प्रश्नों के प्रकार बताइये । प्रश्न सामान्यतः निम्नलिखित प्रकार के प्रश्न हो सकते हैं – 1.
प्रस्तावना प्रश्न – प्रस्तावना प्रश्न छात्रों के पूर्व-ज्ञान का पता लगाने के लिए, छात्रों को प्रस्तुत पाठ के लिए, तत्पर एवं प्रेरित करने के लिए तथा छात्रों के पूर्व-ज्ञान एवं नवीन ज्ञान में सम्बन्ध स्थापित करने के उद्देश्य से पूछे जाते हैं। इन प्रश्नों के द्वारा छात्रों में प्रस्तुत पाठ के लिए रुचि भी जाग्रत की जाती है। प्रस्तावना प्रश्न छात्रों के पूर्व ज्ञान से प्रारम्भ होकर एक श्रृंखलाबद्ध रूप से सरल से कठिन होकर नवीन पाठ के सम्बन्ध में छात्रों के सम्मुख एक समस्या निर्मित करते हैं। 2. बोधगम्य प्रश्न – प्रस्तुत पाठ के समझने में छात्र कहाँ तक सफल हुए हैं, यह जानने के लिए बोधगम्य या बोध-प्रश्न पूछे जाते हैं। इन प्रश्नों के द्वारा यह प्रयास किया जाता है कि छात्र ने जो नवीन ज्ञान प्राप्त किया, उसे एक व्यवस्थित रूप प्रदान कर सके। इससे निश्चित है कि बोध प्रश्न विषय-वस्तु पढ़ाने के उपरान्त ही पूछे जाते हैं और इनका सम्बन्ध भी प्रत्यक्ष रूप से प्रस्तुत की गई विषय-वस्तु से ही होता है। 3. विकासात्मक प्रश्न- विकासात्मक प्रश्नों द्वारा पाठ का विकास किया जाता है। ये प्रश्न पाठ को आगे बढ़ाते हैं तथा पाठ में छात्रों की रुचि को बनाए रखते हैं। इन्हीं के माध्यम से विषय-वस्तु छात्रों के सम्मुख प्रस्तुत की जाती है। इन प्रश्नों के माध्यम से शिक्षक को यह भी आभास हो जाता है कि छात्र विषय-वस्तु को समझ रहे हैं या नहीं अथवा उनकी पाठ में रुचि है या नहीं। 4. परिभाषा प्रश्न- जिन प्रश्नों के माध्यम से परिभाषाएँ निकलवाई जाएं, वे परिभाषा प्रश्न कहलाते हैं, जैसे- जनतन्त्र किसे कहते हैं ? मनोविज्ञान को परिभाषित कीजिए, आदि। 5. निबन्धात्मक प्रश्न- जिन प्रश्नों द्वारा किसी तथ्य पर व्याख्यात्मक तथा विस्तृत रूप से विचार व्यक्त करने के लिए कहा जाता है, वे निबन्धात्मक प्रश्न कहलाते हैं। 6. तुलनात्मक प्रश्न- शिक्षण के अवबोधात्मक उद्देश्य की परिपूर्ति हेतु सामान्यतः तुलनात्मक प्रश्न पूछे जाते हैं। इन प्रश्नों के माध्यम से यह पता लगाया जाता है कि छात्र दो तथ्यों के मध्य तुलना अथवा अन्तर कर सकते हैं अथवा नहीं। इस प्रकार के प्रश्न दोनों तथ्यों से सम्बन्धित विषय-वस्तु के प्रस्तुतीकरण के उपरान्त ही पूछे जाते हैं। 7. अभ्यास-प्रश्न- कोई विषय-वस्तु जो एक बार छात्रों के सम्मुख अध्यापक द्वारा प्रस्तुत की जा चुकी है, का अभ्यास कराने हेतु उसी विषय-वस्तु के विभिन्न रूपों में पूछे गए प्रश्नों को अभ्यास प्रश्न कहा जाता है। 8. आलोचना प्रश्न- जिन प्रश्नों के द्वारा किसी तथ्य, समस्या या विषय की आलोचना या समालोचना/समीक्षा करने को कहा जाए, वे आलोचना प्रश्न कहलाते हैं। प्रश्न पूछने की प्रक्रिया कई उद्देश्यों पर आधारित होती है-
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Disclaimer Disclaimer: Target Notes does not own this book, PDF Materials Images, neither created nor scanned. We just provide the Images and PDF links already available on the internet. If any way it violates the law or has any issues then kindly mail us: You may also likeAbout the authorइस वेब साईट में हम College Subjective Notes सामग्री को रोचक रूप में प्रकट करने की कोशिश कर रहे हैं | हमारा लक्ष्य उन छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की सभी किताबें उपलब्ध कराना है जो पैसे ना होने की वजह से इन पुस्तकों को खरीद नहीं पाते हैं और इस वजह से वे परीक्षा में असफल हो जाते हैं और अपने सपनों को पूरे नही कर पाते है, हम चाहते है कि वे सभी छात्र हमारे माध्यम से अपने सपनों को पूरा कर सकें। धन्यवाद.. प्रश्न कितने प्रकार होते हैं?➲ प्रश्न निम्नलिखित प्रकार के होते हैं.... तथ्यात्मक प्रश्न. अभिसारी प्रश्न. अपसारी प्रश्न. विश्लेषणात्मक प्रश्न. प्रश्नवाचक प्रश्न. प्रस्तावनात्मक प्रश्न क्या है?(अ) प्रस्तावनात्मक प्रश्न- पाठ्य-वस्तु को प्रारम्भ करने से पूर्व छात्रों के पूर्वज्ञान पर आधारित प्रश्न प्रस्तावनात्मक प्रश्न कहलाते हैं।
प्रश्न क्या है संक्षेप में समझाइए?किसी सूचना या जानकारी की प्राप्ति के लिये या किसी शंका के समाधान के लिये प्रयुक्त भाषायी अभिव्यक्ति को प्रश्न (question) कहते हैं। प्रश्न पूछने के लिये प्रत्येक भाषा में एक अलग प्रकार के वाक्य प्रयुक्त होते हैं जिन्हें प्रश्नवाचक वाक्य कहते हैं।
विचारात्मक प्रश्न क्या है?विचारात्मक प्रश्न अलग–अलग प्रकार के होते हैं, और कई प्रकार के प्रश्नों को अलग–अलग तरीकों से पूछे जा सकते हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए कि आप उसी प्रकार के प्रश्न पूछें, जो विद्यार्थियों के सोचने और सीखने को बढ़ाने में सहायक हों। इसके लिए ध्यानपूर्वक नियोजन की आवश्यकता होती है।
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