैं और आध्यात्म के मार्ग पर चलने से रोकती हैं इसलिए इनका सेवन नहीं करना चाहिए। वहीं आयुर्वेद के मुताबिक,फ़ूड प्रोडक्ट्स को तीन कैटेगरीज में बांटा जाता है। सात्विक,राजसिक और तामसिक जिनमें सात्विक खाना:शांति,पवित्र माना जाता है।

प्याज अदरक लहसुन का रस पीने से क्या होता है?

प्याज और अदरक का रस पीने से शरीर में खून की कमी भी दूर हो सकती है। इसके अलावा अदरक शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को भी बेहतर करता है। कच्चे प्याज का रस एनीमिया की शिकायत हो दूर करने में प्रभावी है। अगर आपके शरीर में खून की कमी है, तो अदरक और प्याज का रस आपके लिए फायदेमंद हो सकता है।