पारिभाषिक शब्द और सामान्य शब्दों में क्या अंतर है उदाहरण सहित समझाइए? - paaribhaashik shabd aur saamaany shabdon mein kya antar hai udaaharan sahit samajhaie?

HomeSolved Assignmentसामान्य शब्द और पारिभाषिक शब्द में अंतर स्पष्ट कीजिए।

सामान्य शब्द और पारिभाषिक शब्द में अंतर स्पष्ट कीजिए।

सामान्य एवं पारिमाषिक शब्दों के बीच मूल अंतर, अर्थ-संरचना के स्तर पर ही होता है। भाषा में शब्द अभिधा, लक्षणा एवं व्यंजना-शक्ति से संपन्‍न होता है। कोई भीव्यक्ति अपनी भाषा में, शब्द को प्रयोजन और दृष्टिकोण के अनुरूप इन अर्थों के संदर्भ में प्रयुक्त कर सकता है। विशेष तौर पर साहित्य की ही बात करें तो शब्दों का लाक्षणिक प्रयोग साहित्य को वैशिष्ट्य प्रदान करता है। जबकि पारिभाषिक शब्द में यह गुण होता है कि विषय-विशेष के संदर्भ में अभिधार्थ या एक ही अर्थ देता है. किसी अन्य संदर्भ में हम उसका वही अर्थ ग्रहण नहीं कर पाते। साहित्यिक भाषा में 'आँसुओं की नदी बहाना' लाक्षणिक अर्थ को व्यक्त करता है क्योंकि कोई भी ऐसा व्यक्ति नहीं है जिसकी आँखें आँसुओं की नदियाँ बहा सके। इस तरह देखा जाए तो यहाँ मूल अर्थ में विचलन लाते हुए अर्थ-विस्तार किया गया है। जबकि ज्ञान-विज्ञान के संदर्भ में 'नदी' शब्द प्रयुक्त होने पर उसका मूल अर्थ स्थिर रूप में नजर आता है। वहाँ उस स्थिति में 'नदी' का मूल अर्थ स्थिर है, उसमें वस्तुनिष्ठता है। पारिमाषिक शब्द शास्त्र-सापेक्ष होते हैं, उनके द्वारा व्यंजित अर्थ में निश्चितता एवं सूक्ष्मता होती है। पारिमाषिक शब्दावली की इस प्रकार की विशिष्टता उन्हें अर्थ के स्तर पर सामान्य शब्द से अलग पहचान देती है।

   पारिभाषिक शब्द किसी व्यापार, प्रक्रिया अथवा विशिष्ट अवधारणा के अर्थ को व्यक्त करने वाले भी हो सकते हैं। जैसे, गणित में 'दशमलव', बिंदु', 'समीकरण' आदि या फिर भाषाविज्ञान में 'ध्वनि', 'स्वन', 'स्वनिम' और 'रूपिम' आदि शब्दों को देखा जा सकता है। इसी तरह से, दर्शनशास्त्र और आध्यात्मिक संदर्भों में 'माया', 'जगत', 'आत्मा', 'मोक्ष/ आदि शब्दों का उल्लेख किया जा सकता है। यह स्थिति ठोस वस्तुओं आदि के बोधक पारिभाषिक शब्दों की भी है। जैसे, रसायन विज्ञान में 'कैल्शियम', 'नाइट्रोजन', सोडियम' आदि; प्राणिविज्ञान में 'कोशिका', 'धमनी' आदि पारिभमाषिक शब्दों की है। पदार्थवाची शब्द विविध प्रकार की भौतिक वस्तुओं से संबंधित होते हैं और ऐसे शब्दों का बाहुलय प्राय: प्राकृतिक विज्ञानों की परिधि में होता है, जबकि अवधारणावाची शब्द अपेक्षाकृत अधिक सूक्ष्म और अमूर्तवाची होते हैं। इस प्रकार के शब्दों की परिभाषा देना आवश्यक होता है। इन्हें परिभाषित करने का मूल कारण यह है कि ऊपरी तौर वह शब्द-विशेष भले ही सामान्य अर्थ की प्रतीति कराए किंतु वास्तव में उसका एक अन्य निश्चित अर्थ भी होता है। जैसे भौतिकी के क्षेत्र में 'घनत्व(densit) शब्द को भी लिया जा सकता है जिसका सामान्य अर्थ घनापन अथवा गाढ़ापन है जबकि विषय-विशेष अर्थात विज्ञान के क्षेत्र में इसका प्रयोग 'किसी वस्तु के इकाई आयतन का मात्रा' के अर्थ में होता है।

पारिभाषिक शब्द और सामान्य शब्दों में क्या अंतर है?

ऐसे शब्द जो किसी विशेष ज्ञान के क्षेत्र में एक निश्चित अर्थ में प्रयुक्त होते हैं, वह पारिभाषिक शब्द होते हैं और जो शब्द एक निश्चित अर्थ में प्रयुक्त नहीं होते वह सामान्य शब्द होते हैं। पारिभाषिक शब्द का अर्थ है जिसकी सीमाएँ बाँध दी गई हों। .... और जिनकी सीमा नहीं बाँधी जाती, वे साधारण शब्द होते हैं।

पारिभाषिक शब्द से आप क्या समझते हैं पारिभाषिक शब्दावली की आवश्यकता एवं विशेषताओं पर प्रकाश डालिए?

पारिभाषिक शब्द ऐसे शब्दों को कहते हैं जो रसायन, भौतिकी, दर्शन, राजनीति आदि विभिन्न विज्ञानों या शास्त्रों के शब्द होते हैं जो अपने-अपने क्षेत्र में विशिष्ट अर्थ में सुनिश्चित रूप से परिभाषित होते हैं। अर्थ और प्रयोग की दृष्टि से निश्चित रूप से परिभाषित होने के कारण ही ये शब्द पारिभाषिक शब्द कहे जाते हैं।”

पारिभाषिक शब्द से क्या आशय है विस्तार से प्रकाश डालिए?

"जो शब्द सामान्य व्यवहार की भाषा में प्रयुक्त न होकर ज्ञान-विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों में विषय एवं संदर्भ के अनुसार विशिष्ट किंतु निश्चित अर्थ में प्रयुक्त होते हैं, उन्हें पारिभाषिक शब्द कहते हैं ।

पारिभाषिक शब्दों की आवश्यकता क्यों होती है?

नए शब्दों के प्रयोग से हिन्दी के व्यावहारिक, कामकाजी और प्रशासनिक क्षेत्र में प्रगति हुई है। हिन्दी को प्रतिष्ठा दिलाने में पारिभाषिक शब्दावली का महत्व पूर्ण योगदान है। इसी शब्दावली की सहायता से जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में हिन्दी में कार्य करना संभव बनाया है। ये शब्द एकार्थी सुनिश्चित, सरल और प्रभावी होते है।