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शेयर करें January 08, 2021 कई बार आवाज़ आने में कुछ क्षण का विलम्ब हो सकता है! लिवर फंक्शन टेस्ट, आपके रक्त में प्रोटीन, लिवर एंजाइम या बिलीरूबिन के स्तर को मापकर, लिवर के स्वास्थ्य को निर्धारित करने में मदद करता है। लिवर फंक्शन टेस्ट अक्सर निम्नलिखित स्थितियों में किया जाता है -
लिवर फंक्शन टेस्ट क्या होता है? - What is Liver Function test in Hindi?लिवर पर कई टेस्ट किए जा सकते हैं, लेकिन उनमें से ज्यादातर लिवर के सभी फंक्शन की जांच नहीं करते। लिवर फंक्शन टेस्ट करने के लिए आम तौर पर इस्तेमाल किये जाने वाले टेस्ट एलानिन ट्रांज़ैमिनेज (ALT), एस्पेरेटेट एमिनोट्रांस्फेरेज़ (AST), अल्कालाइन फॉस्फेट (ALP), एल्बूमिन, और बिलीरुबिन टेस्ट हैं। ALT और AST टेस्ट उन एंजाइम को मापते हैं, जो किसी रोग या क्षति का संकेत देने के लिए लिवर द्वारा जारी किया जाते हैं। एल्बुमिन और बिलीरुबिन टेस्ट यह निर्धारित करते हैं कि यह कितनी अच्छी तरह से एल्बूमिन (एक प्रोटीन) को बनाता है, और बिलीरुबिन का समाप्त करता है ( बिलीरुबिन रक्त का एक अपशिष्ट उत्पाद होता है)। किसी भी लिवर फंक्शन टेस्ट के असामान्य परिणाम होने का यह मतलब नहीं है कि आपको कोई लिवर रोग या क्षति है। अपने लिवर फंक्शन टेस्ट के परिणामों के बारे में अपने डॉक्टर से बात करें। खून में विशिष्ट एंजाइमों और प्रोटीन को मापने के लिए लिवर फ़ंक्शन टेस्ट का उपयोग किया जाता है। टेस्ट के आधार पर, इन एंजाइम या प्रोटीन सामान्य से उच्च या निम्न स्तर होना लिवर की समस्या का संकेत कर सकते हैं। (और पढ़ें - लीवर को स्वस्थ रखने के लिए आहार) कुछ सामान्य लिवर फंक्शन टेस्ट जिनमें निम्न शामिल हैं: 1. एलानिन ट्रांज़ैमिनेज (एएलटी) टेस्ट एलेनिन ट्रांसमिनेज (एएलटी) का उपयोग आपके शरीर द्वारा प्रोटीन को चयापचय करने के लिए किया जाता है। यदि लिवर क्षतिग्रस्त है या ठीक से काम नहीं कर रहा है, तो ALT रक्त में रिलीज़ होता है, और इस कारण से ALT स्तर बढ़ जाता है। इस टेस्ट का रिजल्ट उच्च आना लिवर की क्षति का संकेत हो सकता है। मेयो क्लिनिक के मुताबिक, ALT के लिए सामान्य सीमा प्रति लीटर 7-55 यूनिट (U/L) है। ALT ता निम्न स्तर किसी भी स्वास्थ्य समस्या का संकेत नहीं देता। 2. एस्पार्टेट एमिनोट्रांसफरेज़ (AST) टेस्ट एस्पार्टेट एमिनोट्रांसफरेज़ (AST) दिल, लिवर और मांसपेशियों सहित आपके शरीर के कई हिस्सों में पाए जाने वाला एंजाइम होता है। चूंकि AST स्तर लिवर की क्षति के लिए विशिष्ट वजह नहीं हैं, इसलिए आमतौर पर यह लिवर की समस्याओं की जांच के लिए ALT के साथ मिलकर मापा जाता है। डॉक्टर निदान में मदद करने के लिए एक ALT-to-AST अनुपात का उपयोग कर सकते हैं। जब लिवर क्षतिग्रस्त हो जाता है, तो AST को ब्लड सट्रीम (रक्तधारा) में रिलीज़ कर दिया जाता है। AST टेस्ट का उच्च परिणाम लिवर या मांसपेशियों की समस्या का संकेत दे सकता है। AST के लिए सामान्य श्रेणी 8-48 (U/L) है। AST का कम स्तर किसी भी स्वास्थ्य समस्या का संकेत नहीं देता। (और पढ़ें - मांसपेशियों में दर्द का इलाज) 3. एल्कलाइन फॉस्फेटस (ALP) टेस्ट एल्कलाइन फॉस्फेटस (एएलपी) आपकी हड्डियों, पित्त नलिकाओं और लिवर में पाए जाने वाला एंजाइम होता है। एक ALP टेस्ट आमतौर पर कई अन्य टेस्टों के साथ संयोजन में किया जाता है। ALP का उच्च स्तर लिवर की क्षति, पित्त नलिकाओं की रुकावट या हड्डी की बीमारी के बारे में संकेत कर सकता है। बच्चों और किशोरों के ALP का स्तर बढ़ सकता है क्योंकि उनकी हड्डियां बढ़ रही होती हैं। गर्भावस्था में भी ALP का स्तर बढ़ सकता है। ALP के लिए सामान्य सीमा 45-115 यू / एल (U/L) होती है। खून चढ़ने या हार्ट बाईपास सर्जरी के बाद ALP का स्तर निम्न हो सकता है। कम ALP भी विभिन्न प्रकार की परिस्थितियों से उत्पन्न हो सकता है, जिसमें जिंक की कमी, कुपोषण और विल्सन रोग आदि शामिल हैं। 4. एल्बुमिन टेस्ट एल्बुमिन आपके लिवर द्वारा बनाया गया मुख्य प्रोटीन है। यह कई महत्वपूर्ण शारीरिक कार्यों को भी करता है। जैसे:
एल्बुमिन टेस्ट यह मापता है कि आपका लिवर इस विशेष प्रोटीन को कितने अच्छे से बना रहा है। इस टेस्ट का रिजल्ट निम्न होना यह संकेत करता है कि आपका लिवर ठीक से काम नहीं कर रहा है। एल्बुमिन की सामान्य श्रेणी 3.5-5.0 ग्राम प्रति डेसीलीटर (g/dL) है। 5. बिलीरुबिन टेस्ट बिलीरुबिन लाल रक्त कोशिकाओं के टूटने से बनने वाला एक अपशिष्ट उत्पाद (Waste Product) है। यह आमतौर पर लिवर द्वारा प्रक्रमणित (Processed) होता है। यह आपके मल के साथ उत्सर्जित होने से पहले लिवर के अंदर से होकर गुजरता है। एक क्षतिग्रस्त लिवर बिलीरुबिन की सही ढंग से प्रक्रिया नहीं कर सकता है। इससे खून में बिलीरुबिन का असामान्य रूप से उच्च स्तर होता जाता है। बिलीरुबिन टेस्ट का रिजल्ट में उच्च स्तर आना, यह संकेत देता है कि लिवर ठीक से काम नहीं कर रहा है। बिलीरुबिन के लिए सामान्य सीमा 0.1-1.2 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर (mg/dL) है। लिवर फंक्शन टेस्ट क्यों किया जाता है? - What is the purpose of LFT test in Hindiलिवर टेस्ट यह निर्धारित करने में मदद कर सकता है कि आपका लिवर ठीक से काम कर रहा है या नहीं। लिवर कई महत्वपूर्ण शारीरिक कार्यों को करता है, जैसे कि -
(और पढ़ें - खून को साफ करने वाले आहार) लिवर फंक्शन टेस्ट से पहले - Before Liver Function test in Hindiआपके डॉक्टर आपको टेस्ट के ब्लड सैंपल तैयार करने के बारे में पूरी जानकारी देंगे। कुछ दवाएं और खाद्य पदार्थ भी खून में इन एंजाइमों और प्रोटीन के स्तर को प्रभावित कर सकते हैं। आपके डॉक्टर आपको कुछ प्रकार की दवाओं से बचने के लिए कह सकते हैं या वे आपको परीक्षण से पहले कुछ समय के लिए कुछ भी न खाने के लिए भी कह सकते हैं। आप स्लीव वाली शर्ट पहन सकते हैं जो ब्लड सेंपल लेने के दौरान आसानी से मोड़ी जा सके। (और पढ़ें - कम्पलीट ब्लड काउंट टेस्ट) लिवर फंक्शन टेस्ट के दौरान - During Liver Function test in Hindiनिम्न टेस्ट देने के लिए अस्पताल या स्पेश्लाइज टेस्टिंग फेसिलिटी में ब्लड सेंपल दिया जाता है:
(और पढ़ें - लैब टेस्ट) लिवर फंक्शन टेस्ट के बाद - After Liver Function test in Hindiटेस्ट के बाद आप आमतौर पर हमेशा की तरह अपना दैनिक कार्य कर सकते हैं। हालांकि, यदि खून निकालने के दौरान आपको चक्कर या सिर में भारीपन महसूस हो तो आपको टेस्ट के बाद कुछ देर आराम करना चाहिए। इन टेस्ट के नतीजे, डॉक्टर को बिल्कुल वैसी ही स्थिति नहीं बता पाते हैं जो आपको है या लिवर में क्षति कहा तक हुई हैं, इसका पता। लेकिन ये डॉक्टर को अगले कदम उठाने में मदद कर सकते हैं। सामान्य तौर पर, यदि आपके टेस्ट के परिणाम आपके लिवर के कार्यों की समस्या का संकेत करते हैं, तो आपके डॉक्टर कारण निर्धारित करने के लिए आपकी दवाओं और आपके पिछले मेडिकल इतिहास के बारे में पता करेंगे। जो लोग शराब का पीते हैं, उन्हें टेस्ट करवाने के लिए शराब का सेवन बंद करना होगा। (और पढ़ें - शराब पीने के नुकसान) डॉक्टर, हेपेटाइटिस की जांच करने के लिए टेस्ट कर सकते हैं। फाइब्रोसिस या फैटी लिवर रोग के लिए लिवर का मूल्यांकन करते हैं जिसके लिए, वे कुछ इमेजिंग टेस्ट भी चुन सकते हैं, जैसे कि अल्ट्रासाउंड या सीटी स्कैन। (और पढ़ें - प्रेग्नेंसी में अल्ट्रासाउंड) लिवर फंक्शन टेस्ट के क्या जोखिम होते हैं? - What are the risks of Liver Function test in Hindiटेस्ट के लिए खून का सेंपल निकालना एक सामान्य और नियमित प्रक्रिया होती है और शायद ही कभी इससे कोई गंभीर दुष्प्रभाव होता है। हालांकि, ब्लड सैंपल देने में निम्नलिखित होने की संभावना होती है -
लिवर फंक्शन टेस्ट के परिणाम का क्या मतलब होता है? - What do the results of Liver Function test mean in Hindiअलग-अलग एलएफटी आपके लिवर फंक्शन के बारे में अलग-अलग जानकारी मुहैया कराते हैं। हालांकि, हर टेस्ट का रिजल्ट आपके लिवर से जुड़ी किसी खास स्थिति को नहीं दर्शाता, लेकिन उनका संयुक्त रिजल्ट लिवर को हुए किसी तरह के नुकसान का संकेत हो सकता है। एलएफटी से निम्न परिणाम मिल सकते हैं : नॉर्मल - यदि टेस्ट का रिजल्ट नॉर्मल आया है तो आपको किसी भी तरह के अन्य जांच की आवश्यकता नहीं है। एबनॉर्मल - यदि रिजल्ट में कुछ भी एबनॉर्मल है तो ऐसे बदलावों के सही कारण के बारे में जानना जरूरी हो जाता है। अंतर्निहित कारणों के बारे में जानने के लिए अतिरिक्त टेस्ट की जरूरत हो सकती है। हालांकि, कई बार हड्डियों या शरीर अन्य हिस्सों में किसी तरह की परेशानी के कारण भी एलएफटी का रिजल्ट प्रभावित हो सकता है। यही नहीं किसी भी तरह के लक्षण ना होने के बावजूद रिजल्ट एबनॉर्मल आ सकता है। सही निदान के लिए किसी डॉक्टर से संपर्क करना अच्छा विचार होगा। (और पढ़ें - फैटी लीवर के घरेलू उपाय) संदर्भ
सम्बंधित लेखडॉक्टर से अपना सवाल पूछें और 10 मिनट में जवाब पाएँ लिवर की जांच के लिए कौन सा टेस्ट कराना चाहिए?डॉक्टर अरोड़ा ने बताया कि लीवर की बीमारी का पता लगाने के लिए बायोप्सी की जाती है। इसके लिए एंडोस्कोपी करनी होती है। इसके लिए मुंह के जरिए एक वायर बॉडी के अंदर डाला जाता है और वहां से लीवर का एक छोटा सा टुकड़ा लिया जाता है। फिर उस लीवर की जांच की जाती है।
फैटी लीवर के लिए कौन सा टेस्ट होता है?फैटी लिवर आमतौर पर रुटीन चेकअप के दौरान पाया जाता है, जब डॉक्टर को बढ़े हुए लिवर का पता चलता है। अल्ट्रासाउंड स्कैन लिवर में फैट दिखा सकती है , जब लिवर का रक्त परीक्षण सामान्य नहीं हो। कुछ नए परीक्षण “फाइब्रोस्कैन” और “फाइब्रोटेस्ट” के रूप में जाने जाते हैं जो अधिक विश्वसनीय हैं।
लिवर फंक्शन टेस्ट कितने का होता है?इस प्रक्रिया में शरीर के अंदर निडल डालकर लिवर का एक छोटा टुकड़ा जांच के लिए निकाला जाता है। लिवर में काफी खून होने के चलते उसके कटने से ज्यादा रक्तस्राव की आशंका रहती है। डॉक्टरों के अनुसार, एक हजार मरीजों में से एक मरीज की मौत जांच के दौरान ही हो जाती है। इसके अलावा बायोप्सी जांच पर 10,000 से 15000 रुपये खर्च आता है।
लीवर कमजोर होने के लक्षण क्या होते हैं?यदि आपका लीवर कमजोर हो रहा है तो आपके शरीर में कुछ विशेष लक्षण दिखाई देने लगते हैं। इसमें कमजोरी होना, भूख कम होना, उल्टी होना, नींद ना आना, दिनभर थकान महसूस होना, शरीर में सुस्ती बनी रहना, तेजी से वजन घटना और लीवर में सूजन जैसे लक्षण शामिल है।
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