प्रश्न 21-14 (क). Show उत्तर 21-14 (क). कवि के अनुसार अगरबत्ती बनाने वाले हाथ छोटे-छोटे बच्चों के हैं जो बहुत कोमल हैं पीपल के नए पत्तों की तरह कोमल हैं ओर जूही की तरह खुशबू फैलाने वाले हैं । प्रश्न 21-15 (ख). उत्तर 21-15 (ख). कवि के अनुसार अगरबत्ती बनाने वाले लोग इतने गरीब होते हैं कि साफ-सुथरी जगह पर रह भी नहीं सकते वे इनती गंदगी के बीच रहते है जहां आम आदमी जाने की सोच भी नहीं सकता ऐसी परिस्थिति में वे सभी के लिए अगरबत्त्यिा बनाते हैं। प्रश्न 21-16 (ग). कवि ने इस कविता में ‘बहुवचन’ का प्रयोग अधिक किया है? इसका क्या कारण है? उत्तर 21-16 ग: कवि ने बहुवचन का प्रयोग इसलिए अधिक किया है क्योंकि हमारे यहां गरीबों की संख्या भी अधिक है और उनके द्वार किए गए छोटे-छोटे कार्य भी इनते अधिक हैं कि उन्हें गिनना नामुमकिन है जिनके कारण हम सब खुशहाल जीवन जीते हैं । प्रश्न 21-17 (घ). कवि ने हाथों के लिए कौन-कौन से विशेष का प्रयोग किया है? उत्तर 21-17 घ: कवि ने हाथों के लिए उभरी नसों, घिसे नाखूनों, पीपल के पत्तों, जूही की डाल और फटे हुए आदि विषेशणें का प्रयोग किया है । पीपल के पत्ते से नए नए हाथ का क्या अर्थ है?(ii) दुनिया की सारी गंदगी के बीच दुनिया की सारी खुशबू रचते रहते हैं हाथ (ख) कवि ने इस कविता में 'बहुवचन' का प्रयोग अधिक किया है।
पीपल के पत्तों से हाथ से क्या तात्पर्य है उन्हें क्यों काम करने की ज़रूरत क्यों पड़ी?इन पंक्तियों के माध्यम से कवि ने हमारा ध्यान उन छोटे बच्चों की ओर आकर्षित करना चाहा है, जिनके हाथ पीपल के नए पत्तों के समान कोमल होते। हैं तथा ऐसी स्त्रियों का वर्णन किया है, जिनके हाथ जूही की डाल के समान सुंदर और खुशबूदार होते हैं किंतु गरीबी के कारण ये अत्यंत कठोर श्रम करने को मजबूर हैं।
खुशबू रचते हैं हाथ कविता हमें क्या संदेश देती है?'खुशबू रचते हैं हाथ' ऐसा कवि ने इसलिए कहा है जिन हाथों द्वारा दुनिया भर में खुशबू फैलाई जाती है, वे हाथ गंदे हैं, गंदी जगहों पर रहते हैं और अभावग्रस्त जीवन जीने को विवश हैं। (घ) जहाँ अगरबत्तियाँ बनती हैं, वहाँ का माहौल कैसा होता है? जहाँ अगरबत्तियाँ बनती है वहाँ का वातावरण अत्यंत गंदा होता है।
खुशबू रचते हैं हाथ इस कविता को लिखने का मुख्य उद्देश्य क्या है?(ङ) इस कविता को लिखने का मुख्य उद्देश्य गरीब मज़दूरों की दयनीय दशा की ओर ध्यान आकर्षित करना है। इस प्रकार कवि उनके उद्धार के प्रति चेतना जाग्रत करना चाहता है। वह चाहता है कि इन श्रमिकों की दयनीय दशा को सुधारा जाए, इनके रहने की दशा को स्वास्थ्यप्रद बनाया जाए।
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