राजस्थान में 1 यूनिट बिजली की लागत क्या है?

मुख्यमंत्री ने बजट में बिजली उत्पादन क्षमता बढाने तथा उर्जा तंत्र का सुद्दढीकरण का काम करने की घोषणा की है। बिजली उत्पादन की लागत में कमी लाने की दृष्टि से छबड़ा तापीय विद्युतघर का विस्तार किया जाएगा। कालीसिंध, झालावाड़ तापीय विद्युत परियोजना का विस्तार करते हुए अल्टासुपर क्रिटीकल तकनीकी आधारित 800 मेगावाट की तीसरी इकाइ स्थापित की जाएगी। गुढा बिकानेर में 950 करोड की 125 मेगावाट की लिग्नाइट कोयला आधारित तापीय विद्युत परियोजना स्थापित की जाएगी। प्रदेश के विद्युत वितरण तंत्र में परिचालन हानि एटीएनसी की ओर से कमी लाने के लिए कई काम करवाए जाएंगे। इसमें 3565 करोड रुपए खर्च कर 48 लाख उपभोक्ताओं के प्री पेड मीटर लगाए जाएंगे।
— विद्युत वितरण के बुनियादी ढाचे को अधिक सुद्दढ करने की दृष्टि से करीब 3 हजार 500 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
— वितरण प्रणाली को सुद्दिढकरण के लिए जोधपुर व उदयपुर में ग्रीड स्टेशन बनाए जाएंगे।

अब दिन में मिलेगी किसानों को बिजली
प्रदेश में 16 जिलों में किसानों को दिन में बिजली मिल रही है, अब बचे हुए 17 जिलों में भी किसानों को दिन में बिजली मिलेगी।

Jaipur: राजस्थान में बिजली का बिल चुकाना उपभोक्ताओं पर भारी पड़ता नजर आ रहा है. प्रदेश की बिजली कंपनियों को प्रबंधन की कमजोरी का खामियाजा उपभोक्ता उठा रहे हैं. बिजली उपभोक्ताओं का अगले तीन माह तक बिल बढ़कर आयेगा. प्रदेश के तीनों डिस्कॉम जयपुर, जोधपुर और अजमेर ने 33 पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली उपभोक्ताओं पर फ्यूल सरचार्ज लगा दिया है. यह फ्यूल सरचार्ज (Fuel Surcharge) अप्रैल 2021 से जून 2021 तक के लिए 33 पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से लगाया गया है. इसकी वसूली जनवरी, फरवरी और मार्च 2021 के बिजली बिलों की रीडिंग के आधार पर होगी. स्थायी शुल्क मामले में भी राजस्थान अन्य प्रदेशों को बहुत पीछे छोड़ रहा है..

प्रत्येक उपभोक्ताओं को प्रति माह 200 से 1000 रुपये तक अतिरिक्त भुगतान करना पड़ेगा. इस फ्यूल सरचार्ज के जरिये अकेला जयपुर डिस्कॉम ही अपने उपभोक्ताओं से 200 से 220 करोड़ रुपये की वसूली करेगा. फ्यूल सरचार्ज के आदेश जारी होने के बाद से वसूली का खाका तैयार कर लिया गया है. राजस्थान इलेक्ट्रिसिटी रेग्युलेरिटी कमीशन (Rajasthan Electricity Regulatory Commission) हर साल बिजली खरीद समेत दूसरे खर्चों का कैलकुलेशन कर उसके बाद बिजली की टैरिफ तय करता है. इसमें आयोग की ओर से कोयला, डीजल, ट्रांसपोर्टेशन चार्ज का खर्च निकाल उसकी लागत निकाली जाती है. इसकी वसूली उपभोक्ताओं से होती है. इस फ्यूल सरचार्ज की शुरुआत वर्ष 2009 से में हुई थी. फ्यूल सरचार्ज प्रत्येक तीन महिने की परफोर्मेंस के आधार पर लगता है.

क्या है बिजली दरें
पड़ोसी राज्यों की तुलना में पहले नंबर पर है प्रदेश

राज्य खपत यूनिट तक दर
राजस्थान 100 6.50 रुपए
बिहार 100 6.10 रुपए
झारखंड 100 5.75 रुपए
उत्तरप्रदेश 100 5.50 रुपए  
कर्नाटक 100 5.45 रुपए
मध्य प्रदेश 100 5.05 रुपए
महाराष्ट्र 100 3.63 रुपए
गुजरात 100 3.10 रुपए
दिल्ली 100 3.00 रुपए
छत्तीसगढ़ 100 1.00 रुपए

राजस्थान बिजली बढ़ोतरी के मामले में शीर्ष पायदान के राज्यों कायम है, जहां बिजली सबसे महंगी है. कांग्रेस शासित राज्यों में भी सबसे महंगी बिजली प्रदेश की ही है. राजस्थान (Rajasthan News) में ही प्रति वर्ष 22 हजार मेगावाट का उत्पादन होता है. यही नहीं, पड़ोसी राज्यों हरियाणा और पंजाब से तुलना की जाए तो राजस्थान में मध्यम वर्ग के परिवारों के लिए 100 यूनिट पर 6.50 रुपये और 500 यूनिट के बाद यह दर 7.65 तक पहुंच जाती है. जबकि पड़ोसी राज्यों में यह महज 4 से 5 रुपये प्रति यूनिट ही है.

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झारखंड में 1 रुपए, दिल्ली में 3 रूपए, गुजरात में 3.10 रुपए, महाराष्ट्र में 3.63 रुपए और पंजाब में 4.49 रुपए प्रति यूनिट बिजली मिल रही है. बिजली उत्पादन में कोयले के अधिक इस्तेमाल से प्रदेश में बिजली महंगी मिल रही है. वहीं, छीजत रोकने में विफलता भी बड़ा कारण है. बिजली कंपनियों की ओर से वसूली जा रहा सरचार्ज भी उपभोक्ताओं पर भारी पड़ रहा है.

कब कब लगा सरचार्ज
जनवरी से मार्च 2019 —— 28 पैसे
अप्रेल से जून 2019 —— 47 पैसे
जुलाई से सितम्बर 2019 —— 27 पैसे
अक्टूबर से दिसम्बर 2019 —— 39 पैसे
जनवरी से मार्च 2020 —— 30 पैसे
अप्रेल से जून 2020 —— 28 पैसे
जुलाई से सितम्बर 2020 —— शून्य
अक्टूबर से दिसम्बर 2020 —— 7 पैसे
अप्रैल 2021 से जून 2021 तक के लिए 33 पैसे प्रति यूनिट

भाजपा सरकार में
वर्ष 2014 —— 63 पैसे
वर्ष 2015 —— 6 पैसे
वर्ष 2016 —— 30 पैसे
वर्ष 2017 —— 64 पैसे
वर्ष 2018 —— 30 पैसे
(पैसे प्रति यूनिट)

राजस्थान के घरेलू उपभोक्ताओं पर बिजली दरों का भार लगातार बढ़ रहा है. नियमित बढ़ोतरी के साथ फ्यूल सरचार्ज सरदर्द बन रहा है. पहले से 50 पैसे प्रति यूनिट अतिरिक्त राशि चुका रहे उपभोक्ताओं को अब 16 पैसे प्रति यूनिट की राशि और चुकानी होगी. डिस्कॉम प्रबंधन ने प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. कांग्रेस सरकार इस कार्यकाल में यह आठवीं बार होगा जब सरचार्ज के रूप में उपभोक्ताओं से वसूली होगी. 

राजस्थान की अंतिम बार बढ़ी बिजली दरें
घरेलू उपभोक्ता

कैटेगरी पहले शुल्क फिक्स चार्ज अब शुल्क  फिक्स चार्ज मासिक
प्रथम 50 यूनिट पर 3.85 रु. यूनिट 100 रु. 4.75 रु. यूनिट 125 रु.
51 से 150 यूनिट तक   6.10 रु. यूनिट 200 रु. 6.50 रु. यूनिट   230 रु
151 से 300 यूनिट तक 6.40 रु. यूनिट 220 रु. 7.35 रु. यूनिट 275 रु.
301 से 500 यूनिट तक 6.70 रु. यूनिट 265 रु 7.65 रु. यूनिट 345 रु.
500 से अधिक यूनिट 7.15 रु. यूनिट 285 रु. 7.95 रु. यूनिट 400 रु.

बीपीएल और लघु कनेक्शन
कैटेगरी पहले शुल्क फिक्स चार्ज अब शुल्क फिक्स चार्ज मासिक
बीपीएल 50 यूनिट तक 3.50 रु. यूनिट 100 रु. 3.50 रु. यूनिट 100 रु.
50 यूनिट लघु कनेक्शन 3.85 रु. यूनिट 100 रु. 3.85 रु. यूनिट 125 रु.

उद्योग :
स्माल इंडस्ट्री 500 यूनिट तक 6.00 रु. यूनिट 65 रु. एचपी 6.00 रु. यूनिट 80 रु. एचपी
500 यूनिट से अधिक 6.45 रु. यूनिट 65 रु.एचपी 6.45 रु.यूनिट 110 रु. एचपी

महंगी बिजली का भार स्थायी तौर पर उपभोक्ता भुगत रहे हैं. कीमतों में इजाफे से कलेंडर वर्ष के अंत में बजट बिगड़ा तय है. सरचार्ज लगाने के बाद विपक्ष भी इस मुद्दे पर प्रदेश सरकार को घेरने को तैयारी में है.

राजस्थान में बिजली कितने रुपए यूनिट है?

फरवरी-मार्च 2022 में 5.34 से 6.75 रुपए प्रति यूनिट मंजूर हुई थी शॉर्ट टर्म बिजली खरीद। राजस्थान ऊर्जा विकास निगम ने लगातार मार्च से अगस्त 2022 तक बिजली खरीद के लिए अलग-अलग शॉर्ट टर्म टेंडर भी करवाए हैं। इनमें 1 मार्च से 31 मार्च तक 540 मेगावाट बिजली 6.23 रुपए यूनिट से 9.49 रुपए प्रति यूनिट की रेट पर खरीदी गई है।

घरेलू बिजली की दर क्या है?

नई बिजली दर में घरेलू उपभोक्ताओं के अधिकतम 7 रुपये प्रति यूनिट के स्लैब को समाप्त कर दिया गया है। यानि अब घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं (शहरी) की अधिकतम बिजली दर 6.50 रुपये प्रति यूनिट और ग्रामीण क्षेत्र में 5.50 रुपये प्रति यूनिट ही होगी।

एक यूनिट का बिल कितना होता है?

एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में फॉसिल फ्यूल से 44.5 पार्टी मेगा वाट बिजली पैदा की जाती है जिसका 3.05 रुपया एक यूनिट का होता है यदि इसकी तुलना चीन हुए ऑट्रेलिए से करे तो 3.33 रूपए और 3.49 रूपए है तो हुमा यह कह सकते हैं की भारत की प्राइस सस्ती हैं ।

बिजली की यूनिट कैसे निकालते हैं?

जहां 1 यूनिट = 1 kWh (इसे 1 = B.T.U = बोर्ड ऑफ ट्रेड यूनिट के नाम से भी जाना जाता है)। उदाहरण के लिए, यदि आपने एक 1000 वाट के बल्ब को 1 घंटे के लिए जलाया, तो इसका मतलब है कि आपने एक घंटे के लिए 1000 वाट बिजली का उपयोग किया है (1 घंटे के लिए 1000 वाट = 1kWh = 1 यूनिट)।