कवयित्री क्या प्रयास कर रही है जो व्यर्थ हो रहा है? - kavayitree kya prayaas kar rahee hai jo vyarth ho raha hai?

भाव स्पष्ट कीजिए-
खा-खाकर कुछ पाएगा नहीं,
न खाकर बनेगा अंहकारी।


कवयित्री कहती है कि मनुष्य को भोग विलास में पड़कर कुछ भी प्राप्त होने वाला नहीं है। प्रस्तुत पंक्तियों में कवयित्री मनुष्य को ईश्वर प्राप्ति के लिए मध्यम मार्ग अपनाने को कह रही है।मनुष्य जब सांसारिक भोगों को पूरी तरह से त्याग देता है तब उसके मन में अंहकार की भावना पैदा हो जाती है। अत:भोग-त्याग, सुख-दुःख के मध्य का मार्ग अपनाने की बात यहाँ पर कवयित्री कर रही है। भाव यह की भूखे रहकर तू ईश्वर साधना नहीं  कर सकता।

845 Views


भाव स्पष्ट कीजिए -
जेब टटोली कौड़ी न पाई।


भाव यह है कवयित्री इस संसार में आकर सांसारिकता में उलझकर रह गयी और जब अंत समय आया और जेब टटोली तो कुछ भी हासिल न हुआ। लेखिका ने प्रभु के पास पहुँचने के लिए कठिन साधना चुनी परंतु उससे इस राह से ईश्वर नही मिला। अब उसे चिंता सता रही है कि भवसागर पार करानेवाले मांझी अर्थात् ईश्वर को उतराई के रूप में क्या देगी।

572 Views


कवयित्री का 'घर जाने की चाह' से क्या तात्पर्य है?


कवयित्री का घर जाने की चाह से तात्पर्य है प्रभु से मिलना। कवयित्री इस भवसागर को पार करके अपने परमात्मा की शरण में जाना चाहती है क्योंकि जहाँ प्रभु हैं वहीं उसका वास्तविक घर है।

505 Views


'रस्सी' यहाँ किसके लिए प्रयुक्त हुआ है और वह कैसी है?  


रस्सी यहाँ पर मानव के नाशवान शरीर के लिए प्रयुक्त हुई है और यह रस्सी कब टूट जाए कहा नहीं जा सकता है। यह कच्चे धागे की भाँति है जो कभी भी साथ छोड़ सकता है ।

660 Views


कवयित्री द्वारा मुक्ति के लिए किए जाने वाले प्रयास व्यर्थ क्यों हो रहे हैं?


कवयित्री के कच्चेपन के कारण उसके मुक्ति के सारे प्रयास विफल हो रहे हैं अर्थात् वह इस संसारिकता तथा मोह के बंधनों से मुक्त नहीं हो पा रही है ऐसे में वह प्रभु भक्ति सच्चे मन से नहीं कर पा रहीं है। उसमें अभी पूर्ण रुप से प्रौढ़ता नहीं आई है। अत: उसे लगता है उसके द्वारा की जा रही सारी साधना व्यर्थ हुई जा रही है इसलिए उसके द्वारा मुक्ति के प्रयास भी विफल होते जा रहे हैं।

455 Views


  • myCBSEguide App
  • NCERT Solutions for Class 9 Course A
    • Kshitij
    • Kritika
  • NCERT Solutions for Class 9 Hindi Course A Kshitij laladdhad
          • 1. ‘रस्सी’ यहाँ पर किसके लिए प्रयुक्त हुआ है और वह कैसी है ?
          • 2. कवयित्री द्वारा मुक्ति के लिए किए जाने वाले प्रयास व्यर्थ क्यों हो रहे हैं ?
          • 3. कवयित्री का ‘घर जाने की चाह’ से क्या तात्पर्य है?
          • 4.1 भाव स्पष्ट कीजिए – जेब टटोली कौड़ी न पाई।
          • 4.2 खा-खाकर कुछ पाएगा नहीं, न खाकर बनेगा अंहकारी।
          • 5. बंद द्वार की साँकल खोलने के लिए ललदय ने क्या उपाय सुझाया है?
          • 6. ईश्वर प्राप्ति के लिए बहुत से साधक हठयोग जैसी कठिन साधना भी करते हैं, लेकिन उससे भी लक्ष्य प्राप्ति नहीं होती। यह भाव किन पंक्तियों में व्यक्त हुआ है ?
          • 7. ‘ज्ञानी’ से कवयित्री का अभिप्राय है ?
          • • रचना और अभिव्यक्ति 8.1 हमारे संतों, भक्तों और महापुरुषों ने बार-बार चेताया है कि मनुष्यों में परस्पर किसी भी प्रकार का कोई भेदभाव नहीं होता, लेकिन आज भी हमारे समाज में भेदभाव दिखाई देता है – आपकी दृष्टि में इस कारण देश और समाज को क्या हानि हो रही है ?
          • 8.2 हमारे संतों, भक्तों और महापुरुषों ने बार-बार चेताया है कि मनुष्यों में परस्पर किसी भी प्रकार का कोई भेदभाव नहीं होता, लेकिन आज भी हमारे समाज में भेदभाव दिखाई देता है – आपसी भेदभाव को मिटाने के लिए अपने सुझाव दीजिए।
  • NCERT Solutions for Class 9 Hindi Course A
  • CBSE app for Class 9

कवयित्री क्या प्रयास कर रही है जो व्यर्थ हो रहा है? - kavayitree kya prayaas kar rahee hai jo vyarth ho raha hai?

myCBSEguide App

CBSE, NCERT, JEE Main, NEET-UG, NDA, Exam Papers, Question Bank, NCERT Solutions, Exemplars, Revision Notes, Free Videos, MCQ Tests & more.

Install Now

 NCERT Solutions for Class 9 Hindi Course A Kshitij laladdhad Class 9 Hindi Course A book solutions are available in PDF format for free download. These ncert book chapter wise questions and answers are very helpful for CBSE exam. CBSE recommends NCERT books and most of the questions in CBSE exam are asked from NCERT text books. Class 9 Hindi Course A chapter wise NCERT solution for Hindi Course A part 1 and Hindi Course B part 2 for all the chapters can be downloaded from our website and myCBSEguide mobile app for free.

NCERT solutions for Class 9 Hindi Course A Kshitij laladdhad Download as PDF

कवयित्री क्या प्रयास कर रही है जो व्यर्थ हो रहा है? - kavayitree kya prayaas kar rahee hai jo vyarth ho raha hai?

Kshitij

  • 1 प्रेमचंद
  • 2 राहुल सांकृत्यायन
  • 3 श्यामाचरण दुबे
  • 4 जाबिर हुसैन
  • 5 चपला देवी
  • 6 हरिशंकर परसाई
  • 7 महादेवी वर्मा
  • 8 हज़ारीप्रसाद द्रिवेदी
  • 9 कबीर
  • 10 ललद्धद
  • 11 रसखान
  • 12 माखनलाल चतुर्वेदी
  • 13 सुमित्रानंदन पन्त
  • 14 केदारनाथ अग्रवाल
  • 15 सर्वेश्वर दयाल सक्सेना
  • 16 चंद्रकांत देवताल
  • 17 राजेश जोशी

Kritika

  • 01 इस जल प्रलय में
  • 02 मेरे संग की औरतें
  • 03 रीढ़ की हड्डी
  • 04 माटीवाली
  • 05 किस तरह आखिरकार मैं हिन्दी में आया

NCERT Solutions for Class 9 Hindi Course A Kshitij laladdhad

1. ‘रस्सी’ यहाँ पर किसके लिए प्रयुक्त हुआ है और वह कैसी है ?

उत्तर:- रस्सी यहाँ पर मानव के शरीर के लिए प्रयुक्त हुई है और यह रस्सी कच्ची तथा नाशवान है अर्थात् यह कब टूट जाए कहा नहीं जा सकता है।


2. कवयित्री द्वारा मुक्ति के लिए किए जाने वाले प्रयास व्यर्थ क्यों हो रहे हैं ?

उत्तर:- कवयित्री इस संसारिकता तथा मोह के बंधनों से मुक्त नहीं हो पा रही है ऐसे में वह प्रभु भक्ति सच्चे मन से नहीं कर पा रहीं है। अत: उसे लगता है उसके द्वारा की जा रही सारी साधना व्यर्थ हुई जा रही है इसलिए उसके द्वारा मुक्ति के प्रयास भी विफल होते जा रहे हैं।


NCERT Solutions for Class 9 Hindi Course A Kshitij laladdhad

3. कवयित्री का ‘घर जाने की चाह’ से क्या तात्पर्य है?

उत्तर:- कवयित्री का घर जाने की चाह से तात्पर्य है प्रभु से मिलना। कवयित्री इस भवसागर को पार करके अपने परमात्मा की शरण में जाना चाहती है।


4.1 भाव स्पष्ट कीजिए –
जेब टटोली कौड़ी न पाई।

उत्तर:- कवयित्री कहती है कि इस संसार में आकर वह सांसारिकता में उलझकर रह गयी और जब अंत समय आया और जेब टटोली तो कुछ भी हासिल न हुआ अब उसे चिंता सता रही है कि भवसागर पार करानेवाले मांझी अर्थात् ईश्वर को उतराई के रूप में क्या देगी।

4.2 खा-खाकर कुछ पाएगा नहीं,
न खाकर बनेगा अंहकारी।

उत्तर:- प्रस्तुत पंक्तियों में कवयित्री मनुष्य को ईश्वर प्राप्ति के लिए मध्यम मार्ग अपनाने को कह रही है। कवयित्री कहती है कि मनुष्य को भोग विलास में पड़कर कुछ भी प्राप्त होने वाला नहीं है। मनुष्य जब सांसारिक भोगों को पूरी तरह से त्याग देता है तब उसके मन में अंहकार की भावना पैदा हो जाती है। अत:भोग-त्याग, सुख-दुःख के मध्य का मार्ग अपनाने की बात यहाँ पर कवयित्री कर रही है।


5. बंद द्वार की साँकल खोलने के लिए ललदय ने क्या उपाय सुझाया है?

उत्तर:- बंद द्वार की साँकल खोलने के लिए ललदय ने उपाय सुझाया है कि भोग-विलास और त्याग के बीच संतुलन बनाए रखना, मनुष्य को सांसारिक विषयों में न तो अधिक लिप्त और न ही उससे विरक्त होना चाहिए बल्कि उसे बीच का मार्ग अपनाना चाहिए।


NCERT Solutions for Class 9 Hindi Course A Kshitij laladdhad

6. ईश्वर प्राप्ति के लिए बहुत से साधक हठयोग जैसी कठिन साधना भी करते हैं, लेकिन उससे भी लक्ष्य प्राप्ति नहीं होती। यह भाव किन पंक्तियों में व्यक्त हुआ है ?

उत्तर:- उपर्युक्त भाव निम्न पंक्तियों में व्यक्त हुआ है –
आई सीधी रह से, गई न सीधी राह।
सुषम-सेतु पर खड़ी थी, बीत गया दिन आह !
जेब टटोली, कौड़ी न पाई।
माझी को दूँ, क्या उतराई ?


7. ‘ज्ञानी’ से कवयित्री का अभिप्राय है ?

उत्तर:- ज्ञानी से कवयित्री का अभिप्राय है जिसने आत्मा और परमात्मा के सम्बन्ध को जान लिया हो। कवयित्री के अनुसार ईश्वर का निवास तो हर एक कण-कण में है परन्तु मनुष्य इसे धर्म में विभाजित कर मंदिर और मस्जिद में खोजता फिरता है। वास्तव में ज्ञानी तो वह है जो अपने अंतकरण में ईश्वर को पा लेता है।


NCERT Solutions for Class 9 Hindi Course A Kshitij laladdhad

रचना और अभिव्यक्ति
8.1 हमारे संतों, भक्तों और महापुरुषों ने बार-बार चेताया है कि मनुष्यों में परस्पर किसी भी प्रकार का कोई भेदभाव नहीं होता, लेकिन आज भी हमारे समाज में भेदभाव दिखाई देता है –
आपकी दृष्टि में इस कारण देश और समाज को क्या हानि हो रही है ?

उत्तर:- समाज में व्याप्त भेदभाव के कारण निम्न हानियों हो रही है –
1. हिंदू मुस्लिम का झगड़ा इसी भेदभाव की उपज है जिसके परिणाम स्वरूप भारत पाकिस्तान दो देश बने।
2. भेदभाव के कारण ही उच्च और निम्न वर्ग में सामंजस्य स्थापित नहीं हो पाता।
3. पर्वों के समय अनायास झगड़े की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।
4. आपसी भेदभाव के कारण ही एक वर्ग दूसरे वर्ग को संदेह और अविश्वास की दृष्टि से देखता है।
5. भेदभाव की उपज से अलगाववाद, उग्रवाद जैसी सामाजिक समस्याएँ पैदा होती है।

8.2 हमारे संतों, भक्तों और महापुरुषों ने बार-बार चेताया है कि मनुष्यों में परस्पर किसी भी प्रकार का कोई भेदभाव नहीं होता, लेकिन आज भी हमारे समाज में भेदभाव दिखाई देता है –
आपसी भेदभाव को मिटाने के लिए अपने सुझाव दीजिए।

उत्तर:- आपसी भेदभाव को मिटाने के लिए निम्न सुझाव अपनाए जा सकते हैं –
1. आपसी भेदभाव को मिटाने के लिए सबसे पहले उन बातों की चर्चा ही न करें जिससे यह भेदभाव उपजता हो।
2. सरकार अपनी नीतियों के द्वारा आपसी जाति भेदभाव को बढ़ावा न दें।
3. राजनैतिक दल अपनी स्वार्थ पूर्ति के लिए लोगों की धार्मिक भावनाओं का सहारा न ले।
4. नौकरियों, शिक्षा तथा अन्य किसी भी सरकारी योजनाओं में आरक्षण को बढ़ावा न देकर योग्यता को आधार बनाना चाहिए।
5. स्कूली पाठ्यक्रम भी एकता समता पर आधारित हों।

NCERT Solutions for Class 9 Hindi Course A

NCERT Solutions Class 9 Hindi Course A PDF (Download) Free from myCBSEguide app and myCBSEguide website. Ncert solution class 9 Hindi Course B includes text book solutions from part 1 and part 2. NCERT Solutions for CBSE Class 9 Hindi Course B have total 22 chapters. 9 Hindi Course B NCERT Solutions in PDF for free Download on our website. Ncert Hindi Course B class 9 solutions PDF and Hindi Course B ncert class 9 PDF solutions with latest modifications and as per the latest CBSE syllabus are only available in myCBSEguide.

CBSE app for Class 9

To download NCERT Solutions for class 9 Social Science, Computer Science, Home Science,Hindi ,English, Maths Science do check myCBSEguide app or website. myCBSEguide provides sample papers with solution, test papers for chapter-wise practice, NCERT solutions, NCERT Exemplar solutions, quick revision notes for ready reference, CBSE guess papers and CBSE important question papers. Sample Paper all are made available through the best app for CBSE students and myCBSEguide website.


कवयित्री क्या प्रयास कर रही है जो व्यर्थ हो रहा है? - kavayitree kya prayaas kar rahee hai jo vyarth ho raha hai?


कवयित्री के कैसे प्रयास व्यर्थ हो रहे हैं?

Answer: कवयित्री के कच्चेपन के कारण उसके मुक्ति के सारे प्रयास विफल हो रहे हैं अर्थात् उसमें अभी पूर्ण रुप से प्रौढ़ता नहीं आई है जिसकी वजह से उसके प्रभु से मिलने के सारे प्रयास व्यर्थ हैं

कवयित्री उतराई के रूप में क्या देना चाहती है?

उत्तर कवयित्री ललद्यद के अनुसार, 'उतराई' देने से आशय नाविक को नदी पार कराने के लिए दिए जाने वाले शुल्क से है। कवयित्री का कहना है कि जिस 'माझी' यानी नाविक (ईश्वर) ने संसार रूपी भवसागर को पार कराया, उस नाविक को इसके बदले शुल्क रूप में दिए जाने के लिए उसके पास कुछ भी नहीं है।

कवयित्री का घर जाने की इच्छा है से क्या तात्पर्य है?

कवयित्री का 'घर जाने की चाह' से क्या तात्पर्य है? उत्तर: 'घर जाने की चाह'का तात्पर्य है-इस भवसागर से मुक्ति पाकर अपने प्रभु की शरण में जाना। वह परमात्मा की शरण को ही अपना वास्तविक घर मानती है।

कवयित्री का पर जाने की चाह से क्या तात्पर्य है?

Answer: कवयित्री का 'घर जाने की चाह' से तात्पर्य प्रभु से मिलन है। उसके अनुसार जहाँ प्रभु हैं वहीं उसका वास्तविक घर है।