धर्म-सुधार आन्दोलन पुनर्जागरण के फलस्वरूप यूरोप में धर्म के क्षेत्र में क्रान्तिकारी परिवर्तन हुए, जिसे धर्म-सुधार आन्दोलन कहा गया । तत्कालीन चर्च में व्याप्त भ्रष्टाचार और अनैतिकता के विरोध में इंग्लैण्ड तथा यूरोप के अन्य देशों में जो आन्दोलन हुआ, उसे धर्म-सुधार आन्दोलन के नाम से जाना जाता है । वास्तविक रूप से यह आन्दोलन यूरोप की प्राचीन रूढ़िवादिता और जटिलता के विरुद्ध था । इस आन्दोलन की सफलता का वास्तविक श्रेय जर्मनी निवासी मार्टिन लूथर को जाता है । लूथर ने पोप का खुलकर विरोध करके प्रोटेस्टेण्ट नामक नवीन सम्प्रदाय की स्थापना की । 1530 ई. में विधिवत् प्रोटेस्टेण्ट धर्म की स्थापना हुई। इस प्रकार धर्म-सुधार आन्दोलन कोई तात्कालिक प्रतिक्रिया नहीं थी, बल्कि धर्म में व्याप्त अनियमितताओं का परिणाम था Show
धर्म-सुधार आन्दोलन के प्रमुख कारणधर्म-सुधार आन्दोलन के निम्नलिखित कारण माने जाते हैं- (1) धार्मिक कुरीतियाँ – पुनर्जागरण की चर्चा करते हुए हमने यह जाना था कि इस काल में साहित्य तथा कलाकृतियों में जीवन के पक्षों को व्यक्त किया गया, धार्मिक कुरीतियों पर कटाक्ष किया गया, लेकिन किसी भी विषय को लेकर सीधा संघर्ष नहीं हुआ । धर्म-सुधार आन्दोलन की विशेषता यह रही कि इस काल में धार्मिक सत्ता के विरुद्ध ही सीधा संघर्ष छिड़ गया। वास्तविकता यह थी कि मध्य युग में चर्च की स्थिति काफी महत्वपूर्ण थी । इस धर्म का सर्वोच्च अधिकारी पोप था । पोप की शक्ति धर्म व राजनीति के क्षेत्र में सर्वोपरि बनी हुई थी । शासक भी पोप को चुनौती नहीं दे सकते थे । इस प्रकार उस समय पोप तथा पादरियों का समाज पर बहुत अधिक (2) पोप का विलासितापूर्ण जीवन – पोप का व्यक्तिगत जीवन पहले की तरह पवित्र नहीं था । धर्माधिकारी धन इकट्ठा करने के लिए जनता से कई प्रकार के कर वसूल करते थे । परन्तु उन्होंने अपने कर्तव्यों का पालन करना छोड़ दिया था । वे विलासितापूर्ण जीवन व्यतीत करने लगे थे। जनता पर अपना प्रभाव बनाये रखने के लिए उन्होंने कई प्रकार के अंधविश्वास भी प्रचलित कर दिये थे । जनता को स्वर्ग में भेजने का लालच देकर नियत मूल्य पर पापमोचन पत्र बेचे जाते थे । इस दृष्टि से यह कहना उचित होगा कि मध्य युग में वैभवता धर्माधिकारियों के चरणों में नतमस्तक थी । जनता पादरियों के आदेशों को मानने के लिए विवश थी । कोई भी व्यक्ति किसी भी आदेश की आलोचना नहीं कर सकता था । यदि कोई साहस भी करता तो उसे (3) बौद्धिक जागरण – पुनर्जागरण के कारण तर्क तथा चिन्तन शक्ति का विकास हुआ । अब लोग उसी बात को स्वीकार करने के लिए तैयार थे जो तर्क की कसौटी पर खरी उतरती थी । इस बौद्धिक जागरण के फलस्वरूप धार्मिक अन्धविश्वासों तथा प्राचीन मान्यताओं से यूरोप के लोगों का विश्वास उठने लगा । जनता धर्म का सही रूप समझने के लिए मैदान में उतरने लगी। धर्म-सुधारकों ने भी चर्च में फैली बुराइयों के विरुद्ध आवाज उठानी शुरू की और इस प्रकार धर्म-सुधार आन्दोलन प्रारम्भ हुआ। रोमन कैथोलिक चर्च के अनेक पादरी मानवतावादी विचारधारा के समर्थक थे । जिनमें प्रमुख इरैसमस था । उसने चर्च में व्याप्त बुराइयों का विरोध किया । चर्च में घृणा तथा अहंकार की भावनाएँ मौजूद थी, जबकि पुनर्जागरणकालीन मनुष्य का प्रेम और सहानुभूति में विश्वास था । चूंकि मानवतावाद के समर्थक चर्च में प्रचलित बुराइयों की आलोचना करते थे। इससे जनसाधारण में रोमन कैथोलिक धर्म के प्रति असन्तोष बढ़ रहा था। इसी समय छापेखाने के आविष्कार के कारण बाइबिल की प्रतियाँ हजारों की संख्या में छपकर जनसाधारण तक पहुँची । इन्हें पढ़कर शिक्षित लोगों ने धर्म में व्याप्त बुराइयों को दूर करने के लिए आवाज उठाई । धर्म के इस संघर्ष के फलस्वरूप प्रोटेस्टेन्ट धर्म का जन्म हुआ। प्रोटेस्टेन्ट धर्म केथोलिक धर्म में व्याप्त बुराइयों को मिटाने के लिए बना । इससे कैथोलिक धर्म भी प्रभावित हुए बिना नहीं रहा । कैथोलिक धर्म के अनुयायियों ने अपने धर्म में सुधार की ओर ध्यान दिया । इस आन्दोलन का सफल नेता मार्टिन लूथर था । मार्टिन लूथर से पहले बोहेमिया में जानहस नामक पादरी ने पोप का भाण्डा फोड़ा था, लेकिन उसे जीवित हो जला दिया गया। धर्म-सुधार आन्दोलन के प्रमुख परिणामधर्म-सुधार आन्दोलन का यूरोप पर निम्नलिखित व्यापक प्रभाव पड़ा जो- 1. कैथोलिक धर्म में सुधार Important linksWhat is poetry? What are its main characteristics? Debate- Meaning, Advantage & Limitations of Debate Sarojini Naidu (1879-1949) Biography, Quotes, & Poem Indian Weavers Charles Mackay: Poems Sympathy, summary & Quotes – Biography William Shakespeare – Quotes, Plays & Wife – Biography Ralph Waldo Emerson – Poems, Quotes & Books- Biography What is a lyric and what are its main forms? DisclaimerDisclaimer:Sarkariguider does not own this book, PDF Materials Images, neither created nor scanned. We just provide the Images and PDF links already available on the internet. If any way it violates the law or has any issues then kindly mail us: [email protected]
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