छत्तीसगढ़ का राष्ट्रीय भाषा कौन सा है? - chhatteesagadh ka raashtreey bhaasha kaun sa hai?

छत्तीसगढ़ की भाषा

छत्तीसगढ़ की भाषा है छत्तीसगढ़ी। पर पूरे छत्तीसगढ़ में बोलीगत विभेद हैं।

छत्तीसगढ़ी बोलीगत विभेद दो आधारों – जातिगत एवं भौगोलिक सीमाओं के आधार विवेचित किये जा सकते हैं।

इसी आधार पर छत्तीसगढ़ की बोलियों का निर्धारण निश्चयन किया है –

  • छत्तीसगढ़ी – रायपुर, बिलासपुर और दुर्ग में जो बोली सुनाई देती है वह है छत्तीसगढ़ी।
  • खल्टाही – छत्तीसगढ़ की यह बोली रायगढ़ जिले के कुछ हिस्सों में बोली जाती है। यह बोली हमें बालाघाट जिले के पूर्वी भाग में, कौड़िया में, साले-टेकड़ी में और भीमलाट में सुनाई देती है।
  • सरगुजिया- सरगुजिया छत्तीसगढ़ी बोली सरगुजा में प्रचलित है। इसके अलावा कोरिया और उदयपुर क्षेत्रों में भी बोली जाती है।
  • लरिया – छत्तीसगढ़ की यह बोली महासमुंद, सराईपाली, बसना, पिथौरा के आस-पास बोली जाती है।
  • सदरी कोरबा – जशपुर में रहनवाले कोरबा जाति के लोग जो बोली बोलते हैं वह है सदरी कोरबा। कोरबा जाति के लोग जो दूसरे क्षेत्र में रहते हैं जैसे पलमऊ, सरगुजा, विलासपुर आदि, वे भी यही बोली बोलते हैं।
  • बैगानी – बैगा जाति के लोग बैगानी बोली बोलते हैं। यह बोली कवर्धा, बालाघाट, बिलासपुर, संबलपुर में बोली जाती है।
  • बिंझवारी – बिंझवारी में जो बोली बोलते हैं, वही है बिंझवारी। वीर नारायन सिंह भी बिंझवार के थे। रायपुर, रायगढ़ के कुछ हिस्सो में यह बोली प्रचलित है।
  • कलंगा – कलंगा बोली पर उड़िया का प्रभाव पड़ा है क्योंकि यह बोली उड़ीसा के सीमावर्ती पटना क्षेत्र में बोली जाती है।
  • भूलिया – छत्तीसगढ़ी की भूलिया बोली हमें सोनपुर और पटना के इलाकों में सुनाई देती है। कलंगा और भूलिया – ये दोनों ही उड़िया लिपि में लिखी जाती हैं।
  • बस्तरी या हलबी – ये बोली बस्तर में हलबा जाति के लोग बोलते हैं। इस बोली पर मराठी का प्रभाव पड़ा है।

छत्तीसगढ़ का राष्ट्रीय भाषा कौन सा है? - chhatteesagadh ka raashtreey bhaasha kaun sa hai?

छत्तीसगढ़ राज्य एक जनजाति (आदिवासी) बहुल क्षेत्र है। छत्तीसगढ़ राज्य में 93 के करीब बोलियों का प्रचलन है। राज्य में छत्तीसगढ़ी बोली का प्रयोग सर्वाधिक किया जाता है, इसके बाद हल्बी बोली का प्रयोग होता है। 

छत्तीसगढ़ की बोलियों की उनके भाषा परिवार के आधार पर तीन भागों में, आर्य, मुण्डा और द्रविड़ में बांटा गया है।

मुण्डा भाषा परिवार :
हो, तुरी, गदबा, खड़िया, कोरवा, विदहो, नगेसिया, मझवार, खैरवारी, कोरकू, मांझी, निहाल, पण्डो(पंर्डो),बिरहोर, सौता, खड़िया।

द्रविड़ भाषा परिवार :
दोरला, दंडामी, भुंजिया, अबुझमाड़िया, धुरवी/धुरवाकुडुख, उरांव (कुडुख), पर्ज़ी ( परजी/परजा ), गोंड़ी, कौंध (कुई), मुड़िया।

आर्य भाषा परिवार :
मागधी, उड़िया, भतरी, हल्बी, सदरी।

आस्ट्रीक भाषा परिवार की बोली इस समूह में कोलारियन व मुण्डारी भाषा समूह की बोली बोलने वाली जनजातियाँ आती हैं। 

छत्तीसगढ़ी का वर्गीकरण

छत्तीसगढ़ में सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा छत्तीसगढ़ी के अनेक क्षेत्रीय स्वरूप प्रचलित हो गए है।

यह बोली मानक हिंदी भाषा से प्रभावित है। क्यो की इस पर स्थानीय बोलियों का प्रभाव कम पड़ा है। इसे कुल 18 नामो से भी जाना जाता है। इस समूह में छत्तीसगढ़ी को सर्वोपरी माना जाता है।
कवरधाई, कांकेरी, खैरागढ़ी, बिलसपुरी, रतनपुरी, रायपुरी, धमतरी, पारधी, बहेलिया, बैगनी तथा सतनामी।

पश्चिमी छत्तीसगढ़ी : 

छत्तीसगढ़ी के इस प्रकार में बुंदेली तथा मराठी का प्रभाव दिखता है। इस समूह में खल्टाही सर्वप्रमुख है।
कमरी, खल्टाही, मरारी, पनकी।

उत्तरी छत्तीसगढ़ी : 

इस समूह में बघेली, भोजपुरी, कुडुख का प्रभाव दिखता है। इसमें सरगुजिया प्रमुख है।
पण्डो, नगेशिया, सादरी, कोरवा, जशपुरी, सरगुजिया।

पूर्वी छत्तीसगढ़ी : 

इस समूह में उड़िया भाषा का प्रभाव है। इसमें लारिया प्रमुख है।
कलिंजर, कलंगा, बिंझवार, लारिया, चर्मशिल्पी।

दक्षिणी छत्तीसगढ़ी : 

इस समूह में मराठी, उड़िया, गोंड़ी का प्रभाव है। इसमें प्रमुख हल्बी है।
जोगी, बस्तरी, अदकुरी, चंदारी, धाकड़, मगरी, मिरगानी, हल्बी।

घोषणा :
26 जनवरी, 2020 को मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने घोषणा की, 2020-21 सत्र से प्राथमिक शालाओं में स्थानीय बोली-भाषाओं छत्तीसगढ़ी, गोंडी, हल्बी, भतरी, सरगुजिया, कोरवा, पांडो, कुडुख, कमारी आदि में पढ़ाई की व्यवस्था की जाएगी। 

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प्रारंभिक परीक्षा

छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस

  • 02 Nov 2022
  • 5 min read

हाल ही में 1 नवंबर से 3 नवंबर, 2022 तक आयोजित होने वाले राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के तीसरे संस्करण का उद्घाटन राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर रायपुर, छत्तीसगढ़ में किया गया।

  • इस कार्यक्रम में भारत और मोज़ाम्बिक, मंगोलिया, टोंगो, रूस, इंडोनेशिया, मालदीव, सर्बिया, न्यूज़ीलैंड एवं मिस्र सहित 10 देशों के 1,500 से अधिक आदिवासी कलाकार प्रतिभाग करेंगे।

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh):

  • परिचय:
    • 1 नवंबर, 2000 को मध्य प्रदेश से 16 छत्तीसगढ़ी भाषी ज़िलों को अलग कर छत्तीसगढ़ राज्य का गठन किया गया था।
    • यह 135,190 वर्ग किमी के क्षेत्रफल के साथ भारत का 10वाँ सबसे बड़ा राज्य है।
    • यह भारत में इस्पात और विद्युत शक्ति के उत्पादन के लिये एक महत्त्वपूर्ण केंद्र है, जो भारत में उत्पादित कुल इस्पात का लगभग 15% उत्पादन करता है।
    • छत्तीसगढ़ मुख्य रूप से अपने कृषि कार्यों हेतु प्रसिद्ध है, जो लगभग 80% कार्यबल के लिये ज़िम्मेदार है। चावल के उत्पादन के कारण इसे 'धान का कटोरा' के नाम से भी जाना जाता है जिसका अर्थ है 'चावल का कटोरा'
  • सीमावर्ती राज्य :
    • यह सात राज्यों से घिरा हुआ है: मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा, झारखंड और उत्तर प्रदेश।
  • राजधानी :
    • रायपुर 
  • भाषा:
    • छत्तीसगढ़ के लोगों की मूल भाषा छत्तीसगढ़ी है।
      • हालाँकि यहाँ हिंदी भी लोकप्रिय है।
  • जनजातियाँ:
    • इस राज्य की कुछ प्रमुख जनजातियों में मिरियम, बैगा, कमर, हलबा, गोंड, भुमजा, कवार आदि हैं।
  • प्रमुख त्योंहार:
    • आदिवासी समाजों द्वारा मनाए जाने वाले कुछ उल्लेखनीय त्योहारों में बस्तर दशहरा, बस्तर लोकोत्सव, कोरिया मेला, फागुन वडाई, मडई महोत्सव, गोंचा महोत्सव, पोला महोत्सव और अन्य शामिल हैं।
  • खनिज संसाधन:
    • यह कोयला, लौह अयस्क और डोलोमाइट जैसे खनिजों का प्रमुख उत्पादक है।
      • इसके अलावा इस राज्य में बॉक्साइट, चूना पत्थर और क्वार्टजाइट के पर्याप्त भंडार उपलब्ध हैं।
      • इस राज्य में भारत के टिन अयस्क भंडार का 35.4% हिस्सा है। छत्तीसगढ़ भारत का एकमात्र राज्य है जहाँ टिन कंसन्ट्रेटस (tin concentrates) का उत्पादन होता है।
  • महत्वपूर्ण नदियाँ:
    • इस राज्य में महानदी, गंगा, गोदावरी और नर्मदा नामक चार मुख्य जलग्रहण क्षेत्र हैं।
      • इसके अंतर्गत महानदी, शिवनाथ, अर्पा, इंद्रावती, सबरी, लीलागर, हसदो, पैरी और सोंदूर प्रमुख नदियाँ शामिल हैं।
  • राष्ट्रीय उद्यान:
    • इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान
    • गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान
    • कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान
  • वन्यजीव अभयारण्य:
    • तमोर पिंगला वन्यजीव अभयारण्य
    • पामेड वन्यजीव अभयारण्य
    • गोर्मदा वन्यजीव अभयारण्य
    • बादलखोल वन्यजीव अभयारण्य
    • भोरमदेव वन्यजीव अभयारण्य
    • भैरमगढ़ वन्यजीव अभयारण्य
    • सेरामसोट वन्यजीव अभयारण्य
    • बरनवापारा वन्यजीव अभयारण्य
    • सीतानदी वन्यजीव अभयारण्य
    • नंदन वन वन्यजीव अभयारण्य
    • पाइथन फाॅरेस्ट वन्यजीव अभयारण्य
    • नरसिंहगढ़ वन्यजीव अभयारण्य
    • उदंती जंगली भैंस वन्यजीव अभयारण्य
  • टाइगर रिज़र्व:
    • राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) ने गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान और तमोर पिंगला वन्यजीव अभयारण्य के संयुक्त क्षेत्रों को टाइगर रिज़र्व के रूप में नामित किया है।

छत्तीसगढ़ का राष्ट्रीय भाषा कौन सा है? - chhatteesagadh ka raashtreey bhaasha kaun sa hai?

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष  के प्रश्न  

प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन सा खनिज़ छत्तीसगढ़ राज्य में प्राकृतिक रूप से पाया जाता है? (2008)

  1. बॉक्साइट
  2. डोलोमाइट
  3. लौह अयस्क
  4. टिन

नीचे दिये गए कूट का उपयोग कर सही उत्तर चुनिये:

कूट:

(a) केवल 1, 2 और 3
(b) केवल 1 और 3
(c) केवल 2 और 4
(d) 1, 2, 3 और 4

उत्तर: (d)

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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छत्तीसगढ़ का राष्ट्रीय भाषा कौन सा है? - chhatteesagadh ka raashtreey bhaasha kaun sa hai?

छत्तीसगढ़ की राष्ट्रीय भाषा कौन सी है?

छत्तीसगढ़ी भारत के छत्तीसगढ़ राज्य में बोली जाने वाली भाषा है। यह हिन्दी के अत्यन्त निकट है और इसकी लिपि देवनागरी है। छत्तीसगढ़ी का अपना समृद्ध साहित्य व व्याकरण है।

छत्तीसगढ़ में कुल कितनी भाषाएं हैं?

छत्तीसगढ़ राज्य में 93 के करीब बोलियों का प्रचलन है। राज्य में छत्तीसगढ़ी बोली का प्रयोग सर्वाधिक किया जाता है, इसके बाद हल्बी बोली का प्रयोग होता है। छत्तीसगढ़ की बोलियों की उनके भाषा परिवार के आधार पर तीन भागों में, आर्य, मुण्डा और द्रविड़ में बांटा गया है।

छत्तीसगढ़ की प्राचीन भाषा का नाम क्या है?

इसका गठन १ नवम्बर २००० को हुआ था और यह भारत का २६वां राज्य है। पहले यह मध्य प्रदेश के अन्तर्गत था। डॉ॰ हीरालाल के मतानुसार छत्तीसगढ़ 'चेदीशगढ़' का अपभ्रंश हो सकता है। कहते हैं किसी समय इस क्षेत्र में 36 गढ़ थे, इसीलिये इसका नाम छत्तीसगढ़ पड़ा। ... .

छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा कौन सी भाषा बोली जाती है?

छत्तीसगढ़ी 2 करोड़ लोगों की मातृभाषा है। यह पूर्वी हिन्दी की प्रमुख बोली है और छत्तीसगढ़ राज्य की प्रमुख भाषा है।