नई दिल्ली: अगर आप शारीरिक कमजोरी से जूझ रहे हैं तो यह खबर आपके काम आ सकती है. आज हम आपके लिए लेकर आए हैं सफेद प्याज और लहसुन के फायदे. सफेद प्याज और लहसुन का नियमित सेवन करने से आप कई गंभीर बीमारियों से बच सकते हैं. हर दिन सुबह से लहसुन की दो कलियां खाने से शरीर में एसिड नहीं बनता है, जिससे सिरदर्द और तनाव की परेशानी दूर रहती है. वहीं अगर आप सलाद में प्याज का सेवन कर करते हैं तो आपकी सेक्स ड्राइव बढ़ सकती है. Show एक रिसर्च के अनुसार प्याज का इस्तेमाल यौन क्षमता को बढ़ाने के लिए भी किया जाता है. प्याज का इस्मतेमाल करने से पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का लेवल बेहतर हो सकता है. वहीं लहसुन हमारे शरीर से विषाक्त तत्व बाहर निकालता है. इसलिए सलाह दी जाती है कि रात को सोने से पहले और सुबह खाली पेट लहसुन खाएं. इससे यूरिन के माध्यम से शरीर में मौजूद विषाक्त तत्व बाहर निकलते हैं. सफेद प्याज में क्या पाया जाता है? सफेद प्याज के फायदे
लहसुन में क्या होता है? लहसुन के सेवन के फायदे
ये भी पढ़ें: काम की खबर: पुरुष गर्मियों में इस वक्त खाना शुरू कर दें दही, मिलेंगे जबरदस्त फायदे! ये भी पढ़ें: Amla Benefit: यह लोग कर लें आंवला से दोस्ती, इस तरह सेवन करने से मिलेंगे जबरदस्त फायदे... डिस्क्लेमर- इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य जानकारी है. अगर आप किसी भी तरह की बीमारी या शारीरिक समस्या से जूझ रहे हैं तो इस जानकारी पर अमल करने से पहले डॉक्टर या फिर विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें. WATCH LIVE TV
Author: Shivani SinghPublish Date: Tue, 21 Jun 2022 10:09 AM (IST)Updated Date: Tue, 21 Jun 2022 04:18 PM (IST) हिंदू धर्म में ब्राह्मणों के अलावा कई लोग लहसुन और प्याज खाने से बचते हैं। नवरात्रि के दिनों में भी तामसिक भोजन की मनाही होती है। जानिए आखिर क्यों भगवान के भोग तक में लहसुन और प्याज का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। नई दिल्ली, Real logic behind not consuming onion and garlic: अक्सर आपने सुना होगा कि ब्राह्मणों के अलावा जो व्यक्ति व्रत रखते हैं वह लोग लहसुन और प्याज खाने से परहेज करते हैं। यहां तक कि भगवान के भोग में भी प्याज और लहसुन का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। लेकिन आप क्या जानते हैं कि असल में इसके पीछे की वजह क्या है? जबकि प्याज और लहसुन सेहत के लिए काफी अच्छा माना जाता है। यह खाने का स्वाद बढ़ाने के साथ-साथ कई रोगों से लड़ने में मदद करता है। लेकिन फिर भी इसे ब्राह्मण और व्रत रखने वाले लोग खाने में इस्तेमाल नहीं करते हैं।जानिए इसके पीछे क्या है धार्मिक कारण। इसके साथ ही जानिए लहसुन और प्याज के उत्पन्न होने की पौराणिक कथा। वेद-शास्त्रों के अनुसार, भोजन के तीन प्रकार होते हैं। पहला भोजन सात्विक, दूसरा राजसिक और तीसरा तामसिक भोजन। इन तीनों ही प्रकार के भोजन का मनुष्य के जीवन पर अलग-अलग प्रभाव पड़ता है। सात्विक भोजन माना जाता है कि जो व्यक्ति सात्विक भोजन यानी दूध, घी, आटा, सब्जियां, फल आदि का सेवन करता है, तो उनके अंदर सत्व गुण सबसे अधिक होते हैं। ऐसा भोजन करने से व्यक्ति सात्विक बनता है। इसको लेकर एक श्लोक भी कहा गया है। आहारशुद्धौ सत्तवशुद्धि: ध्रुवा स्मृति:। स्मृतिलम्भे सर्वग्रन्थीनां विप्रमोक्ष:॥ इस श्लोक का अर्थ है कि आहार शुद्ध होगा तो व्यक्ति एंदर से शुद्ध होगा और इससे ईश्वर में स्मृति दृढ़ होती है। स्मृति प्राप्त हो जाने से हृदय की अविद्या जनित हर एक गांठ खुल जाती है। सात्विक भोजन करने से व्यक्ति का मन शांत होने के साथ विचार शुद्ध होते हैं। राजसिक भोजन शास्त्रों के अनुसार ऐसा भोजन करने वाले लोगों का मन अधिक चंचल होता है और ये लोग संसार में प्रवृत्त होते हैं। राजसिक भोजन में नमक, मिर्च, मसाले, केसर, अंडे, मछली आदि आते हैं। तामसिक भोजन वेद -शास्त्रों के अनुसार, लहसुन और प्याज तामसिक भोजन की श्रेणी में आता है। माना जाता है कि इन दोनों चीजों का सेवन करने से व्यक्ति अंदर रक्त का प्रवाह बढ़ या फिर घट जाता है। ऐसे में व्यक्ति को अधिक गुस्सा, अंहकार, उत्तेजना, विलासिता का अनुभव होता है। इसके साथ ही वह आलसी और अज्ञानी भी हो जाता है। इसी कारण ब्राह्मणों के अलावा पूजा पाठ करने वाले लोग इसका सेवन नहीं करते हैं। लहसुन-प्याज उत्पन्न होने के पीछे पौराणिक कथा समुद्र मंथन करने के दौरान लक्ष्मी के साथ कई रत्नों समेत अमृत कलश भी निकला था। अमृत पान के लिए देवताओं और असुरों में विवाद हुआ, तो भगवान विष्णु मोहिनी रुप धारण कर अमृत बांटने लगे। जैसे ही मोहिनी रूप धरे श्री विष्णु ने देवताओं को अमृत पान कराना शुरू किया वैसे ही एक राक्षस देवता का रूप धर कर देवताओं की लाइन में आकर खड़ा हो गया। लेकिन सूर्य और चंद्र देव ने उस राक्षस को पहचान लिया और उन्होने विष्णु जी को बता दिया। ऐसे में भगवान विष्णु ने अपने चक्र से उसका सिर धड़ से अलग कर दिया। लेकिन उसने थोड़ा अमृत पान किया था, जो अभी उसके मुख में था। सिर कटने से खून और अमृत की कुछ बूंदें जमीन पर गिर गईं। उससे ही लहसुन और प्याज की उत्पत्ति हुई। जिस राक्षस का सिर और धड़ भगवान विष्णु ने काटा था, उसका सिर राहु और धड़ केतु के रूप में जाना जाने लगा। मान्यता है कि राक्षस से उत्पन्न होने के कारण भी लहुसन और प्याज का सेवन नहीं किया जाता है। Pic Credit- Freepik डिसक्लेमर 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।' Edited By: Shivani Singh
लहसुन प्याज खाने से सेक्स बढ़ता है क्या?लहसुन न केवल स्वास्थ्य के लिए अच्छा है, बल्कि आपकी सेक्स ड्राइव को बेहतर बना सकता है। यह लहसुन में एलिसिन की उपस्थिति के कारण होता है। यह एक यौगिक है, जो पुरुषों और महिलाओं दोनों में यौन अंगों में रक्त के प्रवाह को बढ़ाता है।
क्या हम लहसुन और प्याज एक साथ खा सकते हैं?लहसुन और प्याज को साथ-साथ नहीं खाते हैं। 4. इसको खाने से सिर में दर्द भी पैदा होता है और मस्तिष्क में कमजोर आ जाती है। 5.
पुरुष को लहसुन खाने से क्या होता है?पुरुषों को कच्चे लहसुन की कलियां खाने से क्या फायदे होते हैं
कच्चा लहसुन नियमित सेवन से पुरुषों में शारीरिक कमजोरी नहीं आती। कच्चा लहसुन कोल्ड के अलावा फ्लू के संक्रमण से भी बचाता है। कच्चा लहसुन पेट का ख्याल रखता है, उसे नियमित रूप से साफ कर देता है। कच्चा लहसुन कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल रखता है।
लहसुन और प्याज को क्यों नहीं खाना चाहिए?जब भगवान विष्णु को इस बात का पता चला तो उन्होंने सुदर्शन चक्र से राहु-केतु का सिर धड़ से अलग कर दिया. कहा जाता है इससे निकली खून की बूंदें पृथ्वी पर पड़ीं और इन्हीं बूंदों से लहसुन-प्याज की उत्पत्ति हुई. यही कारण है कि नवरात्रि और व्रत-त्योहार में लहसुन-प्याज का सेवन वर्जित होता है.
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