8. कर्मवीर
कथा (कर्मवीर की कहानी) (पाठेऽस्मिन् समाजे दलितस्य ग्रामवासिनः पुरुषस्य कथा वर्तते। कर्मवीरः असौ निजोत्साहेन विद्यां प्राप्य महत्पदं लभते, समाजे च सर्वत्र सत्कृतो भवति। कथाया मूल्यं वर्तते यत् निराशो न स्यात्, उत्साहेन सर्वं कर्तुं प्रभवेत्।)
Post Views: 467 Reader Interactionsकर्मवीर कविता से हमें क्या सीख मिलती है?“कर्मवीर” कविता एक प्रेरणादायक कविता है। इस कविता से हमें यह प्रेरणा मिलती है कि हमें अपने जीवन में आने वाली कठिनाइयों से कभी भी घबराना नहीं चाहिए। हमें भाग्य के भरोसे नहीं बैठना चाहिए बल्कि निरंतर कर्म करते रहना चाहिए।
कर्मवीर का उद्देश्य क्या है?इस कविता के लेखक अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध' हैं। प्रसंग – प्रस्तुत पंक्तियों में कवि ने कर्मवीर अर्थात कर्मठ लोगों की प्रशंसा करते हुए उनके गुणों को बताया है। व्याख्यो – कवि कहता है कि जो कर्मठ लोग होते हैं वे किसी भी बाधा से घबराते नहीं हैं। वे भाग्य के भरोसे बैठकर दुख नहीं भोगते और पछताते भी नहीं हैं।
कविता के अनुसार कर्मवीर क्या क्या कर सकते हैं?कर्मवीर कविता का सारांश
सच्चा कर्मवीर व्यक्ति विघ्न और बाधाओं से नहीं घबराता। कठिन-से-कठिन कार्य को भी वह हँसते-हँसते पूरा कर लेता है। बड़े-से-बड़े संकट भी उसे अपने काम से विचलित नहीं कर सकता। वह जिस काम को आरम्भ करता है उसे समाप्त करके ही छोड़ता है।
कर्मवीर कविता में कौन सा गुण है?कवि ने कर्मवीर व्यक्ति को परिश्रमी, निडर, समय पर काम करने वाला, कठिन से कठिन स्थिति का सामना करने वाला तथा अपनी सहायता स्वयं कर के सफल होने वाला बताया है।
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