पथरी के लिए सबसे अच्छी दवा कौन सी है? - patharee ke lie sabase achchhee dava kaun see hai?

खुशखबरी: किडनी की पथरी के लिए हर्बल दवा विकसित की गई, जानें डिटेल्स...

kidney stones (File photo)

Kidney Stones: नेशनल बोटानिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (एनबीआरआई) और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टॉक्सिकोलॉजी रिसर्च (आईआईटीआर) ने एक मूत्र रोग विशेषज्ञ सलिल टंडन के साथ मिलकर किडनी की पथरी को खत्म करने के लिए एक हर्बल दवा विकसित की है.Also Read - 'छोटा पैकेट, बड़ा धमाल', ये नन्ही-मुन्नी पत्तियां बना देंगी स्लिम ड्रिम, करती हैं सारे मर्ज का इलाज़

नई दवा का नाम यूआरओ-05 है जो किडनी से पथरी को हटाने के लिए नॉन-इन्वेंसिव विकल्प प्रदान करती है. पांच साल के शोध के माध्यम से लागत प्रभावी दवाओं को विकसित किया गया है. Also Read - Lukewarm Water: क्यों आपको रोज पीना चाहिए गुनगुना पानी? शोधों में क्या बताए गए हैं फायदे यहां जानिये

संस्थान के 67वें वार्षिक दिवस को चिह्न्ति करते हुए मंगलवार को उत्पादन के लिए दवा की तकनीक को एनबीआरआई को हस्तांतरित किया गया. Also Read - क्या आप भी पीते हैं जीरे का पानी? पाचन विकार ही नहीं, स्किन और डायबिटीज में भी है लाभकारी

यह दवा मौखिक रूप से दी जाएगी और यह उत्पादन के लिए तैयार है, वहीं यह छह महीने के भीतर बाजार में उपलब्ध होगी.

इस दवा का क्लिनिकल परीक्षण किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) में किया गया था और अब तक के परीक्षण काफी उत्साहजनक रहे हैं.

दवा को एक सेंटीमीटर पथरी के आकार तक प्रभावी पाया गया है. टंडन ने कहा कि प्रारंभिक परिणामों से पत्थर के आकार में लगभग 75 प्रतिशत की कमी हुई है, वहीं इसका कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं नजर आया.

आईआईटीआर ने विषाक्तता को लेकर दवा की जांच की है और इसे लेने का कोई बड़ा दुष्प्रभाव नहीं पाया है.

दवा गंगा के मैदान में पाए जाने वाले पांच पौधों से तैयार की जाती है. यही नहीं, इसमें प्रयोग होने वाली वनस्पति भी प्रचूर मात्रा में उपलब्ध है, जिसके कारण दवाओं के निर्माण के लिए कच्चे माल की कोई समस्या नहीं होगी.

वैज्ञानिकों का दावा है कि हर्बल दवा पथरी के लिए दी जाने वाली एलोपैथिक दवा टेम्सुलोसिन जितनी ही प्रभावी है. साथ ही, हर्बल होने के कारण इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है.
(एजेंसी से इनपुट)

ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें. India.Com पर विस्तार से पढ़ें हेल्थ समाचार की और अन्य ताजा-तरीन खबरें

Topics:
health newsHerbal Medicineskidney diseaseskidney stones

Published Date: October 30, 2020 11:25 PM IST

अगर आप गुर्दे की पथरी के दर्द से परेशान हैं तो आप के लिए एक अच्छी खबर है. एक नए अध्ययन के मुताबिक, ल्यूकेमिया और मिर्गी के लिए स्वीकृत दवाओं की एक श्रेणी, गुर्दे की पथरी के लिए भी प्रभावी हो सकती है. ये दवाएं स्टोन डिसेटाइलेज इनहिबिटर्स या एचडीएसी इनहिबिटर्स हैं.

शोधकर्ताओं ने पाया कि इन दवाओं में से दो दवाएं- वोरिनोस्टेट और ट्रिचोस्टेटिन ए, मूत्र में कैल्शियम और मैग्नीशियम की मात्रा कम करती हैं. कैल्शियम और मैग्नीशियम दोनों ही गुर्दे की पथरी के मुख्य घटक हैं.

वाशिंगटन विश्वविद्यालय के सेंट लुईस स्थित स्कूल ऑफ मेडिसिन में मेडिसिन साइंस के सहायक प्रोफेसर जियांघुई होउ ने बताया, ‘हमें उम्मीद है कि दवाओं की इस श्रेणी से गुर्दे की पथरी गलाई जा सकती है, क्योंकि यह कैल्शियम और मैग्नीशियम कम करने में प्रभावी है और गुर्दे की कोशिकाओं के लिए विशेष है.’

शोधकर्ताओं ने एक चूहे पर ल्यूकेमिया में प्रयोग की जाने वाली दवा का प्रयोग किया और बिना किसी दुष्प्रभाव के इसके आश्चर्यजनक प्रभाव देखे. कुछ लोगों में आनुवांशिक तौर पर गुर्दे की पथरी की समस्या होती है और उनके मूत्र में स्वाभाविक तौर पर कैल्शियम ज्यादा होता है.

आमतौर पर डॉक्टर शरीर से पथरी निकालने के लिए ज्यादा पानी पीने की सलाह देते हैं. लेकिन चूहे पर किए गए इस नए अध्ययन में होउ और उनके साथियों देखा कि वोरिनोस्टेट की छोटी सी खुराक ने मूत्र में 50 फीसदी तक कैल्शियम और 40 फीसदी तक मैग्नीशियम कम कर दिया.

ट्रिचोस्टेटिन के लिए भी ऐसे ही परिणाम देखे गए. होउ ने बताया, ‘अब हम गुर्दे की पथरी के मरीजों पर इन दवाओं का टेस्ट करना चाहते हैं.’ यह शोध ‘जर्नल ऑफ द अमेरिका सोसाइटी ऑफ निफ्रोलॉजी’ में ऑनलाइन प्रकाशित किया गया.

जानिए कोनसी है यह चमत्कारी दवा

ये कुछ और नहीं ये है गुडहल के फूलों का पाउडर अर्थात इंग्लिश में कहें तो ( Hibiscus powder ) । ये पाउडर बहुत आसानी से पंसरी से मिल जाता है। अगर आप गूगल पर Hibiscus powder नाम से सर्च करेंगे तो आपको अनेक जगह ये पाउडर ( online ) मिल भी जायेगा और जब आप इसको मंगवाए तो इसको देखिएगा ( organic hibiscus powder ) क्योंकि आज कल बहुत सारी कंपनिया organic भी ला रहीं हैं तो वो बेस्ट रहेगा। कुल मिलाकर बात ये है के इसकी उपलबध्ता बिलकुल आसान है।

इस्तेमाल की विधि

गुडहल का पाउडर एक चम्मच रात को सोते समय खाना खाने के कम से कम एक डेढ़ घंटा बाद गर्म पानी के साथ फांक लीजिये। ये थोडा कड़वा ज़रूर होता है, जिसे आपको बर्दाश्त करना होगा। इसे खाने के बाद आप कुछ भी खाना पीना नहीं करेंगे, यह समझ लीजिए कि, इसके बाद सिर्फ सोना ही है।

मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में रहने वाली पथरी के दर्द से पीड़ित सतीष मिश्रा ने बताया कि, उन्होंने भी इस दवा का सेवन किया है। उन्होंने बताया कि, उनके स्टोन का साइज़ काफी बड़ा था, इसलिए उन्हें पहले दो दिन रात को ये पाउडर लेने के बाद सीने में अचानक बहुत तेज़ दर्द हुआ, उनको ऐसा लगा मानो जैसे हार्ट अटैक आ जायेगा। मगर वो दर्द था उनके स्टोन के टूटने का। जो दो दिन बाद होना बंद हो गया और 5 दिनों बाद मानो उन्हे पथरी जैसे थी ही नहीं। आज इस दवा का सेवन हड़ारों लोग कर रहे हैं।

पथरी गलाने की कौन सी दवा है?

नई दवा का नाम यूआरओ-05 है जो किडनी से पथरी को हटाने के लिए नॉन-इन्वेंसिव विकल्प प्रदान करती है. Kidney Stones: नेशनल बोटानिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (एनबीआरआई) और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टॉक्सिकोलॉजी रिसर्च (आईआईटीआर) ने एक मूत्र रोग विशेषज्ञ सलिल टंडन के साथ मिलकर किडनी की पथरी को खत्म करने के लिए एक हर्बल दवा विकसित की है.

पथरी के दर्द को तुरंत कैसे रोके?

पथरी में तुरंत राहत पहुंचाते हैं ये घरेलू नुस्खे, किडनी स्टोन की....
अधिक से अधिक पानी का सेवन आपको ये बात तो जरूर पता होगी कि मानव शरीर में 70 फीसदी पानी है। ... .
जैतुन का तेल और नींबू का रस ... .
सेब का सिरका ... .
अनार का सेवन.

पथरी को जड़ से खत्म करने के लिए क्या करना चाहिए?

अश्वगंधा की जड़ों का गुनगुना रस पीने से पथरी का दर्द कम होता है। अश्वगंधा की जड़ों का रस और आंवला के फ लों का रस समान मात्रा में आधा आधा कप लिया जाए तो मूत्राशय और मूत्र मार्ग में पेशाब करते समय जलन की शिकायत खत्म हो जाती है और माना जाता है कि यह पथरी को गलाकर पेशाब मार्ग से बाहर भी निकाल फेंकता है।

बिना ऑपरेशन पथरी कैसे निकाले?

किडनी से स्टोन निकालने के लिए चीरफाड़ जरूरत नहीं होगी। अब आईजीएमसी में किडनी स्टोन बिना चीरफाड़ के निकाली जाएगी। आईजीएमसी में एक्स्ट्राकापोरियल शॉक वेब लिथोट्रिप्सी (ईएसडब्लूएल) से किडनी की पथरी का उपचार होगा। इसके लिए आईजीएमसी में दो करोड़ की लिथोट्रिप्सी लगेगी।