मैं अपने लिवर को फिर से आयुर्वेद में कैसे स्वस्थ बना सकता हूं? - main apane livar ko phir se aayurved mein kaise svasth bana sakata hoon?

राम एन कुमारलिवर यानी यकृत हमारे शरीर का महत्वपूर्ण अंग है। इसे शरीर का इंजन कहें तो अतिश्योक्ति नहीं होगी। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि हम जो भी खाते-पीते हैं उसे अच्छी तरह से पचाने में लिवर का सबसे महत्वपूर्ण योगदान होता है। लेकिन भागदौड़ की जिंदगी में हम अक्सर लिवर की देखभाल को नज़रअंदाज कर देते हैं। लिवर हमारे खून को साफ करता है और विषैले पदार्थों को खून में प्रवेश करने से रोकता है। लिवर शरीर को नुकसान पहुंचाने वाले पदार्थों को निष्क्रिय करता है और प्रोटीन बनाता है जिससे हम रक्तस्त्राव और इंफेक्शन से बचे रहते हैं। इसके अलावा लिवर विटामिन बी12, ग्लूकोज और आयरन आदि को जमा करने का भी काम करता है।

देखभाल न होने पर लिवर के संक्रमित होने का खतरा
यदि हमारा लीवर यह काम किसी कारणवश नहीं कर पाता है तो इसका प्रतिकूल असर हमारे शरीर पर पड़ता है। ऐसी स्थिति में त्वचा का फटना, मुंहासे होना, सूखापन और जलन की समस्या हो सकती है। इसलिए लिवर की देखरेख बेहद जरूरी है क्योंकि इसके संक्रमित होने का खतरा हमेशा रहता है। इसलिए जरूरी है कि हम अपने लिवर को नियमित रूप से डीटॉक्स करें ताकि वह अच्छी तरह से काम करे। यदि लिवर संक्रमित हो जाए तो ऐलर्जी, थकान, कलेस्ट्रॉल व पाचन से संबंधित समस्याएं पैदा हो सकती हैं। आयुर्वेद के जरिए लिवर को स्वस्थ रखा जा सकता है।

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आयुर्वेद में मौजूद है लिवर को हेल्दी रखने का उपाय
आयुर्वेद में बीमारियों के उपचार से ज्यादा इस बात पर जोर दिया जाता है कि बीमारियां हो ही नहीं। उसका सिद्धांत ही है कि उपचार से बेहतर बीमारियों की रोकथाम के उपाय करना है इसलिए वह स्वस्थ्य लिवर के लिए अच्छी जीवनशैली और संतुलित आहार पर जोर देता है। इसमें फल, सब्जियां, डेयरी उत्पाद, अनाज, प्रोटीन और वसा भी शामिल है। अपने खानपान में महज कुछ बदलाव करके ही हम अपने लिवर को किसी भी तरह के संक्रमण से बचा सकते हैं। हम आपको बता रहे हैं उन 9 चीजों के बारे में जिनका नियमित रूप से सेवन करने से लिवर की नैचरल तरीके से सफाई हो पाएगी...

लहसुन
लहसुन लिवर में मौजूद विषैले पदार्थों या टॉक्सिंस को हटाने में मदद करता है। वह उन एंजाइम को सक्रिय करता है जो टॉक्सिंस को हटाते हैं। इसके अलावा इसमें एलिसिन का उच्च स्तर होता है जिसमें एंटीऑक्सिडेंट, एंटीबायोटिक और एंटिफंगल गुण होते हैं। इसके अलावा इसमें सेलेनियम भी होता है जो एंटीऑक्सिडेंट की प्रक्रिया को और प्रभावी बनाता है। ये लिवर को साफ करने में सहायता करते हैं।

गाजर
गाजर में मौजूद विटमिन ए लिवर की बीमारी को रोकता है। इसका जूस लीवर की गर्मी और सूजन को भी कम करता है। लीवर सिरोसिस में पालक व गाजर का मिश्रित रस फायदेमंद साबित होता है। गाजर में इनप्लांट
फ्लेवोनॉयड्स और बीटा-कैरोटीन नामक तत्व भी पाए जाते हैं जो लीवर के सुचारू संचालन में सहयोग करते हैं।

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सेब
सेब को संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए ही अच्छा माना जाता है। लिवर के लिए भी सेब बेहद फायदेमंद है। सेब में पेक्टिन होता है जो शरीर को शुद्ध करने और पाचन तंत्र से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है।

अखरोट
अखरोट में एमिनो ऐसिड पाया जाता है जो प्राकृतिक रूप से लिवर को डीटॉक्स करता है इसलिए इसका सेवन करना चाहिए।

ग्रीन टी
ग्रीन टी में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट लिवर के कार्य को बेहतर बनाता है इसलिए दूध की चाय की बजाए ग्रीन टी पीने की आदत आज से ही डालें।

पत्तेदार सब्जियां
हरी पत्तेदार सब्जियां खून में मौजूद विषाक्त पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने में मदद करती हैं। इसके अलावा वे शरीर में भारी धातुओं के असर को कम करके लिवर की रक्षा करते हैं। इसलिए जितना हो सके हरी पत्तेदार सब्जियां रोज खाएं। इससे आपकी किडनी की हरियाली हमेशा कायम रहेगी।

खट्टे फल
विटमिन-सी से भरपूर संतरा, नींबू आदि खट्टे फल लिवर की सफाई करने की क्षमता को बढ़ाते हैं जिससे यह एंजाइम का उत्पादन करता है।

हल्दी
इसके गुण किसी से छिपे नहीं हैं। लिवर के लिए भी यह किसी चमत्कार से कम नहीं है जो हमारे लिवर में होने वाले रैडिकल डैमेज की मात्रा को कम करता है। हल्दी वसा के पाचन में मदद करती है और पित्त का निर्माण करती है, जो हमारे लिवर के लिए प्राकृतिक डीटॉक्सिफायर का काम करता है।

चुकंदर
विटमिन सी का एक अच्छा स्रोत है। यह पित्त को बढ़ाता है और एंजाइमी गतिविधि को बढ़ावा देता है।

(लेखक निरोगस्ट्रीट नाम की संस्था के संस्थापक और मुख्य प्रबंधक अधिकारी हैं।)

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हमारे शरीर के अंदर मौजूद हर अंग कोई ना कोई महत्वपूर्ण कार्य करता है। ऐसा ही कुछ हमारा लिवर भी करता है। दूसरे ओर्गेन्स के मुकाबले लिवर की ज़िम्मेदारी शरीर को लेकर अधिक होती है। यह भोजन को पचाने और डिटॉक्स करने के अलावा कई अन्य कार्य भी करता है। ऐसे में लिवर का स्वस्थ रहना बेहद जरूरी है। आपके आस पास ऐसे बहुत से लोग होंगे जो अपनी खराब जीवनशैली और बेकार के खान पान की वजह से लिवर के साथ खिलवाड़ करते हैं। इसका प्रभाव जल्द ही कई बीमारियों के रूप में देखने को मिलता है।

लिवर का ध्यान सही प्रकार ना रखने से हेपेटाइटिस, पीलिया और फैटी लिवर जैसी समस्या भी पैदा होने लगती है। वही एक अच्छा लाइफ स्टाइल और सही खान पान के जरिए आप अपने लिवर को सुरक्षित रख सकते हैं। लिवर को स्वस्थ बनाए रखने के बहुत से राज आयुर्वेद में भी छिपे हुए हैं। बीते समय में लोगों ने एक बार फिर से आयुर्वेद का रूख करना शुरू कर दिया है। इसलिए आज हम आपको आयुर्वेद के कुछ ऐसे रहस्यों से रूबरू कराएँगे, जिसके जरिए आप अपने लिवर का पूरा ध्यान रख सकेंगे।

आयुर्वेद के मुताबिक लिवर पर प्रभाव

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आयुर्वेद की माने तो लिवर का संबंध पित्त दोष, खून और जठराग्नि (जठराग्नि- भोजन करने के बाद पेट में जलती है जिससे भोजन तेजी से पचता है) से है। अगर आपका लिवर स्वस्थ नहीं है तो यह इन तीनों चीजों को प्रभावित करता है। इसके अलावा लिवर के स्वस्थ ना रहने पर पीलिया, फैटी लिवर या लिवर को सिकोड़ने की समस्या भी उत्पन्न होने लगती है।

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ऐसे में लिवर आपके भोजन को पचाने में भी योगदान देता है। इसलिए आप लिवर को सही खाद्य सामग्री के जरिए भी स्वस्थ बनाए रख सकते हैं। इसके लिए आप कई तरह की जड़ी बूटियों, फल एवं सब्जियों का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। चलिए जानते हैं किस तरह की खाद्य सामग्री से लिवर तंदुरुस्त रहता है।

पपीता का उपयोग ऐसे

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पपीते का सेवन हम सभी ने किया है और हम यह भी जानते हैं कि यह सेहत के लिए कितना फ़ायदेमंद है। पपीता उतना ही फ़ायदेमंद लिवर के लिए भी हो सकता है। लेकिन इसके लिए आपको पपीते के फल के बीज और पेड़ की पत्तियों की भी जरूरत पड़ेगी।

इसके लिए आप सबसे पहले पपीते के बीज को धूप में सूखा लें। अब इसे पीस कर रख लें और पानी में डालकर पीना शुरू कर दें। अगर आप इसका अधिक फायदा उठाना चाहते हैं तो आप इस मिश्रण में नींबू का रस भी मिला कर पिएं।

त्रिफला

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त्रिफला का नाम आयुर्वेद की उन दुर्लभ जड़ी बूटियों में शामिल है, जिसके जरिए लिवर से संबंधित कई तरह की समस्या से छुटाकार पाया जा सकता है। इसमे हरीतकी, बिभीतकी और आंवला जैसी तीन गुणकारी जड़ी बूटी शामिल होती हैं।

अगर आप सोने से पहले महज एक चुटकी इसके पाउडर का सेवन करते हैं तो यह आपके मेटाबॉलिज्म को बेहतर बनाने का कार्य करती है। इसके अलावा यह आपके खून को साफ करेगी और बॉडी को डिटॉक्स भी करेगी।

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लहसुन

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लहसुन का उपयोग आमतौर पर सभी के घरों में होता है। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि लहसुन के सेवन के जरिए लिवर से संबंधित कई तरह की बीमारियों से बचा जा सकता है। रोजाना सुबह अगर आप लहसुन से बनी चाय का सेवन करते हैं तो इससे आपको फैटी लिवर की समस्या नहीं होती और यह आपके लिवर के अंदर मौजूद विषाक्त पदार्थों को भी बाहर निकालने का कार्य करता है।

आंवला

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आंवला का इस्तेमाल सदियों से बालों की देखभाल के लिए किया जा रहा है। लेकिन बहुत कम लोग यह जानते हैं कि यह लिवर के लिए भी उतना ही फ़ायदेमंद होता है। दरअसल आंवला में विटामिन सी प्रचूर मात्रा में पाई जाती है जो लिवर के आस पास फैट जमा होने से रोकता है। साथ ही यह फैटी लिवर की समस्या भी पैदा नहीं होने देता।

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आप आंवला का सेवन सीधा भी कर सकते हैं, या फिर आप इसका जूस या पाउडर का सेवन भी कर सकते हैं। अगर आप आंवला का सेवन जूस के रूप में कर रहे हैं तो आप इसका खाली पेट सेवन करें। इसके अलावा अगर आप इसका सीधा सेवन कर रहें हैं तो इसके तुरंत बाद पानी भी पी सकते हैं।

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