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Published in JournalYear: Jan, 2019 Article Details
कबीर संत ही नहीं समाज सुधारक भी थे इस विषय पर अपने विचार लिखिए?'कबीर संत ही नहीं समाज सुधारक भी थे', इस पर अपने विचार लिखिए । उत्तर: कबीरदास जी एक संत होने के साथ-साथ एक समाज सुधारक के रूप में भी जाने जाते हैं। उन्होंने ऐसी बहुत-सी बातें कही हैं जिनका सही उपयोग किया जाए तो समाज सुधार में सहायता मिल सकती है।
कबीर के समाज सुधार पर अपने विचार व्यक्त करें?उनके समकालीन समाज में अनेक अंधविश्वासों, आडम्बरों, कुरीतियों एवं विभिन्न धर्मों का बोलबाला था। कबीर ने इन सब का विरोध करते हुए समाज को एक नवीन दिशा देने का पूर्ण प्रयास किया। उन्होंने जाती-पांति के भेदभाव को दूर करते हुए शोषित जनों के उद्धार का प्रयत्न किया तथा हिंदू मुस्लिम एकता पर बल दिया उनका मत था।
कबीर एक समाज सुधारक इस विषय पर 100 शब्दों का एक लेख लिखिए?कबीर दास जी हमारे हिंदी साहित्य के एक जाने माने महान कवि होने के साथ ही एक समाज सुधारक भी थे, उन्होंने समाज में हो रहे अत्याचारों और कुरीतिओं को ख़त्म करने की बहुत कोशिश की, जिसके लिये उन्हें समाज से बहिष्कृत भी होना पड़ा, परन्तु वे अपने इरादों में अडिग रहे और अपनी अंतिम श्वास तक जगत कल्याण के लिये जीते रहे।
कबीर दास के समाज सुधारक क्यों कहा जाता है?उन्होंने समाज में चल रहे अंधविश्वासों, रूक़ियों पर करारा प्रहार ककया। कबीर शांवतमय जीिन बीताते थेऔर िे अंवहसा, सत्य, सदाचार आकद को अपने जीिन में अपनाया और दूसरो को भी वसख देते थे। उनका सभाि क्ांवतकारी प्रिृवि होने के कारण उन्होंने ऊंच-नीच तथा समाज मेंजावत- पावत के भेदभाि का विरोध ककया।
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