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शब्दों के प्रकार : देशज शब्द, विदेशी शब्द एवं संकर शब्द~ हिन्दी भाषा (व्याकरण)
देशज शब्द – वे शब्द जिनकी बनावट (रचना) का पता नहीं चलता और जो न तो संस्कृत भाषा के हैं और न ही विदेशी भाषाओं से आए हैं। ऐसे शब्द अपने ही देश की उपज हैं अर्थात अपने ही देश में बोलचाल से बने हैं जिन्हें देशज या देशी शब्द कहा जाता है। इस प्रकार के शब्द दो तरह के हैं। (क) वे शब्द जो आदिवासी जातियों द्वारा अपनाये गए हैं। (ख) वे शब्द जो लोगों के द्वारा गढ़ (बना) लिए गए हैं। (ध्वन्यात्मक या अनुकरणात्मक शब्द) (क) 1. आदिवासी जातियों के अंतर्गत कोल, संथाल जातियों द्वारा बनाए गए शब्द जैसे– कदली 2. द्रविड़ जातियों द्वारा उपयोग किए गए शब्द– उखल (ख) वे शब्द जो लोगों के द्वारा गढ़ (बना) लिए गए हैं। (ध्वन्यात्मक या अनुकरणात्मक शब्द) ऐसे शब्द लोगों के द्वारा किसी ध्वनि के अनुकरण द्वारा बना लिए गए अर्थात गढ़ लिए गए हैं जैसे– अंड बंड विदेशी शब्द :– विदेशी शब्दों को विदेशज शब्द भी कहा जाता है। ऐसे विदेशी भाषाओं के शब्द जिनका प्रयोग हिंदी भाषा में खुलकर किया जाता है ये विदेशी शब्दों की श्रेणी में रखे जाते हैं। ये शब्द अक्सर अरबी, फारसी, तुर्की, अंग्रेजी, फ्रेंच, पुर्तगाली, डच आदि भाषाओं से हिंदी भाषा में आए हैं। ◆ अरबी शब्द सूची – अल्लाह ◆ फारसी शब्द सूची – आबरू ◆ तुर्की शब्द सूची – उर्दू ◆ अंग्रेजी शब्द सूची – कोर्ट ◆ पुर्तगाली शब्द सूची – अन्नानास ◆ फ्रेंच शब्द सूची – अंग्रेज ◆ डच शब्द सूची – तुरुप ◆ रूसी शब्द सूची – रुबल ◆ जापानी शब्द सूची– रिक्शा ◆ चीनी शब्द सूची– चाय संकर शब्द (द्विज शब्द) – हिंदी भाषा में कुछ ऐसे शब्द हैं जिनका एक अंश एक भाषा का तो दूसरा भाग दूसरी भाषा का होता है। अर्थात अलग-अलग भाषाओं के शब्दों या शब्द खंडों से मिलकर बने नए शब्द जिनका प्रयोग हिंदी भाषा में होता है संकर शब्द कहलाते हैं। संकर शब्द का आशय होता है अलग-अलग प्रजातियों के सहयोग से बना हुआ। जैसे –
रेलगाड़ी (अंग्रेजी +हिंदी) टीप :- संकर शब्दों को द्विज शब्द भी कहा जाता है जो दो भाषाओं से मिलकर बने होते हैं। अर्थात हिंदी या विदेशी भाषाओं से मिलकर बने शब्दों को शब्द कहा जाता है। उदाहरण– टिकटघर RF competition विस्तृत जानकारी के लिए नीचे दिये गये वीडियो को देखें। I hope the above information will be useful and important. Watch video for related information
Watch related information below जो शब्द न संस्कृत के हम न विदेश के किसी भाषा से आए है ऐसे शब्द को क्या कहते है?देशज शब्द – वे शब्द जिनकी बनावट (रचना) का पता नहीं चलता और जो न तो संस्कृत भाषा के हैं और न ही विदेशी भाषाओं से आए हैं। ऐसे शब्द अपने ही देश की उपज हैं अर्थात अपने ही देश में बोलचाल से बने हैं जिन्हें देशज या देशी शब्द कहा जाता है।
जो शब्द संस्कृत भाषा से ज्यों के त्यों हिन्दी भाषा में आए हैं उन्हें क्या कहते हैं?Answer: तत्सम शब्द दो शब्दों 'तत्' तथा 'सम' से बना है, जिनका अर्थ क्रमशः 'उसके (संस्कृत) और 'समान' है अर्थात् संस्कृत में प्रयुक्त शब्द, जब अपने अविकृत रूप में ज्यों के त्यों हिन्दी में प्रयुक्त होता है, तब वह 'तत्सम' Page 6 [ २६ ] कहा जाता है।
विदेशी भाषा से आए शब्दों को क्या कहते हैं?ये भेद तत्सम, तद्भव, देशज और विदेशज कहलाते हैं। विदेशी जातियों के संपर्क से उनकी भाषा के बहुत से शब्द हिन्दी में इस्तेमाल किए जाने लगे हैं। ऐसे शब्द विदेशी अथवा विदेशज कहलाते हैं। अंग्रेजी, उर्दू, अरबी फारसी के ऐसे कई शब्द हिंदी में आए और रम गए हैं।
देशज शब्द कौन कौन से हैं?देशज शब्द :-
वे शब्द जिनकी उत्पत्ति के मूल का पता न हो परन्तु वे प्रचलन में हों। ऐसे शब्द देशज शब्द कहलाते हैं। ये शब्द आम तौर पर क्षेत्रीय भाषा में प्रयोग किये जाते हैं। लोटा, कटोरा, डोंगा, डिबिया, खिचड़ी, खिड़की, पगड़ी, अंटा, चसक, चिड़िया, जूता, ठेठ, ठुमरी, तेंदुआ, फुनगी, कलाई, डाब…
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