जयपुर में तीज की सवारी कब निकाली जाती है - jayapur mein teej kee savaaree kab nikaalee jaatee hai

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देखिए जयपुर के तीज महोत्सव की यादों के फोटो:दो साल से सुहागनों को तीज माता के दर्शनों का इंतजार; सिटी पैलेस से राजसी ठाठ से निकलती थी मां तीज की सवारी

जयपुरएक वर्ष पहले

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जयपुर में तीज की सवारी कब निकाली जाती है - jayapur mein teej kee savaaree kab nikaalee jaatee hai

कभी तीज माता की सवारी में हजारों की संख्या में उमड़ते थे श्रद्धालु। कोरोना की वजह से दो साल से नहीं निकल सकी है तीज माता की सवारी।

राजस्थान की संस्कृति में खासा महत्व रखने वाली आज सावन मास की तीज है। तीज के दिन भरने वाला मेला और जयपुर में सिटी पैलेस से राजसी ठाट बाट से निकलने वाली तीज माता की सवारी यहां की विशेष पहचान होती थी। कोरोना महामारी की वजह से यह दूसरा मौका है। जबकि पिछले कई वर्षों से हर साल निकलने वाली तीज माता की सवारी नहीं निकाली जा रही है।

जयपुर में तीज की सवारी कब निकाली जाती है - jayapur mein teej kee savaaree kab nikaalee jaatee hai

दो साल पहले तक जयपुर शहर में निकलने वाली तीज माता के होते थे विशेष दर्शन

अपने सुहाग की लंबी उम्र की कामना करने वाली सुहागन महिलाओं को आज भी तीज माता के दर्शनों का इंतजार है। लेकिन यह इंतजार कब पूरा होगा। यह वक्त ही बताएगा। लिहाजा दैनिक भास्कर के पाठकों के लिए 10 फोटो के जरिए जयपुर में धूमधाम से निकलने वाली तीज माता की सवारी की कभी ना भुलाई जाने वाली यादों को ताजा कर रहे है।

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जयपुर में पारंपरिक रस्मों रिवाज से परकोटे के बाजारों से निकलती थी मां तीज की सवारी

तीज के दिन सिटी पैलेस में पूर्व राजपरिवार की दीयाकुमारी व अन्य सुहागन महिलाएं मां तीज की पूजा करती थी। इसके बाद शाम करीब पौने 6 बजे तीज माता राजसी ठाठ -बाट के साथ त्रिपोलिया गेट से भव्यता के साथ निकलती थी।

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सिटी पैलेस में पूर्व राजपरिवार की दीयाकुमारी करती थी तीज माता की पूजा अर्चना

तीज माता की सवारी की अगुवाई करते हुए पंचरंगी झंडा लहराते हुए सबसे आगे हाथी चलते थे। इसके बाद ऊंट, घोड़ों के साथ बग्गियों, तोपगाड़ियों, बैलगाड़ियों पर पूरा शाही लवाजमा चलता था।

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पचरंगी निशान वाले झंडे के साथ तीज माता की सवारी में सबसे आगे चलता था हाथी

इससे राजे-रजवाड़ों का बीता जमाना फिर से साकार हो उठता था। शाही लवाजमें के साथ तीज माता की सवारी को करीब दो घंटे तक शहर में घूमते हुए तालकटोरा पहुंचकर पौंड्रिक पार्क के मुख्य गेट पर विसर्जित होती थी।

जयपुर में तीज की सवारी कब निकाली जाती है - jayapur mein teej kee savaaree kab nikaalee jaatee hai

तीज माता की सवारी निकलने से पहले लोक कलाकारों की मंडली लोक नृत्य से श्रद्धालुओं को रिझाती थी

मेले में कच्छी घोड़ी, कालबेलिया नृत्य, गैर नृत्य करते हुए लोक कलाकार अन्य कई तरह के नृत्यों की छटा बिखेरते सबका मन मोह लेते थे।

जयपुर में तीज की सवारी कब निकाली जाती है - jayapur mein teej kee savaaree kab nikaalee jaatee hai

तीज माता की सवारी में लोक कलाकार अलग अलग स्वांग रचकर आते थे

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शंकर भगवान का रुप बनाकर गांवों से आने वाले श्रद्धालुओं को हंसाते हुए लोक कलाकार

जयपुर में तीज की सवारी कब निकाली जाती है - jayapur mein teej kee savaaree kab nikaalee jaatee hai

त्रिपोलिया गेट के सामने शुरु होता था लोक कलाकारों का प्रदर्शन

जयपुर में तीज की सवारी कब निकाली जाती है - jayapur mein teej kee savaaree kab nikaalee jaatee hai

तीज सवारी में हैरतअंगेज करतब दिखाते हुए एक कलाकार

तीज की सवारी कब निकाली जाती है?

कोरोना की वजह से दो साल से नहीं निकल सकी है तीज माता की सवारी। राजस्थान की संस्कृति में खासा महत्व रखने वाली आज सावन मास की तीज है। तीज के दिन भरने वाला मेला और जयपुर में सिटी पैलेस से राजसी ठाट बाट से निकलने वाली तीज माता की सवारी यहां की विशेष पहचान होती थी।

जयपुर में तीज की सवारी कब निकलेगी?

तीज माता की सवारी के दौरान मांगणियार लोक गायन, मयूर डांस और राधा कृष्ण की झांकी देखने को मिली। 150 लोक कलाकार राजस्थानी अंदाज में अपनी प्रस्तुति दी। शाम 6.30 बजे जनानी ड्योढ़ी से निकली सवारी शहर के विभिन्न स्थलों से होते हुए तालकटोरा तक पहुंची।।

जयपुर में तीज का त्योहार कब है?

श्रावण शुक्ल तृतीया पर रविवार को तीज का त्योहार मनाया जाएगा।

राजस्थान में छोटी तीज कब मनाई जाती है?

कजली तीज/बडी तीज/सातुडी तीज मुख्यतः पूर्वी भारत में भादो कृष्ण तृतीया को मनाया जाने वाला व्रत-त्यौहार है।