कौन से शब्द में ऋ की मात्रा?

कौन से शब्द में ऋ की मात्रा?

विवरण देवनागरी वर्णमाला का सातवाँ स्वर है।
भाषाविज्ञान की दृष्टि से यह मूर्धन्य, ह्रस्व, अग्र, अवृत्तमुखी, स्वर है तथा घोष ध्वनि है।
अनुनासिक रूप ‘ऋ’ का अनुनासिक रूप नहीं होता।
मात्रा ृ (जैसे- कृ, गृ, मृ, पृ)
व्याकरण [ संस्कृत ऋ+क्विप्‌ ] स्त्रीलिंग (देव-माता) अदिति, निंदा, उपहास।
संबंधित लेख अ, आ, ई, ओ, औ, ऊ, ए, ऐ, अं, अ:
अन्य जानकारी सामान्य हिंदी भाषी ‘ऋ’ को ‘र’ के समान ही बोलता है। फिर भी, ऋ-युक्त संस्कृत तत्सम शब्द हिंदी में अपने मूल रूप में ही लिखे जाते हैं और लिखे भी जाने चाहिए।

देवनागरी वर्णमाला का सातवाँ स्वर है। भाषाविज्ञान की दृष्टि से यह मूर्धन्य, ह्रस्व, अग्र, अवृत्तमुखी, स्वर है तथा घोष ध्वनि है।

विशेष-
  1. ‘ऋ’ का अनुनासिक रूप नहीं होता।
  2. ‘ऋ’ का दीर्घ रूप ‘ऋ’ है जो हिंदी के शब्दों में नहीं, संस्कृत के कुछ शब्दों में ही प्रयुक्त होता है।
  3. ऋ की मात्रा 'ृ' व्यंजनों के नीचे जुड़कर लगती है (जैसे- कृ, गृ, मृ, पृ)। ‘र’ में ‘ऋ’ की मात्रा नहीं लगती।
  4. ‘ऋ’ का उच्चारण कुछ संस्कृतज्ञों में ही विशिष्ट रूप से मिलता है। सामान्य हिंदी भाषी ‘ऋ’ को ‘र’ के समान ही बोलता है। फिर भी, ऋ-युक्त संस्कृत तत्सम शब्द हिंदी में अपने मूल रूप में ही लिखे जाते हैं और लिखे भी जाने चाहिए।
  5. ‘ऋ’ के शुद्ध उच्चारण के सम्बंध में संस्कृत-विद्वानों में भी मतभेद हैं। मराठी-भाषी ‘ऋ’ का उच्चारण ‘रु’ से मिलता-जुलता करते हैं।
  6. [ संस्कृत ऋ+क्विप्‌ ] स्त्रीलिंग (देव-माता) अदिति, निंदा, उपहास।[1]

ऋ अक्षर वाले शब्द

  • ऋषि
  • ऋचा
  • ऋजु
  • ऋग्वेद
  • ऋणात्मक

ऋ की मात्रा ृ का प्रयोग

क + ृ = कृ
ख + ृ = खृ
ग + ृ = गृ
घ + ृ = घृ
च + ृ = चृ
छ + ृ = छृ
ज + ृ = जृ
झ + ृ = झृ
ट + ृ = टृ
ठ + ृ = ठृ
ड + ृ = डृ
ढ + ृ = ढृ
त + ृ = तृ
थ + ृ = थृ
द + ृ = दृ
ध + ृ = धृ
न + ृ = नृ
प + ृ = पृ
फ + ृ = फृ
ब + ृ = बृ
भ + ृ = भृ
म + ृ = मृ
य + ृ = यृ
ल + ृ = लृ
व + ृ = वृ
श + ृ = शृ
ष + ृ = षृ
स + ृ = सृ
ह + ृ = हृ
क्ष + ृ = क्षृ
ज्ञ + ृ = ज्ञृ
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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. पुस्तक- हिन्दी शब्द कोश खण्ड-1 | पृष्ठ संख्या- 452

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देवनागरी वर्णमाला
स्वर

··········· अं · अ:

व्यंजन

································· क्ष · त्र · ज्ञ ·· श्र

अन्य

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नमस्कार दोस्तों! क्या आप ढूंढ रहे हो ‘ऋ’ की मात्रा वाले शब्द कौन कौन से हैं? यहाँ पर हमने ‘Ri ृ’ Ki Matra Wale Shabd की पूरी एक सूची आपके लिए बनाई है। जिसकी सहायता से आप ‘ऋ’ की मात्रा वाले शब्दों को आसानी से सिख सकते है।

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हमने यहाँ सरल शब्दों का प्रयोग किया है। ‘ऋ’ की मात्रा वाले शब्दों का चार्ट भी नीचे दिया गया है और नीचे कुछ वाक्य भी लिखे गए हैं, इससे बच्चों को पढ़ने में सहायता मिलेगी।

कौन से शब्द में ऋ की मात्रा?

‘ऋ’ की मात्रा वाले शब्द | ‘Ri ृ’ Ki Matra Wale Shabd

कृतज्ञ घृणा मृग कृश
पृथक तृस कृतघ्न वृद्धावस्था
कृमि तृतीया तृतीय कृषि
तृषा दृढ़ मृद्ग  कृति
सृजन नृत्य मृदुल कृपालु
मृत पृथ्वी भृकुटी कृत्रिम
वृतांत भृकुटि नृत्य  कृग
दृढ मृत भृगु गृहत्याग
ऋषि मृत्युदंड नृप घृणित
अमृत मृतक धृत तृप्त
घृत वृद्धि मातृ दृष्टि
पृथ्वी वृदि वृति धृतराष्ट्र
वृष्टि हृदय वृंदावन पितृ
मृदा ऋण ऋषिकेश भृंगराज
श्रृंखला ऋग्वेद   वृहद मातृ
कृष्णा अमृता तृष्णा मृगराज
कृषि परिष्कृत ऋचा वृद
गृह उत्कृष्ट संस्कृत ऋषिकेश
तृप्त प्रवृति ऋग्वेद अमृत
भृत कृपाली मृदंग संस्कृति
वृत्त  कृष्णा पितृ श्रृंगार
मृदु कृपा श्रृंगार वृष्टि
ऋषभ कृषक अमृतसर धूर्त
कृत्रिम वृथा कृष्ण तृण
वृथा गृह   घृणा कृत्य
नृप गृहमंत्री   पृथ्वी कृपाल
कृषक घृत   सृजन कृष्कान्त
तृण तृषा गृहणी गृष्म
कृपा दृश्य भृकुटि गृहस्थ
कृपालु धृता ओलावृष्टि तृप्ति
वृक्ष नृसिंह कृत्य तृष्णा
ऋण पृथक वृत दृष्टिकोण
कृति भृत्य वृक्षा नेतृत्व
मृणालिनी मृदा ह्रदय नृशंस
वृक्षावली मृदु कृपया भृगु
मृत्यु मृणालिनी कृतज्ञ मृत्यु
दृशा वृद्धा कृपाण मृत्युंजय
कृत वृन्दावन ऋतू मृदंग
कृष्णकांत ऋषभ नृत्य वृक्ष
दृश्य ऋतु सृष्टि वृक्षारोपण
हृदय अमृतसर मृतक ऋषि
शृगाल संस्कृत कृष्ण ऋचा
अतिथिगृह ऋत्विजा कृष अतिगृह
घृणा अतिथिगृह कृपया ओलावृति
कृमि कृषिमंत्री गृहात वृक्षासन

‘ऋ’ की मात्रा वाले शब्दों से बने वाक्य

  1. कुटिया में ऋषि मुनि रहते हैं। 
  2. समुद्र मंथन से अमृत निकलता है। 
  3. किसी से घृणा नहीं करना चाहिए। 
  4. मेरे मित्र का कोमल हृदय है। 
  5. कृषि उत्पादन बहुत लाभदायक है। 
  6. जंगल में मृग घूम रहे थे। 
  7. मेरे भाई की वृषभ राशि है। 
  8. हमारे प्रांगण में एक विशाल वृक्ष है। 
  9. शीतल अच्छी नृत्यकार है। 
  10. प्रीथ्वी में जीवनवायु प्रवाह करती हैं। 
  11. उसने कृषि की पढ़ाई की है। 
  12. हृदय से मैं कमज़ोर हूँ। 
  13. वृन्दावन में श्रीकृष्णा जी का जन्म हुआ था। 
  14. हमारे संस्कृति से हमारी पहचान होती है। 
  15. भारत ने श्रीलंका को ३-० से हराकर श्रृंखला को जित लिया। 

कौन से शब्द में ऋ की मात्रा का प्रयोग नहीं है?

'' का दीर्घ रूप '' है जो हिंदी के शब्दों में नहीं, संस्कृत के कुछ शब्दों में ही प्रयुक्त होता है। ऋ की मात्रा 'ृ' व्यंजनों के नीचे जुड़कर लगती है (जैसे- कृ, गृ, मृ, पृ)। 'र' में 'ऋ' की मात्रा नहीं लगती।

ऋषि की मात्रा क्या है?

ऋ की मात्रा वाले शब्दों से बने वाक्यों के उदाहरण कृषक कृषि कर रहा है। अमृत जैसा बोलो। घृणा नहीं करो। मेने मृग देखा।

ऋ कैसे बनता है?

” एक स्वर है और “री" व्यंजन है जो ,र+ ई मात्रा मिलाकर पूरा होता है ।

र से क्या क्या शब्द बनते हैं?

'' में प्राय: सभी मात्राएँ और चिह्न सामान्य रूप से जुड़ते हैं। परंतु 'र्' में '' की मात्रा नहीं लगती तथा 'उ' और 'ऊ' मिलने पर क्रमश: विशेष रूप 'रु' और 'रू' बनते हैं (रुपया, रूप, रुष्ट, रूठा)। देवनागरी वर्णमाला में अंत:स्थ वर्ग का दूसरा व्यंजन है।