महिला वकील को हिंदी में क्या कहते हैं? - mahila vakeel ko hindee mein kya kahate hain?

लखनऊ. यहां एक महिला वकील का अश्लील वीडियो बनाकर ब्लैकमेल कर वर्षों तक यौन शोषण करने का मामला सामने आया है। इसके साथ ही वीडियो वायरल करने के नाम पर उससे धन उगाही भी की गई। महिला अधिवक्‍ता के अनुसार उसके साथ जबरन अप्राकृतिक सम्बन्ध भी बनाया गया। इस मामले में चिनहट पुलिस मुकदमा दर्ज कर जांच में जुट गई है।

कोल्ड ड्रिंक में नशीला पदार्थ मिलाकर बनाया अश्लील वीडियो

- यह मामला चिनहट थाना क्षेत्र का है। यहां की निवासी एक महिला अधिवक्ता ने बताया कि वर्ष 2008 से वह वकालत कर रही है।
- वर्ष 2015 में उसकी मुलाकात इंदिरा नगर निवासी विवेक तिवारी से हुई और दोस्ती हो गई।
- 2015 के ही मई म‍हीने में आरोपी विवेक ने उसे अपने जन्मदिन की बात कहकर बुलाया।
- यहां कोल्ड ड्रिंक में नशीला पदार्थ मिलाकर उसका अश्लील वीडियो बना लिया।
- इसके बाद आरोपी ने वीडिया वायरल करने के नाम पर पीड़िता का यौन शोषण शुरू कर दिया।
- इस दौरान आरोपी ने उसके साथ जबरन अप्राकृतिक सम्बन्ध भी बनाया।
- आरोपी ने मुंह खोलने पर उसे जान से मारने की धमकी दी।
- पीड़िता ने कोतवाली चिनहट में आरोपी के विरुद्ध मामला दर्ज कराया है।
- एसओ चिनहट एसके कटियार ने बताया कि मामले की जांचकर फरार आरोपी की तलाश की जा रही है।

ब्लैकमेल कर हड़प लिए 5 लाख 70 हजार रुपए
- पीड़िता का आरोप है कि उसका अश्लील वीडियो बनाकर आरोपी विवेक तिवारी ने उससे मोटी रकम भी हड़प ली।
- पीड़िता ने बताया कि विवेक ने जब उसका अश्लील वीडियो बनाया तो ब्लैकमेलिंग भी शुरू कर दी।
- वीडियो वायरल करने के नाम पर चेक के माध्यम से 3 लाख 15 हजार रुपए और नगद 2 लाख 55 हजार हड़प लिए।

शादी का झांसा देकर कराया तलाक
- पीड़िता ने बताया कि आरोपी ने वीडियो बनाकर पहले तो कई बार उसका यौन उत्पीड़न किया।
- फिर शादी का झांसा देकर वर्ष 2016 में उसका तलाक भी करा दिया।


विरोध किया तो तमंचे के दम पर बनाता था अप्राकृतिक सम्बन्ध
- पीड़िता का आरोप है कि जब उसने सम्बन्ध बनाने से मना किया और विरोध किया तो आरोपी ने तमंचे के बल पर उसका रेप किया।
- जब भी वो ऐसा करती तो आरोपी उसके साथ अप्राकृतिक सम्बन्ध बनाता था।
- यही नहीं पीड़िता ने जब पुलिस में जाने की बात कही तो आरोपी ने उसे जान से मारकर कुकरैल पुल में फेंकने की धमकी दी।

अब सम्बन्ध मनाने से इंकार तो लात घूंसों की मिली मार
- पीड़िता ने बताया कि बीती रात भी आरोपी उसके घर आ धमका। घर में घुसते ही आरोपी ने उस पर असलहा तान दिया।
- जब उसने सम्बन्ध बनाने से मना किया तो आरोपी ने कहा कि जो बोल रहा हूं करो वर्ना जान से जाओगी।
- इतना कहकर आरोपी ने उसके साथ जबरन फिर से दुराचार किया और जान से मारने की धमकी देकर फरार हो गया।

क्या कहते हैं सीओ गोमतीनगर
- इस मामले पर सीओ गोमतीनगर सत्‍यसेन ने बताया कि महिला ने शिकायत दर्ज कराई है।
- मामला दर्ज हो गया है, जांच करवाकर दोषी पर कार्रवाई होगी।
- आरोपी पर सख्त कार्यवाही की जाएगी यदि वह दोषी है।

ये है कहना एसपी ट्रांसगोमती का
- एसपी ट्रांसगोमती जयप्रकाश सिंह ने कहा कि पीड़ित पक्ष ने यदि शिकायत की है तो उसकी जांच होगी।
- बगैर जांच करे कुछ भी कह पाना संभव नहीं।

देश की अदालतों में तेजी से मामले बढ़ते जा रहे हैं। कई बार क्लाइंट अपने ही वकीलों से धोखा खा जाते हैं। संपत्ति या अन्य मामलों में अक्सर ऐसा देखने में आता है। कई बार विरोधी पक्ष तय किए गए वकील के करीबी रिश्तेदार हो सकते हैं। ऐसे में क्लाइंट को यह जानना जरूरी है कि वकील के क्या दायित्व हैं-

कुछ दिन पहले एक मामला सामने आया। परमिता और उनके पति सुशांत के बीच तलाक का मामला 4.5 वर्ष से चल रहा था। दोनों की संयुक्त संपत्ति को लेकर कई तरह के मामले थे। कुल संपत्ति 100 करोड़ रु. की थी। 8 महीने पहले परमिता सलाह लेने वकील के पास गईं। उन्हें आशंका थी कि उनके वकील उन्हें सही हिस्सा और हक नहीं दिला पा रहे हैं। यह भी आशंका थी कि उन्हीं के वकील ने उन्हें धोखा दिया था। साथ ही उन्होंने कुछ मौकों पर पार्टियों में अपने ही वकील को अपने पति के साथ बातें करते हुए देखा।

वकील पेशेवर होने के साथ ही अदालतों के अधिकारी की भी भूमिका में रहते हैं। साथ ही वे कानून के शासन के तामील में अहम भूमिका निभाते हैं। इस तरह के नियम कानून- बार काउंसिल ऑफ इंडिया के चेप्टर दो के भाग 6 में हैं। एड्वोकेट्स एक्ट 1961 की धारा 49 (1) (सी) में ये जिक्र है कि वकीलों को किन नियमों का पालन करना चाहिए।

क्लाइंट के लिए वकील का दायित्व

1. उन्हें पूरा मामला और जानकारी सुनना होती है।
2. वे सेवा से मुकर नहीं सकते।
3. वे तब स्वयं पेश नहीं हो सकते, जिसमें वे गवाह हैं।
4. क्लाइंट को बात पूरी व दो टूक बताना।

क्लाइंट को बिना किसी पक्षपात के पूरी बात बताना वकील की जवाबदारी है। अन्यथा इससे फैसले प्रभावित हो सकते हैं। कुछ मामलों में वकील दूसरे पक्ष से संबंधित होते हैं। एक मामला आया था, जिसमें वकील के पास शिकायत लेकर आई महिला की सास वकील की मौसी थी। ऐसे में वकील ने बहू को पूरी स्थिति स्पष्ट कर दी, हालांकि उन्हें अपनी मौसी के प्रति भी दुख था।

5. क्लाइंट का हित पहले।
अदालत में किसी क्लाइंट का पक्ष रखते हुए वकील का निर्भीक होना जरूरी है, ताकि मामला पक्ष में जाने पर भी उसे कोई प्रभावित न कर सके।

6. किसी भी स्थिति में कोई गवाह या सामग्री नहीं छिपाएंगे।

7. क्लाइंट आैर अपनी बातें जाहिर न करें।
दोनों के बीच आपसी विश्वास का आधार यही है। तलाक के मामलों में कई जानकारियां इतनी व्यक्तिगत होती हैं कि उसे जाहिर करना गरिमा पर चोट पहुंचाने जैसा होता है। वकील जो भी सलाह क्लाइंट को दे रहा है तो उसे किसी और को जाहिर नहीं करेगा। यदि वह इसका उल्लंघन करता है तो भारतीय गवाह कानून 1872 के तहत वह भी जिम्मेदार माना जाएगा।

8. वकील अदालती लड़ाई को अनावश्यक रूप से खींचते रहते हैं। कई बार दोनों पक्ष मामले को हल करना चाहते हैं, लेकिन वकील मामले को आगे बढ़ाने के लिए जोर देते रहते हैं। यह ठीक नहीं माना जा सकता।
9. कोई भी वकील क्लाइंट को छोड़कर किसी अन्य के निर्देश पर काम नहीं कर सकता, न ही क्लाइंट के अधिकृत व्यक्ति के निर्देश पर।
10. यदि संपत्ति संबंधी मामले हैं तो वकील संपत्ति में परसंटेज बतौर फीस नहीं मांग सकता। यह बार काउंसिल द्वारा अनुमति प्राप्त नहीं है।
11. किसी संपत्ति के मामले में वह उक्त संपत्ति खरीदने या उसकी बोली भी नहीं लगा सकता।
12. वकील किसी मामले से जुड़ी संपत्ति की बोली न लगाने के अलावा हस्तांतरण की कवायद भी नहीं कर सकता।
14. किसी क्लाइंट द्वारा जाहिर की गई जानकारियों का वकील मामले के बाद भी दुरुपयोग नहीं कर सकता है। यह पेशेगत गरिमा के अनुकूल नहीं है।

याचिका लगाना या फिर अदालत में मामला दायर करने की जानकारी होना आज की सामाजिक और कानूनी जरूरत है। देश में अदालतों में मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। बहुत छोटे मामलों में वकील की जरूरत पड़ सकती है। ऐसे में मामला या याचिका दायर करने वाले को यह मालूम होना चाहिए कि उसके क्या अधिकार हैं। उक्त मामले से उसे किस हद तक लाभ हो सकेगा।

शुद्ध हिंदी में वकील को क्या कहते हैं?

अधिवक्ता, अभिभाषक या वकील (ऐडवोकेट advocate) के अनेक अर्थ हैं, परंतु हिंदी में ऐसे व्यक्ति से है जिसको न्यायालय में किसी अन्य व्यक्ति की ओर से उसके हेतु या वाद का प्रतिपादन करने का अधिकार प्राप्त हो।

वकील कितने प्रकार के होते हैं?

वकील कितने प्रकार के होते हैं?.
सरकारी वकील.
प्राइवेट वकील.
जूनियर वकील.
सीनियर वकील.
वरिष्ठ वकील.
फैमिली वकील.
लोअर, जिला एवं हाई कोर्ट का वकील.
सुप्रीम कोर्ट का वकील.

भारत में कुल कितने वकील हैं?

इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ इंडिया के मुताबिक, देश में 14 लाख पंजीकृत वकील हैं। लीगल प्रोफेशनल्स में कानून की प्रैक्टिस करने वाले और लीगल एजुकेशन से जुड़े लोग शामिल हैं

काला कोट क्यों पहनते हैं?

क्यों पहनते हैं वकील काले रंग की ड्रेस इसके अलावा साल 1694 में क्वीन मैरी की चेचक की बीमारी के कारण मौत हो गई और राजा विलियम्स ने सभी जजों और वकीलों को शोक मनाने के लिए काले गाउन पहनकर इकट्ठा होने का आदेश दिया। इसके बाद से इस प्रथा को कभी रद्द नहीं किया गया जिसके बाद से जज और वकील इस तरह के कपड़े पहनने लगे।