Show
प्रक्षेपण विधियां Projective Method-अ. स्याही धब्बा परीक्षण Ink-Blot Test -
उपयोगिताः-
ब. प्रसंगात्मक अंतर्बोधThematic Apperception Test -
स. बाल प्रसंगात्मक परीक्षण Children Apperception Test C.A.T.-
वाक्य या कहानी पूर्ति परीक्षण Sentence or Story Completion Test (SCT) -
खेल व नाटक विधि Play and Drama Method -
स्वतंत्र शब्द साहचय्र परीक्षण -
अच्छे मापन उपकरण की विशेषताएं क्या हैं? | Qualities of a Good Measuring
Tool in Hindi मापन तथा मूल्याकन शिक्षा प्रक्रिया का एक अत्यन्त आवश्यक तथा अभिन्न अंग है। शिक्षा प्रक्रिया के विभिन्न चरणों में छात्रों की विभिन्न योग्यताओं एवं उपलब्धि का भापन व मूल्यांकन करना होता है। मापन तथा मूल्याकन के लिए कुछ उपकरणों का प्रयोग किया जाता है। किसी भी अच्छे मापन उपकरण में कुछ मूलभूत विशेषताएं का होना अत्यन्त आवश्यक आवश्यक हैं। इसीलिए किसी मापन उपकरण का चयन करते समय इन विशेषताओं का ध्यान रखना अत्यन्त आवश्यक है। यदि कोई मापन उपकरण इन विशेषताओं से युक्त होता है तब ही उसे एक अच्छा मापेन उपकरण कहा जा सकता है। मापन उपकरण की विशेषताओं को दो भागों – (i) व्यावहारिक विशेषताएँ (Practical characteristics) (ii) तकनीकी विशेषताएँ (Technical characteristics) में बाँटा जा सकता है। व्यावहारिक विशेषताओं के अन्तर्गत वे विशेषताएँ आती है जो मापन उपकरण के व्यावहारिक उपयोग से सम्बन्धित होती है। यदि दिये गये उद्देश्यों तथा दी गई परिस्थितियों में किसी मापन उपकरण को सुगमता व सुविधाजनक ढंग से प्रयोग में लाया जा सकता है तो मापन उपकरण को व्यावहारिक विशेषताओं से युक्त परीक्षण कहते हैं। इनके अन्तर्गत मापन उपकरण की उद्देश्यपूर्णता, व्यापकता, सुगमता, मितव्ययता आदि विशेषताएँ आती हैं। तकनीकी विशेषताओं के अन्तर्गत मापन उपकरण के निर्माण तथा उस पर प्राप्त परिणामों के त्रुटि रहित होने से सम्बन्धित विशेषताएँ आतीं हैं। यदि मापन उपकरण की रचना प्रमापीकृत विधियों के अनुरूप की गई है, तो परीक्षण पर प्राप्त परिणामों के त्रुटिरहित होने के प्रति सुनिश्चित हुआ जा सकता है। ऐसी स्थिति में परीक्षण को तकनीकी विशेषताओं से युक्त परीक्षण कहा जाता है। इसके अन्तर्गत वस्तुनिष्टता, विश्वसनीयता, वैधता, विभेदकता आदि विशेषताएँ आती हैं। यहाँ यह स्मरणीय होगा कि परीक्षण की ये सभी विशेषताएँ एक दूसरे से पूर्णतया पृथक-पृथक न होकर परस्पर सम्बन्धित होती हैं । उदाहरण के लिए यदि कोई परीक्षण वैध होता है तो वह विश्वसनीय भी होता है। इसी प्रकार से बस्तुनिष्ठ परीक्षण की वैधता व विश्वसनीयता विषयनिष्ठ परीक्षण से अधिक होती है। परीक्षण की विभिन्न विशेषताओं को चित्र 8 में स्पष्ट किया गया है। कुछ लेखक मापन उपकरण की व्यावहारिक विशेषताओं को मात्र एक शीर्षक व्यावहारिकता (Practicability) में रखते हैं तथा व्यावहारिक विशेषता व तकनीकी विशेषता नाम से विशेषताओं मे कोई विभेद नहीं करते हैं ।
ऐसे विद्वान तथा लेखक प्रायः किसी अच्छे मापन उपकरण की निम्न प्रमुख विशेषताओं की चर्चा करते हैं :- (अच्छे मापन उपकरण की विशेषताएं)
आगे किसी अच्छे परीक्षण की इन बारह विशेषताओं (Characteristics) का वर्णन संक्षेप में प्रस्तुत किया जा रहा है-
वस्तुनिष्ठता, विश्वसनीयता, वैधता तथा मानकों का सम्बन्ध क्रमशः मापन की व्यक्तिगत ऋ्रुटियों, मापक की चर त्रटियों, मापन की स्थिर त्रुटियों तथा मापन की व्याख्यात्मक त्रुटियों से है। इन चारों विशेषताओं को ही परीक्षण की मुख्य तकनीकी विशेषताओं के रूप में स्वीकार किया जाता है। इसलिए मापन तथा मूल्यांकन के छात्रों के लिए इन चारों विशेषताओं का विस्तृत ज्ञान अति आवश्यक तथा महत्वपूर्ण है। अतः इन चारों की विस्तृत चर्चा आगामी चार अध्यायों में प्रस्तुत की जा रही है। अन्य सभी विशेषताएं मुख्यतः परीक्षण के निर्माण से सम्बन्धित हैं जिनकी चर्चा परीक्षा निर्माण के अध्याय के अन्तर्गत की गई है। शिक्षक शिक्षण – महत्वपूर्ण लिंक
Disclaimer: sarkariguider.com केवल शिक्षा के उद्देश्य और शिक्षा क्षेत्र के लिए बनाई गयी है। हम सिर्फ Internet पर पहले से उपलब्ध Link और Material provide करते है। यदि किसी भी तरह यह कानून का उल्लंघन करता है या कोई समस्या है तो Please हमे Mail करे- मापक क्या है मापक प्रदर्शित करने की विधियों का वर्णन करें?मानचित्र पर मापक दर्शाने की तीन विधियाँ प्रचलित हैं - (i) कथानामक विधि (Statement Method) (ii) प्रदर्शक भिन्न विधि ((Representative Fraction or R.F. Method) iii) आलेखी या रैखिक विधि (Graphical Method) कथानामक विधि इस विधि में मापक को शब्दों में बोलकर या कहकर व्यक्त किया जाता है, जैसे 1 से. मी.
मापन से आप क्या समझते हैं मापन के प्रकारों का वर्णन कीजिए?मापन मूलतः तुलना करने की एक प्रक्रिया है। इसमें किसी भौतिक राशि की मात्रा की तुलना एक पूर्वनिर्धारित मात्रा से की जाती है। इस पूर्वनिर्धारित मात्रा को उस राशि-विशेष के लिये मात्रक कहा जाता है। उदाहरण के लिये जब हम कहते हैं कि किसी पेड़ की उँचाई १० मीटर है तो हम उस पेड़ की उचाई की तुलना एक मीटर से कर रहे होते हैं।
मापनी प्रदर्शित करने की कौन कौन सी विधियां हैं?मापनी व्यक्त करने की तीन विधियाँ है. कथन विधी. आलेखी विधी. निरूपक भिऩन विधी (R.F.). मापनी क्या है मापनी व्यक्त करने की विधि विस्तार से लिखो?दूसरे शब्दों में, मापनी, मानचित्र पर दिखाए गए संपूर्ण पृथ्वी या इसके किसी आंशिक भाग के साथ मानचित्र के संबंध को दर्शाता है। इस संबंध को मानचित्र पर किन्हीं दो स्थानों के बीच की दूरी एवं धरातल पर उन्हीं दोनों स्थानों के बीच की वास्तविक दूरी के अनुपात के रूप में भी व्यक्त कर सकते हैं।
|