Mental Health Tips: आजकल की इस दौड़ती भागती जिंदगी में हर कोई स्ट्रेस में जी रहा है. इसका सबसे बड़ा कारण है जरूरत से ज्यादा सोचना. हालांकि यह इंसान पर निर्भर करता है कि वह किस बात को ज्यादा महत्व देते हैं. कुछ लोगों में छोटी-छोटी बातों को लेकर बहुत ज्यादा सोचने की आदत होती है. लेकिन, हम आपको बता दें कि जरूरत से ज्यादा सोचना हमारी सेहत के लिए बहुत नुकसानदायक हो सकती है. इस कारण आपके बाकी के काम बिगड़ सकते हैं और जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है. लंबे समय तक इस तरह की आदत डिप्रेशन का कारण बन सकती है. तो चलिए ज्यादा सोचने के नुकसान के बारे में जानते हैं- Show डिप्रेशन के हो सकते हैं शिकार अकेलेपन का हो जाते हैं शिकार समय की होती है बर्बादी काम पर होता है बुरा असर अगर आपको भी ज्यादा सोचने की आदत है तो इन टिप्स
को अपनाएं Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की एबीपी न्यूज़ पुष्टि नहीं करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें. ये भी पढ़ें- Bhai Dooj 2021: भाई दूज के मौके पर अपनी बहन को देना चाहते हैं कुछ खास? इन ऑप्शन्स को करें ट्राई Karwa Chauth 2021: करवा चौथ के खास मौके पर घर में बनाएं गुलगुले, जानें इसकी आसान रेसिपी ज्यादा सोचने से कौन सी बीमारी होती है?एक ही बात को बार-बार सोचने की आदत है तो यह ओवरथिंकिंग की बीमारी है जिसका असर मानसिक और शारीरिक हेल्थ पर बहुत अधिक होता है. इस स्थिति से कैसे निकलें जानिए आज के इस लेख में. Negative Effects Of Overthinking-कई बार दिमाग में बार-बार एक ही बात आती रहती है और उसे ही सोच कर हम खुद को परेशान करते रहते है.
बहुत ज्यादा सोचने से क्या होता है?बहुत ज्यादा किसी बारे में सोचने से मन की पॉजिटिव एनर्जी खत्म हो जाती है. हर समय नकारात्मक विचार रखने से आप कुछ समय बाद डिप्रेशन जैसी गंभीर मानसिक बीमारी का शिकार हो सकते हैं. बहुत ज्यादा किसी बारे में सोचने से मन की पॉजिटिव एनर्जी खत्म हो जाती है. उसकी जगह नेगेटिव एनर्जी ले लेती है.
ज्यादा सोचना बंद कैसे करें?प्रतिदिन सुबह-सुबह अगर आप केवल 15-20 मिनट ध्यान करें तो भी अपने बेकार के विचारों पर ध्यान देना छोड़ देने और वर्तमान में रहने की आपकी क्षमता पर आश्चर्यजनक प्रभाव पड़ेगा |. रात के समय अपने मन को शांत करने के लिए भी आप ध्यान कर सकते हैं |. दिमाग सोचने से क्या होता है?इससे हम अंदर से उदास महसूस करने लगते हैं. क्योंकि इन सभी में नेगेटिव भावनाएं शामिल होती हैं, जो लंबे वक्त तक बने रहने से हमारी लाइफ में निराशा और निरसता होने लगती है. अपने संबंधियों, दोस्तों या अन्य किसी व्यक्ति के व्यवहार जैसी सामाजिक स्थितियों के बारे ज्यादा सोचने से कठोर निष्कर्ष निकल सकते हैं.
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