हमारे शरीर को स्वस्थ रहने और बेहतर तरीके से काम करने के लिए पर्याप्त मात्रा में पोषण की जरूरत होती है। यह पोषण आपको वृहद पोषक तत्व (मैक्रोन्यूट्रिएंट्स) जैसे- वसा, कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन से मिलता है जबकि सूक्ष्म पोषक तत्व (माइक्रोन्यूट्रिएंट्स) जैसे- विटामिन, मिनरल्स और एमिनो एसिड भी आपकी बेहतर सेहत बनाए रखने में अहम भूमिका निभाते हैं। इन सूक्ष्म पोषक तत्वों का शरीर में प्राकृतिक रूप से उत्पादन नहीं होता इसलिए आपको अपने आहार के माध्यम से इन्हें लेना पड़ता है। Show
जब शरीर को पर्याप्त मात्रा में पोषण नहीं मिल पाता या जब शरीर जरूरी मात्रा में पोषक तत्वों को सही तरीके से अवशोषित नहीं कर पाता तो ऐसी स्थिति को पोषण की कमी कहा जाता है। पोषण की कमी की वजह से सेहत से जुड़ी कई तरह की समस्याएं और बीमारियां हो सकती हैं। इसमें पाचन से जुड़ी बीमारी, त्वचा से जुड़ी बीमारी, हड्डियों का त्रुटिपूर्ण विकास और डिमेंशिया आदि। वैसे तो पोषण की कमी एक वैश्विक समस्या है लेकिन दुनियाभर की सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी वाली करीब आधी आबादी भारत में ही रहती है।
जानिए किस पोषक तत्व का क्या है काम और उसकी कमी के लक्षणलखनऊ। जिस तरह से हर व्यक्ति को पोषक तत्वों की जरूरत होती है, उसी तरह से पौधों को भी अपनी वृद्धि, प्रजनन, तथा विभिन्न जैविक क्रियाओं के लिए कुछ पोषक तत्वों की जरूरत होती है। इन पोषक तत्वों के न मिल पाने से पौधों की वृद्धि रूक जाती है यदि ये पोषक तत्व एक निश्चित समय तक न मिलें तो पौधा सूख जाता है। वैज्ञानिक परीक्षणो के आधार पर 17 तत्वों को पौधो के लिए जरूरी बताया गया है, जिनके बिना पौधे की वृद्धि-विकास तथा प्रजनन आदि क्रियाएं सम्भव नहीं हैं। इनमें से मुख्य तत्व कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटाश है। नाइट्रोजन, फास्फोरस तथा पोटाश को पौधे अधिक मात्रा में लेते हैं, इन्हें खाद-उर्वरक के रूप में देना जरूरी है। इसके अलावा कैल्सियम, मैग्नीशियम और सल्फर की आवश्यकता कम होती है अतः इन्हें गौण पोषक तत्व के रूप मे जाना जाता है इसके अलावा लोहा, तांबा, जस्ता, मैंग्नीज, बोरान, मालिब्डेनम, क्लोरीन व निकिल की पौधो को कम मात्रा में जरूरत होती है। ये भी पढ़ें : धान की फ़सल को रोगों और खरपतवार से बचाएं, पैदावार बढ़ाएं1- नत्रजन के प्रमुख कार्य
ये भी पढ़ें : खरीफ के मौसम में प्याज की खेती करना चाहते हैं तो इन बातों का रखें ध्याननत्रजन-कमी के लक्षण
ये भी पढ़ें : किसान पेठा कद्दू की खेती से कमा सकते हैं अच्छा मुनाफा2- फॉस्फोरस के कार्य
ये भी पढ़ें : कम पानी में धान की अच्छी पैदावार के लिए किसान इन किस्मों की करें बुवाईफॉस्फोरस-कमी के लक्षण
ये भी पढ़ें : अधिक मुनाफे के लिए करें फूलगोभी की अगेती खेती3- पोटैशियम के कार्य
पोटैशियम-कमी के लक्षण
ये भी पढ़ें : जानिए किसान अच्छी पैदावार के लिए किस महीने में करें किस सब्ज़ी की खेती4- कैल्सियम के कार्य
कैल्सियम-कमी के लक्षण
5- मैग्नीशियम के कार्य
मैग्नीशियम-कमी के लक्षण
6 गन्धक (सल्फर) के कार्य
गन्धक-कमी के लक्षण
7- लोहा (आयरन) के कार्य
लोहा-कमी के लक्षण
8- जस्ता (जिंक) के कार्य
जस्ता-कमी के लक्षण
9- ताँबा (कॉपर ) के कार्य
ताँबा-कमी के लक्षण
10- बोरान के कार्य
बोरान-कमी के लक्षण
11- मैंगनीज के कार्य
मैंगनीज-कमी के लक्षण
12- क्लोरीन के कार्य
क्लोरीन-कमी के लक्षण
13- मालिब्डेनम के कार्य
मालिब्डेनम-कमी के लक्षण
Next Story पोषक तत्त्व की कमी से कौन कौन से रोग होते हैं?अगर शरीर को भरपूर मात्रा में पौष्टिक तत्व न मिले तो कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्यायें होने लगती हैं। इसकी कमी से त्वचा की समस्या, अपच, बालों का गिरना, कमजोरी, आंखों की रोशनी कम होना, भूलने की समस्या जैसी कई समस्यों होने लगती हैं। अगर इसकी कमी है तो शरीर खुद बता है।
पोषक तत्वों की कमी को कैसे पहचानें?आमतौर पर जब शरीर में किसी पोषक तत्व की कमी होती है, तो शरीर में कई तरह के बदलाव नजर आने लगते हैं. जैसे विटामिन B12 की कमी के कारण त्वचा का पीला पड़ना या कैलशियम की कमी से नाखूनों का टूटना शरीर में पोषक तत्वों की कमी की ओर इशारा करते हैं. इसके अलावा किसी बीमारी की वजह से भी शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो सकती है.
पोषण की कमी को कैसे दूर करें?आहार में नियमित तौर पर डेयरी उत्पादों को शामिल करें। डेयरी उत्पादों से भरपूर मात्रा में विटामिन ए, डी, ई और के मिलता है। इसी तरह अनाज को हमेशा सब्जियों के साथ मिलाकर खाएं। फल, सब्जियां, साबुत दालें व साबुत अनाज को अपने भोजन में शामिल करें, इससे शरीर को पर्याप्त फाइबर मिलेगा।
पोषण की कमी से क्या होता है?शरीर में आवश्यक विटामिन और खनिजों की कमी शरीर के स्वस्थ कामकाज को प्रभावित कर सकती है जिसके परिणामस्वरूप एनीमिया, कम प्रतिरक्षा, कमजोरी, थकान, अस्वस्थ त्वचा, बालों का झड़ना और कमजोर नाखून जैसे लक्षण पोषण की कमी कहलाते हैं।
|