Show जानिए, आपकी राशि के अनुसार कौन हैं आपके इष्ट देव?यूं तो सनातन धर्म के संबंध रखने वाला प्रत्येक व्यक्ति अपनी इच्छा और श्रद्धा के अनुसार किसी भी देवी-देवता की आराधना कर सकता है। इसके बावजूद ईष्ट देव की पूजा का विशेष महत्व होता है। शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इष्ट देव की पूजा करने से व्यक्ति को अच्छे और शुभ फल की प्राप्ति होती है। राशि अनुसार जानें अपने इष्ट देव को- वृषभ और तुला- वृषभ और तुला राशि का स्वामी शुक्र ग्रह है और इसलिए इनकी इष्ट देवी मां दुर्गा हैं, उन्हें इनकी आराधना करनी चाहिए। और ये भी पढ़े
मिथुन और कन्या- मिथुन और कन्या राशि का स्वामी ग्रह बुध है और इसलिए उनके इष्ट देव गणेश जी और विष्णु जी हैं और उन्हें इनकी पूजा करनी चाहिए। कर्क- कर्क राशि का स्वामी ग्रह चंद्रमा है और इन लोगों के इष्ट देव शिव जी हैं। इनकी पूजा से विशेष फल मिलता है। सिंह- सिंह राशि वालों का स्वामी ग्रह सूर्य है और उनके इष्ट देव हनुमान जी और मां गायत्री हैं। धनु और मीन- धनु और मीन राशि वालों के स्वामी ग्रह गुरु हैं और उनके इष्ट देव विष्णु जी और लक्ष्मी जी हैं। मकर और कुंभ- मकर और कुंभ राशि के स्वामी शनि हैं इसलिए उनके इष्ट देव हनुमान जी और शिव जी हैं। उनकी पूजा से विशेष फल की प्राप्ति होती है। जानकारी के लिए बता दें कि ईष्टदेव की पहचान कुंडली के पंचम भाव से की जाती है।।। ज्योतिष शास्त्र की मानें तो आपके जन्म की तारीख, आपके नाम के पहले अक्षर की राशि या जन्म कुंडली की राशि के आधार पर इष्टदेव की पहचान की जा सकती है। अरुण संहिता जिसे लाल किताब के नाम से भी जाना जाता है, के अनुसार व्यक्ति के पूर्व जन्म में किए गए कर्म के आधार पर इष्ट देवता का निर्धारण होता है और इसके लिए जन्म कुंडली देखी जाती है। कुंडली का पंचम भाव इष्ट का भाव माना जाता है। इस भाव में जो राशि होती है उसके ग्रह के देवता ही हमारे इष्ट देव कहलाते हैं। इष्ट देव की पूजा करने से ये फायदा होता कि कुंडली में चाहे कितने भी ग्रह दोष क्यों न हों, अगर इष्ट देव प्रसन्न हैं तो यह सभी दोष व्यक्ति को अधिक परेशान नहीं करते। ज्योतिष डेस्क, अमर उजाला Published by: रुस्तम राणा Updated Fri, 13 Mar 2020 03:06 PM IST मकर राशि का स्वामी शनि होता है। राशिचक्र की यह दसवीं राशि है। इस राशि वाले जातक गहरी सोच वाले होते हैं। धन एवं व्यापार के मामले इस राशि के जातक बहुत सावधान रहते हैं। ये एक समय में कई कार्य करने में सक्षम होते हैं। मनोरंजन करने वाले होते हैं। इस राशि की महिलाएँ अपने घर को व्यवस्थित रखती हैं। कभी-कभार इस राशि के जातक अपने स्वार्थ को आगे रखते हैं और इन्हें खुद पर भरोसा भी नहीं होता है। ये बाचाल प्रवृति के होते हैं और अपनी जिम्मेदारियों को भलिभांति समझते हैं। इसके अलावा इस राशि वाले दृढ़ निश्चयी एवं महत्वाकांक्षी होते हैं। संदेह करना इनका नकारात्मक पक्ष है। ज्योतिष शास्त्र में मकर राशि वालों के लिए उपाय बताए गए हैं, ये उपाय करने से जातकों को अच्छे फल प्राप्त होते हैं। धन समृद्धि पाने के लिए करें ये काम इस उपाय से शादी-ब्याह में आ रही परेशानी होगी दूर मन
की एकाग्रता के लिए करें यह उपाय शिक्षा के क्षेत्र में सफलता पाने के लिए करें यह काम मकर राशि वालों के इष्ट देवता कौन है?इष्ट देव : मकर राशि के जातको की इष्ट देव माता लक्ष्मी होती है।
मकर राशि वालों को कौन सा व्रत करना चाहिए?शनि ग्रह मकर और कुंभ राशि का स्वामी होने के नाते शनिवार का व्रत करना इन दोनों राशियों के जातकों के लिए लाभदायक होता है।
मकर राशि वाले कौन से देवता की पूजा करें?*भगवान भैरव की उपासना करें।
मकर राशि में क्या दोष है?यदि आप मकर राशि के जातक हैं तो आपके लिए यहाँ लाल किताब अनुसार सामान्य सलाह दी जा रही है। अशुभ की निशानी : शनि के अशुभ प्रभाव के कारण मकान या मकान का हिस्सा गिर जाता है या क्षति ग्रस्त हो जाता है, नहीं तो कर्ज या लड़ाई-झगड़े के कारण मकान बिक जाता है। अंगों के बाल तेजी से झड़ जाते हैं। अचानक आग लग सकती है।
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