जीवन की महिमा कबीर दास के दोहों की सचित्र व्याख्या कीजिए?जो सुख में सुमिरन करे, तो दुःख काहे को होय ।
Kabir Ke Dohe in Hindi में इसका यह भावार्थ है कि कबीर दास जी हमें यह कहते हैं कि इंसान हमेशा दुख में ही भगवान को याद करता है परंतु सुख आने पर भगवान को भूल जाते हैं। परंतु अगर हम ईश्वर को सुख में भी याद करेंगे तो हमें दुख कभी नहीं आएगा।
कबीर दास जी के 10 दोहे?कबीर के 10 बेहतरीन दोहे : देते हैं जिंदगी का असली ज्ञान. मैं जानूँ मन मरि गया, मरि के हुआ भूत | ... . भक्त मरे क्या रोइये, जो अपने घर जाय | ... . मैं मेरा घर जालिया, लिया पलीता हाथ | ... . शब्द विचारी जो चले, गुरुमुख होय निहाल | ... . जब लग आश शरीर की, मिरतक हुआ न जाय | ... . मन को मिरतक देखि के, मति माने विश्वास | ... . कबीर मिरतक देखकर, मति धरो विश्वास |. 2 कबीर के दोहों का सार लिखिए?सार-सार को गहि रहै, थोथा देई उड़ाय। अर्थ: इस दोहे में कबीर दास जी इस संसार के सभी बुरी चीजों को हटाने और अच्छी चीजों को समेट सकने वाले विद्वान व्यक्तियों के विषय में बता रहे हैं। दुनिया में ऐसे साधुओं और विद्वानों की आवश्यकता है जैसे अनाज साफ़ करने वाला सूप होता है, जो सार्थक को बचा लेंगे और निरर्थक को उड़ा देंगे।
कबीर दास जी के दोहों को क्या कहा जाता है?कबीर ने श्रोता (ईश्वर) को साक्षी मानकर अपने दोहों की रचना की इसलिए इनके दोहों को 'साखी' कहा जाता है। साखी का अर्थ है साक्षी अर्थात् गवाही। कबीर ने जो कुछ आँखों से देखा उसे अपने शब्दों में व्यक्त करके लोगों को समझाया।
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