आजादी के पश्चात भारत के विभाजन तथा पाकिस्तान की स्थापना से लेकर अब तक भारत तथा पाकिस्तान के आपसी संबंध तनावपूर्ण ही रहे हैं। इन तनाव को कम करने के लिए दोनों देशों के बीच शांति बनाए रखने के लिए कई समझौते किए गए है जिनमें कुछ निम्नलिखित है: Show
स्टोरी हाइलाइट्स
पाकिस्तान से पांच सदस्यीय डेलीगेशन सिंधु जल विवाद को लेकर बातचीत करने के लिए भारत आ रहा है. यह बातचीत 30-31 मई को नई दिल्ली में हो सकती है. ये डेलीगेशन वाघा बॉर्डर के रास्ते से भारत आएगा. जल विवाद भी है बड़ा मुद्दा भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद के विभिन्न मुद्दों में पानी एक बड़ा मुद्दा है. यह मुद्दा इतना महत्वपूर्ण है कि दोनों देशों के बीच युद्ध हो जाने के बाद भी सिंधु समझौता तोड़ा नहीं गया. हालांकि 2008 मुंबई हमले और 2019 में जब धारा 370 हटाई गई तो इस समझौते को तोड़ने की मांग भी की गई, लेकिन इसको तोड़ना आसान नहीं है. सम्बंधित ख़बरें11 लाख किमी में फैला है सिंधु का इलाका सिंधु नदी का इलाका करीब 11.2 लाख किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है. ये इलाका पाकिस्तान में 47 फीसदी, भारत में 39 फीसदी, चीन में 8 फीसदी और अफगानिस्तान में 6 फीसदी है. एक आंकड़े के मुताबिक करीब 30 करोड़ लोग सिंधु नदी के आसपास के इलाकों में रहते हैं. सिंधु जल समझौते की प्रमुख बातें 1. साल 1960 में तत्कालीन
प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और पाकिस्तानी राष्ट्रपति अयूब खान ने कराची में सिंधु जल समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. तुलबुल परियोजना का विरोध भारत ने 1987 में पाकिस्तान के विरोध के बाद झेलम नदी पर तुलबुल परियोजना का काम रोक दिया था. इसे लेकर पाकिस्तान कई बार बाधाएं अटका चुका है. यह विवाद अंतरराष्ट्रीय पंचाट में विश्व बैंक के पास जा चुका है. हालांकि भारत के ऐतराज के बाद विश्व बैंक ने कदम पीछे खींच लिए थे. क्या है संधु समझौते पर विवाद? सिंधु घाटी समझौते के तहत भारत को पाकिस्तान के हिस्से वाली
नदियों के जल का इस्तेमाल सिंचाई, परिवहन और बिजली उत्पादन में करने की अनुमति है. भारत इस समझौते के मुताबिक, सिंधु नदी के पानी का केवल 20 फीसदी ही इस्तेमाल करता है. हालांकि इसके विवाद की मुख्य वजह यही है कि यह संधि जब हुई थी, उस समय पाकिस्तान के साथ भारत का कोई युद्ध नहीं हुआ था और अब वो सीमापार से लगातार आतंकियों की भारत में घुसपैठ करा रहा है. ये भी पढ़ें
भारत और पाकिस्तान के बीच हाल में क्या समझौते हुए?भारत और पाकिस्तान के प्रतिनिधियों के बीच कई साल चली वार्ता के बाद दोनों देशों के बीच वर्ल्ड बैंक की मध्यस्थता में सिंधु-तास समझौता सितंबर 1960 में हुआ था. उस समय भारत के प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और पाकिस्तान के उस समय के नेता जनरल अयूब ख़ान ने कराची में इस समझौते पर हस्ताक्षर किए थे.
भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद का मूल कारण क्या है?भारत पाकिस्तान सीमा विवाद
ग़ौरतलब है कि सर क्रीक सीमा रेखा विवाद कच्छ और सिंध के बीच समुद्री सीमा रेखा की अस्पष्टता के कारण है। आज़ादी से पहले, ये क्षेत्र ब्रिटिश भारत के बॉम्बे प्रेसीडेंसी का भाग था। 1947 में भारत की आज़ादी के बाद सिंध पाकिस्तान का हिस्सा बन गया, जबकि कच्छ भारत का ही हिस्सा रहा।
वर्ष 1972 में भारत और पाकिस्तान के बीच कौन सा समझौता हुआ था?यूं हुआ था शिमला समझौता
2-3 जुलाई 1972 की आधी रात को यह समझौता हुआ। प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और पाकिस्तान के राष्ट्रपति जुल्फिकार अली भुट्टो के बीच 2 जुलाई की रात 10.30 बजे के करीब शुरू हुई बातचीत देर रात 12 बजकर 40 मिनट तक चली। इसी समय भारत-पाकिस्तान के बीच एक समझौते के दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए गए।
भारत और पाकिस्तान के संबंध कैसे हैं?दोनों देशों के मध्य व्यापारिक रिश्ते पूरी तरफ ढप हैं. प्राणरक्षक दवाइयों के अतिरिक्त अन्य किसी तरह के उत्पादों पर आयात पर पाकिस्तान सरकार द्वारा पूरी तरह से रोक लगाई गई हैं. जम्मू कश्मीर से धारा 370 और 35A की बर्खास्तगी और दो बड़े आतंकवादी हमलों के बाद दोनों देशों के रिश्ते सामान्य नहीं हो पाए हैं.
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