अगर आप मेडिकल के क्षेत्र में करियर बनना चाहते है तो इस क्षेत्र में डॉक्टरी सेवाओं के अलावा ऐसे भी कई पेशा हैं, जिन्हें चुनकर आप अपना करियर बना सकते है और जन सेवा के साथ साथ-देश हित में अपनी सेवाएं दे सकते हैं जी हा हम बात कर रहे है पैरामेडिकल कोर्स (Paramedical Course) का। पैरामेडिकल एक मेडिकल कोर्स है जिसे करने वाला विद्यार्थी अस्पताल में एक सहायक चिकित्सक के रूप में कार्य करता है जो मूल रूप से प्राथमिक चिकित्सा और ट्रॉमा सेवाएं प्रदान करता है। इसके आलावा इमरजेंसी स्थिति में मेडिकल केयर प्रोवाइडर के रूप में कार्य करता है। अगर आपका रुचि मेडिकल के क्षेत्र में कैरियर बनाने का है और आप एक अच्छे कोर्स की तलाश कर रहे है जो की आपको मेडिकल के क्षेत्र में अच्छी जगह दिला सके तो आपके लिए पैरामेडिकल (Paramedical) एक अच्छा कोर्स रहेगा। Show
पैरामेडिकल क्या है?जब भी हम कभी अस्पताल जाते है तो डॉक्टर के अलावा जितने भी लोग उन्हें उनके काम में सहायता कर रहे होते है उन्हे पैरामेडिकल स्टाफ कहते है और इसीलिए इन्हें सहायक चिकित्सक भी कहा जाता है। पैरामेडिकल स्टाफ एमरजेंसी कंडिशन में मरीज को पहली ट्रिटमेंट भी देता है जिसे ‘फर्स्ट एड’ कहा जाता है। अस्पताल में इमरजेंसी कंडिशन में ज्यादातर पैरामेडिकल स्टाफ हि मौजूद रहते है। मेडिकल के क्षेत्र में पैरामेडिकल एक नौकरी युक्त शैक्षणिक कोर्स हैं। यह पैरामेडिकल का क्षेत्र उन युवाओं के लिए एक बेहतर विकल्प है जो कि विज्ञान एवं अस्पताल दोनो के कार्यों में रुचि रखने वाले होते हैं। इस क्षेत्र को चुनकर आप अपने भविष्य को सुरक्षित एवं बेहतर बना सकते हैं। मुख्य रूप से हॉस्पिटल, नर्सिंग होम, टेस्ट लैबोरेट्रीज, क्लीनिक और चिकित्सा विज्ञान के दूसरे तमाम क्षेत्रों में इनकी बड़ी जरूरत रहती है। ऐसी स्थिति में एक कैरियर के रूप में अगर आप पैरामेडिकल कोर्स को चुनते हैं तो निश्चित रूप से आपको निराश नहीं होना पड़ेगा। Also read. नर्स कैसे बने, कोर्स और कॉलेज के बारे में भी जानें अगर पैरामेडिकल क्षेत्र में करियर बनाना है, तो यह आपका पेशा नहीं, जुनून होना चाहिए। यहां काम कभी भी आ सकता है। डिजास्टर मैनेजमेंट से जुड़े इस तरह के लोगों के लिए काम के घंटे निर्धारित करना मुश्किल होगा। इस फील्ड में जितना अधिक प्रैक्टिकल पर फोकस करेंगे, उतना ही बेहतर होगा। पैरामेडिकल स्टाफ का प्रमुख कार्य :-
पैरामेडिकल का कोर्स कैसे करे :-पैरामेडिकल कोर्स करने के लिए भारत में बहुत से डिप्लोमा एवं सर्टिफिकेट कोर्सेस करवाए जाते है। कुछ ऐसे पैरामेडिकल कोर्स है जिसे आप दसवीं कक्षा के बाद कर सकते है वहीं कुछ ऐसे भी कोर्सेस है जिसे आप बारहवीं कक्षा में विज्ञान में (पीसीबी) यानी बायोलॉजी को लेने वाले विद्यार्थी कर सकते है। भारत में पैरामेडिकल कोर्स को करने के लिए प्रवेश परीक्षाए आयोजित करवाई जाती है तो वही बहुत से यूनिवर्सिटी पैरामेडिकल कोर्स के लिए मेरिट बेस पर ही दाखिला ले लेती है। अगर आप पैरामेडिकल कोर्स करना चाहते हैं तो आपको मैं बताना चाहता हूं, कि इसमें बहुत से कोर्स होते हैं जिसे आप अपनी योग्यता के अनुसार कर सकते हैं। जो विद्यार्थी पैरामेडिकल में अपना करियर बनाना चाहते हैं उनको मैं बताना चाहता हु कि भारत में पैरामेडिकल कोर्स 3 मुख्य स्वरूपों में उपलब्ध हैं –
Paramedical Courses after 10th10 वीं कक्षा के बाद दो प्रकार के पैरामेडिकल कोर्स कर सकते हैं जिसमे पहला सर्टिफिकेट कोर्सेज वही दूसरा डिप्लोमा कोर्स होता है. सर्टिफिकेट पैरामेडिकल कोर्सेज की अवधि आमतौर पर 3 महीने से लेकर एक वर्ष तक होती है। वही पैरामेडिकल डिप्लोमा कोर्स की अवधि एक साल से लेकर 2 साल तक की होती है Paramedical Certificate Courses After 10thअगर आपने 10 वीं या 12 वीं को पूरा कर लिया है तो आप सर्टिफिकेट कोर्स कर सकते हैं। सर्टिफिकेट पैरामेडिकल कोर्सेस करने की समय सीमा 6 महिने से लेकर 2 साल तक कि होती है।
Paramedical Diploma Courses After 10thपैरामेडिकल डिप्लोमा कोर्स को आप किसी भी Recognised बोर्ड से दसवीं मे मिनिमम मार्क्स प्राप्त कर दसवीं के बाद भी कर सकते है। इस कोर्स की समय सीमा 1-3 साल तक कि होती है। डिप्लोमा कोर्स करने के बाद आप किसी भी अस्पताल, क्लीनिक, सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्र या चिकित्सा प्रयोगशालाओं में प्रयोगशाला तकनीशियन या सहायक के रूप में काम कर सकते है।
पैरामेडिकल बैचलर डिग्री कोर्सेस :-देश से लेकर विदेशों तक पैरामेडिक्स लोगो की मांग बढ़ती जा रही है। ऐसे में पैरामेडिकल में बैचलर डिग्री पाने के लिए कक्षा 12 वीं के बाद दाखिला ले सकते है। जिन छात्रों ने साइंस बायोलॉजी के साथ 12 वीं कक्षा में 50% मार्क्स से उत्तीर्ण की है, वे पैरामेडिकल पाठ्यक्रमों में एडमिशन ले सकते हैं। पैरामेडिकल बैचलर कोर्स की समय सीमा 3 से 4 साल तक कि होती है।
बेचलर डिग्री प्राप्त करने के बाद आप सरकार द्वारा निकाली गई भर्ती में भाग ले सकते है। और इन पदों के लिए सरकार निकाल सकती हैं सरकारी नौकरियो की भरती :-
Also Read… डॉक्टर कैसे बने? पैरामेडिकल पोस्ट ग्रेजुएट कोर्सेज :-पोस्ट ग्रेजुएट पैरामेडिकल कोर्सेज में एडमिशन के लिए उम्मीदवार को विज्ञान विषय में किसी भी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी या इंस्टिट्यूट से स्नातक की डिग्री होना जरुरी है। इसके अलावा, कुछ कॉलेज में एडमिशन के लिए NEET PG, AIIMS M.Sc आदि में से कोई एक प्रवेश परीक्षा भी देना होता है और इन परीक्षाओं में प्राप्त अंकों के अनुसार ही एडमिशन मिलता हैं। ग्रेजुएशन के बाद पैरामेडिकल कोर्सेज में एडमिशन के लिए कई राज्य और संस्थान अपनी प्रवेश परीक्षा भी आयोजित करते हैं। और इस कोर्स को करने की अवधि 2 से 3 साल तक की होती है।
प्रवेश परीक्षाएंपैरामेडिकल कोर्सेज के लिए हर साल अप्रैल-मई के बीच में आवेदन आमंत्रित किए जाते हैं। पैरामेडिकल कोर्स में एडमिशन के लिए छात्र CPNET यानी संयुक्त पैरामेडिकल एंड नर्सिंग प्रवेश परीक्षा में भाग ले सकते हैं। इसके अलावा आप जिपमर (JIPMER), नीट-पीजी (NEET-P), एमएचटी सीईटी (MHT-CET), नीट-यूजी (NEET-UG) की बड़ी प्रवेश परीक्षाओं के साथ ही निजी व सरकारी कॉलेजों में सीधा मेरिट के आधार पर भी एडमिशनले सकते हैं। कुछ संस्थान स्वयं का एंट्रेंस एग्जाम करवाकर एडमिशन देते हैं। यूनिवर्सिटी कि सूची जहा से आप पैरामाडिकल कोर्स कर सकते है :-
पैरामेडिकल कोर्स करने के बाद इन पदों पर कर सकते है काम :-वैसे तो पैरामेडिकल के अंतर्गत युवाओं द्वारा हर एक कोर्स में रोजगार के भरपूर साधन है पैरामेडिकल स्टाफ अस्पताल में जिन क्षेत्रों में कार्य करते है वह कुछ इस प्रकार हैं :-
1.लैब टेक्नोलॉजी :-पैरामेडिकल के क्षेत्र में लैब टेक्नोलॉजी का नाम सबसे ऊपर आता है, जिसे क्लीनिकल लेबोरेटरी साइंस के नाम से भी जाना जाता है। इसमें मुख्य रूप से टेक्नोलॉजिस्ट और टेक्नीशियन होते हैं। टेक्नोलॉजिस्ट ब्लड बैंकिंग, क्लीनिकल टेक्नोलॉजी, इम्यूनोलॉजी, हेमैटोलॉजी एवं माइक्रोबायोलॉजी से संबंधित कार्य करते हैं, जबकि मेडिकल टेक्निशियन लैब में रूटीन टेस्ट का काम करते हैं। 2.मेडिकल रेडिएशन टेक्नोलॉजी/रेडियोलोजी/रेडियोग्राफ :-यह पैरामेडिकल क्षेत्र में सबसे ज्यादा डिमांड वाले क्षेत्रों में से एक है। जैसे की आप लोग जानते है की रेडियोग्राफी के माधयम से ही शारीरिक के तमाम विकारों को सामने लाया जाता है। जिसमे अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन, एक्सरे, एमआरआई इत्यादि इसी क्षेत्र से संबंधित हैं। ऐसे में अगर आप यह पैरामेडिकल कोर्स को पूरा करते हैं तो एक रेडियोग्राफर के रूप में करियर बना सकते हैं। इस कोर्स के बाद आप एक्सरेटेक्नीशियन, सीटी स्कैनटेक्नीशियन के तौर पर काम शुरू कर सकते हैं। इससे जुड़े अन्य कोर्स भी हैं जैसे कि बीएससी मेडिकल रेडिएशन टेक्नोलॉजी, बीएससी रेडियोग्राफी टेक्नोलॉजी, बीएससी मेडिकल इमेजिंग टेक्नोलॉजी, डिप्लोमा एंड सर्टिफिकेट इन रेडियोग्राफी। आप डिप्लोमा इन सीटी स्कैन, डिप्लोमा इन एक्स रे टेक्नीशियन कोर्स भी कर सकते हैं। एक रेडियोग्राफर बनने के लिए आपको साइंस स्ट्रीम से बाहरवीं उत्तीर्ण करना होगा और इसके बाद बीएससी इन रेडियोग्राफी कोर्स कर सकते हैं। इसके अलावा सर्टिफिकेट तथा डिप्लोमा कोर्स का भी ऑप्सन हैं। एक रेडियोग्राफर सरकारी या प्राइवेट चिकित्सालय, नर्सिग होम तथा डायग्नोस्टिक सेंटर में नौकरी पा सकता है। 3.ऑप्टोमेट्री :-इसी प्रकार एक तीसरा क्षेत्र ऑप्टोमेट्री का है। इसमें आंखों से जुड़ी तकलीफों के प्रारंभिक लक्षण, लेंस का प्रयोग एवं अन्य परेशानियों की जांच की जाती है। और आंखों के प्रारंभिक लक्षण, लेंस का प्रयोग एवं अन्य परेशानियों को परखा जाता है। आप ऑप्टोमेट्रिक्स में डिग्री या डिप्लोमा कोर्स कर सकते हैं। इसमें बैचलर ऑफ क्लीनिकल ऑप्टोमेट्री, डिप्लोमा इन ऑप्थलमिक टेक्नीक प्रमुख कोर्स में आते हैं।इसके बाद नेत्र चिकित्सालय तथा क्लिनिक में नौकरी आसानी से मिल जाता है। 4.माइक्रोबायोलॉजी :-माइक्रोबायोलॉजी टेक्नोलॉजी को बेहद महत्पूर्ण माना जाता है। क्योकि इसमें सही तरीके से बीमारियो की पहचान किया जाता है और उसी हिसाब से दवा देकर बीमारी का इलाज किया जाता है। 5.फिजियोथेरेपी :-फिजियोथेरेपिस्ट तरह तरह की मसाज, एक्सरसाइज और कुछ उपकरणों की मदद से ऊष्मा, रेडिएशन, पानी, इलेक्ट्रिकल एजेंट्स आदि के जरिये क्षतिग्रस्त मांसपेशियों, जोड़ों और हड्डियों के संचालन को ठीक करने का काम करते हैं। फिजियोथेरेपिस्ट बनने के लिए आपको बैचलर ऑफ फिजियोथेरेपी (बीपीटी) 6 महीने की इंटर्नशिप के साथ एक 4 साल का कोर्स करना होगा। फिजियोथेरेपिस्ट को अस्पतालों में कहीं भी रोजगार मिल सकता है आईसीयू या गेरियाट्रिक्स निजी प्रैक्टिस के लिए भी अवसर है। 6 डायग्नोस्टिक सेंटर्स :इस कोर्स के बाद आप सरकारी एवं प्राइवेट चिकित्सालय, ब्लड डोनेशन सेंटर, इमरजेंसी सेंटर, क्लिनिक या पैथोलॉजी लैब्स या हॉस्पिटल्स में लैब टेक्नीशियन के तौर पर कार्य कर सकते हैं। 7. ऑक्यूपेशनल थेरेपीऑक्यूपेशनल थेरेपी मानसिक और शारीरिक रूप से अक्षम लोगों की जिंदगी में जान डाल देती है। ऑक्यूपेशनल थेरेपिस्ट सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों, एडल्ट डे केयर, रिहैबिलिटेशन सेंटर, मेंटल हॉस्पिटल आदि में नौकरी के अवसर हासिल कर सकते हैं। कुछ समय नौकरी के बाद आप खुद का क्लिनिक भी खोल सकते हैं। इसी प्रकार पैरामेडिकल कोर्स में और भी रोजगार है जिसे आप अपने हिसाब से चुन कर अपने भविष्य को बेहतर बना सकते है। पैरामेडिकल स्टाफ की सैलरी कितनी होती हैं :-पैरामेडिकल करने का बाद आपकी सैलरी आपके किए गए कोर्स और आपके अनुभव और आपकी स्किल्स पर निर्भर करता है। आपका सैलरी पैकेज 2,00,000 से 5,00,000 प्रति साल तक हो सकता है। अलग अलग जॉब की सैलरी अलग अलग होती है। इस पोस्ट में हमने आपको बताया की पैरामेडिकल क्या होता है? और पैरामेडिकल कोर्स कैसे कर सकते हैं हमें उम्मीद है की paramedical course के बारे में आपको सभी जानकारी मिल गया होगा अगर paramedical job पोस्ट से सम्बंधित आपके पास कोई प्रश्न है तो कृपया कमेंट कर के पूछे हम उसका जबाब जल्द से जल्द देने के कोशिश करेंगे। पैरामेडिकल में सबसे अच्छा कोर्स कौन सा होता है?पैरामेडिकल के क्षेत्र में बीएससी MRIT कोर्स काफी प्रचलित है। इस कोर्स को कंप्लीट करने के बाद आप रेडियो टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में आसानी से कैरियर बना सकते हैं। आप एक्सरे टेक्नीशियन, MRI टेक्नीशियन, सीटी स्कैन टेक्नीशियन के तौर पर लैब्स और हॉस्पिटल में आसानी से जॉब पा सकते है।
पारा मेडिकल का कोर्स कितने साल का होता है?डिग्री पैरामेडिकल कोर्स – डिग्री पैरामेडिकल कोर्स को पूरा करने में आपको 1.5 वर्ष से लेकर 4 वर्ष का वक्त लग सकता है। डिप्लोमा पैरामेडिकल कोर्स – डिप्लोमा पैरामेडिकल कोर्स को पूरा करने में आपको 1 से 2 वर्ष तक का वक्त लग सकता है।
पारा मेडिकल में कौन कौन सा सब्जेक्ट होता है?Paramedical Course के subject कौन-से है ?. भौतिक चिकित्सा (Physiotherapy). व्यावसायिक चिकित्सा (Occupational Therapy). रेडियोग्राफी. मेडिकल लैबोरेटरी. ऑप्टोमेट्री. फार्मासिस्ट. पारा मेडिकल में क्या क्या करना पड़ता है?पैरामेडिकल एक जॉब ओरिएंटेड एकेडमिक प्रोग्राम है। पैरामेडिकल कोर्स में आपको सिखाया जाता है कि कैसे आप स्वास्थ्य विभाग में अच्छे से काम कर सके। पैरामेडिकल कोर्स करनेवालों को पैरामेडिक्स कहा जाता है जो स्वास्थ्य विभाग में मेडिकल टीम को सपोर्ट का काम करते है।
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