किस तिथि को क्या नहीं खाना चाहिए? - kis tithi ko kya nahin khaana chaahie?

खाना बनाना भी एक कला है। हालांकि जो मिले, वही खा लें, इसी में भलाई है। खाने के प्रति लालसा नहीं रखनी चाहिए, लेकिन खाने की क्वालिटी से कभी समझौता नहीं करना चाहिए। आयुर्वेद और हिन्दू धर्म अनुसार भोजन से ही रोग उत्पन्न होते हैं और भोजन की आदत बदलने से ही रोग समाप्त भी हो जाते हैं। हिन्दू धर्म में किस नक्षत्र या वार को कौन सा भोजन करना चाहिए और कौन सा नहीं इसका उल्लेख मिलता है। आओ जानते हैं किन तिथियों में क्या खाने से क्या होता है?

1. प्रतिपदा को कुष्माण्ड (कुम्हड़ा पेठा) न खाएं, क्योंकि यह धन का नाश करने वाला है।

2. द्वितीया को छोटा बैंगन व कटहल खाना निषेध है।

3. तृतीया को परमल खाना निषेध है, क्योंकि यह शत्रुओं की वृद्धि करता है।

4. चतुर्थी के दिन मूली खाना निषेध है, इससे धन का नाश होता है।

5. पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है अत: पंचमी को बेल खाना निषेध है।

6. षष्ठी के दिन नीम की पत्ती खाना एवं दातुन करना निषेध है, क्योंकि इसके सेवन से एवं दातुन करने से नीच योनि प्राप्त होती है।

7. सप्तमी के दिन ताड़ का फल खाना निषेध है। इसको इस दिन खाने से रोग होता है।

8. अष्टमी के दिन नारियल खाना निषेध है, क्योंकि इसके खाने से बुद्धि का नाश होता है।

9. नवमी के दिन लौकी खाना निषेध है, क्योंकि इस दिन लौकी का सेवन गौ-मांस के समान है।

10. दशमी को कलंबी खाना निषेध है।

11. एकादशी को सेम फली खाना निषेध है।

12. द्वादशी को (पोई) पु‍तिका खाना निषेध है।

13. तेरस (त्रयोदशी) को बैंगन खाना निषेध है।

14. अमावस्या, पूर्णिमा, संक्रांति, चतुर्दशी और अष्टमी, रविवार श्राद्ध एवं व्रत के दिन स्त्री सहवास तथा तिल का तेल, लाल रंग का साग तथा कांसे के पात्र में भोजन करना निषेध है।

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15. रविवार के दिन अदरक भी नहीं खाना चाहिए।

16. कार्तिक मास में बैंगन और माघ मास में मूली का त्याग करना चाहिए।

17. अंजुली से या खड़े होकर जल नहीं पीना चाहिए।

18. जो भोजन लड़ाई-झगड़ा करके बनाया गया हो, जिस भोजन को किसी ने लांघा हो तो वह भोजन नहीं करना च‍ाहिए, क्योंकि वह राक्षस भोजन होता है।

19. जिन्हें लक्ष्मी प्राप्त करने की लालसा हो उन्हें रात में दही और सत्तू नहीं खाना चाहिए, यह नरक की प्राप्ति कराता है।

किस वार को क्या नहीं खाना चाहिए?

अमावस्या, पूर्णिमा, संक्रांति, चतुर्दशी और अष्टमी, रविवार श्राद्ध एवं व्रत के दिन स्त्री सहवास तथा तिल का तेल, लाल रंग का साग तथा कांसे के पात्र में भोजन करना निषेध है।

नवमी तिथि को क्या नहीं खाना चाहिए?

षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुंह में डालने से नीच योनि की प्राप्ति होती है। सप्तमी को ताड़ का फल खाने से रोग बढ़ता है। अष्टमी को नारियल फल खाने से बुद्धि का नाश होता है। नवमी को लौकी न खाएं।

एकादशी तिथि को क्या नहीं खाना चाहिए?

* एकादशी (ग्यारस) के दिन व्रतधारी व्यक्ति को गाजर, शलजम, गोभी, पालक, इत्यादि का सेवन नहीं करना चाहिए। * एकादशी पर श्री विष्णु की पूजा में मीठा पान चढ़ाया जाता है, लेकिन इस दिन पान खाना भी वर्जित है। * फलों में केला, आम, अंगूर, बादाम, पिस्ता इत्यादि अमृत फलों का सेवन करें।

बैंगन कब कब नहीं खाना चाहिए?

एकादशी, द्वादशी और तेरस के दिन बैंगन खाना मना है।