पुरुष में उत्तेजना व स्खलन के दौरान मूत्रमार्ग से निकलने वाले तरल द्रव को वीर्य कहा जाता है. यह प्रोस्टेट ग्रंथि और अन्य पुरुष प्रजनन अंगों से शुक्राणु व तरल पदार्थ ग्रहण करके बनता है. Show
पुरुष में उत्तेजना व स्खलन के दौरान मूत्रमार्ग से निकलने वाले तरल द्रव को वीर्य कहा जाता है. यह प्रोस्टेट ग्रंथि और अन्य पुरुष प्रजनन अंगों से शुक्राणु व तरल पदार्थ ग्रहण करके बनता है. आमतौर पर वीर्य गाढ़ा एवं सफेद होता है. हालांकि, कई स्थितियों में इसके रंग और गुणवत्ता में बदलाव हो सकता है. पतला वीर्य कम शुक्राणुओं की ओर संकेत करता है. जिससे आपकी प्रजनन क्षमता प्रभावित होती है. Related articles
मासिक धर्म (पीरियड्स, Periods, मेनोपॉज, Menstrual) क्या है ? मासिक धर्म में क्या करना चाहिए और क्या नहीं। मासिक धर्म के लिए 10 जरुरी टिप्स, मासिक धर्म स्वास्थ्य को सुधारने के उपायअगर वीर्य पतला हो गया हो, तो इस स्थिति में आप परेशान न हो, वीर्य के बारे में आपकी उत्सुकता के कारण ही आज यहां पर वीर्य के बारे में बताया जा रहा है. इसमें आप वीर्य क्या है, कैसे बनता है, वीर्य के पतलापन के कारण व वीर्य को बढ़ाने के उपाय और इसे गाढ़ा करने के घरेलू नुस्खे के बारे में जानेंगे. इस लेख में आयुर्वेदाचार्य ब्रह्मस्वरूप सिंह द्वारा वीर्य क्या होता है और वीर्य को बनने में कितने दिन लगते हैं? क्या हस्तमैथुन से वीर्य की कमी हो सकती है ? पुरुषों के वीर्य (सीमेन) का इतना अधिक महत्व क्यों है? इसकी विस्तृत जानकारी दी जाएगी वीर्य क्या है पुरुषों में यौन इच्छा व सेक्स के अंतिम पड़ाव में स्खलन के समय लिंग से एक तरह का तरल पदार्थ निकलता है. इस तरल पदार्थ को वीर्य कहा जाता है. यह पुरुष की यौन ग्रथियों से स्त्रावित होता है. इसमें शुक्राणु मौजूद होते हैं. शुक्राणुओं के अलावा इसमें अन्य एंजाइम्स, फ्रुक्टोज (Fructose/ फलो से प्राप्त शर्करा) और प्रोटियोलिटिक (Proteolytic/ एक तरह का एंजाइम्स जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है) मिले होते हैं. इन सभी के मेल से वीर्य स्वस्थ होता है और प्रजनन छमता में बृद्धि होती है. वीर्य कैसे बनता है पुरुषों का शरीर लाखों सूक्ष्म शुक्राणुओं का उत्पादन करने के लिए लगभग निरंतर ही काम पर लगा रहता है. स्पष्ट है कि हर शुक्राणु का एकमात्र उद्देश्य डिंब की ओर तैरकर आना और उसमें मिल जाना होता है. यदि शुक्राणुओं के बनने की शुरुआत से अंत तक का समय देखें तो एक नई शुक्राणु कोशिका के निर्मित होने में करीब 2-3 महीनों का समय लग जाता है. यहाँ ये भी जान लेना आवश्यक है कि एक औसत शुक्राणु का औसत उम्र पुरुषों के शरीर में केवल कुछ ही हफ्तों का होता है. बता दें कि प्रत्येक वीर्यपात के साथ कम से कम चार करोड़ शुक्राणु बाहर आते हैं. ADVERTISEMENT महिलाओं में ओव्यूलेशन को नियंत्रित करने वाले हॉर्मोन ही पुरुषों में टेस्टोस्टीरोन के निर्माण की प्रक्रिया को उत्तेजित करते हैं. पुरुषों में शुक्राणुओं के उत्पादन के लिए टेस्टोस्टीरोन हॉर्मोन ही जिम्मेदार होता है. शुक्राणुओं का उत्पादन की शुरुवात वीर्यकोष में ही प्रारंभ होता है. वीर्यकोष, लिंग के नीचे अंडकोषीय थैली में दो ग्रंथियां होती हैं. वीर्यकोष शरीर के बाहर लटके होते हैं, क्योंकि ये तापमान के प्रति काफी संवेदनशील होते हैं. कुशलतापूर्वक स्वस्थ शुक्राणुओं के उत्पादन के लिए इनका 34 डिग्री सेल्सियस के तापमान में रहना जरुरी है. यह शरीर के सामान्य तापमान से करीब चार डिग्री अधिक ठंडा होता है. वीर्य पुटिका (Semen vesicles/ वीर्य को बनाने वाली ग्रंथि) व प्रोस्टेट ग्रंथि से वीर्य बनता है. वीर्य पुटिका के द्वारा 65-70 प्रतिशत वीर्य बनाया जाता है. जिसमें चिपचिपे फ्रुक्टोज का निर्माण होता है. इसके बाद इसमें सफेद रंग का तरल प्रोस्टेट ग्रंथि के द्वारा स्त्रावित होकर मिल जाता है. प्रोस्टेट ग्रंथि से निकलने वाले सफेद तरल में सिट्रिक एसिड, लिपिड और फॉस्फेट मिला होता है. इससे ही वीर्य को संपुर्णता मिलती हैं. ADVERTISEMENT किस उम्र में वीर्य बनना शुरू होता है? – Virya Kab Banna Shuru Hota Hai वीर्य की भूमिका – Virya Ki Bhumika वीर्य पतला होने के कारण, फर्टिलिटी पर प्रभाव और उपाय सामान्य रूप से, वीर्य गाड़ा सफ़ेद द्रव होता है। लेकिन कुछ कारणों से यह पतला और बिना रंग का हो सकता है। हालाँकि, यह समस्या बिना किसी गंभीर स्वास्थ्य समस्या के कुछ समय के लिए (टेम्पररी) भी हो सकती है। वीर्य पतला होने के कारण 1. शुक्राणुओं की कमी शुक्राणुओं की संख्या में कमी वीर्य के कमजोर पड़ने या वीर्य पतला होने का एक सामान्य कारण है। इसे ओलिगोस्पर्मिया भी कहा जाता है। वीर्य में शुक्राणु की एक सामान्य संख्या पाई जाती है। ऐसा कहा जाता है कि एक मिलीलीटर वीर्य में लगभग 150 मिलियन शुक्राणु होते हैं। जब यह कम होता है, तो वीर्य में शुक्राणुओं की कमी माना जाता है। ओलिगोस्पर्मिया होने के निम्नलिखित कारण हैं। 1 सेकंड में कितना स्पर्म बनता है?सामान्य तौर पर पुरुष एक सेकंड में 1500 स्पर्म सेल पैदा करते हैं.
1 शुक्राणु बनने में कितना समय लगता है?प्रारंभिक शुक्राणुजन प्रक्रिया को पूरा होने में लगभग 70 दिन लगते हैं। प्रक्रिया रोगाणु कोशिका अग्रदूतों से शुक्राणुजन के उत्पादन से शुरू होती है। ये शुक्राणुनाशक में विभाजित और भिन्न होते हैं, जो शुक्राणु शुक्राणुनाशक से गुजरते हैं।
72 दिन में कितने शुक्राणु बनते हैं?शुक्राणु की संख्या 40 मिलियन और 300 मिलियन के बीच है तो पुरुष सामान्य श्रेणी में आता है. स्पर्म को परिपक्व होने, प्रजनन के लिए पूरी तरह तैयार होने में लगभग 46 से 72 दिनों तक का समय लग जाता है.
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