जेम्स मिल ने भारतीय इतिहास को जिस तरह काल खंडों में बाँटा है उसमें क्या समस्याएँ हैं ?`? - jems mil ne bhaarateey itihaas ko jis tarah kaal khandon mein baanta hai usamen kya samasyaen hain ?`?

इतिहासकार पुराने अख़बारों से जो जानकारी जुटाते हैं वह पुलिस की रिपोर्टों में उपलब्ध जानकारी से किस तरह अलग होती है?  

Show


सामान्यतः अख़बार के रिपोर्ट गलत नहीं होते। इन रिपोर्टों में घटनाओं का सही विवरण दिया जाता है। दूसरी तरफ, सरकारी अर्थातः पुलिस की रिपोर्ट के पक्षपातपूर्ण होने की संभावना होती थी। प्राय: ये रिपोर्ट वरिष्ठ अधिकारियों के दवाब में या उन्हें खुश करने के लिए लिखा जाता था।

इन रिपोर्टों में जाँच अधिकारी व्यक्तिगत रूप से भी पक्षपात कर सकते थे। अतः यदि इतिहासकार केवल पुलिस रिपोर्ट से उपलब्ध जानकारी पर आधारित होते तो संभव था कि इतिहास प्रस्तुत होगा।

1031 Views


अंग्रेज़ों ने सरकारी दस्तावेज़ों को किस तरह सुरक्षित रखा?


अंग्रेज़ों का मानना था कि आधिकारिक दस्तावेजों को संरक्षित करके यह उनके लिए आसान होगा या अतीत में किए गए फैसले के बारे में जानना होगा। ब्रिटिश के अनुसार, अभिलेखों में दस्तावेजों के रूप में बोलने से लेखन अधिक महत्वपूर्ण था और संग्रहालयों को पढ़ने के लिए या बहस के लिए आवश्यक होने के बाद बहुत देर बाद संदर्भ में उपयोग किया जा सकता है। अंग्रेज़ों नें दस्तावेज़ों को संग्रहालय और अभिलेखागार बनाकर सुरक्षित रखा।

1307 Views


सही और गलत बताएँ

A.

सरकारी दस्तावेज़ों से हमें ये समझने में मदद मिलती है की आप लोग क्या सोचते हैं |

737 Views


जेम्स मिल ने भारतीय इतिहास को जिस तरह काल खंडों में बाँटा है, उसमे क्या समस्याएँ है?       


एक स्कॉटिश अर्थशास्त्री और राजनैतिक दार्शनिक जेम्स मिल, ने 1817 में 'ब्रिटिश भारतीय इतिहास' का एक विशाल तीन खंड प्रकाशित किया था। इसमें उन्होंने भारतीय इतिहास को तीन अवधियों में विभाजित किया - हिंदू, मुस्लिम और ब्रिटिश।

इतिहास की किसी भी अवधि को 'हिंदू' या 'मुस्लिम' के रूप में संदर्भित करना मुश्किल है क्योंकि इन कालों के दौरान एक साथ विभिन्न धर्मों की मौजूदगी थी। किसी भी युग को उस समय के शासकों के धर्म के माध्यम से एक उम्र को चिह्नित करने के लिए भी उचित नहीं है।

यह भी मूल्य-उल्लेख है कि प्राचीन भारत के शासकों ने भी उसी विश्वास का हिस्सा नहीं किया।

2925 Views


सही और गलत बताएँ

A.

जेम्स मिल ने भारतीय इतिहास को हिन्दू, मुस्लिम, ईसाई, तीन काल खंडों में बाँट दिया था |

4329 Views


Solution : जेम्स मिल ने भारतीय इतिहास को तीन कालखण्डों-हिन्दू, मुस्लिम तथा ब्रिटिश में बाँटा उसके अनुसार भारत में अंग्रेजों के आने से पहले यहाँ हिन्दू तथा मुस्लिम तानाशाहों का ही राज चलता था। जेम्स मिल द्वारा भारतीय इतिहास के इस तरह किये गये कालखण्डों के विभाजन में अनेक समस्याएँ हैं, जो निम्न प्रकार हैं- <br> (1) जेम्स मिल द्वारा किया गया काल-खण्डों का यह विभाजन धर्म पर आधारित था। <br> (2) उसने हिन्दू तथा मुस्लिम काल को धार्मिक बैर, जातिगत बन्धन तथा अन्धविश्वासों से भरपूर माना तथा अंग्रेजी शासन को प्रगति तथा सभ्यता का प्रतीक माना। <br> (3) इतिहास के किसी दौर को .हिन्दु. या .मुसलमान. दौर नहीं कहा जा सकता। किसी भी दौर में सभी धर्म एक साथ चलते हैं। <br> (4) प्राचीन भारत में भी सभी शासकों का एक ही धर्म नहीं होता था। <br> (5) विभाजन का यह आधार सच्चाई से बहुत दूर था। इसका उद्देश्य लोगों को विभाजित कर उनमें फूट डालना था।

1817 में स्कॉटलैंड के अर्थशास्त्री और राजनीतिक दार्शनिक जेम्स मिल ने तीन खंडों में ‘ए हिस्ट्री ऑफ़ ब्रिटिश इंडिया’ (ब्रिटिश भारत का इतिहास) किताब लिखी। इस किताब में उन्होंने भारत के इतिहास को निम्नलिखित तीन काल खंडों में बाँटा था-

  1. हिंदू,
  2. मुसलिम,
  3. ब्रिटिश

समस्या- जेम्स मिल द्वारा भारत के इतिहास को इस प्रकार तीन खंडों में बाँटने से निम्नलिखित समस्याएँ थीं-

  1. यह विभाजन सांप्रदायिकता के आधार पर किया गया था।
  2. यह काल विभाजन औपनिवेशिक विचारधारा पर आधारित था।
  3. इस काल विभाजन का उद्देश्य भारतीयों को अलग-अलग पहचान देकर फूट डालना था।

जेम्स मिल कौन थे उनका क्या विश्वास था?

इसे सुनेंरोकेंजेम्स मिल (1773-1836) स्कॉटलैण्ड के इतिहासकार, राजनीतिज्ञ, दार्शनिक एवं मनोवैज्ञानिक थे। डेविड रिकार्डो के साथ उन्हें क्लासिकल अर्थशास्त्र का जनक माना जाता है। वे जॉन स्टूवर्ट मिल के पिता थे।

जेम्स मिल के मतानुसार भारत में अंग्रेजी शासन से पूर्व समाज कौन कौन सी बुराइयों से ग्रसित था?

इसे सुनेंरोकेंमिल ने तो यहाँ तक सुझाव दिया था कि अंग्रेजों को भारत के सारे भूभाग पर कब्जा कर लेना चाहिए ताकि भारतीय जनता को ज्ञान और सुखी जीवन प्रदान किया जा सके। उनका मानना था कि अंग्रेजों की मदद के बिना हिंदुस्तान प्रगति नहीं कर सकता।

जे एस मिल मानव कार्यों को कितने भागों में विभाजित करता है?

इसे सुनेंरोकेंजे. एस. मिल के इस अध्ययन से पता चलता है कि प्रत्येक व्यक्ति के जीवन के आन्तरिक तथा बाह्य दो पक्ष होते हैं । आन्तरिक पक्ष केवल व्यक्ति विशेष से ही सम्बन्धित होता है और राजकीय हस्तक्षेप से मुक्त है। बाह्य पक्ष के अन्तर्गत समाज से सम्बन्ध स्थापित करता है और यहाँ सीमित रूप से हस्तक्षेप वांछनीय है।

जेम्स मिल ने भारतीय इतिहास को जिस तरह काल खंडों में बांटा है उनमें क्या समस्या है?

इसे सुनेंरोकेंजेम्स मिल ने भारतीय इतिहास को जिस तरह काल खंडों में बाँटा है, उसमें क्या समस्याएँ हैं? यह विभाजन सांप्रदायिकता के आधार पर किया गया था। यह काल विभाजन औपनिवेशिक विचारधारा पर आधारित था। इस काल विभाजन का उद्देश्य भारतीयों को अलग-अलग पहचान देकर फूट डालना था।

जेम्स मिल ने भारतीय इतिहास के काल विभाजन में क्या समस्याएं थी?

इसे सुनेंरोकें(1) जेम्स मिल द्वारा किया गया काल-खण्डों का यह विभाजन धर्म पर आधारित था। (2) उसने हिन्दू तथा मुस्लिम काल को धार्मिक बैर, जातिगत बन्धन तथा अन्धविश्वासों से भरपूर माना तथा अंग्रेजी शासन को प्रगति तथा सभ्यता का प्रतीक माना। (3) इतिहास के किसी दौर को . हिन्दु.

जॉन स्टूअर्ट मिल ने व्यक्ति के कार्यों को कितने भागों में विभाजित किया है?

इसे सुनेंरोकेंयह परिभाषा अन्यपरक कार्यों से संबंधित है। इस प्रकार मिल का स्वतंत्रता से तात्पर्य करने योग्य कार्यों को करने तथा न करने योग्य कार्यों पर रोक से है। स्वतंत्रता के दार्शनिक आधार – मिल ने अपने स्वतंत्रता के सिद्धांत का समर्थन दो प्रकार के दार्शनिक आधारों पर किया है। पहला- व्यक्ति की दृष्टि से तथा दूसरा- समाज की दृष्टि से।

निम्नलिखित में से कौन सा जेम्स मिल द्वारा भारतीय इतिहास के विभाजन का काल नहीं है *?

इसे सुनेंरोकेंExpert-verified answer (1) इतिहास को हिंदू काल या मुस्लिम काल का नाम नहीं दिया जा सकता, क्योंकि सभी कालों में कई धर्म साथ साथ चलते थे जैसे बौद्ध धर्म तथा जैन धर्म। (2) इतिहास के किसी काल को शासकों के धर्म के साथ जोड़ना भी उचित नहीं है।

जेम्स मिल ने भारतीय इतिहास को जिस तरह काल खंडों में बाँटा है उसमें क्या समस्याएँ हैं?

2 जेम्स मिल ने भारतीय इतिहास को जिस तरह काल खंडों में बाँटा उसमें क्या समस्याएँ हैं ?`?

जेम्स मिल ने भारतीय इतिहास को जिस तरह काल खंडों में बाँटा है, उसमें क्या समस्याएँ हैं? यह विभाजन सांप्रदायिकता के आधार पर किया गया था। यह काल विभाजन औपनिवेशिक विचारधारा पर आधारित था। इस काल विभाजन का उद्देश्य भारतीयों को अलग-अलग पहचान देकर फूट डालना था।

जेम्स मिल ने भारतीय इतिहास को कितने काल खंडों में विभाजित किया है लिखे?

1817 में स्कॉटलैंड के अर्थशास्त्री और राजनीतिक दार्शनिक जेम्स मिल ने तीन विशाल खंडों में ए हिस्ट्री ऑफ़ ब्रिटिश इंडिया (ब्रिटिश भारत का इतिहास) नामक एक किताब लिखी। इस किताब में उन्होंने भारत के इतिहास को हिंदू, मुसलिम और ब्रिटिश इन तीन काल खंडों में बाँटा था।

जेम्स मिल ने इतिहास के तीनों कालों की क्या विशेषता बताई थी?

Answer: एक स्कॉटिश अर्थशास्त्री और राजनैतिक दार्शनिक जेम्स मिल, ने 1817 में "ब्रिटिश भारतीय इतिहास" का एक विशाल तीन खंड प्रकाशित किया था। इसमें उन्होंने भारतीय इतिहास को तीन अवधियों में विभाजित किया - हिंदू, मुस्लिम और ब्रिटिश।

इतिहास को हम अलग अलग काल खंडों में बांटने की कोशिश क्यों करते हैं?

इतिहास को हम अलग-अलग काल खंडों में बाँटने की कोशिश इसलिए करते हैं इसकी भी एक वजह है। हम एक दौर की ख़ासियतों, उसके केंद्रीय तत्वों को पकड़ने की कोशिश करते हैं। इसीलिए ऐसे शब्द महत्वपूर्ण हो जाते हैं जिनके सहारे हम समय को बाँटते हैं। ये शब्द अतीत के बारे में हमारे विचारों को दर्शाते हैं।