जो शब्द न संस्कृत के है न विदेश के किसी भाषा से आए है ऐसे शब्द को क्या कहते है - jo shabd na sanskrt ke hai na videsh ke kisee bhaasha se aae hai aise shabd ko kya kahate hai

जो शब्द न संस्कृत के है न विदेश के किसी भाषा से आए है ऐसे शब्द को क्या कहते है - jo shabd na sanskrt ke hai na videsh ke kisee bhaasha se aae hai aise shabd ko kya kahate hai

शब्दों के प्रकार : देशज शब्द, विदेशी शब्द एवं संकर शब्द~ हिन्दी भाषा (व्याकरण)

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देशज शब्द – वे शब्द जिनकी बनावट (रचना) का पता नहीं चलता और जो न तो संस्कृत भाषा के हैं और न ही विदेशी भाषाओं से आए हैं। ऐसे शब्द अपने ही देश की उपज हैं अर्थात अपने ही देश में बोलचाल से बने हैं जिन्हें देशज या देशी शब्द कहा जाता है।

इस प्रकार के शब्द दो तरह के हैं।

(क) वे शब्द जो आदिवासी जातियों द्वारा अपनाये गए हैं।

(ख) वे शब्द जो लोगों के द्वारा गढ़ (बना) लिए गए हैं। (ध्वन्यात्मक या अनुकरणात्मक शब्द)

(क) 1. आदिवासी जातियों के अंतर्गत कोल, संथाल जातियों द्वारा बनाए गए शब्द जैसे–

कदली
केला
कपास
कौड़ी
गज (हाथी)
टोडा
तोरी
ताम्बुल
परथल
बाजरा
कोदो
कुटकी
भिंडी
मिर्च
सरसों
इत्यादि।

2. द्रविड़ जातियों द्वारा उपयोग किए गए शब्द–

उखल
कज्जल
काच
कुटि
कुंड
कुदाल
केतकी
कोण
घुण
चिकना
चूड़ी
चन्दन
ताला
दंड
नीर
पिंड
माला
मीन
मुकुट
शव
डोसा
इडली
सांभर
पिज्जा
आदि।

(ख) वे शब्द जो लोगों के द्वारा गढ़ (बना) लिए गए हैं। (ध्वन्यात्मक या अनुकरणात्मक शब्द)

ऐसे शब्द लोगों के द्वारा किसी ध्वनि के अनुकरण द्वारा बना लिए गए अर्थात गढ़ लिए गए हैं जैसे–

अंड बंड
उटपटांग
कड़क
खचाखच
किलकारी
खटपट
खर्राटा
खलबली
गड़गड़ाहट
धुन्ना
चटपटा
चाट
चिड़चिड़ा
चुटकी
झंकार
टुच्चा
ठठेरा
भभक
पापड़
भोंपू
मुस्तंडा
खटखटाना
खुरचना
घुड़कना
सनसनाना
हिनहिनाना
आदि

विदेशी शब्द :– विदेशी शब्दों को विदेशज शब्द भी कहा जाता है। ऐसे विदेशी भाषाओं के शब्द जिनका प्रयोग हिंदी भाषा में खुलकर किया जाता है ये विदेशी शब्दों की श्रेणी में रखे जाते हैं। ये शब्द अक्सर अरबी, फारसी, तुर्की, अंग्रेजी, फ्रेंच, पुर्तगाली, डच आदि भाषाओं से हिंदी भाषा में आए हैं।

◆ अरबी शब्द सूची –

अल्लाह
असर
इजलास
इरादा
इशारा
इमाम
ईमान
ईद
किताब
एहसान
खारिज
जिला
तहसील
नकद
बालिग
बुनियाद
मजहब
मुसलमान
मुल्ला
साफ
हकीम
हलवाई
आदि

◆ फारसी शब्द सूची –

आबरू
आफ़त
आमदनी
आवारा
आसमान
आईना
अगर
अमरूद
उस्ताद
कारीगर
कुर्ता
खुश
गंदा
गवाह
जुलाहा
जलेबी
जुकाम
चालाक
तेज
दफ्तर
दर्जी
दवा
दरवाजा
दीवार
दलाल
पाजामा
बारिश
बुखार
बदहजमी
बर्फी
बालूशाही
बरामदा
बेकार
बुलबुल
मेहनत
मकान
मजदूर
मुश्किल
साल
समोसा
आदि

◆ तुर्की शब्द सूची –

उर्दू
कूच़
क़ाबू
क़ुली
क़ैंची
खंजर
चाकू
चिक
चेचक
चम्मच
तोप
तोशक
दारोग़ा
बारूद
बहादुर
लाश
सराय
आका
उज़वक
कालीन
चकमक
जाजिम
तमगा
मुगल
सौगात
सुराग
आदि

◆ अंग्रेजी शब्द सूची –

कोर्ट
फीस
अपील
जज
मजिस्ट्रेट
पुलिस
टैक्स
कलेक्टर
ऑफिसर
पेंशन
वोट
स्कूल
कॉपी
पेन
पेंसिल
पेपर
कॉलेज
यूनिवर्सिटी
सिटी
लाइब्रेरी
अस्पताल
डॉक्टर
नर्स
वार्ड
ऑपरेशन
कोर्ट
पेंट
हैट
बूट
जम्पर
ब्लाउज
प्लेट
जग
कप
लैंप
सूटकेस
माचिस
बिस्कुट
टॉफी
केक
टोस्ट
चॉकलेट
ट्रेन
बस
लारी
मोटर
बैटरी
इंजन
ब्रेक
टेबल
पेपर
किचन
लॉक
चाक
रेडियो
कैमरा
फोटो
कैलेंडर
ग्राउंड
ग्लास
क्रिकेट
हॉकी
इत्यादि

◆ पुर्तगाली शब्द सूची –

अन्नानास
आलपिन
अलमारी
बाल्टी
चाबी
फीता
फालतू
गिरजा
तंबाकू
कोको
गमला
नीलाम
पाव (रोटी)
पादरी
बम्बा
इत्यादि।

◆ फ्रेंच शब्द सूची –

अंग्रेज
कारतूस
कूपन
फ्रांसीसी
आदि।

◆ डच शब्द सूची –

तुरुप
बम(तांगे का)

◆ रूसी शब्द सूची –

रुबल
जार
वोदका
स्पूतनिक

◆ जापानी शब्द सूची–

रिक्शा
झम्पान

◆ चीनी शब्द सूची–

चाय
लीची

संकर शब्द (द्विज शब्द) – हिंदी भाषा में कुछ ऐसे शब्द हैं जिनका एक अंश एक भाषा का तो दूसरा भाग दूसरी भाषा का होता है। अर्थात अलग-अलग भाषाओं के शब्दों या शब्द खंडों से मिलकर बने नए शब्द जिनका प्रयोग हिंदी भाषा में होता है संकर शब्द कहलाते हैं। संकर शब्द का आशय होता है अलग-अलग प्रजातियों के सहयोग से बना हुआ। जैसे –

रेलगाड़ी (अंग्रेजी +हिंदी)
बोरियत (अंग्रेजी +अरबी)
चूहेदानी (हिंदी+ फारसी)
थानेदार (हिंदी + फारसी)

टीप :- संकर शब्दों को द्विज शब्द भी कहा जाता है जो दो भाषाओं से मिलकर बने होते हैं। अर्थात हिंदी या विदेशी भाषाओं से मिलकर बने शब्दों को शब्द कहा जाता है। उदाहरण–

टिकटघर
सिंगारटेबल
जेलखाना
मेमसाहब
फुटपाथ
कोचवान
रोजनामचा
नकलनवीस
पर्दानशीन
खुशबू
बेईमान
घुड़़सवार
दुखदाई
खरीदफरोख्त
लाजलिहाज
धनदौलत
कागजपत्र

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Thank you.
R F Temre
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जो शब्द न संस्कृत के हम न विदेश के किसी भाषा से आए है ऐसे शब्द को क्या कहते है?

देशज शब्द – वे शब्द जिनकी बनावट (रचना) का पता नहीं चलता और जो न तो संस्कृत भाषा के हैं और ही विदेशी भाषाओं से आए हैं। ऐसे शब्द अपने ही देश की उपज हैं अर्थात अपने ही देश में बोलचाल से बने हैं जिन्हें देशज या देशी शब्द कहा जाता है।

जो शब्द संस्कृत भाषा से ज्यों के त्यों हिन्दी भाषा में आए हैं उन्हें क्या कहते हैं?

Answer: तत्सम शब्द दो शब्दों 'तत्' तथा 'सम' से बना है, जिनका अर्थ क्रमशः 'उसके (संस्कृत) और 'समान' है अर्थात् संस्कृत में प्रयुक्त शब्द, जब अपने अविकृत रूप में ज्यों के त्यों हिन्दी में प्रयुक्त होता है, तब वह 'तत्सम' Page 6 [ २६ ] कहा जाता है।

विदेशी भाषा से आए शब्दों को क्या कहते हैं?

ये भेद तत्सम, तद्भव, देशज और विदेशज कहलाते हैं। विदेशी जातियों के संपर्क से उनकी भाषा के बहुत से शब्द हिन्दी में इस्तेमाल किए जाने लगे हैं। ऐसे शब्द विदेशी अथवा विदेशज कहलाते हैं। अंग्रेजी, उर्दू, अरबी फारसी के ऐसे कई शब्‍द हिंदी में आए और रम गए हैं।

देशज शब्द कौन कौन से हैं?

देशज शब्द :- वे शब्द जिनकी उत्पत्ति के मूल का पता न हो परन्तु वे प्रचलन में हों। ऐसे शब्द देशज शब्द कहलाते हैं। ये शब्द आम तौर पर क्षेत्रीय भाषा में प्रयोग किये जाते हैं। लोटा, कटोरा, डोंगा, डिबिया, खिचड़ी, खिड़की, पगड़ी, अंटा, चसक, चिड़िया, जूता, ठेठ, ठुमरी, तेंदुआ, फुनगी, कलाई, डाब…