जनगणना वर्ष 2011 में भारत की कुल जनसंख्या 121 करोड़ में नगरीकरण का स्तर क्या था? - janaganana varsh 2011 mein bhaarat kee kul janasankhya 121 karod mein nagareekaran ka star kya tha?

आबादी का विस्फोट रोकने और साक्षरता बढ़ाने के सरकार के प्रयास जनगणना-2011 के आँकड़ों में सफल होते नजर आ रहे हैं। वर्ष 2001-11 के दशक में देश की जनसंख्या भले ही 18.10 करोड़ बढ़कर 121 करोड़ तक पहुँच गई हो, लेकिन नौ दशकों में पहली बार देश की जनसंख्या वृद्धि दर में सबसे ज्यादा गिरावट दर्ज की गई है और साक्षर लोगों की संख्या बढ़ी है। मप्र में भी जनसंख्या वृद्धि दर घटी है।


गुरुवार को केंद्रीय गृह सचिव जीके पिल्लई व भारत के महापंजीयक सी.चंद्रमौलि ने 2011 की जनगणना के तदर्थ आँकड़े जारी किए। इनके अनुसार भारत की 121 करोड़ की आबादी में 62.37 करोड़ पुरुष और 58.65 करोड़ महिलाएँ हैं। पुरुषों की 17.19 प्रश की तुलना में महिलाओं की आबादी 18.12 प्रश बढ़ी है।

महत्वपूर्ण आँकड़े : भारत की आबादी 121 करोड़। 18.10 करोड़ बढ़े। 62.37 करोड़ पुरुष। 58.65 करोड़ महिलाएँ। 17.64 प्रतिशत वृद्धि दर। 74.04 प्रतिशत साक्षर। जनसंख्या वृद्धि दर में सबसे ज्यादा गिरावटसाक्षरता दर और लिंगानुपात में सुधार, लेकिन बेटों के प्रति रुझान कम नहीं। प्रति 1000 पुरुषों पर 940 महिलाएँ। जनसंख्या वृद्धि दर में सबसे ज्यादा गिरावट।


खुशी की बात है : अच्छी बात यह है कि 2001-11 में जनसंख्या में वृद्धि 17.64 प्रश रही, जबकि पूर्व दशक में 21.54 और 1981-1991 में 23.87 प्रश जनसंख्या वृद्धि दर दर्ज की गई थी। 2001-2011 (1911-21 को छोड़कर) ऐसा पहला दशक है, जब देश की आबादी पूर्व दशक की तुलना में सबसे कम बढ़ी।


ज्यादा पढ़े-लिखे : 10 साल में साक्षरों की संख्या 9.2 प्रश बढ़ी। साक्षरता का प्रतिशत 64.83 से बढ़कर 74.04 हो गया है। 82.14 प्रश पुरुष व 65.46 प्रश महिलाएँ साक्षर हैं। साक्षरों में महिलाएँ अब भी पुरुषों से काफी पीछे हैं, लेकिन पुरुषों में 6.9 प्रश की तुलना में महिलाओं में साक्षरता 11.8 प्रतिशत बढ़ी है।
लिंगानुपात में सुधार : 10 साल में प्रति एक हजार पुरुषों पर महिलाओं की संख्या 933 से बढ़कर 940 हो गई है। वर्ष 1971 के बाद दर्ज यह सर्वाधिक लिंगानुपात है। केरल का लिंगानुपात 1084, पुडुचेरी का 1038 और दमन-दीव का सबसे कम 618 है।

बेटियाँ कम हुईं : छः साल तक की बच्चियों व बच्चों की आबादी के बीच बढ़ता फासला चिंता की बात है। छः साल तक के बच्चों के आँकड़ों में लिंगानुपात अनुपात 927 से घटकर 914 हो गया है, जो आजादी के बाद सबसे कम है। छः साल तक के बच्चों की आबादी भी पिछले दशक की तुलना में लगभग 50 लाख (3.08 प्रश) घटकर 15.88 करोड़ हो गई है। इनमें बेटों की जनसंख्या में गिरावट की दर 2.42 व बेटियों में 3.80 प्रश है। इस वर्ग का कुल आबादी में 13.1 प्रश हिस्सा है, जबकि पूर्व जनगणना में यह 15.9 प्रश था। यह दिखाता है कि लोग अब कम बच्चे पैदा करना चाहते हैं।
छः देशों के बराबर : देश की आबादी अमेरिका, इंडोनेशिया, ब्राजील, पाकिस्तान, बांग्लादेश और जापान की कुल जनसंख्या के बराबर हो गई है। इन देशों की संयुक्त जनसंख्या 1.21 अरब है और मौजूदा दौर में इतने ही लोग अकेले भारत में भी हैं।मिजोरम के सरछिप और आईजोल जिलों में सबसे ज्यादा 98 प्रश से अधिक साक्षरता दर्ज की गई, लेकिन मप्र का आलीराजपुर 37.22 और छत्तीसगढ़ का बीजापुर 41.58 प्रतिशत सबसे फिसड्डी जिले हैं।जनसंख्या पर नियंत्रण के मामले में मप्र ने काफी अच्छी प्रगति दर्ज की है। 1991-01 में मप्र की जनसंख्या वृद्धि दर 24.26 प्रश थी, जबकि 2001-11 में यह घटकर 20.30 प्रश पर आ गई।

भारत की जनसंख्या बीते एक दशक में 18.1 करोड़ बढ़कर अब 1.21 अरब हो गयी है. जनगणना के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, देश में पुरुषों की संख्या अब 62.37 करोड़ और महिलाओं की संख्या 58.64 करोड़ है.

जनसंख्या नियंत्रण के लिये प्रयास कर रहे देश के लिये अच्छी खबर यह है कि आबादी की वृद्धि दर में कमी देखी गयी है. वर्ष 1991 की गणना में आबादी में 23.87 प्रतिशत की वृद्धि देखी गयी थी, 2001 में 21.54 फीसदी की बढ़ोत्तरी देखी गयी, जबकि वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार बीते एक दशक में आबादी 17.64 फीसदी बढ़ी.

इस तरह जनसंख्या वृद्धि दर में निरंतर गिरावट दर्ज की गयी है. बीते एक दशक में वृद्धि दर में 3.90 फीसदी की कमी दर्ज की गयी है.

केंद्रीय गृह सचिव जी. के. पिल्लै और भारत के महापंजीयक और जनगणना आयुक्त सी. चंद्रमौली द्वारा गुरुवार को जारी जनगणना 2011 के ‘अनंतिम’ आंकड़ों के अनुसार, अब भारत की 1.21 अरब की आबादी अमेरिका, इंडोनेशिया, ब्राजील, पाकिस्तान और बांग्लादेश की कुल आबादी से भी ज्यादा है.

उत्तर प्रदेश देश का सर्वाधिक आबादी वाला राज्य है. अगर उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के आंकड़ों को मिला दिया जाये तो दोनों राज्यों की कुल आबादी अमेरिका की जनसंख्या से अधिक होगी.{mospagebreak}

अनंतिम आंकड़ों के अनुसार, लिंगानुपात में सुधार हुआ है. पिछली जनगणना के मुताबिक देश में प्रति एक हजार पुरुषों पर महिलाओं की संख्या 933 थी जो एक दशक में बढ़कर अब 940 हो गयी है. आबादी में पुरुषों की संख्या 51.54 फीसदी और महिलाओं की संख्या 48.46 फीसदी है.

महापंजीयक कार्यालय के आंकड़ों के अनुसार, लिंगानुपात में सबसे अधिक फर्क संघ शासित प्रदेश दमन और दीयू में है जहां प्रति हजार पुरुषों पर महिलाओं की संख्या 615 है. दादरा और नगर हवेली में लिंगानुपात 775 है. वहीं, केरल में प्रति एक हजार पुरुषों पर महिलाओं की संख्या 1,084 दर्ज की गयी है. पुडुचेरी में लिंगानुपात 1,038 है. बहरहाल, चिंताजनक तथ्य यह है कि छह वर्ष तक की उम्र के बच्चों में लिंगानुपात में आजादी के बाद से सर्वाधिक गिरावट देखी गयी है. पिछली गणना में यह लिंगानुपात 927 था जो अब घटकर 914 हो गया है.

साक्षरता की बात करें तो अब देश में 74 फीसदी आबादी पढ़ना-लिखना जानती है. साक्षर लोगों की संख्या में बीते एक दशक में 38.8 फीसदी और साक्षरता की दर में 9.2 फीसदी का इजाफा हुआ है. साक्षर पुरुषों की संख्या 44.42 करोड़ और साक्षर महिलाओं की संख्या 33.42 करोड़ है.

दिलचस्प रूप से, बीते एक दशक में साक्षर पुरुषों की संख्या में 31 फीसदी, जबकि साक्षर महिलाओं की संख्या में 49 फीसदी का इजाफा हुआ है.{mospagebreak}

उत्तर प्रदेश की आबादी सबसे ज्यादा 19.95 करोड़ है, जबकि लक्षद्वीप में आबादी सबसे कम यानी 64,429 है.

सर्वाधिक आबादी वाले पांच राज्यों में उत्तर प्रदेश के साथ ही महाराष्ट्र (11.23 करोड़), बिहार (10.38 करोड़), पश्चिम बंगाल (9.13 करोड़) और आंध्र प्रदेश (8.46 करोड़) शामिल है.

सबसे कम आबादी वाले पांच राज्यों में संघ शासित लक्षद्वीप के साथ ही दमन और दीयू (2.42 लाख), दादर और नगर हवेली (3.42 लाख), अंडमान और निकोबार द्वीप (3.79 लाख) और सिक्किम (6.97 लाख) शामिल है. बीते एक दशक में उत्तर प्रदेश की जनसंख्या वृद्धि दर 25.85 फीसदी से कम होकर 20 फीसदी, महाराष्ट्र की 22.73 फीसदी से कम होकर 16 फीसदी, बिहार की 28.62 फीसदी से कम होकर 25.07 फीसदी, पश्चिम बंगाल की 18 फीसदी से 14 फीसदी, आंध्र प्रदेश की 14.5 फीसदी से 11 फीसदी और मध्य प्रदेश की जनसंख्या वृद्धि दर 24 फीसदी से कम होकर 20.30 फीसदी हो गयी है.

चंद्रमौली के अनुसार, पहली बार ऐसा हुआ है कि उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, उत्तराखंड, झारखंड, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और उड़ीसा में आबादी वृद्धि दर में गिरावट आयी है.

विश्व आबादी में भारत की हिस्सेदारी अब 17.5 फीसदी है. भारत से आगे चीन है, जिसकी जनसंख्या विश्व आबादी की 19.4 फीसदी है.

दिलचस्प पहलू यह है कि बीते एक दशक में भारत की आबादी 18.1 करोड़ बढ़ी है जो ब्राजील की कुल आबादी से थोड़ी ही कम है. ब्राजील विश्व का पांचवां सर्वाधिक आबादी वाला देश है.

2011 की जनगणना के अनुसार भारत में नगरीय जनसंख्या का प्रतिशत कितना है?

1.21 अरब भारतीयों में से 833 मिलियन (68.84%) ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं जबकि 377 मिलियन शहरी क्षेत्रों में रहते हैं।

20 जनगणना वर्ष 2011 में भारत की कुल जनसंख्या 121 करोड़ में नगरीकरण का स्तर प्रतिशत क्या था?

2011 की जनगणना के अनुसार, भारत की नगरीय जनसंख्या 31.2 प्रतिशत है। राष्ट्रीय जनसंख्या नीति 2000 के अंतर्गत जनसंख्या में स्थिरता प्राप्त करनें हेतु लक्ष्य 2045 से बढ़ाकर 2070 कर दिया गया है।

भारत में नगरीय जनसंख्या का प्रतिशत कितना है?

2001 की जनगणना के अनुसार नगरीय जनसंख्या 28 करोड़ 53 लाख थी जो कुल जनसंख्या का 27.8 प्रतिशत है।

वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार भारत की जनसंख्या कितनी है?

- भारत की मौजूदा आबादी 1 अरब 21 करोड़ है. - 2001 से 2011 में भारत की जनसंख्या 17.6 प्रतिशत की दर से 18 करोड़ बढ़ी है. - ये वर्ष 1991-2001 की वृद्धि दर, 21.5 प्रतिशत, से करीब 4 प्रतिशत कम है. - भारत और चीन की आबादी का अंतर दस साल में घटकर 23 करोड़ 80 लाख से 13 करोड़ 10 लाख रह गया है.