क्या काला पीलिया छूत की बीमारी है? - kya kaala peeliya chhoot kee beemaaree hai?

विश्व हैपहेटाइटिस दिवस हैपेटाइटिस ऐसी बीमारी जिसमें इंसान का लीवर खराब होने लगता है। रोग की अनदेखी करने पर परेशानी कैंसर का लाइलाज रूप ले लेती है। यह एक तरह से लीवर का संक्रमण है। एक मरीज से 13 स्वस्थ लोगों को चपेट में ले सकता है।

विक्रम बनेटा, रोहतक : काला पीलिया यानि हैपेटाइटिस। ऐसी बीमारी जिसमें इंसान का लीवर खराब होने लगता है। रोग की अनदेखी करने पर परेशानी कैंसर का लाइलाज रूप ले लेती है। यह एक तरह से लीवर का संक्रमण है। एक मरीज से 13 स्वस्थ लोगों को चपेट में ले सकता है। 80 फीसद को बीमारी का पता चलने तक लीवर ही डैमेज हो चुका होता है। रोग की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार ने नियंत्रण के लिए निशुल्क इलाज की पहल की। शिविर व अन्य कार्यक्रमों के जरिए लोगों को काला पीलिया के प्रति जागरूक किया जा रहा है। राज्य सरकार की सार्थक योजना को देखते हुए केंद्र सरकार ने भी काला पीलिया के इलाज की फ्री स्कीम बनाई है। काला पीलिया की दवाओं का असर कोरोना संक्रमण पर भी बताया जा रहा है।

पीजीआइ के गेस्ट्रोएंट्रोलोजी विभाग के अध्यक्ष व प्रदेश के माडल ट्रीटमेंट सेंटर के इंचार्ज डा. प्रवीण मल्होत्रा काला पीलिया के नोडल अधिकारी हैं। वह बताते हैं कि प्रदेश सरकार की योजना के अनुसार एक विजिट पर मरीज को तीन माह की दवाईयां दी जाती है। किसी कारणवश यदि मरीज स्वयं नहीं आ पाता है तो उसका कोई भी रिश्तेदार आकर दवाई ले जा सकता है। यही नहीं, मानिटरिंग इतनी सख्त है कि दवाओं को कुरियर से भी भेजा जाता है। इलाज का पूरा खर्च सरकार वहन करती है। प्रत्येक जिले में एक चिकित्सक को काला पीलिया का नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। सरकार की योजना आने के बाद काला पीलिया के मरीजों का सही पता चल पा रहा है। लोगों में जागरूकता बढ़ी है। नए रोगी मिलना सार्थक कदम है। इससे रोग का नियंत्रण ज्यादा अच्छे से हो सकेगा। यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति काे फैल सकता है, बेहतर है कि थोड़ी समस्या होने पर ही रोगी चिकित्सक से परामर्श लें।

-शिविर में रक्तदान से भी रोगियों का चल रहा पता

डा. मल्होत्रा बताते हैं कि शिविर में रक्तदान करने से भी काला पीलिया का पता चल जाता है। रक्त का पहले टेस्ट किया जाता है, किसी प्रकार की कमी या अन्य समस्या होने पर व्यक्ति को सूचना दी जाती है। यदि काला पीलिया की समस्या हो तो मरीज को फ्री स्कीम की जानकारी दी जाती है। इससे हमारे पास मरीज पहुंचता है। सही समय पर इलाज शुरू होने पर व्यक्ति की सेहत में सुधार भी तेजी से होता है। शुरूआत में ज्यादा समस्या नहीं होती, लेकिन यह लीवर को भी डैमेज कर देता है।

-तीन हजार रोगियों में से महज 11 को हुआ कोरोना संक्रमण

काला पीलिया की दवाएं कोरोना संक्रमण में असरदार हैं। डा. प्रवीण मल्होत्रा ने बताया कि मार्च से जून 2020 तक हैपेटाइटिस-सी और हैपेटाइटिस-बी की दवाओं का सेवन करने वाले तीन हजार रोगियों की निगरानी की गई। हैपेटाइटिस-सी के पांच और हैपेटाइटिस-बी के सिर्फ छह मरीज ही कोरोना संक्रमण की चपेट में आए। रिकवरी रेट काफी अच्छी रही। सात से 10 दिनों में सभी स्वस्थ हो गए। किसी की मृत्यु नहीं हुई।

Edited By: Manoj Kumar

पीलिया (Jaundice) यानी एक ऐसी स्एथिति जिसमें त्वचा, म्यूकस मेम्ब्रेन और आंखों के सफेद हिस्से के साथ-साथ शरीर के तरल पदार्थ के रंग में बदलाव होता है। यह स्थिति अक्सर लीवर या बाइल डक्ट (पित्त की नलिकाओं) में परेशानियों का संकेत देती है। जब लीवर अपनी चाही गई क्षमता के अनुसार काम नहीं कर पाता, तो इससे खून में बिलीरुबिन नामक पदार्थ बना सकता है। पीलिया आम तौर पर एक अंदरुनी स्थिति का नतीजा है, और किसी भी उम्र में विकसित हो सकता है।

कभी-कभी पीलिया होता है और त्वचा सूखी और काली हो जाती है, जिसे ब्लैक जॉन्डिस या काला पीलिया (Black Jaundice) कहते हैं। यह स्थिति हेपेटाइटिस बी और सी वायरस के संक्रमण की वजह से होती है। इस लेख में बताया गया है कि काला पीलिया क्या होता है, इसकी पहचान कैसे की जाती है और इसका उपचार क्या है।

दिल्ली स्थित पीएसआरआई हॉस्पिटल में सीनियर कंसलटेंट डॉ. नृपेन सैकिया के अनुसार, इस बीमारी को फैलाने वाला वायरस छींकने या खांसने से नहीं फैलता, बल्कि खून, वीर्य या शरीर के अन्य तरल पदार्थों से होता हुआ एक से दूसरे व्यक्ति में जाता है। हेपेटाइटिस बी और सी फैलने के सामान्य तरीकों में शामिल हैं-

यौन संपर्क

क्या काला पीलिया छूत की बीमारी है? - kya kaala peeliya chhoot kee beemaaree hai?

किसी संक्रमित व्यक्ति के साथ असुरक्षित यौन संबंध बनाने से यह रोग होने की आशंका बढ़ जाती है। यह वायरस संक्रमित व्यक्ति के खून, लार, वीर्य या योनि स्राव से आपके शरीर में प्रवेश कर सकता है।

सुइयों को साझा करना

क्या काला पीलिया छूत की बीमारी है? - kya kaala peeliya chhoot kee beemaaree hai?

दूषित सुई और सीरिंज के माध्यम से रोग आसानी से फैल सकता है। सुई की अचानक चोट हेल्थकेयर कर्मचारियों और मनुष्य के खून के संपर्क में आने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए चिंता का बड़ा विषय है।

मां से बच्चे को

क्या काला पीलिया छूत की बीमारी है? - kya kaala peeliya chhoot kee beemaaree hai?

इस बीमारी से संक्रमित गर्भवती महिलाएं बच्चे के जन्म के दौरान अपने बच्चों को वायरस दे सकती हैं। हालांकि, लगभग सभी मामलों में संक्रमित होने से बचने के लिए नवजात को टीका लगाया जा सकता है।

काला पीलिया के लक्षण

क्या काला पीलिया छूत की बीमारी है? - kya kaala peeliya chhoot kee beemaaree hai?

पीलिया के सामान्य लक्षणों में त्वचा का पीला रंग, म्यूकस मेम्ब्रेन और आंखों के सफेद हिस्से, पीला मल, खुजली और गहरे पीले रंग का पेशाब शामिल हैं। साथ में थकान, पेटदर्द, वजन कम होना, उल्टी और बुखार जैसे लक्षण मौजूद हो सकते हैं।

​काला पीलिया की जटिलताएं

क्या काला पीलिया छूत की बीमारी है? - kya kaala peeliya chhoot kee beemaaree hai?

हेपेटाइटिस बी और सी वायरस समय के साथ गंभीर परेशानियों की ओर ले जा सकते हैं, जैसे- लीवर का फैल्योर, लीवर कैंसर और सिरोसिस या लीवर पर चोट लगना, जिससे लीवर अपना काम पूरी क्षमता से न कर सके। इसके अलावा, काले पीलिया के कारण लंबे समय से हेपेटाइटिस से पीड़ित लोगों को लीवर की बीमारी या खून ले जाने वाली नसों में सूजन हो सकती है। ऐसे में काले पीलिया के संक्रमण से बचने के लिए सावधानी जरूरी है। रोग होने के आपके रिस्क को कम करना है तो यह तरीके उनमें से कुछ हैं:

  • यदि आप नहीं जानते कि आपके साथी को हेपेटाइटिस है तो हर बार यौन संबंध बनाने के लिए नए कंडोम का प्रयोग करें। कंडोम आपको रोग होने के खतरे को कम कर सकते हैं और वह जोखिम को पूरी तरह से खत्म नहीं करते हैं।
  • गैरकानूनी दवाओं और ड्रग्स से दूर रहें। इस तरह के ड्रग्स के इंजेक्शन लगाने से बचें और कभी भी सुई साझा न करें।
  • टैटू बनवाने और बॉडी पियर्सिंग में सावधानी बरतें। सुनिश्चित करें कि यह उपकरण पूरी तरह साफ है और कर्मचारी पूरी तरह से स्टेराइल सुई का उपयोग करता है।

काला पीलिया का उपचार

क्या काला पीलिया छूत की बीमारी है? - kya kaala peeliya chhoot kee beemaaree hai?

काले पीलिया का बेहतर इलाज तभी संभव है, जब समय पर इसके बारे में पता चले। पीलिया की वजह से खुजली या प्रुरिटिस हो सकता है। कोई भी व्यक्ति ऐसे में एंटीहिस्टामाइन ले सकता है और हल्के प्रुरिटिस के लिए गर्म पानी से नहा सकता है। पीलिया कभी-कभी लीवर को नुकसान पहुंचने के संकेत दे सकता है। इलाज तब पूरी तरह सफल माना जाता है, जब लीवर को होने वाला नुकसान कम से कम और बिल्कुल भी नहीं होता है। कुछ मामलों में, चोट या नुकसान की गंभीरता के आधार पर लीवर ट्रांसप्लांट आवश्यक हो सकता है। इसके अलावा काले पीलिया के इलाज के लिए एडवांस ड्रग्स की उपलब्धता ने सक्सेस रेट में काफी सुधार किया है। काले पीलिया के लिए टीकाकरण पूरा करने की सलाह दी जाती है।

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

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क्या काला पीलिया संक्रामक रोग है?

यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति काे फैल सकता है, बेहतर है कि थोड़ी समस्या होने पर ही रोगी चिकित्सक से परामर्श लें। डा. मल्होत्रा बताते हैं कि शिविर में रक्तदान करने से भी काला पीलिया का पता चल जाता है। रक्त का पहले टेस्ट किया जाता है, किसी प्रकार की कमी या अन्य समस्या होने पर व्यक्ति को सूचना दी जाती है।

क्या पीलिया एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है?

वायरल हैपटाइटिस ए तथा नाए व नान बी एक व्‍यक्ति से दूसरे व्‍यक्ति के नजदीकी सम्‍पर्क से होता है। ये वायरस रोगी के मल में होतें है पीलिया रोग से पीडित व्‍यक्ति के मल से, दूषित जल, दूध अथवा भोजन द्वारा इसका प्रसार होता है।

सबसे खतरनाक पीलिया कौन सा होता है?

खतरनाक है काला पीलिया : डाक्टर शर्मा

काला पीलिया कैसे हो जाता है?

जब लीवर अपनी चाही गई क्षमता के अनुसार काम नहीं कर पाता, तो इससे खून में बिलीरुबिन नामक पदार्थ बना सकता है। पीलिया आम तौर पर एक अंदरुनी स्थिति का नतीजा है, और किसी भी उम्र में विकसित हो सकता है। ब्लैक जॉन्डिस या काला पीलिया (Black Jaundice) कहते हैं। यह स्थिति हेपेटाइटिस बी और सी वायरस के संक्रमण की वजह से होती है।