राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में कृषि का क्या महत्व है? भारत में कृषि के विकास उत्पादन तथा उत्पादकता निम्न उत्पादकता के कारण और इसके सुधार के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदम के बारे में विस्तार पूर्वक वर्णन करें? Show
कृषि राष्ट्रीय आय का एक प्रधान स्रोत है। कृषि जन उत्पादों की आंतरिक व्यापार से परिवहन कर और अंतरराष्ट्रीय व्यापार से तटकर की आय में वृद्धि होती है, जो अर्थव्यवस्था के सुदृढ़ीकरण के लिए नितांत आवश्यक है। भारत में कृषि का विकास हाल के ही दशकों में भारतीय कृषि काफी आगे बढ़ी है, लेकिन उत्पादकता अभी हमारे लिए चुनौती बनी हुई है। देश की लगभग आधी आबादी अपनी जीविका के लिए कृषि पर निर्भर है, लेकिन ग्रामीण इलाकों में गरीबी और कुपोषण का स्तर बहुत ही ऊंचा है साथ ही पानी की कमी, जलवायु में परिवर्तन छोटे टुकड़ों में बैठी जमीनों जैसी समस्याओं की वजह से लाखों छोटे किसानों के लिए अपनी मेहनत का मुनाफा हासिल करना तो दूर परिवार का पेट पालना भी इनके लिए मुश्किल हो जाता है। बेहतर उत्पादन, कृषि प्रबंधन साधन और तकनीक, पशु देखभाल की बेहतर व्यवस्था, बीजू की बेहतर किस्म, बाजार से जुड़ा और वित्तीय सेवाओं आधी तक पहुंच को बेहतर बनाकर भारत के छोटे खेत वाले किसानों का भविष्य बेहतर बनाया जा सकता है। किसी भी अर्थव्यवस्था के विकास में कृषि का बहुत महत्वपूर्ण स्थान होता है। कृषि अर्थव्यवस्था की रीढ़ होती है। कृषि से केवल कच्चे माल की प्राप्ति नहीं होती, बल्कि जनसंख्या के एक बड़े भाग को रोजगार भी उपलब्ध भी कराता है। निम्न तथ्यों को पढ़ने के बाद आप समझ जायेगे कि आर्थिक विकास में कृषि का क्या महत्व है या आर्थिक विकास में कृषि किस प्रकार सहायक होता है।
1. भोजन आवश्यकता की पूर्ति
2. कच्चे माल की उपलब्धता
3. क्रय शक्ति
4. बचत तथा पूंजी निर्माण
5. श्रम शक्ति की पूर्ति
6. विदेशी मुद्रा की प्राप्ति
भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि का महत्व
पिछले कई दशकों से भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि का महत्वपूर्ण स्थान बना हुआ है।
1. राष्ट्रीय आय में कृषि का हिस्सा
2. रोजगार की दृष्टि से कृषि का महत्व
3. बढ़ती जनसंख्या के लिए खाद्यान्नों की पूर्ति
4. औद्योगिक विकास के लिए कृषि का महत्व
5. अर्न्तराष्ट्रीय व्यापार के क्षेत्र में कृषि का महत्व
6. पूंजी निर्माण में सहयोग
7. गरीबी निवारण में भूमिका
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