प्रेमचंद जी ने इस कहानी का नाम नादान दोस्त रखा आप इसे क्या शीर्षक देना चाहोगे? - premachand jee ne is kahaanee ka naam naadaan dost rakha aap ise kya sheershak dena chaahoge?

Short Note

प्रेमचंद जी ने इस कहानी का नाम ‘नादान दोस्त’ रखा। आप इसे क्या शीर्षक देना चाहोगे?

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Solution

मैं इसे शीर्षक देना चाहूँगा-‘चिड़िया के अंडे’ या ‘रक्षा में हत्या’ अथवा ‘बच्चों की नादानी’।

Concept: गद्य (Prose) (Class 6)

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Chapter 3: नादान दोस्त - कहानी से आगे [Page 20]

Q 3Q 2Q 1

APPEARS IN

NCERT Class 6 Hindi - Vasant Part 1

Chapter 3 नादान दोस्त
कहानी से आगे | Q 3 | Page 20

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नादान दोस्त कहानी का शीर्षक क्या है?

तुम इसे क्या शीर्षक देना चाहोगे? उत्तर - मैं प्रेमचंद की कहानी 'नादान दोस्त' का अन्य शीर्षक नाम 'बच्चों की नादानी', 'चिड़िया के अंडे' या 'नादान बचपन' देना चाहूँगा।

प्रेमचंद ने इस कहानी का नाम नादान दोस्त रखा तुम इसे क्या शीर्षक देना चाहोगे और क्यों?

प्रेमचंद जी ने इस कहानी का नाम 'नादान दोस्त' रखा। आप इसे क्या शीर्षक देना चाहोगे? हम इसका दूसरा अन्य शीर्षक 'रक्षा में हत्या या बच्चों की नादानी' देना चाहेंगे।

केशव ने क्या नादानी की थी?

केशव ने क्या नादानी की थी? Solution : केशव ने यह नादानी की थी कि उसने चिड़िया के अण्डों को हाथ से छू लिया था।

नादान दोस्त कहानी में किन्हें नादान कहा गया है और क्यों?

प्रश्न 3- केशव और श्यामा ने चिड़िया के अंडों की रक्षा की या नादानी? उत्तर- केशव और श्यामा ने तो अंडों की रक्षा करनी चाही, परन्तु यह उनकी नादानी निकल गई। बच्चे ने अंडों को छू दिया और उन्हें गंदा कर दिया। उन्हें यह मालूम नहीं था कि यदि वे अंडों को छू देंगें तो चिड़िया उन अंडों को गिराकर चली जाएंगी।