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आज आप जानेंगे भारत में कितने ज्योतिर्लिंग है, भारत के ज्योतिर्लिंग कहां पर स्थित है, ज्योतिर्लिंग के नामों की लिस्ट और पूरी जानकारी आपको बता दे हिंदू धर्म के मुताबिक तीन मुख्य देवताओं का दुनिया में सबसे अधिक पालन किया जाता है, ब्रह्मा, विष्णु और महेश यानी शिव। इन तीनों को त्रिदेव के नाम से भी जाना जाता है। इनमे से सबसे भगवान शिव को सर्वोच्च देवता माना जाता है।
ज्योतिर्लिंग की उत्तपत्ति कैसे हुई (ज्योतिर्लिंग की कथा)शिव पुराण के अनुसार, एक बार ब्रह्मा और विष्णु भगवान के बीच वर्चस्व को साबित करने के लिए युद्ध हो गया था। जिसे हल करने के लिए भगवान शिव ने प्रकाश के एक विशाल स्तंभ से तीनों लोक को छेद दिया, जिसे ज्योतिर्लिंग कहा जाने लगा। भगवान शिव ने ब्रह्मा और विष्णु को इस स्तंभ का अंत खोजने को कहा। जिसके बाद ब्रह्मा ने ऊपर की ओर अंत ढूंढने के चुना जबकि विष्णु ने नीचे की और अंत खोजने को चुना। इसके बाद दोनों भगवान शिव के समक्ष आए जहां विष्णु ने अपनी हार स्वीकार कर ली। लेकिन ब्रह्मा ने भगवान शिव से झूठ बोला कि उन्हें प्रकाश का अंत मिल चुका है। जिस पर नाराज होकर भगवान शिव ने उन्हें श्राप दिया कि अब से कोई भी उनकी पूजा नहीं करेगा। जिसका पालन आज भी किया जाता है। ज्योतिर्लिंग का अर्थ क्या है? (Jyotirlinga ka Matlab Kya Hai)ज्योतिर्लिंग भगवान शिव का प्रतिनिधित्व है। इसका तात्पर्य संस्कृत शब्द से है जिसका अर्थ उज्ज्वल प्रकाश का प्रतीक है। (Bharat me kitne Jyotirlinga hai) शिव पुराण में 64 ज्योतिर्लिंग का वर्णन किया गया है। जिनमे से 12 ज्योतिर्लिंग को सबसे अधिक महत्व दिया गया है। यह भारत के विभिन्न स्थानों पर स्थित है। भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग के नाम हिंदी में (12 Jyotirlinga ke Naam)
भारत का सबसे अमीर मंदिर कौन सा है 2022 में कुल संपत्ति जानने के लिए यहां क्लिक करे भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग कहां कहां स्थित है (12 Jyotirlinga kahan par hai)भारत के अलग अलग स्थान पर महादेव के 12 ज्योतिर्लिंग स्थित है। सभी ज्योतिर्लिंगो का अपना अलग महत्व और कहानी है।
भारत के 12 महाज्योतिर्लिंग के नाम (12 Maha Jyotirlinga Temples in India in Hindi)1) सोमनाथ ज्योतिर्लिंग, गुजरात (Somnath Jyotirlinga, Gujrat)गुजरात राज्य के सौराष्ट्र प्रांत के वेरावल में भगवान शिव का पहला ज्योतिर्लिंग स्थित है। यह दुनिया का सबसे प्रसिद्ध भगवान शिव का मंदिर है। शिव पुराण के अनुसार, एक बार चंद्रमा को प्रजापति दक्ष ने क्षय रोग का श्राप दिया था। जिससे मुक्ति पाने के लिए चंद्रमा ने यही पर भगवान शिव की कठोर स्थापना करी, जिसके बाद चंद्रमा की चमक वापस आ गई। तभी से इस स्थान को सोमनाथ कहा जाने लगा। 2) मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग, आंध्र प्रदेश (Mallikarjuna Jyotirlinga, Andhra Pradesh)मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग मंदिर आंध्र प्रदेश में कृष्णा नदी के निकट श्रीशैल पर्वत पर स्थित है। इस पर्वत को दक्षिण भारत का कैलाश भी कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर के दर्शन करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते है। इस मंदिर में माता पार्वती को मल्लिका और भगवान शिव को अर्जुन के रूप में पूजा जाता है। इस पर्वत पर शिव और पार्वती अपने बड़े बेटे कार्तिकेय से मिलने आए थे क्योंकि उनके छोटे भाई गणेश का विवाह रिद्धि सिद्धि के साथ हो रहा था। इस पर कार्तिकेय क्रोधित थे। 3) महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग, मध्य प्रदेश (Mahakaleshwar Jyotirlinga, Madhya Pradesh)महादेव के 12 ज्योतिर्किंगो में तीसरा ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग है। यह मध्यप्रदेश के उज्जैन में क्षिप्रा नदी के पास विराजमान है। मंदिर में स्थित मूर्ति एकमात्र ऐसी मूर्ति है जिसका मुख दक्षिण दिशा की ओर है। इस मंदिर के परिसर में 100 से अधिक छोटे मंदिर है जहां रोजाना हजारों भक्त दर्शन करने आते है। मंदिर के चारों ओर भगवान गणेश, पार्वती और कार्तिकेय की छवि देखने को मिलती है। 4) ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग, मध्य प्रदेश (Omkareshwar Jyotirlinga, Madhya Pradesh)ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग 12 महाज्योतिर्लिंग में चौथे स्थान पर आता है। यह मध्य प्रदेश के मालवा क्षेत्र में नर्मदा नदी के तट के पास स्थित है। नर्मदा नदी को भगवान शिव की पुत्री कहा जाता हैं। यह नर्मदा नदी के किनारे मांधाता या शिवपुरी नामक एक ‘ओम’ आकर के द्वीप पर स्थित है। यहां भगवान शिव के दो मुख्य मंदिर है। ओंकारेश्वर और अमरेश्वर मंदिर। 5) केदारनाथ ज्योतिर्लिंग, उत्तराखंड (Kedarnath Jyotirlinga, Uttarakhand)भारत के 12 ज्योतिर्लिंग में से एक केदारनाथ मंदिर उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है। यह अलकनंदा और मंदाकिनी नदी के तट पर केदार नमक चोटी पर विराजमान है। यह भारत का काफी मशहूर और भगवान शिव का मुख्य स्थान है। यह भारत का छोटा चार धाम यात्रा का प्रमुख स्थान है। कहा जाता है कि यदि केदारनाथ के दर्शन नहीं किए तो बद्रीनाथ दर्शन भी न के बराबर माना जाता है। खराब मौसम के कारण साल के 6 महीनों में केवल एक बार यहां के दर्शन कर सकते है। इसलिए यह यात्रा काफी कठिन मानी जाती है। दुनिया का सबसे बड़ा धर्म कौन सा है टॉप 10 लिस्ट जानने के लिए यहां क्लिक करे 6) भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग, महाराष्ट्र (Bhimashankar Jyotirlinga, Maharashtra)भीमाशंकर मंदिर महाराष्ट्र के पुणे में सह्याद्रि नामक पर्वत पर विराजमान है। यह शिवलिंग काफी भीम और भव्य है इसलिए इसका नाम बीमाशंकर रखा गया हैं। मोटा होने के कारण इसे मोटेश्वर ज्योतिर्लिंग भी कहा जाता है। इस पर्वत शिखा के घाट पर भीमा नदी का स्रोत भी है। कहा जाता है कि भीमराथी नदी का निर्माण उस समय हुआ था जब राक्षस त्रिपुरासुर के खिलाफ लड़ाई के दौरान शिव के शरीर से पसीना निकला था। 7) काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग, उत्तर प्रदेश (Kashi Vishwanath Jyotirlinga, Uttar Pradesh)काशी विश्वनाथ मंदिर उत्तर प्रदेश राज्य के वाराणसी में स्थित है। यह 12 ज्योतिर्लिंग में सबसे पवित्र ज्योतिर्लिंग है। ऐसा कहा जाता है कि यह स्थान भगवान शिव को इतना प्रिय हो गया था कि उन्होंने कैलाश छोड़कर इसे अपना निवास स्थान बना लिया था। इस मंदिर को 1780 में एक मराठा रानी महारानी अहिल्या बाई होल्कर द्वारा बनाया गया है। 8) त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग, महाराष्ट्र (Trimbakeshwar Jyotirlinga, Maharashtra)महाराष्ट्र के तीन ज्योतिर्लिंग में से एक त्रयंबकेश्वर मंदिर नासिक से 30 किलोमीटर दूर पश्चिम दिशा की ओर गोदावरी नदी के समीप स्थित हैं। मंदिर के अंदर एक पानी का पवित्र कुंड भी है, जिसका स्रोत गोदावरी है। शिव पुराण के अनुसार, ऋषि और गोदावरी के कहने पर भगवान शिव यहां रुके थे और त्रयंबकेश्वर के नाम से विख्यात हुए थे। 9) वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग, झारखंड (Baidhyanath or Vaidyanath Jyotirlinga, Jharkhand)बैद्यनाथ धाम महादेव के 12 ज्योतिर्लिंग में से एक है। जो झारखंड के देवगढ़ जिले में स्थित है। कहा जाता है कि रावण ने भगवान शिव की कड़ी तपस्या की थी, जिसके वरदान में उसने भगवान शिव को लंका ले जाने की मांग करी थी। इसी बीच भगवान शिव ने शर्त रखी थी कि शिवलिंग रास्ते में कही जमीन पर नही रखना है। इस शर्त को मानते हुए रावण शिवलिंग को लेकर लंका की ओर आने लगा। तभी भगवान विष्णु की लीला से रावण ने यह शिवलिंग एक गौवले को दे दिया। उसने वह शिवलिंग नीच जमीन पर रख दिया। तभी से यह मंदिर स्थापित हो गया। 10) नागेश्वल ज्योतिर्लिंग, गुजरात (Nageshvara Jyotirlinga, Gujrat)भोलेनाथ के 12 महाज्योतिर्लिंग में से एक नागेश्वर ज्योतिर्लिंग गुजरात के बड़ौदा क्षेत्र में द्वारका के पास स्थित है। उल्लेखनीय है कि एक बार अपनी भक्त सुप्रिया को रक्षक से बचाने के भगवान शिव ने नाग का अवतार धारण किया था। और सुप्रिया समेत कई भक्तों की रक्षा की थी। तभी से इस मंदिर का नाम नागेश्वर मंदिर पड़ा। 11) रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग, तमिल नाडु (Rameshwaram Jyotirlinga, Tamil Nadu)दक्षिण भारत के तमिल नाडु में भगवान शिव का रामेश्वर ज्योतिर्लिंग स्थित है। यह भारत का सबसे प्रसिद्ध और भव्य मंदिर भी है। यह भारत के चार धाम में शामिल एक मुख्य धाम है। कहा जाता है कि जब भगवान राम लंका की ओर जा रहे थे। तब उन्होंने रामेश्वर में विश्राम किया था। इसके बाद जब वह नदी में पानी पीने गए थे तब आकाश से एक आकाशवाणी हुई। जिसमे कहा गया कि आप यह जल नहीं पी सकते। भारत का सबसे बड़ा मंदिर कौन सा है? जानने के लिए यहां क्लिक करे तब भगवान राम ने मिट्टी से एक शिवलिंग का निर्माण किया। जिससे प्रसन्न होकर भगवान शिव प्रकट हुए। भगवान राम ने रावण का वध और लंका विजय का वरदान मांगा। जिसपर भगवान शिव ने आशीर्वाद दिया। जिसके बाद वह एक ज्योतिर्लिंग में बदल गए, तभी से रामेश्वर ज्योतिर्लिंग की स्थापना हुई। 12) घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग, महाराष्ट्र (Ghrisneshwar Jyotirlinga, Maharashtra)महाराष्ट्र के औरंगाबाद में घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग स्थित है। इस मंदिर के पीछे एक शिव भक्त की कहानी है। कहा जाता है कि सुदेशा और सुर्धम नामक दंपति का वैवाहिक जीवन सुख में व्यतीत हो रहा था। लेकिन उनकी कोई संतान नहीं थी। जिसके बाद सुदेश ने सुधर्म की शादी अपनी बहन घूश्म से करवा दी। जिसके बाद उनका एक बालक हुआ। लेकिन समाज के जलन से सुदेशा ने बालक को एक झील में फेंक दिया। उस झील में सुधर्म ने 101 शिवलिंग अर्पित किए थे। इसके बाद उसने भगवान शिव की कठोर तपस्या की। जिसके बाद भगवान शिव प्रकट हुए उन्होंने उसकी संतान उसको लौटा दी। सुधर्म ने भगवान शिव से सुदेश को माफ करने का आग्रह भी करा। जिससे प्रसन्न होकर भगवान शिव ने यहां घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग के रूप में स्थापित हो गए। आशा है आपको भारत में कितने ज्योतिर्लिंग है, भारत के 12 ज्योतिर्लिंग कहां स्थित है, और भगवान शिव के कितने ज्योतिर्लिंग है उनके नामों की लिस्ट की पूरी जानकारी मिली होंगी। हिंदू धर्म के अनुसार प्रतिदिन इन 12 ज्योतिर्लिंग का जाप करने से मनुष्य के पाप धुल जाते है। इनके दर्शन करने से पापों से मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति होती है। FAQ’s (Frequently Asked Questions)प्रश्न: 12 ज्योतिर्लिंग की स्थापना कैसे हुई?उत्तर: ऐसा कहा जाता है जब भगवान शिव ने खुद प्रकार होकर अपने दर्शन दिए तब इन 12 ज्योतिर्लिंग की उत्तपति हुई। प्रश्न: उत्तर प्रदेश में कितने ज्योतिर्लिंग है?उत्तर: उत्तर प्रदेश में भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग में से एक ज्योतिर्लिंग है। काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग हिंदुओं का सबसे प्रसिद्ध मंदिर है। प्रश्न: सबसे बड़ा ज्योतिर्लिंग कौन सा है?उत्तर: सबसे बड़ा और पहला ज्योतिर्लिंग गुजरात में स्थित सोमनाथ ज्योतिर्लिंग है। प्रश्न: शिवलिंग का मतलब क्या होता है?उत्तर: शिवलिंग का अर्थ शिव का चमकदार प्रतीक होता है। प्रश्न: शिव के कितने नाम है?उत्तर: भगवान शिव के 108 नाम है। प्रश्न: महाराष्ट्र में कितने ज्योतिर्लिंग है?उत्तर: महाराष्ट्र में तीन ज्योतिर्लिंग है। 1) बीमाशनकर मंदिर 2) त्रयंबकेश्वर मंदिर 3) घृष्णेश्वर मंदिर यह भी पढ़े:
12 ज्योतिर्लिंगों के नाम क्या है?द्वादश ज्योतिर्लिंग. सोमनाथ. मल्लिकार्जुन. महाकालेश्वर. ॐकारेश्वर. वैद्यनाथ. भीमाशंकर. रामेश्वर. नागेश्वर. 12 ज्योतिर्लिंग के नाम और कहाँ स्थित है?देशभर में कहां-कहां पर हैं ये 12 ज्योतिर्लिंग यहां पढ़ें.. सोमनाथ ज्योतिर्लिंग, गुजरात ... . मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग, आंध्र प्रदेश ... . महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग, मध्य प्रदेश ... . ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग, मध्य प्रदेश ... . केदारनाथ ज्योतिर्लिंग, उत्तराखंड ... . भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग, महाराष्ट्र ... . विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग, उत्तर प्रदेश. शिवलिंग कितने हैं और कहां कहां है?धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, भोलेनाथ के 12 ज्योतिर्लिंगों में भगवान शिव ज्योति के रूप में स्वयं विराजमान हैं। ये सभी ज्योतिर्लिंग भारत के अलग अलग राज्यों में स्थित हैं। इन ज्योतिर्लिंगों के अगर आप दर्शन करना चाहते हैं तो आपको पता होना चाहिए कि इन 12 ज्योतिर्लिंगों का क्या नाम है और ये कहां स्थित है।
12 ज्योतिर्लिंग में से पहला ज्योतिर्लिंग कौन सा है?पहला स्थान: सोमनाथ यह ज्योतिर्लिंग गुजरात के काठियावाड़ में स्थापित है। दूसरा स्थान: श्री शैल मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग मद्रास में कृष्णा नदी के किनारे पर्वत पर स्थापित है। तीसरा स्थान: ये महाकाल उज्जैन के अवंति नगर में स्थापित महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग। कहते हैं यहां शिवजी ने दैत्यों का नाश किया था।
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