पक्षी ईन्मुक्त रहकर ऄपनी कौन-कौन सी आच्छाएाँ पूरी करना चाहते हैं - pakshee eenmukt rahakar panee kaun-kaun see aachchhaaeaan pooree karana chaahate hain

विषयसूची

  • 1 2 पक्षी उन्मुक्त रहकर अपनी कौन कौन सी इच्छाएँ पूरी करना चाहते हैं?
  • 2 पक्षी हमें क्या संदेश देते हैं Class 7?
  • 3 पक्षी हमें क्या सन्देश देते हैं?
  • 4 पक्षी हमें क्या संदेश देना चाहते हैं?
  • 5 पक्षी क्यों नहीं गा पाएंगे?
  • 6 हम पंछी उन्मुक्त गगन के शीर्षक से कवि का क्या तात्पर्य है 5?

इसे सुनेंरोकेंपक्षी उन्मुक्त रहकर अपनी कौन-कौन सी इच्छाएँ पूरी करना चाहते हैं? उत्तर:- पक्षी उन्मुक्त होकर वनों की कड़वी निबोरियाँ खाना, खुले और विस्तृत आकाश में उड़ना, नदियों का शीतल जल पीना, पेड़ की सबसे ऊँची टहनी पर झूलना और क्षितिज से मिलन करने की इच्छाओं को पूरी करना चाहते हैं।

पक्षी हमें क्या संदेश देते हैं Class 7?

इसे सुनेंरोकेंअतः पक्षी भी खुले में रहकर मैदा से भरी सोने की कटोरी की अपेक्षा नीम के कड़वे फल खाना अधिक पसंद करते हैं। (ख) कवि ने इस कविता के माध्यम से हमें क्या संदेश देना चाहा है? कवि ने इस कविता के माध्यम से संदेश देना चाहा है कि पराधीन सपनेहुँ सुख नाहीं।

हर तरह की सुख सुविधाएँ पाकर भी पक्षी पिंजरे में बंद क्यों नहीं रहना चाहते 2?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर : हर तरह की सुख सुविधाएँ पाकर भी पक्षी पिंजरे में बंद इसलिए रहना नहीं चाहते क्योंकि उन्हें स्वतंत्रता पसंद है, वे बंधन में रहना नही चाहते। वे खुले आकाश में आजादी पूर्वक उड़ना चाहते हैं। उत्तर : पक्षियों का पालना अनुचित कार्य है क्योंकि इससे उनकी आजादी का हनन होता है।

पहली कठपुतली की बात दूसरी कठपुतलियों को क्यों अच्छी लगीं?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: पहली कठपुतली की बात दूसरी कठपुतलियों को अच्छी लगी क्योंकि पहली कठपुतली स्वतंत्र होने की बात कर रही थी और दूसरी कठपुतलियाँ भी बंधन से मुक्त होकर आज़ाद होना चाहती थीं।

पक्षी हमें क्या सन्देश देते हैं?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर : पक्षी और बादल भगवान के डाकिए इसलिए कहे गए हैं क्योंकि ये एक देश से होकर दूसरे देश में जाकर सद्भावना का संदेश देते हैं। (क) पक्षी और बादल प्रेम, सद्भाव और एकता का संदेश एक देश से दूसरे देश को भेजते हैं। (ख) प्रकृति देश-देश में भेदभाव नहीं करती। एक देश से उठा बादल दूसरे देश में बरस जाता है।

पक्षी हमें क्या संदेश देना चाहते हैं?

इसे सुनेंरोकेंकवि चिड़िया के माध्यम से खुशी से जीने का संदेश हमें देते हैं। चिड़िया के माध्यम से हमें सीख मिलती है कि हमें थोड़े में ही संतोष करना चाहिए। इस कविता में अकेले रहकर भी उमंग से जीने का संदेश दिया गया है।

इसे सुनेंरोकें2. पक्षी उन्मुक्त रहकर अपनी कौन-कौन सी इच्छाएँ पूरी करना चाहते हैं? उत्तर:- पक्षी उन्मुक्त होकर वनों की कड़वी निबोरियाँ खाना, खुले और विस्तृत आकाश में उड़ना, नदियों का शीतल जल पीना, पेड़ की सबसे ऊँची टहनी पर झूलना और क्षितिज से मिलन करने की इच्छाओं को पूरी करना चाहते हैं।

हम पछं ी उन्म ुत गगन के कविता का क्या उद्देश्य हैं?

इसे सुनेंरोकेंहम पंछी उन्मुक्त गगन के कविता का सार शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ जी ने अपनी इस कविता में पक्षियों के माध्यम से स्वतंत्रता की भावना को व्यक्त किया है। वे लिखते हैं की पक्षी को भले ही पिंजरे में सभी सुख सुविधाएं मिलती रहे लेकिन वह प्रकृति में स्वतंत्र उड़ने के लिए सदैव लालायित रहेगा। जब कभी उसे अवसर मिलेगा वह उड़ जायेगा।

हर तरह की सुख सुविधाएँ पाकर भी पक्षी पिंजरे में बंद क्यों नहीं रहना चाहते हैं?

इसे सुनेंरोकेंप्रश्न-1 हर तरह की सुख-सुविधाएँ पाकर भी पक्षी पिंजरे में बंद क्यों नहीं रहना चाहते? उत्तर- हर तरह की सुख-सुविधाएँ पाकर भी पक्षी पिंजरे में बंद इसलिए नहीं रहना चाहते क्योंकि उन्हें स्वतन्त्रता पसंद है और वे बंधन में नहीं रहना चाहते। वे खुलकर आकाश में उड़ना चाहते हैं।

पक्षी क्यों नहीं गा पाएंगे?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: (अ) पिंजरे में बंद होकर पंक्षी नहीं गा पाएँगे; क्योंकि वे स्वतंत्र आसमान में उड़ने वाले जीव हैं।

हम पंछी उन्मुक्त गगन के शीर्षक से कवि का क्या तात्पर्य है 5?

इसे सुनेंरोकेंभावार्थ- कविता की इन पंक्तियों में पंछियों की स्वतंत्र होने की चाह को दर्शाया है। इन पंक्तियों में पक्षी मनुष्यों से कहते हैं कि हम खुले आकाश में उड़ने वाले प्राणी हैं, हम पिंजरे में बंद होकर खुशी के गीत नहीं गा पाएँगे। आप भले ही हमें सोने से बने पिंजरे में रखो, मगर उसकी सलाख़ों से टकरा कर हमारे कोमल पंख टूट जाएँगे।

हम पंछी उन्मुक्त गगन का क्या अर्थ है?

इसे सुनेंरोकेंहिंदी में अर्थ / व्याख्या : हम खुले (उन्मुक्त) आसमान (गगन) में उड़ने वाले पक्षी (पंछी) है , हम पिंजरे के अंदर बंद होकर (पिंजरबद्ध) नहीं गा पाएंगे। सोने की सलाखों (कनक तीलियों) से टकराकर हमारे नरम (पुलकित) पंख टूट जाएँगे।

प्रश्न 1-1. हर तरह की सुख सुविधाएँ पाकर भी पक्षी पिंजरे में बंद क्यों नही रहना चाहते?

उत्तर : हर तरह की सुख सुविधाएँ पाकर भी पक्षी पिंजरे में बंद इसलिए रहना नहीं चाहते क्योंकि उन्हें स्वतंत्रता पसंद है, वे बंधन में रहना नही चाहते। वे खुले आकाश में आजादी पूर्वक उड़ना चाहते हैं।

प्रश्न 1-2. पक्षी उन्मुक्त रहकर अपनी कौन-कौन सी इच्छाएँ पूरी करना चाहते हैं?

उत्तर : पक्षी उन्मुक्त रहकर नदियों का शीतल जल पीना, कड़वी निबोरी खाना, पेड़ की सबसे ऊँची टहनी पर झूलना, खुले और विस्तृत आकाश में उड़ना, और क्षितिज के अंत तक उड़ने की इच्छाओं को पूरी करना चाहते हैं।

प्रश्न 1-3. भाव स्पष्ट कीजिए -
"या तो क्षितिज मिलन बन जाता/या तनती साँसों की डोरी।"

उत्तर : इस पंक्ति में कवि ने बताया है कि पक्षी स्वतंत्र होकर क्षितिज यानी आकश और धरती के मिलन के स्थान तक जाने की इच्छा रखते हैं। वे या तो इसे प्राप्त करना चाहते हैं नहीं तो अपने प्राणों को न्योछावर कर दें।

प्रश्न 1-1. बहुत से लोग पक्षी पालते हैं -
(क) पक्षियों को पालना उचित है अथवा नहीं? अपना विचार लिखिए।

उत्तर : पक्षियों का पालना अनुचित कार्य है क्योंकि इससे उनकी आजादी का हनन होता है। उनके पास पंख हैं, वे आसमान में उड़ना चाहती हैं। वे प्रकृति की छाँव में खुलकर रहना चाहती हैं ना की हमारे बंद पिंजरों में। जिस तरह हमें आजादी पसंद है उसी तरह वे भी स्वछंदता पसंद करती हैं क्योंकि बंधन में रहकर मिलने वाली सुविधाओं से आजादी की स्थिति श्रेष्ठ है।

पक्षी उन्मुक्त रहकर अपनी कौन कौन सी इच्छाएँ पूरी?

प्रश्न - 2 पक्षी उन्मुक्त रहकर अपनी कौन-कौन सी इच्छाएँ पूरी करना चाहते हैं? उत्तर- पक्षी उन्मुक्त रहकर बहते हुए जल को पीना, कड़वे निबौरी के फल को खाना, पेड़ के सबसे ऊँची टहनी पर झूलना, खुले आसमान में उड़ना, क्षितिज के अंत तक उड़ने की इच्छाएँ पूरी करना चाहते हैं।

पक्षी उन्मत ुत िहकि अपनी कौन कौन सी इच्छाएं पिू किना चाहते थे?

पक्षी उन्मुक्त रहकर जंगल की कड़वी निबौरी खाना चाहते हैं, प्रकृति के सुन्दर रूप का आनन्द लेना चाहते हैं, खुले नीले आकाश में उन्मुक्त उड़ान भरना चाहते हैं। वे नदियों का शीतल जल पीना चाहते हैं, वे तो क्षितिज के अन्त तक उड़कर जाना चाहते हैं। इसके लिए उनको अपने प्राणों की भी चिन्ता नहीं है।

पक्षियों को बंधन में कौन रखना चाहता है?

उत्तर - हर तरह की सुख-सुविधाएँ पाकर भी पक्षी पिंजरे में बंद नहीं रहना चाहते क्योंकि उन्हें बंधन पसंद नहीं। वे तो खुले आकाश में ऊँची उड़ान भरना, नदी - झरनों का बहता जल पीना, कड़वी निबौरियाँ खाना, वृक्ष की सबसे ऊँची डाली पर झूलना, अनार के दानों रूपी तारों को चुगना और क्षितिज मिलन करना ही पसंद करते हैं।

पक्षी पिंजरे में बंद क्यों नहीं रहना चाहते हैं?

हर तरह की सुख सुविधाएँ पाकर भी पक्षी पिंजरे में बंद क्यों नही रहना चाहते? उत्तर : हर तरह की सुख सुविधाएँ पाकर भी पक्षी पिंजरे में बंद इसलिए रहना नहीं चाहते क्योंकि उन्हें स्वतंत्रता पसंद है, वे बंधन में रहना नही चाहते। वे खुले आकाश में आजादी पूर्वक उड़ना चाहते हैं